बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धन बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धन - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पर्यवेक्षण के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
पर्यवेक्षण के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं-
(1) विरोधात्मक परीक्षण - इस पर्यवेक्षण में अध्यापक तथा प्रधानाध्यापक दोनों की समस्याओं को जानने का प्रयास किया जाता है और साथ ही उन कठिनाइयों के समाधान भी ढूंढे जाते हैं, लेकिन इस पर्यवेक्षण के लिए भी पर्यवेक्षणकर्त्ता को बहुत अनुभवी होना आवश्यक है।
(2) निरीक्षणात्मक पर्यवेक्षण - यह एक प्रकार का परम्परागत पर्यवेक्षण है। इस पर्यवेक्षण में यह माना जाता है कि पर्यवेक्षण करने वाला सभी विषयों का ज्ञाता है और पर्यवेक्षण के द्वारा वह गलतियों का पता लगाता है। वह अपने पर्यवेक्षण में नियमों, आदेशों एवं निर्देशों पर अधिक बल देता है, जबकि इस पर्यवेक्षण को आज की परिस्थितियों में अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि इस पर्यवेक्षण में पर्यवेक्षक अध्यापकों को निम्न दृष्टि से देखते हैं।
(3) रचनात्मक पर्यवेक्षण - यह पर्यवेक्षण वैयक्तिक, सृजनता व मौलिकता के सिद्धान्त पर आधारित है। इसके अन्तर्गत पर्यवेक्षक कर्मचारियों के गुणों का पता लगाता है व उन गुणों के विकास हेतु समुचित पर्यावरण सुविधायें तथा प्रोत्साहन प्रदान करता है। यह इस सिद्धान्त पर आधारित है कि प्रत्येक व्यक्ति में कुछ न कुछ श्रेष्ठ गुण होते हैं और उनको समुचित अवसर देकर उनका विकास किया जा सकता है।
(4) प्रजातांत्रिक पर्यवेक्षण - प्रजातंत्र के इस युग में ऐसे पर्यवेक्षण को ही अच्छा माना जाता है। इस पर्यवेक्षण में अध्यापक का निरीक्षण प्रधानाध्यापक के साथ-साथ विषय विशेषज्ञ मिलकर करते हैं और साथ ही इसमें अध्यापक को यह भी पता होता है कि यह पर्यवेक्षण उसकी गलती निकालने के लिए ही नहीं बल्कि उसके शैक्षिक, व्यावसायिक एवं कौशलात्मक विकास के लिए किया जा रहा है।
(5) वैज्ञानिक पर्यवेक्षण - आज के वैज्ञानिक युग में पर्यवेक्षण का भी एक नया प्रकार विकसित हुआ है, जिसे वैज्ञानिक परीक्षण कहते हैं। इसमें आधुनिक तकनीकों का पूरा सहयोग लिया जाता है और पूर्णतया वैज्ञानिक सिद्धान्तों के आधार पर पर्यवेक्षण किया जाता है।
|