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बी.एड. सेमेस्टर-1 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :215
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2699
आईएसबीएन :0

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बी.एड. सेमेस्टर-1 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य

प्रश्न- बाल विकास के अध्ययन के महत्त्व को समझाइये।

उत्तर -

बाल विकास के अध्ययन का महत्त्व

बाल विकास के अध्ययन का महत्त्व इसलिए भी है कि यह बालक के विकास में निम्नलिखित प्रकार से उपयोगी है-

1. वैधानिक सम्बन्धों का ज्ञान - बालक का जन्म स्त्री एवं पुरुष दो शरीरों के यौन सम्पर्क द्वारा पूर्ण होता है। प्रत्येक देश की अपनी अलग-अलग परम्पराएँ और रीति-रिवाज हैं। इनमें परिस्थितिजन्य भौगोलिक क्षेत्रानुसार कुछ वैधानिकताएँ भी होती हैं। उनकी अवहेलना करने पर जन्म लेने वाला बालक समाज से तिरस्कृत हो जाता है अर्थात् वह मान-प्रतिष्ठा तथा उचित पद पाने का अधिकारी नहीं होता। अतः अभिभावक इसके अध्ययन से वैधानिकता तथा अवैधानिकता के अन्तर का ज्ञान प्राप्त कर बाल विकास के महत्त्वपूर्ण पक्ष को पहचान सकते हैं।

2. बालक के पोषण का ज्ञान - बालक के गर्भ में आने के उपरान्त बालक की पोषण क्रिया प्रारम्भ हो जाती है। माता के आहार-विहार, विचार आदि का बालक के विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है। अभिमन्यु ने गर्भ में चक्रव्यूह प्रवेश सीख लिया था, लेकिन माँ के सो जाने के कारण वह व्यूह से निकलना नहीं सीख पाया था अर्थात् बालक के पोषण का प्रारम्भ हो जाता है। इसीलिए प्रत्येक जागरुक माता-पिता बाल विकास के अध्ययन के महत्त्व को स्वीकार करते हैं।

3. खेलों के महत्त्व का ज्ञान - बालकों को खेल प्रिय होते हैं, यह सर्वविदित है, किन्तु कुछ अभिभावक इस बात को स्वीकार नहीं करते। इस कारण बालकों में भिन्न-भिन्न जटिलताएँ उत्पन्न हो जाती हैं और बालक असामान्य व्यवहार करने लगते हैं। बाल विकास के अध्ययन द्वारा अभिभावक, शिक्षक तथा विद्यालय इसके महत्व को स्वीकारते हैं।

4. वैयक्तिक भेदों का ज्ञान - बाल विकास के अध्ययन के द्वारा अभिभावक अपने बालकों में उनकी वैयक्तिक भिन्नताओं को पहचान सकते हैं। यदि दो बालकों के मध्य असमानताएँ हैं, तो उन्हें अलग-अलग समझकर उनका उचित लालन-पालन तथा शैक्षिक निर्देशन कर सकते हैं। उनकी विभिन्न प्रतिभाओं का विकास तथा कमजोरियों का निदान सोच सकते हैं। बाल विकास का अध्ययन बालकों के वैयक्तिक भेदों पर उचित प्रकाश डालता है। अतः मन्दबुद्धि, प्रतिभाशाली, विकलांग आदि बालकों की अलग-अलग शिक्षा पर शिक्षाशास्त्री अध्ययन के लिये विशेष सहायता पर बल देते हैं।

