बी ए - एम ए >> बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य - सरल प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण तथ्य
मानव की नाक अथवा नासिका उसका प्रथम श्वसन अंग है।
नाक नासा छिद्रों से शुरू होकर नासा गुहा से होते हुए नासा ग्रसनी में खुलता है।
द्वितीय श्वसन अंग मुख होता है।
मुख से ली गयी श्वास नाक से ली गयी श्वास जितना शुद्ध नहीं होती।
श्वसन तंत्र का मुख्य अंग फेफड़े हैं जो स्पंजी होते हैं और श्वास के माध्यम से आयी आक्सीजन तथा आक्सीकरण के परिणामस्वरूप बनी कार्बन-डाई-आक्साइड का विनिमय फेफड़ों में ही होता है। बाद में कार्बन डाई आक्साइड को निःश्वास क्रिया द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। यह क्रिया मानव जीवन पर्यन्त चलती रहती है।
फेफड़ों में संक्रमण या विभिन्न प्रकार के रोगों के परिणामस्वरूप श्वसन क्रिया प्रभावित हो जाती है और श्वास की मात्रा कम हो जाती है।
श्वसन तंत्र के रोगों में फेफड़ों के रोग, श्वासनली के रोग सहित इस तंत्र में होने वाले कई अन्य रोग भी आते हैं।
श्वसन तंत्र के रोगों में सर्दी, जुकाम से लेकर जीवाणु जन्य न्यूमोनिया जैसे घातक रोग आते हैं।
खांसी आवाज करती हुई विस्फोटक निःश्वसन होती है जो बंद कंठ द्वार के विरूद्ध निकलती है।
किसी व्यक्ति को खांसी आने का मुख्य उद्देश्य श्वास प्रणाली तथा श्वसन वृक्ष से निःस्राव या फंसा हुआ कोई बाहरी पदार्थ निकाल फेकना होता है।
खांसी एक स्वतः होने वाली एक परावर्तक क्रिया है।
खांसी श्वसन व्याधियों का सबसे सामान्य लक्षण है।
खांसी कई प्रकार की होती है जिसमें धातु ध्वनि खांसी, कर्कश खांसी, घर्घर के साथ खांसी, कुक्कुर खांसी, गो खांसी आदि मुख्य हैं।
खांसी की प्राथमिक चिकित्सा इसके लक्षणों के आधार पर की जाती है।
फेरेन्जाइटिस, टांसिलाइटिस वायु मार्ग की शोधज स्थितियों के कारण होने वाले रोग हैं।
न्यूमोनिया, ब्रोंकोन्यूमोनिया, फुफ्फुस विद्रार्थ, टी.वी. आदि फेफड़ों की शोध ज स्थिति के कारण होती है।
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