बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकास बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकास - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- भारत जैसे एक अल्पविकसित देश के प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए। भारत के अल्पविकसित होने के प्रमुख कारणों को बताइए।
अथवा
एक विकासशील अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा
भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं का परीक्षण कीजिए।
उत्तर-
यदि हम विश्व के कीमत की समस्त विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का विश्लेषण करते हैं तो इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं में विभिन्न विशेषताएं हैं। विश्व की कुछ ऐसी अर्थव्यवस्था है। जहां प्राकृतिक संसाधनों की बहुलता है। प्रो० एस० लाइवेन्सटीन ने अल्पविकसित अर्थव्यवस्था को चार मुख्य वर्गों में वर्गीकृत किया है-
1. आर्थिक विशेषताएं,
2. जनांकिकी विशेषताएं,
3. तकनीकी विशेषताएं,
4. सांस्कृतिक एवं राजनीतिक विशेषताएं
उपर्युक्त चार वर्गों के लक्षणों के आधार पर अल्पविकसित देश के विभिन्न लक्षणों का अध्ययन किया जाता है जो निम्नवत् हैं-
कृषि की प्रधानता - एक अल्पविकसित देश मुख्य रूप से प्राथमिक उत्पादक है। इन देशों में अधिकांश जनसंख्या कृषि एवं कृषि से सम्बद्ध क्रियाओं में लगी रहती है, और कृषि आधारित उद्योग अधिक होते हैं। देश के सकल राष्ट्रीय उत्पाद (Gross National Product) में कृषि क्षेत्र का योगदान अधिक होता है।
विकासशील देशों की लगभग 70-90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि में लगी रहती है। वर्तमान में भारत 58.2% जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है। भारत में कृषि का सकल राष्ट्रीय उत्पाद GDP में योगदान 22.1% है, इस प्रकार यह स्पष्ट होता है कि अल्पविकसित देशों में राष्ट्रीय आय में योगदान तथा कृषि पर जनसंख्या की निर्भरता अधिक है। अतः कृषि तथा प्राथमिक उत्पादन की प्रधानता अल्पविकसित देशों का एक महत्त्वपूर्ण लक्षण।
प्रतिव्यक्ति निम्न आय - अल्पविकसित देशों की दूसरी एक मुख्य विशेषता यह है कि इनकी प्रति व्यक्ति आय का स्तर बहुत ही निम्न होता है। इसी कारण इन देशों में दरिद्रता के विशाल सागर दिखाई पड़ते हैं।
अल्पविकसित देशों में जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर
विश्व बैंक के 2008 के एक प्रकाशन के अनुसार अल्पविकसित देशों की प्रतिव्यक्ति आय विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है। भारत की प्रतिव्यक्ति आय मात्र 520 डालर है जो कि अत्यधिक पिछड़ेपन का सूचक है। अल्पविकसित देशों का आय स्तर ही निम्न नहीं है, बल्कि आय स्तर में असमानता भी है।
जनसंख्या की तीव्र वृद्धि - अधिकांश अल्पविकसित देशों में जनसंख्या अत्यधिक होती है अर्थात् आधिक्य की स्थिति दिखाई पड़ती है। दक्षिण-पूर्व एशिया के अधिकांश देशों में जनसंख्या बहुत घनी है। इन देशों की जनसंख्या वृद्धि दर विकसित देशों की तुलना में काफी अधिक होती है। वर्तमान में अल्पविकसित अर्थव्यवस्था के अधिकांश देश जनाधिक्य से पीड़ित हैं, क्योंकि तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसंख्या आर्थिक विकास के लिये एक समस्या बनी हुई है।
जनसंख्या की वृद्धि दर 1980-1991 के बीच अल्पविकसित देशों में 2.5% से अधिक रही है तथा 1991-2001 के मध्य लगभग 2% की औसत वृद्धि हुई है जिससे यह निष्कर्ष निकलता है कि अल्पविकसित देशों की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता अत्यधिक जनाभार और जनसंख्या की ऊँची वृद्धि दर है।
