बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृतिसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
विदेशी यात्रियों के विवरण प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने में हमारी किस प्रकार सहायता करते हैं? बताइये।
उत्तर-
प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों के विवरण से हमें पर्याप्त सहायता मिलती है। भारत में आने वाले विदेशी यात्रियों एवं लेखकों में से कुछ ने तो भारत में रहकर अपने स्वयं के अनुभव से इतिहास के विषय में लिखा तथा कुछ ने जनश्रुतियों एवं भारतीय ग्रन्थों को अपने विवरण का आधार बनाया। इन लेखकों में यूनानी, चीनी तथा अरबी-फारसी लेखक विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इनका विवरण निम्नवत है-
1. यूनानी - रोमन लेखक - यूनान के प्राचीनतम लेखकों में हेरोडोटस का नाम प्रसिद्ध है। उसने अपनी पुस्तक 'हिस्टोरिका' (Historica) में पाँचवी शताब्दी ईसा पूर्व के भारत-फारस के सम्बन्ध का वर्णन किया है। परन्तु उसका विवरण अधिकांशत: अनुश्रुतियों तथा अफवाहों पर आधारित है। सिकन्दर के साथ आने वाले लेखकों में नियार्कस, आनेसिक्रिटस तथा आरिस्टोबुलस के विवरण अपेक्षाकृत अधिक प्रामाणिक एवं विश्वसनीय हैं। चूँकि इन लेखकों का उद्देश्य अपनी रचनाओं के द्वारा अपने देशवासियों को "भारतीयों के विषय में जानकारी देना था, अतः इनका विवरण यथार्थ है। सिकन्दर के बाद मेगस्थनीज, डाइमेकस तथा डायोनिसियस के नाम उल्लेखनीय हैं जो यूनानी शासकों द्वारा पाटलिपुत्र के मौर्य दरबार में भेजे गये थे। इनमें मेगस्थनीज सर्वाधिक प्रसिद्ध है। वह चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था। उसने 'इण्डिका' (Indica) नामक पुस्तक में मौर्ययुगीन समाज एवं संस्कृति के विषय में लिखा है। इण्डिका यूनानियों द्वारा भारत के सम्बन्ध में प्राप्त ज्ञानराशि में सबसे अमूल्य रत्न है। अन्य ग्रन्थों में 'पेरीप्लस ऑफ 'द इरिथ्रयन-सी (Periplus of the Erythrean Sea), टालमी का भूगोल, प्लिनी का 'नेचुरल हिस्ट्री' (Natural History) आदि का भी उल्लेख किया जा सकता है। पेरीप्लस का लेखक 80 ई. के लगभग हिन्द महासागर की यात्रा पर आया था। उसने तत्कालीन बन्दरगाहों तथा व्यापारिक वस्तुओं का विवरण दिया है। प्राचीन भारत के समुद्री व्यापार की जानकारी के लिये उसका विवरण बहुत उपयोगी है। दूसरी शताब्दी ईस्वी में टालमी ने भारत का भूगोल लिखा था। प्लिनी का ग्रन्थ प्रथम शताब्दी ईस्वी का है। इस ग्रन्थ से भारत के प्राचीन पशुओं, पेड़-पौधों, खनिज पदार्थों आदि के विषय में ज्ञान प्राप्त होता है।
2. चीनी लेखक - प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने में चीनी यात्रियों के विवरण भी विशेष उपयोगी रहे हैं। ये चीनी यात्री बौद्ध मतानुयायी थे तथा भारत में बौद्ध तीर्थ स्थानों की यात्रा और बौद्ध धर्म के विषय में जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से आये थे। इनमें चार के नाम विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं फाहियान, सुंगयुन, ह्वेनसांग तथा इन्सिंग। फाहियान, गुप्त नरेश चन्द्रगुप्त द्वितीय 'विक्रमादित्य' के दरबार में आया था। उसने अपने विवरण में मध्यदेश के समाज एवं संस्कृति का वर्णन किया है। सुंगयुन 518 ई. में भारत आया और उसने अपने तीन वर्ष की यात्रा में बौद्ध ग्रन्थों की प्रतियाँ एकत्रित कीं। हवेनसांग हर्षवर्द्धन के शासनकाल में (629 ई. लगभग) भारत आया था। उसने 16 वर्षों तक यहाँ निवास किया और विभिन्न स्थानों की यात्रा की। उसका भ्रमण वृतान्त 'सि-यू-की' नाम से प्रसिद्ध है जिसमें 138 देशों का विवरण मिलता है। इससे हर्षकालीन भारत के समाज, धर्म तथा राजनीति पर सुन्दर प्रकाश पड़ता है। भारतीय संस्कृति के इतिहास में ह्वेनसांग ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इत्सिंग सातवीं शताब्दी के अन्त में भारत आया था। उसके विवरण से नालन्दा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय तथा तत्कालीन भारत के विषय में जानकारी प्राप्त होती हैं।
3. अरबी लेखक - अरब के यात्रियों तथा लेखकों के विवरण से हमें पूर्वमध्यकालीन भारत के समाज एवं संस्कृति के विषय में ज्ञान प्राप्त होता है। अरबी लेखकों में अल्बरूनी का नाम सर्वप्रसिद्ध है। गणित, विज्ञान एवं ज्योतिष के साथ ही साथ वह अरबी, फारसी एवं संस्कृत भाषाओं का भी अच्छा ज्ञाता था। वह महमूद गजनवी के साथ भारत आया था किन्तु उसका दृष्टिकोण महमूद से पूर्णतया भिन्न था और वह भारतीयों का निन्दक न होकर उनकी बौद्धिक सफलताओं का महान प्रशंसक था। भारतीय संस्कृति के अध्ययन में उसकी गहरी रुचि थी तथा गीता से वह विशेष रूप से प्रभावित हुआ। उसने भारतीयों से जो कुछ सुना उसी के आधार पर उनकी सभ्यता का विवरण प्रस्तुत कर दिया। अपनी पुस्तक तहकीक-ए-हिन्द' (भारत की खोज) में उसने यहाँ के निवासियों की दशा का वर्णन किया है। इससे राजपूतकालीन समाज, धर्म, रीति-रिवाज, राजनीति आदि पर सुन्दर प्रकाश पड़ता है। अल्बरूनी के अतिरिक्त अल-बिलादुरी, सुलेमान, अल-मसऊदी, हसन निजाम, फरिश्ता, निजामुद्दीन आदि मुसलमान लेखकों की कृतियों से भी प्राचीन भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त होती हैं।
इस प्रकार विदेशी यात्रियों के विवरण प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने में हमारी विशेष रूप से सहायता करते हैं। इन विवरणों के आधार पर हम भारत के प्राचीन इतिहास का पुननिर्माण कर सकते हैं।
|
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की सुस्पष्ट जानकारी दीजिये।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- 'फाह्यान' पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
- प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - प्राचीन इतिहास अध्ययन के स्रोत
- उत्तरमाला
- प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नन्द कौन थे महापद्मनन्द के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- छठी सदी ईसा पूर्व में गणराज्यों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- छठी शताब्दी ई. पू. में महाजनपदीय एवं गणराज्यों की शासन प्रणाली के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बिम्बिसार की राज्यनीति का वर्णन कीजिए तथा परिचय दीजिए।
