बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- विरोधाभास एवं सहयोग से आप क्या समझते है स्पष्ट कीजिये।
उत्तर -
विरोधाभास एवं सहयोग
चित्रण में सहयोग स्थापित करने के लिए विरोधाभास होना अत्यन्त आवश्यक है। यद्यपि सहयोग व विरोधाभास एक-दूसरे के विलोमार्थक शब्द है। जिस प्रकार से एक समान आकारों का सम्बन्ध सहयोग स्थापित करता है उसी प्रकार विभिन्न आकारों का सम्बन्ध होना भी आवश्यक चाहे तो एक से आकार हो या विरोधी आकारों का आपसी सम्बन्ध ही सहयोग कहलाता है। इसी प्रकार विभिन्न वर्णों में भी सहयोग होना चाहिये। इसके लिए चित्रकार ऐसी वर्ण योजना तैयार करता है जिसमें दर्शक की दृष्टि एक वर्ण से दूसरे वर्ण पर होती हुयी सम्पूर्ण तल पर घूमती है। इस दृष्टि के घुमाव से जो मार्ग निर्धारित होता है वह ज्यामितीय भी हो सकती है। जैसे त्रिभुज, अण्डाकार, गोलाकार आदि। इस प्रकार चित्र विभिन्न तत्वों रेखा, रूप, तान, पोत आदि विभिन्न तत्वों के आपसी सहयोग से है। सहयोग का मुख्य उद्देश्य चित्र को एक से अधिक भाग में बाँटने से बचाना है। जिससे कि उसकी आपसी सहयोग बना रहे।
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