बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य बी.एड. सेमेस्टर-1 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य
प्रश्न- गेग्ने के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
गेग्ने का सिद्धान्त (Theory of Gagne)
गेग्ने के सिद्धान्त में यह वर्णित है कि अधिगम के कई प्रकार और स्तर हैं और इन प्रकारों और स्तरों में प्रत्येक अनुदेश की आवश्यकता होती है जो छात्र की आवश्यकताओं को पूरा करती है। गेग्ने की अधिगम रूपरेखा में अधिगम के सभी पहलुओं को शामिल किया जा सकता है। परन्तु सिद्धान्त का ध्यान बौद्धिक कौशल को बनाए रखने और सम्मान करने पर है। सिद्धान्त सभी क्षेत्रों में शिक्षा के डिजाइन के लिए लागू किया गया है, हालांकि इसके मूल रूप में सैन्य प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया था।
अधिगम की श्रेणियाँ (Categories of Learning) - गेग्ने के अनुसार अधिगम की पाँच श्रेणियाँ हैं -
1. मौखिक जानकारी : उदाहरण के लिए, वर्णमाला सीखना
2. बौद्धिक कौशल : जोड़ना व घटाना
3. संज्ञानात्मक रणनीतियाँ : आगमन व निगमन तर्क, चुंबक की क्रिया की खोज
4. अभिवृत्ति : किताब पढ़ने के बारे में व्यक्ति को कैसा महसूस होता है।
5. गामक कौशल : बन्धन बटन
अधिगम की प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग तरीकों की आवश्यकता होती है ताकि विशेष कौशल बन सके।
अधिगम के तरीके (Ways to Learn) - गेग्ने ने 1956 में मानसिक प्रक्रिया की जटिलता के आधार पर, सरल से जटिल तक सीखने की विभिन्न स्थितियों या स्तरों का विश्लेषण करने की एक प्रणाली का सुझाव दिया। गेग्ने के अनुसार, पदानुक्रम में सीखने का उच्चतर आदेश निचले स्तर पर बनाया गया है, सफलतापूर्वक प्रगति के लिए पिछले ज्ञान की अधिक मात्रा में आवश्यकता है। यह एक आदेश में अधीनस्य कौशल में अंतिम क्षमता का विश्लेषण करता है, ताकि उच्च स्तर के अधिगम के सकारात्मक हस्तांतरण के लिए निचले स्तरों की भविष्यवाणी की जा सके। निचले चार आदेश सीखने के व्यवहार के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि संज्ञानात्मक पहलुओं पर उच्च चार ध्यान देते हैं।
1. संकेत अधिगम - एक संकेत के लिए एक सामान्य प्रतिक्रिया जैसे एक कुत्ता आदेश पर प्रतिक्रिया करता है।
2. प्रेरणा प्रतिक्रिया - अधिगम एक विशिष्ट प्रतिक्रिया के लिए एक सटीक प्रेरणा।
3. श्रृंखलाकरण - दो या अधिक उत्तेजना प्रतिक्रिया सम्बन्ध की एक श्रृंखला का अधिग्रहण।
4. मौखिक सहयोग - मौखिक श्रृंखलाओं का अधिगम।
5. भेदभाव सीखना - समतुल्य उपस्थिति उत्तेजना के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाएं करने की क्षमता।
6. संकल्पना अधिगम - उत्तेजना के एक वर्ग के लिए एक सामान्य प्रतिक्रिया।
7. नियम अधिगम - दो या अधिक अवधारणाओं की एक श्रृंखला सीखना।
8. समस्या को हल करना - अधिगम का एक प्रकार है जिसके लिए उच्च शिक्षा की आवश्यकता होती है।
9. सिग्नल अधिगम (Signal Learning) - यह व्यावहारिक मनोवैज्ञानिक पावलोव की प्रतिष्ठित परिस्थिति के समान है। परिस्थिति अधिगम की प्रक्रिया है जो पर्यावरण उत्तेजना और स्वाभाविक रूप से होने वाली उत्तेजनाओं के बीच संबंधों के माध्यम से घटित होती है।
10. प्रेरणा-प्रतिक्रिया अधिगम (Stimulus-Response Learning) - इसे परीक्षण और त्रुटि के रूप में भी जाना जाता है। यह समस्याओं को सुलझाने का एक मौलिक तरीका है। यह दोहराये हुए विविध प्रयासों की विशेषता है, जो सफल होने तक जारी रहती है।
