बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकन बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकनसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकन - सरल प्रश्नोत्तर
ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिये चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें से केवल एक ही उत्तर सही है। सही विकल्प चुनिये।
1. निम्नलिखित में से कौन सा/से रूढ़िवाद अवधारणा के अनुप्रयोग का एक उदाहरण है/हैं?.
(a) लेनदारों की छूट के लिए प्रावधान नहीं करना
(b) राजस्व व्यय के रूप में छोटे मूल्य की पूंजीगत वस्तुओं को चार्ज करना
(c) ख्याति जैसी अमूर्त संपत्ति का परिशोधन जिसका जीवन अनिश्चित है
(d) ये सभी
2. निम्नलिखित में से किस स्थिति में रूढ़िवाद का सिद्धांत लागू होता है?
(a) जब दो या दो से अधिक स्वीकार्य तरीके होते हैं तो जो सबसे अधिक रूढ़िवादी होता है उसे लागू किया जाता है
(b) जब नुकसान की संभावना होती है तो उसे मान्यता दी जाती है और अनुमानित लाभ को नजरअंदाज कर दिया जाता है
(c) दोनों (a) और (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
3. किसी संपत्ति की लागत को उसके उपयोगी जीवन पर आवंटित करना एक अनुप्रयोग है-
(a) चालू व्यवसाय की अवधारणा
(b) मिलान अवधारणा
(c) लेखा अवधि अवधारणा
(d) लागत अवधारणा
4. एक व्यावसायिक उद्यम कितने समय तक विद्यमान रहता है इससे जुड़ी अनिश्चितता उत्पन्न होती है-
(a) लेखा अवधि मुद्दा
(b) निरंतरता मुद्दा
(c) मैचिंग इश्यू
(d) रेवेन्यू रिकग्निशन इश्यू
5. लेखांकन नीतियों में परिवर्तन केवल किए जा सकते हैं-
(a) लेखा मानकों का अनुपालन करने के लिए
(b) वित्तीय विवरण की बेहतर प्रस्तुति सुनिश्चित करने के लिए
(c) कानून का पालन करने के लिए
(d) उपरोक्त सभी
6. दोहरा लेखा सिद्धान्त का अर्थ है-.
(a) प्रत्येक लेन-देन को दो बार लिखना
(b) प्रत्येक लेन-देन की दो प्रविष्टियाँ
(c) प्रत्येक क्रेडिट के लिए डेबिट एवं प्रत्येक डेबिट के लिए क्रेडिट प्रविष्टि
(d) समस्त व्यावसायिक लेन-देन के दोहरे खाते रखना
7. हानि को छिपाने के लिए यदि ह्रास पुस्तकों में न दिखाया जाए तो किस परम्परा का उल्लंघन होगा-
(a) रूढ़िवादिता
(b) प्रकटीकरण
(c) संगति
(d) उल्लंघन नहीं
8. सम्पत्तियों को किस अवधारणा के अनुसार क्रय मूल्य या लागत मूल्य पर दिखाना चाहिए-
(a) ऐतिहासिक लागत अवधारणा
(b) मुद्रामापन अवधारणा
(c) अस्तित्व अवधारणा
(d) कोई अवधारणा नहीं
9. व्यवसाय की सम्भावित हानियों का आयोजन पूर्व में ही करना चाहिए ऐसी परम्परा है-
(a) रूढ़िवादी
(b) प्रकटीकरण
(c) महत्वपूर्णता
(d) इनमें से कोई नहीं
10. कम मूल्य के माल को विविध व्यय में लिखना चाहिए- ऐसी परम्परा है-
(a) संगति परम्परा
(b) महत्वपूर्णता की परम्परा
(c) रूढ़िवादिता
(d) प्रकटीकरण
11. 'विंडो ड्रेसिंग' किस परम्परा से प्रतिबन्धित है-
(a) प्रकटीकरण
(b) उपार्जन
(c) रूढ़िवादिता
(d) महत्वपूर्णता
12. निरन्तरता की अवधारणा के अनुसार एक व्यवसाय की अवधि होती है-
(a) वार्षिक
(b) द्विवार्षिक
(c) अनवरत एवं असीमित
(d) लेखा अवधि तक
13. प्रथम वर्ष में ह्रास का लेखा स्थायी किश्त पद्धति से किया गया। आगामी वर्ष में भी हास का लेखा इसी पद्धति से करना चाहिए। ऐसी धारणा है-
(a) प्रकटीकरण अवधारणा
(b) संगति परम्परा
(c) रूढ़िवादिता परम्परा
(d) अन्य
14. लेखांकन सिद्धान्तों का आशय है-
(a) कठोर नियम
(b) नीतियों का कठोरता से पालन
(c) तथ्य जिन्हें सर्वत्र स्वीकार्यता है
(d) व्यापार के लाभों को अधिकतम करने के सूत्र
