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बीए सेमेस्टर-4 हिन्दी

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2741
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 हिन्दी - सरल प्रश्नोत्तर

 

अध्याय - 7
अनुवाद सैद्धान्तिकी - तीन

 

अंग्रेजी भाषा के ऐसे शब्द जो प्रचलित हैं और आम आदमी उनको आसानी से समझ सकता है, उनको लिप्यंतरित करके अनुवाद किया जाना चाहिए। उदाहरणार्थ-

 

अंग्रेजी शब्द हिन्दी समतुल्य अधिमूल्य लिप्यंतरित शब्द
Premium   प्रीमियम
Company समवाय कम्पनी
Quorum गणपूर्ति कोरम
Cheque धनादेश चेक
Bank अधिकोष बैंक
Pension निवृत्ति वेतन पेंशन
Voucher आधार-पत्र वाउचर
Cement वज्रचूर्ण सीमेंट
Tractor कर्षित्र ट्रैक्टर
Academy विद्वत्परिषद् अकादमी
Receipt प्राप्तिका रसीद

 

यद्यपि कुछ लोग इन शब्दों के हिन्दी समतुल्यों के पक्ष में हैं तथापि संदर्भानुसार इनके लिए लिप्यंतरित शब्दों का प्रयोग करना हितकर होगा।

 

अतः यह तो निश्चित ही है कि देश में अभी अनन्तकाल तक नहीं तो अनिश्चित काल तक तो अवश्य ही द्विभाषिकता का युग ही चलेगा और उसे चलाने का प्रमुख दायित्व राजभाषा अधिकारियों का ही होगा। किन्तु इस प्रसंग में एक प्रश्न उठता है कि क्या सरकारी कार्यालयों में अनुवाद आज की तरह, आगे की मात्र एक औपचारिकता ही रहेगा या उसकी भूमिका और महत्त्व के साथ-साथ उसके स्तर में भी सुधार होगा। इस संदर्भ में डॉ. रमेश का कहना है किं “आज सरकारी दस्तावेजों की स्थिति यह है कि पहले उन्हें अंग्रेजी में तैयार करके कई स्तरों पर उनका परिमार्जन किया जाता है और फिर नियमों की बाध्यता और विवशता के कारण, उनका हिन्दी अनुवाद तैयार करके उन्हें दोनों भाषाओं में जारी कर दिया जाता है। जहाँ कहीं गुंजाइश होती है, अंग्रेजी के दस्तावेजों को पहले जारी करके उनका हिन्दी अनुवाद बाद में सुविधानुसार जारी कर दिया जाता है।" नियमों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए आवश्यकता हो तो दस्तावेज के अन्त में 'Hindi Version follows जोड़ दिया जाता है। अंग्रेजी के दस्तावेज को जहाँ दो-तीन, पाँच स्तरों पर भरपूर समय लेकर परिमार्जित किया जाता है, हिन्दी अनुवाद की बहुधा एक ही स्तर पर नहीं तो अधिक से अधिक दो स्तरों पर फटाफट "अंत्येष्टि कर दी जाती है। राजभाषा नीति का बहु-आयामी अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ समूचे अनुवाद -कार्य का दायित्व भी संपूर्ण राष्ट्रीयकृत बैंकिंग उद्योग में संभवतः एक हजार से भी कम लोगों पर है। अतः अनुवादक को अक्सर भागती गाड़ी ही पकड़नी पड़ती है, क्योंकि अंग्रेजी में अंतिम रूप मिल जाने के पश्चात् विभाग को असह्य प्रसव पीड़ा होने लगती है।

 

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