बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्व बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्व - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय 7 - उपक्रम का प्रवर्तन
(Promotion of Venture)
उद्योग / उद्यम व्यवसाय की स्थिरता और गठन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए पदोन्नति पहला चरण है। यह वह चरण है जिसमें एक व्यक्ति (उद्यमी) के मन में एक उद्योग शुरू करने का विचार उभरता है और वह आवश्यक पूछताछ और जांच करता है। सामान्य अर्थ में, पदोन्नति का अर्थ है 'प्रारम्भ या गठन'। लेकिन उद्योग/ उद्यम की दृष्टि से इसका अर्थ उन सभी गतिविधियों और तौर-तरीकों से है जो उद्योग की स्थापना के विचार उत्पन्न होने से लेकर उसे स्थापना के चरण तक लाने के लिए किए जाते हैं।
एक उद्यम का प्रचार एक उद्यम शुरू करने की प्रक्रिया है। यह तब शुरू होता है जब किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा उद्यम बनाने या स्थापित करने का विचार किया गया हो तथा उसके पश्चात् प्रस्तावित उद्यम के दायरे, प्रकृति और आकार की पहचान करने का कार्य किया जाता है।
सी० डब्ल्यू० ग्रेस्टेनबर्ग के अनुसार - 'पदोन्नति को व्यावसायिक अवसरों की खोज के रूप में परिभाषित किया जा सकता है और लाभ कमाने के उद्देश्य से धन, संपत्ति और प्रबंधकीय क्षमता के बाद के संगठन को व्यावसायिक संस्था में बदल दिया जा सकता है। उद्यमी अवसरों की पहचान करता है और जांच करता है कि उनमें से कौन-से अवसर आर्थिक दृष्टिकोण से लाभदायी हैं। यदि उसे लगता है कि उद्यम लाभ देने वाला है तो वह दूसरा कदम उठाता है, जिसमें वह महत्वपूर्ण संसाधनों को इकट्ठा करता है। जैसे भूमि संसाधन, मानव संसाधन, प्राकृतिक संसाधन और श्रम आदि।
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