15. चिट्ठे के सम्पत्ति एवं दायित्व पक्ष का योग बराबर होना चाहिए - कौन - सी अवधारणा प्रकट करती है-
(a) निरन्तरता सम्बन्धी अवधारणा
(b) वस्तुपरक अवधारणा
(c) उपार्जन अवधारणा
(d) दो पक्ष सम्बन्धी अवधारणा
16. अदत्त किराए को किस अवधारणा के अन्तर्गत पुस्तकों में दिखाया जाता है-
(a) ऐतिहासिक लागत अवधारणा
(b) मुद्रा सम्बन्धी अवधारणा
(c) उपार्जन सम्बन्धी अवधारणा
(d) अस्तित्व सम्बन्धी अवधारणा
17. विनियोगों का बाजार मूल्य फुटनोट के रूप में देना चाहिए- ऐसी परम्परा है-
(a) प्रकटीकरण परम्परा
(b) संगति सम्बन्धी परम्परा
(c) रूढ़िवादिता
(d) उपर्युक्त सभी
18. रूढ़िवादी परम्परा का चिट्ठे पर प्रभाव होगा-
(a) सम्पत्तियों में वृद्धि
(b) सम्पत्तियों के मूल्य में कमी
(c) दायित्वों में कमी
(d) पूंजी में वृद्धि
19. मात्रात्मक व्यवहारों का लेखा नहीं रखा जाता है-
(a) मुद्रा मापन अवधारणा
(b) उपार्जन संकल्पना
(c) द्विपक्षीय अवधारणा
(d) प्रकटीकरण
20. संदिग्ध दायित्व को चिट्ठे में दिखाना चाहिए-
(a) रूढ़िवादिता परम्परा
(b) महत्वपूर्णता
(c) प्रकटीकरण
(d) दो पक्ष
21. व्यापार के स्वामी द्वारा नियोजित पूंजी व्यापार का दायित्व है-
(a) निरन्तरता अवधारणा
(b) अस्तित्व अवधारणा
(c) उपार्जन अवधारणा
(d) वस्तुपरक अवधारणा
22. निम्नलिखित क्षेत्रों में विभिन्न लेखांकन नीतियों को अपनाया जा सकता है-
(a) मूल्यह्रास चार्ज करना
(b) निवेश मूल्यांकन
(c) इन्वेंटरी वैल्यूएशन
(d) उपरोक्त सभी
23. लेखांकन नीति निर्णय का अनुचित चयन हो सकता है-
(a) वित्तीय स्थिति के प्रदर्शन को बढ़ा-चढ़ाकर बताना
(b) वित्तीय स्थिति के प्रदर्शन को अधिक/ समझना
(c) घाटे का अधिक विवरण
(d) लाभ का कम आंकलन
24. एक विशिष्ट लेखांकन नीति का संबंध है-
(a) सिद्धांत
(b) उन सिद्धांतों को लागू करने के तरीके
(c) सिद्धांत और उन्हें लागू करने के तरीके
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
25. आय या व्यय जो घटनाओं या लेनदेन से उत्पन्न होते हैं जो उद्यमों की सामान्य गतिविधियों से स्पष्ट रूप से भिन्न होते हैं और इसलिए बार-बार या नियमित रूप से होने की उम्मीद नहीं होती है, कहलाते हैं-
(a) Prior period मद
(b) Extraordinary मद
(c) Abnormal मद
(d) Non-ordinary मद
26. कुल संपत्ति और मालिक की पूंजी दोनों में ......... की वृद्धि होती है।
(a) क्रेडिट खरीद
(b) प्रतिधारित आय
(c) बैंक ऋण
(d) आहरण
27. कुल संपत्ति और मालिक की पूंजी दोनों को कम किया जाता है-
(a) क्रेडिट खरीद
(b) प्रतिधारित आय
(c) बैंक ऋण
(d) आहरण
28. नकदी के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के बॉन्ड की खरीद से ........... होगा।
(a) कुल संपत्ति में कोई बदलाव नहीं
(b) कुल संपत्ति में कमी
(c) कुल संपत्ति में वृद्धि
(d) कुल देनदारियों में वृद्धि
29. संपत्ति और देनदारियों के बीच अंतर है-
(a) बैंक ओवरड्राफ्ट
(b) प्रतिधारित लाभ
(c) पूंजी या मालिकों की गुणवत्ता
(d) लेनदारों
30. किसी बाहरी व्यक्ति को दिया गया धन है-
(a) संपत्ति
(b) देयता
(c) लाभ
(d) पूंजी
31. यदि किसी व्यवसाय की कुल संपत्ति 1,80,000 है और निवल मूल्य है, तो बाहरी देयता होगी-
(a) 1,30,000
(b) 2,30,000
(c) 1,80,000
(d) 50,000
32. यदि मालिक की इक्विटी ₹80,000 तथा बाह्य देयता ₹40,000 है, तो हस्तगत रोकड़ ₹20,000 है तो फर्म की कुल सम्पत्ति होगी-
(a) 1,00,000
(b) 1,20,000
(c) 80,000
(d) 1,40,000
33. कौन सी लेखांकन अवधारणा मूल्यांकन मानदंड को पूरा करती है?