11. श्रृंखलाकरण - इसमें एक जटिल व्यवहार अनुक्रम में जटिल होने वाली व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं को मजबूत करना शामिल है। यह अनुक्रमिक क्रम में व्यक्तिगत उत्तेजना प्रतिक्रियाओं के सेट को जोड़ने की एक प्रक्रिया है। दो भिन्न प्रकार की श्रृंखलाएँ सम और विषम हैं। पूर्व सम श्रृंखला तब होती है जब 'प्रतिक्रिया का रूप प्रत्येक तत्व में समान हो। इसके विपरीत, एक विषम श्रृंखला प्रत्येक लिंक के लिए भिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाओं की आवश्यकता होती है।
12. मौखिक सहयोग अधिगम - यह शब्दों का उपयोग करके श्रृंखला सीखने से जुड़ा हुआ है। यहाँ शिक्षार्थी उच्च संगठित तरीके से अधिग्रहीत ज्ञान और बौद्धिक कौशल को बताने में सक्षम है। यह सहयोगी शिक्षा का एक रूप है जिसे "युग्मित एसोसिएशन" कहा जाता है जैसे कि शब्द को अलग करके शब्द के अर्थ सीखना।
13. भेदभाव अधिगम - यह एक श्रृंखला से दूसरे को भेद करने की क्षमता है। इसमें शिक्षार्थी एक उत्तेजना को दूसरे से अलग कर सकता है और उत्तेजना में परिवर्तन के अनुसार प्रतिक्रिया देता है। प्रक्रिया हस्तक्षेप के कार्य से अधिक कठिन हो जाती है जिससे अधिगम का एक भाग दूसरे को प्रभावित करता है।
14. संकल्पना सीखना - यह एक सामान्य विचार के बारे में अधिगम है। विषय अवधारणा की सामान्य बातों लेकिन चर गुणों को समझने की क्षमता प्राप्त करता है।"संकल्पना" उत्तेजनाओं के समूह के सामान्यीकृत विचार के लिए होती है। सीखने की अवधारणा में, सीखने के परिणामस्वरूप व्यवहार में परिवर्तन एक विशिष्ट प्रोत्साहन द्वारा नियंत्रित नहीं होता है बल्कि प्रत्येक उत्तेजना के सारगत विचार से होता है।
15. नियम सीखना - नियम सीखने में दो या दो से अधिक अवधारणाओं को शामिल करना होता है। इसके लिए उच्च स्तर की संज्ञानात्मक प्रक्रिया की आवश्यकता होती है। उच्च क्रम वाले नियम को सीखने से पहले इसमें दो या दो से अधिक अवधारणाओं के बीच रिश्ते का निर्माण करना शामिल है।
समस्या सुलझाना संज्ञानात्मक प्रक्रिया का उच्चतम स्तर होता है। यह एक समस्या सुलझाने के उद्देश्य के लिए नए और जटिल नियमों और प्रक्रियाओं का निर्माण है। समस्या सुलझाने से विद्यार्थियों की क्षमताओं में स्थायी परिवर्तन हो जाता है।
कौशल को निम्नतम स्तर पर सीखा जाना चाहिए और आगे बढ़ने से पहले विशेषज्ञता प्राप्त करनी चाहिए। प्रशिक्षित कौशल पर प्रत्येक नए कौशल निर्माण के साथ, एक प्रशिक्षक को सकारात्मक सुदृढ़ीकरण और पुनरावृत्ति का उपयोग करना चाहिए।
अधिगम के प्रकारों की पहचान - प्रत्येक परिणाम में अनिवार्य ज्ञान या कौशल हो सकते हैं जिन्हें पहचानना चाहिए। आंतरिक स्थितियों या प्रक्रियाओं की पहचान करनी चाहिए। परिणामों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक बाहरी स्थितियों या निर्देश की पहचान करनी चाहिए। सीखने के संदर्भ निर्दिष्ट करने चाहिए, शिक्षार्थियों की विशेषताएँ रिकॉर्ड करनी चाहिए व निर्देश के लिए मीडिया का चयन करना चाहिए। शिक्षार्थियों को प्रेरित करने की योजना बनानी चाहिए। प्रारम्भिक मूल्यांकन के रूप में शिक्षार्थियों के साथ अनुदेश का परीक्षण निर्देश का उपयोग करने के बाद सारांश मूल्यांकन के लिए शिक्षा की प्रभावशीलता का न्याय करने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। वर्तमान प्रोत्साहन व शिक्षा का स्वागत सुनिश्चित करने के लिए शिक्षार्थियों को सीखने के उद्देश्य से बताएं कि छात्रों को अनुदेश से क्या लाभ मिलेगा? पूर्व सीखने की याद दिलाएं व मौजूदा प्रासंगिक ज्ञान की याद के लिए पूछें। सीखने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने चाहिए।
