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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2721
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरब प्रश्नोत्तर

 

यूनिट - VI

अध्याय - 6 :
परीक्षण

(Test)

 

प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

परीक्षण - एनास्तासी के अनुसार एक मनोवैज्ञानिक परीक्षण निश्चित रूप से व्यवहार के न्यायदर्श का प्रमापीकृत और वस्तुगत मापन है। मनोवैज्ञानिक परीक्षण अन्य विज्ञानों में प्रयुक्त परीक्षणों के समान ही है। जहाँ तक सावधानीपूर्वक चयन किये गए व्यक्ति के व्यवहार का निरीक्षण करने का प्रश्न है, मनोवैज्ञानिक भी मापन की ओर उसी प्रकार बढ़ता है जिस प्रकार एक रसायनशास्त्री रोगी के रक्त का नमूना लेकर परीक्षण करता है।

मनोवैज्ञानिक परीक्षण, निरीक्षण व्यवहार का पूर्ण उपयुक्त परीक्षण करते हैं, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि हमारे न्यादर्श में शामिल किए गये शब्दों की संख्या और प्रकृति क्या है?

किसी भी मनोवैज्ञानिक परीक्षण का नैदानिक या पूर्वकथनात्मक मूल्य उसके उन अंशों पर निर्भर करता है जिन अंशों पर निर्भर करता है जिन अंशों तक कि वह व्यवहार के विस्तृत और महत्वपूर्ण क्षेत्र का सापेक्षिक सूचक होता है। मनोवैज्ञानिक परीक्षण का उद्देश्य उसके द्वारा मापित प्रत्यक्ष व्यवहार का न्यायदर्श होता है।

परीक्षण की विशेषताएँ - एक परीक्षण में निम्नलिखित विशेषताऐं होती हैं -

1. वैधता - किसी परीक्षण की वैधता उसकी वह मात्रा है जिस मात्रा तक वह उस वस्तु को मापता है जिसके लिए उसका निर्माण किया गया है। परीक्षण की वैधता हमें यह बताती है कि क्या परीक्षण हमारे उद्देश्य के लिए सही वस्तु को मापता है। कोई भी परीक्षण 100% पूर्ण नहीं होता। अतः यदि कोई परीक्षण उच्च मात्रा में वही मापता है जिसे मापने के लिए उसका निर्माण किया गया है तो वह वैध परीक्षण है।

2. विश्वसनीयता - कोई भी मापन विधि उस सीमा तक विश्वसनीय होती है, जिस सीमा तक वह बार-बार प्रयोग करने पर भी एक से परिणाम प्रदान करें। एक से परिणामों से तात्पर्य यह है कि किसी व्यक्ति का उस परीक्षण पर करीब-करीब वही अंक प्राप्त हों जो प्रथम बार हुए थे या समूह में उसका स्थान वहीं बना रहे जो प्रथम प्रयास में परीक्षण द्वारा इंगित किया गया। विश्वसनीयता किसी परीक्षण श्रृंखला पर व्यक्ति के प्राप्तांक की संगति है।

परीक्षण की विश्वसनीयता हमें यह बतलाती है कि किस सीमा तक फलांकों की वैयक्तिक भिन्नता को मापन की अनायास त्रुटि के कारण उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। इसके द्वारा यह भी पता चलता है कि किस सीमा तक शीलगुणों की वास्तविक भिन्नता को इन वैयक्तिक भिन्नताओं का कारण ठहराया जा सकता है। परीक्षण विश्वसनीयता की हर माप यह इंगित करती है कि परीक्षण प्राप्तांकों के कुल प्रसरण का कौन सा अनुपात " त्रुटिप्रसरण" है।

3. वस्तुनिष्ठता - वस्तुनिष्ठता विज्ञान का एक मुख्य लक्ष्य है। वस्तुनिष्ठता का अर्थ है, पारस्परिक सहमति। पूर्णरूप से वस्तुनिष्ठ परीक्षण यह है जिस पर निष्पादन को देखकर कोई भी निर्णायक एक ही निर्णय पर पहुँचे। कोई व्यक्ति यदि किसी परीक्षण पर समान अंक प्राप्त करता है, चाहें उसका परीक्षक कोई भी हो, तो परीक्षण वस्तुनिष्ठ है।

4. प्रमापीकरण - ऐसा परीक्षण, जिसमें परीक्षण विधि, यन्त्र और फलांकन विधि निश्चित होते हैं, प्रमापीकृत परीक्षण होता है। यदि विभिन्न व्यक्तियों द्वारा प्रदत्तों की तुलना करनी है तो आवश्यक है कि परीक्षण के प्रशासन की विधि सभी व्यक्तियों के लिए एक सी होनी चाहिए।