पूंजी निर्माण की निम्न दर - अल्पविकसित अर्थव्यवस्था में पूंजी निर्माण की दर की न्यूनतम होती है जो कि अल्पविकसित अर्थव्यवस्था की विशेषता है। अल्पविकसित अर्थव्यवस्था में पूँजी की कमी के कारण प्रति व्यक्ति उत्पादकता का स्तर निम्न होता है क्योंकि बेरोजगारी की समस्या होती है। अधिकांश अल्पविकसित देशों में बचत की दर 5 से 10 प्रतिशत तक होती है। जबकि विकसित देशों में यह दर 1.5 से 25 प्रतिशत तक होती है।
तकनीकी पिछड़ापन - अल्पविकसित अर्थव्यवस्थाओं में वैज्ञानिक एवं तकनीकी नवप्रवर्तनों का स्तर बहुत ही निम्न होता है। इन अर्थव्यवस्थाओं में तकनीकी पिछड़ापन होता है जिसके कारण विभिन्न नवकरणीय एवं गैर-नवकरणीय स्रोतों की जानकारी और उनका दोहन नहीं हो पाता है। प्रो० शुम्पीटर इसीलिए तकनीकी प्रगति को आर्थिक विकास का एकमात्र घटक मानते हैं
रूढ़िवादी सामाजिक ढाँचा - अल्पविकसित देशों में सामाजिक रूढ़िवादिता विद्यमान रहती है। लोगों में धार्मिक विश्वास और परम्पराएँ लोगों के जीवन की अभिवृत्ति को निर्धारित करती है। इन देशों की जनता भाग्यवादी, अकर्मण्य एवं साहसहीन होते हैं। सामाजिक संस्थाएँ देश के आर्थिक विकास में अवरोधक होती हैं जैसे जाति प्रथा, संयुक्त परिवार प्रणाली तथा उत्तराधिकार नियम उत्पादन के साधनों की गति को कम करके आर्थिक विकास में अवरोधक होते हैं। अल्पविकसित देशों में बहुत से व्यवसाय कुछ विशिष्ट जातियों द्वारा परम्परागत आधार पर चलाए जाते हैं जिसमें दूसरी जातियों का प्रवेश समाज द्वारा अनुचित माना जाता है। अतः सामाजिक एवं धार्मिक अंधविश्वास या रूढ़िवादिता अल्पविकसित देशों की एक प्रमुख विशेषता है।
भारत के अल्पविकसित होने के कारण
कृषि की प्रधानता - भारत की कुल जनसंख्या का 58.2% जनसंख्या कृषि तथा इससे सम्बद्ध क्षेत्रों में संलग्न है। जबकि राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान 22.1% है।
बेरोजगारी - अल्पविकसित देशों में अर्ध-बेरोजगारी होती है। भारत में भी यही स्थिति है। यहाँ के किसानों के पास कुछ महीने ही कार्य रहता है अतः अर्ध-बेरोजगारी है। यहां पर बेरोजगारों की संख्या में दिन ब दिन वृद्धि हो रही है।
ऊंची जन्म व मृत्यु दरें - वर्तमान अनुमानों के अनुसार यहां की जन्म व मृत्यु दर क्रमशः 25.4 व 8.4 प्रति हजार है जबकि वर्तमान में भारत की प्रत्याशित आयु 65 वर्ष है। अतः यह अल्पविकसित देशों के अन्तर्गत आता है।
जनसंख्या घनत्व - अल्पविकसित देशों में जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है जबकि विकसित देशों में कम। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में प्रतिवर्ग किलोमीटर में 342 व्यक्ति रहते हैं, जबकि अमेरिका में 22 व कनाडा में 21 इस प्रकार भारत अल्प विकसित देशों में रखा जा सकता है।
पुरानी उत्पादन विधियाँ - अल्पविकसित देशों में उत्पादन की पुरानी विधियाँ पायी जाती हैं। भारत में यही स्थिति है। यहां पर अभी भी कृषि व औद्योगिक उत्पादन में पुरानी विधियाँ काम में लायी जा रही हैं।
पिछड़ा आर्थिक एवं सामाजिक जीवन - अल्पविकसित देशों में प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग नहीं होता है, क्योंकि समाज पिछड़ा होता है जो विकास के रास्ते में अड़चनें पैदा करता है। भारत में भी यही बात पायी जाती है।
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- प्रश्न- आर्थिक विकास का आशय तथा परिभाषा कीजिए। आर्थिक विकास की प्रकृति व महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की प्रकृति बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं आर्थिक वृद्धि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले कारको की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- आर्थिक विकास को निर्धारित करने वाले आर्थिक तत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास के अनार्थिक तत्वों को समझाइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास पर मानवीय संसाधन के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में बाधक हैं?
