बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा
प्रश्न- व्यक्तित्व के विकास एवं चरित्र निर्माण में मूल्यों की उपयोगिता बताइए।
उत्तर -
प्रत्येक मनुष्य के अपने-अपने व्यक्तित्व होते हैं, जिससे उसकी पहचान होती है। करोड़ों मनुष्यों की भीड़ में भी मनुष्य अपने विशेष व्यक्तित्व के कारण पहचाना जाता है। प्रकृति ने प्रत्येक मनुष्य की आकृति को एक-दूसरे से भिन्न बनाया है। यह भिन्नता केवल आकृति तक ही सीमित नहीं बल्कि उसके स्वभाव, संस्कार एवं उसकी प्रवृत्तियों में भी वही असमानता रहती है।
इसलिए नहीं कि उसमें विविध तत्वों का मिश्रण है बल्कि इसलिए भी कि नित्य-नये परिस्थितियों के आधार-प्रवाह में वह बदलता रहता है। मनुष्य का चरित्र एक गतिशील वस्तु है परिवर्तन उसका स्वभाव है। देखने के प्रयोगशाला की परीक्षण पद्धति में रखकर उसका विश्लेषण नहीं किया जा सकता, उसका विवेचन तो सामाजिक पद्धति से ही हो सकता है। हजारों वर्षों से हमारे विचारकों ने उसका विवेचन किया। वर्तमान युग में आज भी मनोवैज्ञानिक इसी कार्य में लगे हुए हैं। किंतु यह नहीं कहा जा सकता कि मनुष्य के चरित्र का कोई भी संतोषजनक विवेचन हो सकता है।
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