प्रमापीकरण का एक अन्य आवश्यक पक्ष, मानकों का निर्धारण करना है। बिना मानकों के परीक्षण प्राप्तांकों की व्याख्या नहीं की जा सकती हैं। मानक वह अंक होते हैं जो प्रतिनिधि प्रयोज्यों से प्राप्त किए जाते हैं। इनके द्वारा एक व्यक्ति की दूसरे से तुलना की जा सकती है। मानक द्वारा समग्र को परिभाषित करने का कार्य भी लिया जाता है। मानक वैयक्तिक भिन्नताओं को जानने के लिए भी अनिवार्य होते हैं। मानकों का सबसे अधिक महत्व निर्देशन और चिकित्सा के क्षेत्र में है। मानकों को औसतांक, मानक विचलन, शतांश अंक तथा मानक अंक द्वारा दर्शाया गया है।

5. व्यापकता - व्यापकता का अर्थ है किसी परीक्षण में पाठ्यक्रम में सम्मिलित तथ्यों में से अधिक से अधिक समावेश। परीक्षण परीक्षार्थी के व्यवहार का केवल आंशिक न्यायदर्श न हो। जितना अधिक कोई परीक्षण पाठ्यक्रम एवं उनके विभिन्न अंशों एवं क्षेत्रों से सम्बन्धित होगा, उतना ही व्यापक भी होगा। किसी सांख्यिकीय सूत्र के आधार पर हम व्यापकता का अनुमान नहीं लगा सकते। परीक्षण की व्यापकता के बारे में निर्णय करना स्वयं निर्माता की सूझ-बूझ, उसकी कुशाग्र बुद्धि एवं उसकी परीक्षण- निर्माण की क्षमता पर निर्भर है।

6. विभेदीकरण - एक परीक्षण तभी विभेदी कारी होता है जब वह निष्पत्ति या उपार्जन में अन्तर का पता लगा सके और सुयोग्य एवं अयोग्य छात्रों से भेद कर सके। परीक्षण पद जब भली-भाँति विद्यार्थियों में विभेद करता है तभी उसका निष्पत्ति या अंकों के आधार पर पद क्रम सम्भव है।