(a) चालू व्यवसाय, वसूली, लागत
(b) चालू व्यवसाय, लागत,
(c) लागत, द्विपक्ष, रूढ़िवाद
(d) वसूली, रूढ़िवाद, चालू व्यवसाय
34. एक व्यापारी ने ₹ 75,500 रुपये की बिक्री की जिसमें से ₹ 25,500 नकद बिक्री है। उन्होंने 31-3-2014 को ₹ 25,500 व्यापार प्राप्तियां दिखाईं। उसके द्वारा किस अवधारणा का अनुसरण किया जाता है?
(a) चालू व्यवसाय
(b) लागत
(c) उपार्जन
(d) धन माप
35. निम्नलिखित में से किस मामले में लेखांकन अनुमानों की आवश्यकता होती है?
(a) कर्मचारी लाभ योजनाएं
(b) घाटे की हानि
(c) इन्वेंटरी अप्रचलन
(d) उपरोक्त सभी
36. तलपट तक के वित्तीय आंकड़ों को दर्ज करने की प्रक्रिया है-
(a) बुक कीपिंग
(b) वर्गीकरण
(c) सारांश
(d) विश्लेषण
37. दोहरा लेखा प्रणाली से आशय है-
(a) पुस्तकों के दो अलग-अलग समूहों में प्रविष्टि
(b) पुस्तकों के एक समूह में दो प्रविष्टियाँ
(c) दो वास्तविक खातों में प्रविभिट
(d) एक व्यवहार के दो पक्षों की प्रविष्टि
38. पुस्तकालय की दोहरा लेखा प्रणाली में, प्रत्येक व्यावसायिक व्यवहार प्रभावित करता है-
(a) एक खाते को
(b) दो खातों को
(c) एक ही खाते के डेबिट और क्रेडिट पक्ष को
(d) उपर्युक्त सभी
39. देय मजदूरी है-
(a) वास्तविक खाता
(b) व्यक्तिगत खाता
(c) नाममात्र का खाता
(d) उपर्युक्त सभी
40. एक सम्पत्ति का होता है-
(a) डेबिट शेष
(b) क्रेडिट शेष
(c) कभी डेबिट शेष और कभी क्रेडिट शेष होती है।
(d) प्रारम्भ में डेबिट शेष और अन्तं में क्रेडिट शेष
41. शुद्ध हानि फर्म की / का ........ होता है-
(a) एक सम्पत्ति
(b) एक दायित्व
(c) एक आय
(d) एक असाधारण व्यय
42. ख्याति को दिखाया जाता है-
(a) सम्पत्तियों में
(b) दायित्वों में
(c) व्यापार खाता में
(d) लाभ-हानि खाते में
43. चालू व्यवसाय की अवधारणा के अनुसार एक व्यवसाय का जीवन माना जाता है-
(a) एक अल्प जीवन
(b) एक निश्चित जीवन
(c) एक दीर्घ जीवन
(d) एक अनिश्चित जीवन
44. पूँजी को एक दायित्व के रूप में मानना इस लेखांकन मान्यता का अनुसरण करना है-
(a) पृथक अस्तित्व
(b) आगम वसूली
(c) पूर्ण प्रकटीकरण
(d) ऐतिहासिक लागत सिद्धान्त
|