सीखने वालों के प्रदर्शन पर जानकारी पूर्ण प्रतिक्रिया के रूप में फीडबैक देना चाहिए। प्रदर्शन का आकलन अधिक प्रदर्शन और अधिक प्रतिक्रिया, जानकारी को सुदृढ़ करने के लिए करना चाहिए। क्या उद्देश्यों को पूरा किया गया हैं? क्या नया कार्यक्रम पिछले से बेहतर है? नए कार्यक्रम में कौन से अतिरिक्त प्रभाव शामिल हैं? इसका उद्देश्य पाठ्यक्रम को विकसित और सुधारने के लिए व्यवहार्यता और दक्षता के बारे में आंकड़ों की आपूर्ति करना है। मूल्यांकन छात्र के बारे में पाठ्यक्रम या कार्यक्रम की प्रभावशीलता है छात्र के प्रदर्शन के आधार पर छात्रों की क्षमताओं को उठाया जाता है। जब गेग्ने सीखने की स्थिति का निष्पक्ष विश्लेषण करते हैं, तो कहते हैं कि चूँकि शिक्षा का उद्देश्य सीखना है, इसलिए शिक्षा संबंधी तकनीकों की तर्कसंगत व्युत्पत्ति शिक्षार्थी है। तर्कसंगत रूप से ध्वनि निर्देशात्मक प्रक्रियाओं के विकास के लिए सीखने की क्षमता जैसे क्षमताएं, प्रयोगात्मक परिपक्वता और वर्तमान ज्ञान को राज्यों को ध्यान में रखना चाहिए। ऐसे कारक निर्देश के किसी विशेष कार्यक्रम के डिजाइन के मापदंड होते हैं।
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- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ बताइये एवं इसकी प्रकृति को संक्षेप में स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान और शिक्षा के सम्बन्ध का विवेचन कीजिये और बताइये कि मनोविज्ञान ने शिक्षा सिद्धान्त और व्यवहार में किस प्रकार की क्रान्ति की है?
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान की भूमिका या महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। शिक्षक प्रशिक्षण में इसकी सम्बद्धता क्या है?
- प्रश्न- वृद्धि और विकास से आपका क्या अभिप्राय है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धि और विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धि और विकास को परिभाषित करें तथा वृद्धि एवं विकास के महत्वपूर्ण सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बाल विकास के प्रमुख तत्त्वों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विकास से आपका क्या अभिप्राय है? बाल विकास की विभिन्न अवस्थाएँ कौन- कौन-सी हैं? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बाल विकास के अध्ययन के महत्त्व को समझाइये।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान एवं अधिगमकर्त्ता के सम्बन्ध की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक सिद्धान्त व शैक्षिक प्रक्रिया के लिये शैक्षिक मनोविज्ञान का क्या महत्त्व है?
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का क्षेत्र स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान के कार्यों को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान की विभिन्न परिभाषाओं को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- वृद्धि का अर्थ एवं प्रकृति स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृद्धि तथा विकास से क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विकास का क्या अर्थ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धि तथा विकास के नियमों का शिक्षा में महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बालक के सम्बन्ध में विकास की अवधारणा क्या है? समझाइये |
- प्रश्न- विकास के सामान्य सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- अभिवृद्धि एवं विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बाल विकास की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-कौन सी हैं? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बाल विकास में वंशानुक्रम का क्या योगदान है?
- प्रश्न- शैशवावस्था क्या है? इसकी प्रमुख विशेषतायें बताइये। इस अवस्था में शिक्षा किस प्रकार की होनी चाहिये।
- प्रश्न- शैशवावस्था की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शैशवावस्था में शिशु को किस प्रकार की शिक्षा दी जानी चाहिये?
- प्रश्न- बाल्यावस्था क्या है? बाल्यावस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बाल्यावस्था में शिक्षा का स्वरूप कैसा होना चाहिए? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'बाल्यावस्था के विकासात्मक कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था से आप क्या समझते हैं? किशोरावस्था के विकास के सिद्धान्त की. विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था की मुख्य विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था में शिक्षा के स्वरूप की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शैशवावस्था की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
- प्रश्न- जीन पियाजे के विकास की अवस्थाओं के सिद्धांत को समझाइये |
- प्रश्न- कोहलर के प्रयोग की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (शैक्षिक मनोविज्ञान एवं मानव विकास)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (मानव वृद्धि एवं विकास )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (व्यक्तिगत भिन्नता )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (शैशवावस्था, बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था )
- प्रश्न- सीखने की संकल्पना को समझाइए। 'सूझ' सीखने में किस प्रकार सहायता करती है?
- प्रश्न- अधिगम की प्रकृति को समझाइए।
- प्रश्न- सीखने की प्रक्रिया से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सूझ सीखने में किस प्रकार सहायता करती है?
- प्रश्न- 'प्रयत्न एवं त्रुटि' तथा 'सूझ' द्वारा सीखने में भेद कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक बताइए।
- प्रश्न- थार्नडाइक के सीखने के प्रयोग का उल्लेख कीजिए और बताइये कि इस प्रयोग द्वारा निकाले गये निष्कर्ष, शिक्षण कार्य को कहाँ तक सहायता पहुँचाते हैं?
- प्रश्न- थार्नडाइक के सीखने के सिद्धान्त के प्रयोग का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- थार्नडाइक के सीखने के सिद्धान्त का शिक्षा में उपयोग बताइये।
- प्रश्न- शिक्षण में प्रयत्न तथा भूल द्वारा सीखने के सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिये।
- प्रश्न- 'अनुबन्धन' से क्या अभिप्राय है? पावलॉव के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को नियंत्रित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
- प्रश्न- अनुकूलित अनुक्रिया से आप क्या समझते हैं? इस सिद्धान्त का शिक्षा में प्रयोग बताइये।
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- स्किनर का सक्रिय अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त क्या है? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- स्किनर के सक्रिय अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पुनर्बलन का क्या अर्थ है? इसके प्रकार बताइये।
- प्रश्न- पुनर्बलन की सारणियाँ वर्गीकृत कीजिए।
- प्रश्न- सक्रिय अनुकूलित-अनुक्रिया. सिद्धान्त अथवा पुर्नबलन का शिक्षा में प्रयोग बताइये।
- प्रश्न- अधिगम के गेस्टाल्ट सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए और इस सिद्धान्त के सबल तथा दुर्बल पक्ष की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- समग्राकृति पूर्णकारवाद की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- कोहलर के प्रयोग की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- अन्तर्दृष्टि तथा सूझ के सिद्धान्त से सीखने की क्या विशेषताएँ हैं।
- प्रश्न- पूर्णकारवाद के नियम को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्दृष्टि को प्रभावित करने वाले कारक एवं शिक्षा में प्रयोग बताइये।'
- प्रश्न- अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- रॉबर्ट मिल्स गेग्ने का जीवन-परिचय दीजिए तथा इनके द्वारा बताये गये सिद्धान्त का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गेग्ने के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गेग्ने के योगदान को संक्षेप में बताइये।
- प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर अभिप्रेरणा का अर्थ स्पष्ट करते हुए अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-से हैं? उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है? अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल प्रवृत्ति सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का उद्दीपन अनुक्रिया सिद्धान्त को समझाइये |
- प्रश्न- शैक्षिक दृष्टि से अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है?
- प्रश्न- आवश्यकता चालन एवं उद्दीपन के सम्बन्ध की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कक्षा शिक्षण में पुरस्कार या प्रोत्साहन की क्या आवश्यकता है?
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण क्या है? अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण से क्या तात्पर्य है? अधिगम स्थानान्तरण को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण की दशाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अधिगमान्तरण के विभिन्न सिद्धान्तों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (अधिगम )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (अभिप्रेरणा )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (अधिगम का स्थानान्तरण )
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- प्रश्न- बुद्धि की विशेषताओं को समझाइये।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षा के विभिन्न प्रकार कौन-से हैं? वैयक्तिक व सामूहिक बुद्धि परीक्षा की तुलना कीजिये।
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- प्रश्न- वाचिक अथवा अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण से क्या अभिप्राय है? उल्लेख कीजिये।
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- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (मानसिक स्वास्थ्य)