बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण तथ्य
ब्रिफाल्ट के अनुसार - मानव परिवार तो क्या पशु परिवार का भी आदि रूप मातृसत्तात्मक ही था । बैकोफोन ने उद्विकासीय सिद्धान्त का प्रतिपादन किया।
बैकोफोन ने परिवार के उद्विकासीय क्रम इस प्रकार है-
1. कामाचार की स्थिति,
2. बहुपति विवाही परिवार
3. एक विवाही परिवार ।
समरक्त परिवार व्यवस्था में यौन सम्बन्ध स्थापित करने के कोई सामाजिक नियम नहीं थे।
समूह परिवार के सभी भाइयों का विवाह दूसरे परिवार की सभी बहिनों से होता था । प्रत्येक पुरुष सभी स्त्रियों का पति था और प्रत्येक स्त्री सभी पुरुषों की पत्नी थी।
लिण्टन ने समरक्त परिवार को दो भागों में बाँटा है समरक्त परिवार, विवाह सम्बन्धी परिवार।
प्रो. डेविस के अनुसार - परिवार के चार प्रकार्य होते हैं प्रजनन, रण-पोषण, सामाजिक संरक्षण ,समाजीकरण ।
बोटोमोर ने - डेविस द्वारा बताये हुए कार्यों में आर्थिक कार्यों को भी जोड़ा है।
मारडॉक ने - 250 समाज के अध्ययन के बाद परिवार के चार सार्वभौमिक कार्यों का उल्लेख किया यौन सन्तुष्टि, प्रजनन, आर्थिक, शैक्षणिक ।
कॉम्ट के अनुसार - व्यक्ति नहीं, परिवार ही समाज के अध्ययन की इकाई है।
आर. एन. सक्सेना ने - संयुक्त परिवार में परिवर्तन लाने वाले कारणों को तीन भागों में बाँटा है-
1. आर्थिक कारक
2. भावनात्मक कारक
3. नए सामाजिक कानून
संयुक्त परिवार को विघटित करने वाले कारक निम्न हैं- औद्योगीकरण, नगरीकरण, कानूनों का प्रभाव, परिवार के कार्यों में कमी, परिवार के झगड़े, पाश्चात्य शिक्षा, संस्कृति एवं विचारधारा का प्रभाव, महिला आन्दोलन, जनसंख्या में वृद्धि, सामाजिक सुरक्षा, यातायात या संचार के प्रभाव।
संयुक्त परिवार की निम्न प्रमुख विशेषताएँ हैं बड़ा आकार, अधिकार और दायित्व, सामान्य निवास, सामान्य रसोईघर, सामान्य सम्पत्ति, रक्त सम्बन्ध से सम्बन्धित सामान्य पूजा या धार्मिक कर्त्तव्य, सहयोगी व्यवस्था परिवार का मुखिया, तुलनात्मक स्थायित्व।
संयुक्त परिवार के लाभ - शासन सम्बन्धी लाभ, धार्मिक कार्य सम्बन्धी लाभ, मार्गदर्शन, बच्चों के लालन-पालन में योगदान, धन का उचित उपयोग, अनुशासन एवं नियन्त्रण, संस्कृति की रक्षा, श्रम विभाजन, मनोरंजन, सम्पत्ति के विभाजन में बचाव, राष्ट्रीय एकता एवं देश सेवा।
संयुक्त परिवार के दोष - अकर्मण्य व्यक्तियों की वृद्धि, व्यक्तित्व के विकास में बाधा, कलह का केन्द्र, कुशलता में बाधा, गतिशीलता में बाधक, गोपनीय स्थान का अभाव, स्त्रियों की दुर्दशा, सामाजिक समस्याओं का पोषक, शुष्क एवं नीरस वातावरण।
संयुक्त परिवार से सम्बन्धित अध्ययन-
(i) सुधा कालदा - पुराने बम्बई राज्य
(ii) ए. डी. ड्राइवर - नागपुर
(iii) एम. एस. गोरे - दिल्ली और हरियाणा के सीमावर्तीअग्रवाल
(iv) कपाड़िया - नक्सारी गुजरात
(v) वी. पी.. शाह - बड़ौदा
(vi) देसाई - महुआ (म. प्र. )
(vii) पी. एम. कोलिण्डा - लोनी खण्ड (पूना)
संयुक्त परिवार के विभिन्न नाम-
परिवार - जाति / जनजाति
धारवाड - नायर
ओक्का - कुर्ग
नोक - गारो
इलम - नम्बूदरी
नायरों में एकाकी परिवार को तावझी कहते हैं।
स्वतन्त्रता, समानता, लोकतान्त्रिक व्यवस्था की संरचना के मूल सिद्धान्त इस प्रकार हैं. विश्वबन्धुता, मौलिक अधिकार, स्वतन्त्र न्यायपालिका, राज्य सत्ता का अन्तिम स्रोत जनता, - लोककल्याणकारी राज्य।
