बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्र बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय 2 - व्यावसायिक अर्थशास्त्र : अर्थ, प्रकृति एवं कार्यक्षेत्र
(Business Economics : Meaning, Nature and Scope)
व्यवसाय प्रवर्तन में अर्थशास्त्र का उपयोग ही व्यावसायिक अर्थशास्त्र है। यह परम्परागत अर्थशास्त्र का एक भाग है। इसका उद्देश्य प्रवर्तन द्वारा निर्णय तथा भावी नियोजन को सफल बनाना होता है। व्यावसायिक अर्थशास्त्र एक विवेकशील दृष्टिकोण है। इसका स्वरूप निर्देशात्मक होता है। अर्थशास्त्र के व्यापक अध्ययन से सम्बन्धित होता, प्रकृतिवादी स्वरूप पर निर्णय में उपयोगी होना आदि इसकी विशेषताएँ हैं। व्यावसायिक अर्थशास्त्र का प्रमुख विषय वस्तु में मांग का पूर्वानुमान, लगत व उत्पादन विश्लेषण, मूल्य निर्धारण, लाभ नियमन, पूँजी बजट, प्रतिस्पर्धा नीति आदि आते हैं।
व्यावसायिक अर्थशास्त्र का आशय उन आर्थिक सिद्धान्तों, अवधारणाओं, नियमों व तकनीकों की विधियों की समुचित पहचान एवं विवेकपूर्ण प्रयोग से है जो व्यावसायिक समस्याओं का समाधान करने में सहायक होती है। व्यावसायिक निर्णयों की सिद्धि में आने वाले विभिन्न प्रकार के आर्थिक सिद्धान्तों का उपयोग जिसे व्यावसायिक अर्थशास्त्र कहा जाता है। सटीक पूर्वानुमान लगाना, समुचित लागत-लाभ अनुमान, आर्थिक सूचना के स्रोतों का विश्लेषण से सम्बन्धित ज्ञान भी व्यावसायिक अर्थशास्त्र की विषयवस्तु होती है।
व्यावसायिक अर्थशास्त्र के आधारभूत तत्वों में सामान्य मूल्यता, माँग, उपभोक्ता की प्रवृत्ति के प्रति सावधानी, अधिक लाभ सुनिश्चित करना, आने वाली व्यावसायिक समस्याओं के इष्टतम समाधान हेतु व्यावसायिक आर्थिक निर्णयों में सहायता देना, मूल्य निर्धारण करना, भविष्य में अनुमान लगाना, नियोजन में मदद करने, संगठन में सहायकता में महत्वपूर्ण होता है।
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