- प्रश्न- बढ़ती हुई जनसंख्या का आर्थिक विकास पर प्रभाव बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास के मापक बताइये।
- प्रश्न- आर्थिक विकास में संस्थाओं की भूमिका समझाइए।
- प्रश्न- किसी देश के आर्थिक विकास में विदेशी पूँजी की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक संवृद्धि की गैर-आर्थिक बाधाएँ कौन-कौन सी हैं?
- प्रश्न- आर्थिक पिछड़ापन आर्थिक तथा अनार्थिक कारकों का परिणाम है। इस कथन का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं विकास अन्तराल की माप किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- गरीबी अथवा निर्धनता के अर्थ को स्पष्ट कीजिए, भारत में गरीबी के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकसित एवं विकासशील देशों की आय एवं सम्पत्ति असमानता में अन्तराल के कारणों का स्पष्ट विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- मानव विकास सूचकांक की धारणा किन मान्यताओं पर आधारित है, तथा मानव विकास सूचकांक निर्माण करने के चरणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- गरीबी रेखा के निर्धारण का क्या महत्त्व है? तथा भारत में गरीबी रेखा के निर्धारण हेतु सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- प्रसरण प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सापेक्ष गरीबी बनाम निरपेक्ष गरीबी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मानव विकास सूचकांक (HDI) क्या है? यह मानव विकास में कितने आयामों को मानता है?
- प्रश्न- भौतिक जीवन कोटि निर्देशांक किसने निर्मित किया? भौतिक जीवन कोटि निर्देशांक किन सूचकों द्वारा की जाती है?
- प्रश्न- "कोई देश इसलिए गरीब रहता है क्योंकि वह गरीब है। " स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्धनता के दुष्चक्र को तोड़ने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- गिनी गुणांक क्या है? गिनी गुणांक कैसे मापा जाता है?
- प्रश्न- गिनी गुणांक का महत्व क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- लॉरेंज वक्र क्या है?
- प्रश्न- वैश्विक भूख सूचकांक क्या है?
- प्रश्न- लिंग सम्बन्धित विकास सूचक क्या है?
- प्रश्न- मानव निर्धनता सूचक क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खुशहाली सूचकांक क्या है?
- प्रश्न- सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य (MDG) की महत्वपूर्ण विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सतत् विकास की अवधारणा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्थर लुइस द्वारा प्रस्तुत असीमित श्रम आपूर्ति द्वारा आर्थिक विकास के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- प्रबल प्रयास सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- नैल्सन का निम्नस्तरीय संतुलन अवरोध का सिद्धान्त की चित्रात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए तथा विकासशील देशों के सन्दर्भ में इसकी सीमाएं बताइए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के विपक्ष में विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा दिये गये तर्कों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- असंतुलित विकास को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- असंतुलित विकास के सम्बन्ध में विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा परिलक्षित किये गये विचारों को प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित तथा असंतुलित विकास पद्धति में कौन बेहतर है?
- प्रश्न- हर्षमैन के असन्तुलित विकास सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए तथा विकासशील देशों के लिए इसकी उपयुक्तता का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित एवं असंतुलित विकास की व्याख्या कीजिए। भारत जैसे विकासशील देश के लिए किस प्रकार का विकास अपेक्षित है?
- प्रश्न- असंतुलित विकास सिद्धान्त को समझाइये |
- प्रश्न- सन्तुलित विकास के सम्बन्ध में रोजेन्स्टीन रोडान के विचार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- हर्षमैन द्वारा संतुलित विकास के विचार की किस प्रकार आलोचना की गयी है?
- प्रश्न- रोस्टोव की आर्थिक विकास की अवस्थाओं का वर्णन एवं आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- हैरोड तथा डोमर के विकास मॉडल की आलोचनात्मक व्याख्या करते हुए बताइए कि भारत जैसे अल्पविकसित देश में यह कहाँ तक लागू किया जा सकता है?
- प्रश्न- हैरोड द्वारा प्रस्तुत विकास दरों व समीकरण बताइए।
- प्रश्न- हैरोड के विकास मॉडल की आलोचनायें बताइए।
- प्रश्न- हैरोड का विकास मॉडल डोमर के विकास मॉडल से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- हैरोड के विकास प्रारूप का संक्षेप में परीक्षण कीजिए। भारत जैसे विकासशील देशों में यह कहाँ तक लागू होता है?