- प्रश्न- उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नन्द साम्राज्य की विशालता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- धननंद और कौटिल्य के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- धननंद के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- मगध की भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गणराज्य किसे कहते हैं?
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - महाजनपद एवं गणतन्त्र का विकास
- उत्तरमाला
- प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में आप क्या जानते हैं? उसकी उपलब्धियों और शासन व्यवस्था पर निबन्ध लिखिए|
- प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य और मेगस्थनीज के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सम्राट के धम्म के विशिष्ट तत्वों का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय इतिहास में अशोक एक महान सम्राट कहलाता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौर्य साम्राज्य
- उत्तरमाला
- प्रश्न- शुंग कौन थे? पुष्यमित्र का शासन प्रबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- कण्व या कण्वायन वंश को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पतंजलि कौन थे?
- प्रश्न- शुंग काल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - शुंग तथा कण्व वंश
- उत्तरमाला
- प्रश्न- सातवाहन युगीन दक्कन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आन्ध्र-सातवाहन कौन थे? गौतमी पुत्र शातकर्णी के राज्य की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- शक सातवाहन संघर्ष के विषय में बताइए।
- प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख के माध्यम से रुद्रदामन के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शकों के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- नहपान कौन था?
- प्रश्न- शक शासक रुद्रदामन के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मिहिरभोज के विषय में बताइए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - सातवाहन वंश
- उत्तरमाला
- प्रश्न- कलिंग नरेश खारवेल के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कलिंगराज खारवेल की उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - कलिंग नरेश खारवेल
- उत्तरमाला
- प्रश्न- हिन्द-यवन शक्ति के उत्थान एवं पतन का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- मिनेण्डर कौन था? उसकी विजयों तथा उपलब्धियों पर चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- एक विजेता के रूप में डेमेट्रियस की प्रमुख उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हिन्द पहलवों के बारे में आप क्या जानते है? बताइए।
- प्रश्न- कुषाणों के भारत में शासन पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- कनिष्क के उत्तराधिकारियों का परिचय देते हुए यह बताइए कि कुषाण वंश के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- हिन्द-यवन स्वर्ण सिक्के पर प्रकाश डालिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - भारत में विदेशी आक्रमण
- उत्तरमाला
- प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
- प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्कन्दगुप्त की उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
- प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है? उसके विषय में आप सूक्ष्म में बताइए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - गुप्त वंश
- उत्तरमाला
- प्रश्न- दक्षिण के वाकाटकों के उत्कर्ष का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वाकाटक वंश
- उत्तरमाला
- प्रश्न- हूण कौन थे? तोरमाण के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- हूण आक्रमण के भारत पर क्या प्रभाव पड़े? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त साम्राज्य पर हूणों के आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - हूण आक्रमण
- उत्तरमाला
- प्रश्न- हर्ष के समकालीन गौड़ नरेश शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- हर्ष का समकालीन शासक शशांक के साथ क्या सम्बन्ध था? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- हर्ष की सामरिक उपलब्धियों के परिप्रेक्ष्य में उसका मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- सम्राट के रूप में हर्ष का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- हर्षवर्धन की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- हर्ष का मूल्यांकन पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- हर्ष का धर्म पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- पुलकेशिन द्वितीय पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- ह्वेनसांग कौन था?
- प्रश्न- प्रभाकर वर्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- गौड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वर्धन वंश
- उत्तरमाला
- प्रश्न- मौखरी वंश की उत्पत्ति के विषय में बताते हुए इस वंश के प्रमुख शासकों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मौखरी कौन थे? मौखरी राजाओं के जीवन तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मौखरी वंश का इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौखरी वंश
- उत्तरमाला
- प्रष्न- परवर्ती गुप्त शासकों का राजनैतिक इतिहास बताइये।
- प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासकों के मौखरी शासकों से किस प्रकार के सम्बन्ध थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परवर्ती गुप्तों के इतिहास पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासक नरसिंहगुप्त 'बालादित्य' के विषय में बताइये।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - परवर्ती गुप्त शासक
- उत्तरमाला