7. पद - वह पद जिस पर अच्छे विद्यार्थी, बुरे विद्यार्थियों से अच्छे अंक प्राप्त करते हैं, एक अच्छा पद होता है। जबकि वह पद जो किसी प्रकार की भिन्नता नहीं दर्शाता अर्थात जिस पर कमजोर विद्यार्थी अधिक सफल होते हैं, अपर्याप्त पद होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  2. प्रश्न- मापनी से आपका क्या तात्पर्य है? मापनी की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिये।
  3. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिये।
  4. प्रश्न- मापन का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए इसकी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।'
  5. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन को स्पष्ट करते हुए मापन के गुणों का उल्लेख कीजिए तथा मनोवैज्ञानिक मापन एवं भौतिक मापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- मापन की जीवन में नितान्त आवश्यकता है, इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  8. प्रश्न- मापन के महत्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- प्रायोगिक विधि को परिभाषित कीजिए तथा इसके सोपानों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
  15. प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  16. प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
  18. प्रश्न- जनसंख्या की परिभाषा दीजिए। इसके प्रकारों का विवेचन कीजिए।
  19. प्रश्न- वैज्ञानिक प्रतिदर्श की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  20. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  21. प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
  22. प्रश्न- अवलोकन का महत्व बताइए।
  23. प्रश्न- पक्षपात पूर्ण प्रतिदर्श क्या है? इसके क्या कारण होते हैं?
  24. प्रश्न- प्रतिदर्श या प्रतिचयन के उद्देश्य बताइये।
  25. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  26. उत्तरमाला
  27. प्रश्न- वर्णनात्मक सांख्यिकीय से आप क्या समझते हैं? इस विधि का व्यवहारिक जीवन में क्या महत्व है? समझाइए।
  28. प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
  29. प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
  30. प्रश्न- बहुलांक से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष तथा उपयोग की विवेचना करें।
  31. प्रश्न- चतुर्थांक विचलन से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों की व्याख्या करें।
  32. प्रश्न- मानक विचलन से आप क्या समझते है? मानक विचलन की गणना के सोपान बताइए।
  33. प्रश्न- रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके महत्व, सीमाएँ एवं विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए।
  34. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज के अर्थ को स्पष्ट करते हुए रेखाचित्र की सहायता से इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- संचयी प्रतिशत वक्र या तोरण किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ है? उदाहरण की सहायता से इसकी पद रचना समझाइए।
  36. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या समझते हैं?
  37. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के उद्देश्य बताइए।
  38. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  39. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  40. प्रश्न- विचलनशीलता का अर्थ बताइए।
  41. प्रश्न- प्रसार से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- प्रसरण से आप क्या समझते हैं?
  43. प्रश्न- विचलन गुणांक की संक्षिप्त व्याख्या करें।
  44. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज और स्तम्भाकृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- तोरण वक्र और संचयी आवृत्ति वक्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- स्तम्भाकृति (Histogram) और स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) किसे कहते हैं?
  48. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यांक की गणना कीजिए।
  49. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के बहुलांक की गणना कीजिए।
  50. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यमान की गणना कीजिए।
  51. प्रश्न- निम्न आँकड़ों से माध्यिका ज्ञात कीजिए :
  52. प्रश्न- निम्नलिखित आँकड़ों का मध्यमान ज्ञात कीजिए :
  53. प्रश्न- अग्रलिखित आँकड़ों से मध्यमान ज्ञात कीजिए।
  54. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  55. उत्तरमाला
  56. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र से क्या समझते हैं? इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- कुकुदता से आप क्या समझते हैं? यह वैषम्य से कैसे भिन्न है?
  58. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र के उपयोग बताइये।
  59. प्रश्न- एक प्रसामान्य वितरण का मध्यमान 16 है तथा मानक विचलन 4 है। यह बताइये कि मध्य 75% केसेज किन सीमाओं के मध्य होंगे?
  60. प्रश्न- किसी वितरण से सम्बन्धित सूचनायें निम्नलिखित हैं :-माध्य = 11.35, प्रमाप विचलन = 3.03, N = 120 । वितरण में प्रसामान्यता की कल्पना करते हुए बताइये कि प्रप्तांक 9 तथा 17 के बीच कितने प्रतिशत केसेज पड़ते हैं?-
  61. प्रश्न- 'टी' परीक्षण क्या है? इसका प्रयोग हम क्यों करते हैं?
  62. प्रश्न- निम्नलिखित समूहों के आँकड़ों से टी-टेस्ट की गणना कीजिए और बताइये कि परिणाम अमान्य परिकल्पना का खण्डन करते हैं या नहीं -
  63. प्रश्न- सामान्य संभाव्यता वक्र की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- एक वितरण का मध्यमान 40 तथा SD 3.42 है। गणना के आधार पर बताइये कि 42 से 46 प्राप्तांक वाले विद्यार्थी कितने प्रतिशत होंगे?
  65. प्रश्न- प्रायिकता के प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  66. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  67. उत्तरमाला
  68. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  70. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक गणना की प्रोडक्ट मोमेन्ट विधियों का वर्णन कीजिए। कल्पित मध्यमान विधि का उदाहरण देकर वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- उदाहरण की सहायता से वास्तविक मध्यमान विधि की व्याख्या कीजिए।
  72. प्रश्न- काई वर्ग परीक्षण किसे कहते हैं?
  73. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
  74. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  75. प्रश्न- जब ED2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
  76. प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
  77. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  78. उत्तरमाला
  79. प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- परीक्षण रचना के सामान्य सिद्धान्तों, विशेषताओं तथा चरणों का वर्णन कीजिये।
  81. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता से आप क्या समझते हैं? विश्वसनीयता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- किसी परीक्षण की वैधता से आप क्या समझते हैं? वैधता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  83. प्रश्न- पद विश्लेषण से आप क्या समझते हैं? पद विश्लेषण के क्या उद्देश्य हैं? इसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  84. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता किन रूपों में मापी जाती है? विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
  85. प्रश्न- "किसी कसौटी के साथ परीक्षण का सहसम्बन्ध ही वैधता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- मानकीकरण से आप क्या समझते हैं? इनकी क्या विशेषतायें हैं? मानकीकरण की प्रक्रिया विधि की विवेचना कीजिये।
  87. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में अन्तर बताइए।
  88. प्रश्न- परीक्षण फलांकों (Test Scores) की व्याख्या से क्या तात्पर्य है?
  89. प्रश्न- परीक्षण के प्रकार बताइये।
  90. प्रश्न- पद विश्लेषण की समस्याएँ बताइये।
  91. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  92. उत्तरमाला
  93. प्रश्न- बुद्धि के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बुद्धि के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  94. प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  95. प्रश्न- वेक्सलर बुद्धि मापनी का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- वेक्सलर द्वारा निर्मित बच्चों की बुद्धि मापने के लिए किन-किन मापनियों का निर्माण किया गया है? व्याख्या कीजिए।
  97. प्रश्न- कैटेल द्वारा प्रतिपादित सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
  98. प्रश्न- आयु- मापदण्ड (Age Scale) एवं बिन्दु - मापदण्ड (Point Scale) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  99. प्रश्न- बुद्धि लब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है?
  100. प्रश्न- बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  101. प्रश्न- वेक्सलर मापनियों के नैदानिक उपयोग की व्याख्या कीजिए।
  102. प्रश्न- वेक्सलर मापनी की मूल्यांकित व्याख्या कीजिए।
  103. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  104. उत्तरमाला
  105. प्रश्न- व्यक्तिगत आविष्कारिका क्या है? कैटेल द्वारा प्रतिपादित सोलह ( 16 P. F) व्यक्तित्व-कारक प्रश्नावली व्यक्तित्व मापन में किस प्रकार सहायक है?
  106. प्रश्न- प्रक्षेपण विधियाँ क्या हैं? यह किस प्रकार व्यक्तित्व माप में सहायक हैं?
  107. प्रश्न- प्रेक्षणात्मक विधियाँ (Observational methods) किसे कहते हैं?
  108. प्रश्न- व्यक्तित्व मापन में किन-किन विधियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है?
  109. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  110. उत्तरमाला

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