बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धन बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धन - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- खेल प्रबन्धन के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
खेल प्रबन्धन का क्षेत्र
खेल प्रबन्धन का क्षेत्र बहुत ही व्यापक है। खेल प्रबन्धन एवं शारीरिक शिक्षा के मुख्य क्षेत्रों का वर्णन निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है-
(1) कर्मचारी - प्रबन्धन से सम्बन्धित कर्मचारी क्षेत्र में शामिल क्रियाएं-
(i) भर्ती एवं चुनाव की प्रक्रिया नियमों के अनुसार होनी चाहिए।
(ii) जनशक्ति की आवश्यकताएं पूरी करनी चाहिए।
(iii) प्रशिक्षण सही ढंग से होना चाहिए।
(iv) व्यावहारिक प्रशिक्षण को अधिक महत्व देना चाहिए।
(v) उन्नति और स्थान निर्धारित सही तरीकों से करना चाहिए।
(vi) नियंत्रण सहीं तरीकों से होना चाहिए।
(vii) भागीदारी नियमों के अनुसार होनी चाहिए।
(viii) निरीक्षण के तकनीकों को उचित रूप से अपनाना चाहिए।
(ix) जन-सम्बन्ध अच्छी तरह से होने चाहिए।
(x) नेतृत्व के गुण पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए।
(xi) मूल्यांकन की प्रक्रिया सही होनी चाहिए।
(xii) शोधकार्य का प्रकाशन समय-समय पर करना चाहिए।
(xiii) विचारों में अन्तर का विश्लेषण अवश्य करना चाहिए।
( 2 ) कार्यक्रम - आम कार्य किसी संगठन की सफलता की कुंजी है। कार्यक्रम में शामिल क्रियाएं इस प्रकार से हैं -
(i) पाठ्यक्रम तथा विषय का अध्ययन नियमित रूप से करना।
(ii) पाठ्यक्रम एवं विषय की पुनरावृत्ति समय-समय पर करनी चाहिए।
(iii) प्रशिक्षण सूची तैयार करनी चाहिए।
(iv) अन्य कार्यक्रमों के साथ तालमेल सही तरीके से होना चाहिए।
(v) विद्यार्थियों का चयन नियमों के अनुसार होना चाहिए।
(vi) विद्यार्थियों की भागीदारी संख्या के अनुसार होनी चाहिए।
(vii) कार्यक्रम की छवि को बनाए रखना।
(viii) कार्यक्रम की कीर्ति को बनाना।
(ix) कार्यक्रम की कीर्ति एवं छवि को सुधारना।
(x) उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की प्राप्ति के सम्बन्ध में मूल्यांकन करना।
(3) अर्थव्यवस्था - अर्थव्यवस्था प्रबन्धन में निम्नलिखित क्रियाएं शामिल हैं-
(i) बजट योजना तैयार करना।
(ii) धन कोष के साधनों की व्यवस्था करना।
(iii) धन कोष का निर्धारण करना।
(iv) योजना सही ढंग से तैयार करना।
(v) मार्गदर्शन उचित तरीकों से करना।
(vi) अल्पकाल एवं दीर्घकाल के लक्ष्य तैयार करना।
(vii) लेखा परीक्षण एवं हिसाब किताब सही ढंग से रखना।
(viii) खर्च-नियंत्रण के मापदण्ड को तैयार करना।
(4) सामग्री - सामग्री प्रबन्धन का सम्बन्ध उपकरणों एवं सुविधाओं से है। इसमें निम्नलिखित क्रियाएं शामिल हैं-
(i) उपकरणों का चयन सही तरीके से होना चाहिए।
(ii) उपकरणों की आवश्यकता उद्देश्यों एवं क्रियाओं के लिए होनी चाहिए।
(iii) उपकरणों की देखरेख तथा सँभाल सही ढंग से होनी चाहिए।
(iv) नीतियों, सिद्धान्तों तथा विधियों की खरीदारी सही तरीकों से होनी चाहिए।
(v) उपकरणों की सुरक्षा एवं सँभाल सही ढंग से होनी चाहिए।
(vi) उपकरणों का भण्डार सही तरीकों से होना चाहिए।
(vii) उपकरणों का लेन-देन सही ढंग से होना चाहिए।
(viii) उपकरणों की सूची सही तरीके से तैयार करनी चाहिए।
(ix) उपकरणों के रजिस्टर की देखभाल सही ढंग से होनी चाहिए।
(x) उपकरणों में बदलाव करना चाहिए।
(xi) उपकरणों की निस्तारण प्रक्रिया सही तरीकों से होनी चाहिए।
(xii) उपकरणों तथा सामग्री का आधुनिकीकरण करना अनिवार्य है।
(5) प्रदर्शन - प्रदर्शन प्रबन्धन में निम्नलिखित क्रियाएं सम्बन्धित हैं-
(i) खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
(ii) खेलों के आयोजन की तैयारी करना।
(iii) खेलों में पूर्णतया भागीदारी होनी चाहिए।
(iv) चयन पद्धति को निर्धारित करना चाहिए।
(v) प्रदर्शन के पूर्व संकेत होंने आवश्यक हैं।
(vi) प्रदर्शन में मनो-क्रियाशील तथा खेल आवश्यक है।
(vii) प्रदर्शन रिकार्ड की देखभाल सही ढंग से होनी चाहिए।
(viii) खिलाड़ी, अध्यापक तथा प्रशिक्षक के लिए नैतिक मानवीकरण अवश्य होना चाहिए।
(ix) खिलाड़ियों के इनाम तथा सम्मान का रिकार्ड सही होना चाहिए।
(x) खिलाड़ियों के सम्मान का रिकार्ड सही होना चाहिए।
(6) कार्यालय - कार्यालय प्रबन्धन मूलभूत क्रियाओं से सम्बन्धित है जैसे कि-
(i) कार्यालय का संचालन व्यवस्थित होना अति आवश्यक है।
(ii) कार्यालय में आपसी व्यक्तिगत सम्बन्ध अच्छे होने चाहिए।
(iii) कार्यालय के कर्मचारी पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए।
(iv) कर्मचारियों एवं प्रबन्धकों का आपसी तालमेल अच्छा होना चाहिए।
(v) कर्मचारियों द्वारा कार्यालय में रिकार्ड, रजिस्टर तथा फाइलों को सही तरीकों से सँभाल कर रखना चाहिए।
(7) संस्था - संस्था निम्नलिखित से सम्बन्धित है-
(i) संस्था द्वारा मूलभूत सिद्धान्तों तथा योजनाओं को तैयार करना।
(ii) खेल क्षेत्र का निर्माण आधुनिक तकनीकों से करना चाहिए।
(iii) संस्था द्वारा खेलों के क्षेत्र का रख-रखाव तथा देख-भाल उचित ढंग से करना चाहिए।
(iv) संस्था द्वारा स्वीमिंग पूल, इंडोर, हॉल, ट्रैक तथा जिम्नाजियम की जगह निर्धारित करनी चाहिए।
(v) संस्था द्वारा बुनियादी ढांचे से सम्बन्धित सुरक्षा, बचाव तथा सँभाल सही ढंग से करनी चाहिए।
(vi) संस्था द्वारा सुविधाओं का बहुउद्देशीय प्रयोग करना चाहिए।
(vii) संस्था द्वारा जनता के लिए सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करनी चाहिए।
(viii) संस्था द्वारा खेल ढांचे के प्रयोग तथा रचना से सम्बन्धित भावी सोच सही होनी चाहिए।
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