लोगों की राय

बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :232
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2701
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

प्रश्न- पर्यावरण के जैविक एवं अजैविक कारकों पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर-

जैविक कारक (Biotic Factors) - इस सृष्टि में कोई भी प्राणी अपना स्वतंत्र अस्तित्व नहीं रखता, अपितु रूप से वे एक दूसरे को प्रभावित अवश्य करते हैं। ये सभी कारक जैविक कारकों की श्रेणी में आते हैं। पुद-पौधे, जीव-जन्तु तथा मानव को ही मुख्यतः जैविक कारकों की श्रेणी में रखा जाता है।

उदाहरणार्थ - एक स्थान विशेष में उगने वाले पौधे जहाँ एक तरफ स्वयं अपनी ही प्रजाति के पौधों से प्रभावित होते हैं, वहीं उस पौधे के बीच बसने वाले जीव-जन्तु भी प्रभावित होते हैं तथा वहां उगने वाले अन्य पौधों पर भी प्रभाव डालते हैं। इस प्रकार जीवों के बीच परस्पर क्रिया प्रतिक्रिया का एक जैविक सम्बन्ध स्थापित हो जाता है, जिसके आधार पर जीवनधारी वातावरण के जैविक कारकों से अनुक्रियाएँ (Interaction) करता है।

ये जैविक सम्बन्ध दो प्रकार के होते हैं - आत्म जीव होते हैं या फिर अन्यजीवी। इन जैविक संबंधों को परजीविता, सहजीवन, दासत्व, पोषण, प्रजनन तथा सहायता के रूप में देखा जाता है। जैविक कारकों के मोटे तौर पर 3 वर्गों में बाँटा जा सकता है - उत्पादक वर्ग, उपभोक्ता वर्ग एवं विघटक वर्ग।

महत्वपूर्ण है कि इन गैसों के अतिरिक्त भी वायुमंडल में अन्य गैसें भी अत्यंत अल्प मात्रा में विद्यमान रहती हैं जैसे - हीलियम, निऑन, क्रिप्टन, जीनोन आदि। वायुमंडल में जल वाष्प की मात्रा भी भिन्न-भिन्न स्थानों में 3-5 प्रतिशत तक पाई जाती है। समुद्र तल से 6 किमी. की ऊँचाई तक पृथ्वी में सर्वत्र विभिन्न गैसों का अनुपात लगभग एक समान रहता है। इससे अधिक ऊँचाई पर इनके अनुपात में परिवर्तन आता जाता है।

अजैविक कारक (Abiotic Factors) - पर्यावरण के ऐसे अजैविक भाग जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जीवों के जीवन को प्रभावित करते हैं, अजैविक पर्यावरणीय कारक कहलाते हैं। इसके अंतर्गत मुख्यतः प्रकाश, गुरुत्व, जल, वायुमंडल, गैसें तथा मिट्टी आदि कारक आते हैं। ये सभी कारक परस्पर एक दूसरे से सम्बंधित हैं। किसी स्थान विशेष के जीवों पर पड़ने वाले प्रभाव इन सभी कारकों की क्रियाशीलता के फलस्वरूप उत्पन्न परिस्थितियों पर निर्भर करता है। यदि कोई एक कारक एक विशेष सीमा से भिन्न मात्रा में क्रियाशील होता है तो संतुलन रूप से यह कारक संकट हो जाता है। अजैविक कारकों को पुनः 2 अन्य वर्गों में विभक्त कर सकते हैं -

(i) भौतिक कारक (Physical Factor)
(ii) रासायनिक कारक (Chemical Factors)

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book