बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- रूप और अन्तराल में सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिये? एक अन्तराल में रूप की व्यवस्था किस प्रकार की जा सकती है?
अथवा
रूप और अन्तराल में क्या सम्बन्ध है? विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर -
रूप एवं अन्तराल में सम्बन्ध
अन्तराल में रूप को स्थान चित्र निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण है। ये मान्य सिद्धान्तों के साथ ही साथ कलाकार के अपने अनुभव पर भी निर्भर करता है। रूप अन्तराल के महत्व को बढ़ा सकता है और घटा भी सकता हैं यदि एक वर्गाकार को चित्रभूमि के ठीक बीच में रख दे (बनाये) या फिर इसी को केन्द्र से थोड़ा दायें या बायें हटाकर बनाये तो दोनों स्थितियों में अन्तर होगा। वर्ग के अन्तराल के बीच में बनाने से अन्तरा में चारों ओर एक समान दबाव बनाता है। इससे एकरसता उत्पन्न हो जाती है। लेकिन इसी वर्ग को यदि केन्द्र के दायें या बायें तरफ बनाया जाये तो उसमें अन्तराल में एक समान दबाव नहीं होगा और चित्र में आकर्षण उत्पन्न होगा।
1. वर्ग 'क' में रूप ठीक मध्य में होने से अन्तराल में एक समान खिचाव बढ़ रहा है।
3. चित्र 'ग' की स्थिति में पुनः पत्तन हो गया है क्योंकि वर्ग की एकदम कोने में बना दिया गया है।
4. चित्र 'घ' में वर्ग की स्थिति सर्वोत्तम है वर्गों के चारो ओर विभिन्न प्रकार की जगह छूटी है। क्योंकि वर्ग का आकार बदल गया है इस प्रकार रूप की स्थिति अन्तराल तथा रूप अनुपात के सामंजस्य के महत्व को बढ़ाते हैं।
कलाकार अन्तराल में रूप की स्थिति व खिचाव का अध्ययन करता है। अजन्ता, अपभ्रशं राजस्थानी और मुगल आदि चित्रों की शैली में रूप तथा अन्तराल का भिन्न-भिन्न सम्बन्ध होने कारण ही उनकी शैलीगत मौलिकता निखरकर आयी है।
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