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बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2730
आईएसबीएन :0

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बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 6 
अस्थियों, जोड़ों तथा पेशियों से संबंधित प्राथमिक चिकित्सा

(First Aid Related with Bones, Joints and Muscles)

मानव शरीर एक एकाकी ढांचा है जो असंख्य छोटे-छोटे परन्तु चार मुख्य प्रकार के ढांचों से निर्मित है। इन्हें हम कोशिकाओं, ऊतकों, अंगों तथा तंत्रों के नाम से जानते हैं। कोशिकायें जीवन की मूलभूत इकाई है जो जीवन का रख-रखाव करने के साथ-साथ स्वयं को पुनर्निर्मित करती रहती हैं। एक जैसी कोशिकायें मिलकर ऊतक, तथा एक जैसे ऊतक मिलकर अंग का निर्माण करते हैं। पुनः अंगो से अंग तंत्र तथा सम्पूर्ण अंग तंत्रों के मिलने से शरीर की संरचना होती है।

मानव शरीर में कुल नौ प्रणालियां पायी जाती हैं जिसमें से अस्थि पिंजर, मांसपेशियां तथा जोड़ मिलकर शरीर को एक मजबूत ढांचा प्रदान करते हैं। इन्हीं तीनों तंत्रों के कारण मानव सीधे खड़ा हो सकता है, चल सकता है, दौड़ सकता है, उठ-बैठ सकता है और जिधर चाहे मुड़ सकता है।

मानव अस्थि पिंजर में कुल 206 अस्थियां होती हैं। यह अस्थि पिंजर शरीर के मजबूत ढांचे का निर्माण करता है और शरीर को सहारा प्रदान करता है। यह अस्थि पिंजर ही शरीर के महत्वपूर्ण अंगों यथा लीवर, फेफड़ों, मस्तिष्क तथा रीढ़ की हड्डियों आदि की सुरक्षा करता है। यह अस्थि पिंजर मांसपेशियों के समन्वय में क्रिया करता है। जिसके कारण ही शरीर में गति संभव हो पाती है।

मांसपेशियाँ हमारे शरीर को आपस में बांधकर रखती हैं और आवश्यकतानुसार शरीर को गति प्रदान करती हैं। मानव शरीर में लगभग 650 मांसपेशियाँ पायी जाती हैं। ये जोड़ों को दृढ़ता प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें इस प्रकार बांधती हैं कि वह अपने स्थान पर स्थिर रह सके और आसानी से गति कर सके।

अस्थियों का वर्गीकरण उनके आकार तथा ढांचे के आधार पर किया जाता है और इस आधार पर हड्डियां चार प्रकार की होती हैं-

(1) लम्बी अस्थियां
(2) छोटी अस्थियां
(3) चौड़ी अस्थियां तथा बेतरतीब अस्थियां एवं तिलाकार अस्थियां।

मानव के लिए गति महत्वपूर्ण है। मानव शरीर को गति विभिन्न जोड़ों अथवा संधियों से प्राप्त होती है। इन जोड़ों तथा संधियों के कारण ही शरीर में गति होती है और हम बिना किसी अवरोध के आगे-पीछे अगल-बगल मुड़ सकते हैं। मानव शरीर में पाये जाने वाले मुख्य जोड़ या संधियां पांच प्रकार की होती हैं -

(1) हिंज जोड़
(2) पिवट जोड़
(3) बाल तथा साकेत जोड़
(4) ग्लाइडिंग जोड़ तथा
(5) काठी एवं स्थूलात्मक जोड़।

इस प्रकार अस्थियां, पेशियां तथा जोड़ हमारे शरीर तथा उसकी गतिविधियों के आधार हैं। इनमें कभी-कभी अनेक प्रकार के विकार भी आ जाते हैं। अतः इनकी देखभाल, प्राथमिक चिकित्सा तथा चिकित्सा और रख-रखाव पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि हमारा जीवन निर्बाध चलता रहे और उसकी गति बनी रहे।

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