- प्रश्न- हैरोड - डोमर मॉडल में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यष्टि स्तर पर नियोजन समझाइए।
- प्रश्न- हैरोड - डोमर मॉडल में छुरी-धार सन्तुलन की परिकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत के जनसंख्या वृद्धि की बदलती हुई विशेषताओं पर एक नोट लिखिए।
- प्रश्न- जनांकिकी से क्या अभिप्राय है? जनांकिकी संक्रमण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या एवं पर्यावरण किस प्रकार एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं तथा आर्थिक विकास को कैसे प्रभावित करते हैं? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- "जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में सहायक है अथवा बाधक।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या का आर्थिक विकास पर तथा आर्थिक विकास का जनसंख्या पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण क्या है? इसके कार्यों को स्पष्ट कीजिए?
- प्रश्न- जनसंख्या नीति 2000 की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- समावेशी विकास की आवधारणा या महत्व क्या है?
- प्रश्न- समावेशी विकास के समक्ष चुनौतियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- समावेशी विकास की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बाजार विफलता का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं बाजार विफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- सरकार की विफलता के कारण बताइए।
- प्रश्न- बाजार विफलता को ठीक करने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- सरकार की विफलता का अर्थ क्या है तथा इसके क्या कारण हैं?
- प्रश्न- सरकार की विफलता का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- मानव पूँजी क्या है? आर्थिक विकास में मानवीय पूँजी निर्माण की भूमिका एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "जनसंख्या राष्ट्र के लिये सम्पत्ति है और दायित्व भी।" इस कथन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण का क्या अर्थ है तथा मानवीय संसाधनों के विकास में क्या महत्व है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मानवीय साधनों में विनियोग कितने मदों में किया जाता है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानव पूँजी निर्माण के उपायों पर चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- मानव पूँजी निर्माण के घटकों तथा अर्धविकसित देशों में मानव पूँजी के निम्न स्तर होने के कारणों का स्पष्ट विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण के क्या-क्या मापदण्ड हैं? तथा इसके मापदण्डों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास से आपका क्या तात्पर्य है? किसी विकासशील (अल्पविकसित ) देश की क्या विशेषताएँ हैं?
- प्रश्न- भारत जैसे एक अल्पविकसित देश के प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए। भारत के अल्पविकसित होने के प्रमुख कारणों को बताइए।
- प्रश्न- विकसित एवं विकासशील अर्थव्यवस्था के मध्य अन्तर स्पष्ट करते हुए आर्थिक विकास के सूचकांकों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अल्पविकास के प्रमुख मापदण्ड़ों को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अल्पविकास के कारणों को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- विकसित एवं विकासशील अर्थव्यवस्था में अन्तर स्पष्ट करें।
- प्रश्न- क्या भारत एक अल्पविकसित देश है? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अल्पविकसित अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें लिखिये।
- प्रश्न- आर्थिक संवृद्धि एवं आर्थिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिर्डल के चक्रीय कार्यकरण का सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- विकास के फाई एवं रेनिस सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- फाई- रेनिस सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- फाई- रेनिस के सिद्धान्त को रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- फाई-रेनिस सिद्धान्त की आलोचनाएँ बताइए।
- प्रश्न- प्रो. हिणिन्स द्वारा प्रतिपादित औद्योगिक द्वैतवाद सिद्धान्त की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- तकनीकी द्वैतवाद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'द्वैतवाद' एक विकासशील अर्थव्यवस्था के विकास की किस प्रकार बाधित कर सकती है?
- प्रश्न- बोइके का सामाजिक दुहरापन सिद्धान्त समझाइये।
- प्रश्न- मिन्ट का वित्तीय दुहरेपन को दूर करने का विकास सिद्धान्त क्या है?
- प्रश्न- अल्पविकास का निर्भरतापरक सिद्धान्त स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- काल्डोर का आर्थिक वृद्धि मॉडल की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हैरड की तटस्थ तकनीकी प्रगति को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तटस्थ एवं गैर तटस्थ तकनीकी प्रगति क्या है? तटस्थता के सम्बन्ध में हिक्स की धारणा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास में तकनीकी प्रगति का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सोलो के दीर्घकालीन वृद्धि मॉडल की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए [
- प्रश्न- सोलो मॉडल की सीमाएँ लिखिए।
- प्रश्न- सोलो के वृद्धि मॉडल के अनुसार एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन किन तत्वों पर निर्भर करता है? संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- करने से जानकारी (कौशल अर्जन) (Learning By Doing) को स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- स्टिग्लिट्ज का असममित सूचना सिद्धान्त स्पष्ट कीजिए।
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