भारत में लोकतन्त्र के प्रमुख आधार हैं भारतीय संविधान, संसदीय शासन प्रणाली मौलिक अधिकार, राज्य के नीति-निर्देशक तत्व, वयस्क मताधिकार एवं समानता के आधार पर स्वतन्त्र व निष्पक्ष चुनाव, स्वतन्त्र न्यायपालिका, शासन सत्ता का लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण, लोकतान्त्रिक समाजवाद, धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना।
सामाजिक परिवर्तन में लोकतन्त्र की भूमिका इस प्रकार है- सामाजिक समानता, निर्बल व्यक्तियों की प्रस्थिति में सुधार, सामाजिक-राजनीतिक जागरूकता, शिक्षा का प्रसार व प्रचार, ग्रामीण विकास को प्रोत्साहन, आर्थिक विकास, संचार सुविधाओं में वृद्धि।
लोकतन्त्र के विकास में निम्न तत्व बाधा पहुँचा रहे हैं अशिक्षा, निर्धनता व बेकारी, बढ़ती जनसंख्या, स्वतन्त्र व निष्पक्ष चुनाव पर प्रश्नचिह्न, चुनाव में धन-बल का अत्यधिक महत्व, कुशल व योग्य व्यक्तियों को पार्टी का टिकट कम मिलना, जाति, भाषा और धर्म के आधार पर राजनीति, दल-बदल की राजनीति, सशक्त और उत्तरदायी विपक्ष का अभाव, हिंसा की राजनीति।
15 अगस्त, 1947 में अखण्ड भारत का विभाजन भारत और पाकिस्तान के रूप में हुआ।
31 अक्टूबर, 1984 को इन्दिरा गाँधी की निर्मम हत्या उन्हीं के दो सुरक्षा गार्डों द्वारा की गयी।
भारत एक लोकतान्त्रिक राज्य है।
मातुल स्थानिक परिवार की प्रथा ट्रोबियांण्डा द्वीपवासियों में प्रचलित है। इनमें भान्जा विवाह के बाद अपनी पत्नी सहित मामा के यहाँ रहने चला जाता है।
|
- अध्याय - 1 भारतीय समाज की संरचना एवं संयोजन : गाँव एवं कस्बे
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 2 नगर और ग्रामीण-नगरीय सम्पर्क
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 3 भारतीय समाज में एकता एवं विविधता
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 4 भारतीय समाज का अध्ययन करने हेतु भारतीय विधा, ऐतिहासिक, संरचनात्मक एवं कार्यात्मक परिप्रेक्ष्य
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 5 सांस्कृतिक एवं संजातीय विविधताएँ: भाषा एवं जाति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 6 क्षेत्रीय, धार्मिक विश्वास एवं व्यवहार
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 7 भारत में जनजातीय समुदाय
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 8 जाति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 9 विवाह
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 10 धर्म
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 11 वर्ग
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 12 संयुक्त परिवार
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 13 भारत में सामाजिक वर्ग
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय- 14 जनसंख्या
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 15 भारतीय समाज में परिवर्तन एवं रूपान्तरण
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 16 राष्ट्रीय एकीकरण को प्रभावित करने वाले कारक : जातिवाद, साम्प्रदायवाद व नक्सलवाद की राजनीति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला