बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- आकृति और वातावरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर -
आकृति और वातावरण
चित्र का वह भाग जो हमें मुख्य रूप से आकर्षित करता है उसमें चित्र की प्रधान एवं महत्वपूर्ण आकृतियाँ अंकित की जाती है। चित्र का शेष भाग जो वातावरण अथवा पृष्ठभूमि के रूप में चित्रित किया जाता है तथा जो चित्र के विषय के अनुकूल चित्रित किया जाता है, वातावरण और आकृति दोनों ही एक-दूसरे के महत्व को घटाते और बढ़ाते हैं।
उदाहरण के लिए - पनघट का दृश्य चित्रित करते हैं तो मानव आकृति यदि ज्यादा बड़ी बना दी जाये या फिर ज्यादा छोटी बना दी जाये दोनों ही स्थिति में वातावरण से सामन्जस्य स्थापित नहीं हो सकता है। क्योंकि यदि आकृति बड़ी बना दी जाती है तो पृष्ठभूमि पर आकृतियों का महत्व बढ़ जायेगा और पृष्ठभूमि क महत्व कम हो जायेगा और यदि आकृतियाँ छोटी बना दी जायेगी तो पृष्ठभूमि का महत्व अधिक हो जायेगा एवं आकृतियों का महत्व कम हो जायेगा।
इस प्रकार दोनों आकृति एवं वातावरण परस्पर सहायक होते है और अच्छे चित्र में दोनों का समुचित निर्वाह किया जाता है। यदि किसी चित्र में केवल आकृतियों का ही पूरा ध्यान रखा जाता है और पृष्ठभूमि को कोई महत्व नहीं दिया जाता तो ऐसा चित्र उत्तम कोटि में नहीं रखा जा सकता है। वास्तव में आकृति और वातावरण एक-दूसरे की प्रभाव - वृद्धि में सहायता करते है।
जब चित्रकार चित्र के माध्यम से अपने अनुभवों को अभिव्यक्त करने का प्रयास करता है तो इसके लिए वह ऐसी रूपरेखा तैयार करता है जिसमें आकृति एवं रिक्त स्थान की समुचित व्यवस्था हो अर्थात कितना भाग. रिक्त छोड़ा जाये और कितने भाग में आकृति बनायी जाये। यदि रिक्त स्थान कम है और आकृतीय स्थान अधिक हो तो आकृतियाँ चित्र भूमि से बाहर दिखायी देगी। यदि रिक्त स्थान अधिक है और आकृतीय स्थान कम है तो आकृतियों का महत्व कम हो जायेगा। इस प्रकार देखा जाता है कि आकृतियाँ और उसके चारों ओर का स्थान (वातावरण) एक-दूसरे के महत्व को बढ़ाते हैं।
|