बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा
प्रश्न- सार्वभौमिक मूल्यों की चुनौतियों का संक्षिप्त विवेचन कीजिए।
उत्तर -
यदि आज के जीवन मूल्यों की बात की जाए तो ऐसा लगता है जैसे मजाक किया जा रहा है। आम धारणा यह है कि वर्तमान समय में मूल्यों को चलाना एक कठिन कार्य है। मूलतः जब मूल्यों की बात की जाती है तो नयी कहावतें बनती हैं - सच बोलो, ईमानदारी, माता-पिता का आदर ही जीवन के आवश्यक मूल्य हैं।
सर्वप्रथम यह जानना आवश्यक है कि मूल्य क्या हैं? मूल्यों पर बलदायक ही घर, दम्पत्य, सामाजिक एवं देश के चरित्र तथा देश के चरित्र का निर्माण होता है। चरित्र किसी भी वस्तु का समग्र होता है, आधार होता है।
मूल्य अर्थात जो वस्तु कीमती हो, बहुमूल्य हो। इन सभी व्यवस्थाओं की कीमत होती है जो हमारे जीवन को नई दिशा प्रदान करते हैं।
सार्वभौमिक मूल्य ऐसे मूल्य हैं जो किसी भी स्थान एवं भिन्न परिस्थितियों में समान रूप से आवश्यक होते हैं। वे किसी भी परिस्थिति में मनुष्य से मानवता की भावना का हरण नहीं होने देते हैं। एक उत्कृष्ट एवं सम्पूर्ण नागरिक बनाने में अपना योगदान देते हैं।
सार्वभौमिक मूल्य सदैव मानव में निहित होने चाहिए। ये मूल्य मनुष्य की पूरुषा से एक उत्कृष्ट नागरिक के रूप में बनाते हैं। सार्वभौमिक मूल्य मनुष्य में मानवता का संचार करते हैं। अर्थात ये वे मूल्य होते हैं जो विश्व में प्रेम एवं समाज रूप में वितरित होने चाहिए। मानवता एवं मूल्यों से मनुष्य के लिए जीवन नैतिकता खोज प्राप्ति में मानवता रूपी योग में विशिष्ट रूप उच्च विकसित मनुष्य सजीव माता का निर्माण करती है।
साधारणतः नैतिकता के विकास करने वाले मूल्य निम्नलिखित प्रकार के होते हैं। जिनकी उपस्थिति प्रत्येक मनुष्य में अनिवार्य होनी चाहिए। जैसे - ईमानदारी, निःस्वार्थता, परोपकार, सत्य, प्रेम, निष्ठा, क्षमा आदि। इन सभी गुणों को ही सार्वभौमिक मूल्य के रूप में माना जाता है।
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