बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- योजना विधि के विभिन्न चरण कौन-से हैं?
उत्तर-
योजना विधि के विभिन्न चरण
(Various Steps of Project Method)
योजना विधि में विद्यार्थी अपनी इच्छानुसार स्वाभाविक परिस्थितियों में ऐसे रचनात्मक कार्य करते हैं कि वे बिना किसी कठिनाई के उत्तम एवं सामाजिक जीवन व्यतीत करना सीख जाएँ। योजना विधि को पूरा करने के विभिन्न चरण या पद निम्नलिखित हैं-
(1) परिस्थिति का निर्माण - शिक्षक तथा विद्यार्थी को आपस में वार्तालाप के द्वारा ऐसी परिस्थिति का निर्माण करना चाहिए कि उनमें दैनिक जीवन से सम्बन्धित किसी समस्या को पूरा करने की रुचि उत्पन्न हो जाए। इस विधि में शिक्षक, छात्र को इस तरह से प्रेरित एवं जिज्ञासु बनाने का प्रयास करते हैं कि छात्र स्वयं किसी समस्यात्मक स्थिति को अध्ययन हेतु शिक्षक के समक्ष प्रस्तुत कर दें।
(2) योजना का चयन करना - यह आवश्यक नहीं कि विद्यार्थी द्वारा चयनित योजना को ही स्वीकार कर लिया जाए। ऐसी स्थिति में अध्यापक, छात्र को ऐसी योजना को चुनने में सहायता करते हैं जो उनकी वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
(3) योजना या कार्यक्रम बनाना - योजना को सफलतापूर्वक पूरा करना इस बात पर निर्भर करता है कि योजना के लिए कार्यक्रम कैसा है। इस दृष्टि से कार्यक्रम बनाते समय शिक्षक को ऐसे वातावरण का निर्माण करना चाहिए कि प्रत्येक विद्यार्थी कार्यक्रम के सम्बन्ध में अपने-अपने विचार स्वतन्त्र रूप से व्यक्त कर सकें। साथ ही कार्यक्रम को कई भागों में विभाजित करते हुए प्रत्येक विद्यार्थी को कुछ-न-कुछ कार्य उसकी रुचि, योग्यता एवं क्षमता के अनुसार अवश्य देना चाहिए।
(4) कार्यक्रम का क्रियान्वयन - योजना को पूरा करने हेतु कार्यक्रम का निर्धारण करने के उपरान्त उसका क्रियान्वयन करने की आवश्यकता होती है। छात्रों द्वारा स्वयं क्रियान्वयन करने से प्राप्त ज्ञान अधिक स्थायी एवं प्रभावपूर्ण होता है। इसलिए शिक्षक को चाहिए कि छात्रों को अपनी रुचि एवं क्षमतानुसार अधिक-से-अधिक कार्य करने के अवसर प्रदान करने चाहिए।
(5) किए गए कार्य का मूल्यांकन - योजना विधि के इस चरण में अभ्यर्थी अपने द्वारा किए गए कार्य का स्वयं मूल्यांकन करते हैं कि जो उद्देश्य लेकर योजना प्रारम्भ की गई उसमें कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई।
(6) योजना प्रतिवेदन - सभी विद्यार्थी अपनी योजना पुस्तिका में योजना क्रियान्वयन सम्बन्धी सभी चरणों के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक एक समीक्षात्मक प्रतिवेदन तैयार करते हैं। इसमें वे यह देखते हैं कि कौन-सा कार्यक्रम निर्धारित किया, उसका क्रियान्वयन किस प्रकार किया, किससे कैसी सहायता ली तथा अन्ततः परिणाम क्या प्राप्त हुए।
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