5. बालक के सामान्य एवं असामान्य व्यवहार का ज्ञान - बाल विकास के अध्ययन द्वारा बालक की व्यवहारगत समस्याओं की जानकारी अभिभावकों को प्राप्त होती है। वे यह जानने का प्रयास करते हैं कि उनका बालक कैसे सामान्य व्यवहार की ओर अग्रसर हो? असामान्यता का निदान कैसे हो सकता है? असामान्यता के कारण क्या हैं और इन व्यवहारों की उत्पत्ति का मुख्य कारण क्या है? इन सभी बातों का अध्ययन बाल विकास के द्वारा प्राप्त करके माता-पिता, शिक्षक एवं विद्यालय उचित प्रकार से उपचार तथा सुधार कर सकते हैं। कुछ बालक माता-पिता से झूठ बोलते हैं, सामान चुराते हैं, विद्यालय जाने से कतराते हैं आदि। ऐसी कठिन परिस्थिति में माता-पिता कोई सुगम रास्ता ढूंढ़ते हैं और बालक का उचित दिशा में मार्गान्तीकरण हो जाता है और सद्भाव वृत्ति का दुरुपयोग नहीं होता और साथ ही दोनों के मध्य सदभाव का विकास कायम रहता है।

6. विकास की अवस्थाओं तथा सामाजीकरण का ज्ञान - बाल विकास के अध्ययन के द्वारा जागरुक माता-पिता इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि बालक का विभिन्न अवस्थाओं में शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक, सामाजिक तथा नैतिक एवं भाषायी विकास किस प्रकार सम्भव है? इसके अध्ययन द्वारा बालक में सामाजीकरण के भाव तीव्र गति से उत्पन्न किये जा सकते हैं। सम्पर्क. अन्तःक्रिया, अनुसन्धान, व्यवहार आदि बालक को सामाजीकरण की ओर अग्रसर होने को प्रेरित करते हैं। इस प्रकार बालक में खोज वृत्ति एवं सृजनात्मकता का विकास होता है।

7. बालक के स्वास्थ्य का ज्ञान - बाल विकास के अध्ययन का महत्त्व इसलिये है कि इसके द्वारा अभिभावकों, शिक्षकों तथा विद्यालयों को बालक के स्वास्थ्य की जानकारी हो जाती है और उसके अनुसार बालक के साथ उपचारात्मक व्यवहार किया जा सकता है। यदि बालक किसी रोग से पीड़ित है, तो उस बालक की शिक्षा का स्वरूप तद्नुसार ही निश्चित किया जाना चाहिए। ऐसे बालकों को उचित देखभाल तथा भोजन एवं पोषण की आवश्यकता होगी, ऐसा ज्ञान बाल विकास के अध्ययन के द्वारा ही होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ बताइये एवं इसकी प्रकृति को संक्षेप में स्पष्ट कीजिये।
  2. प्रश्न- मनोविज्ञान और शिक्षा के सम्बन्ध का विवेचन कीजिये और बताइये कि मनोविज्ञान ने शिक्षा सिद्धान्त और व्यवहार में किस प्रकार की क्रान्ति की है?
  3. प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान की भूमिका या महत्त्व बताइये।
  4. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। शिक्षक प्रशिक्षण में इसकी सम्बद्धता क्या है?
  5. प्रश्न- वृद्धि और विकास से आपका क्या अभिप्राय है? विवेचना कीजिए।
  6. प्रश्न- वृद्धि और विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  7. प्रश्न- वृद्धि और विकास को परिभाषित करें तथा वृद्धि एवं विकास के महत्वपूर्ण सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
  8. प्रश्न- बाल विकास के प्रमुख तत्त्वों का उल्लेख कीजिए।
  9. प्रश्न- विकास से आपका क्या अभिप्राय है? बाल विकास की विभिन्न अवस्थाएँ कौन- कौन-सी हैं? विवेचना कीजिए।
  10. प्रश्न- बाल विकास के अध्ययन के महत्त्व को समझाइये।
  11. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
  12. प्रश्न- मनोविज्ञान एवं अधिगमकर्त्ता के सम्बन्ध की विवेचना कीजिये।
  13. प्रश्न- शैक्षिक सिद्धान्त व शैक्षिक प्रक्रिया के लिये शैक्षिक मनोविज्ञान का क्या महत्त्व है?
  14. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का क्षेत्र स्पष्ट कीजिये।
  15. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान के कार्यों को स्पष्ट कीजिये।
  16. प्रश्न- मनोविज्ञान की विभिन्न परिभाषाओं को स्पष्ट कीजिये।
  17. प्रश्न- वृद्धि का अर्थ एवं प्रकृति स्पष्ट कीजिए।
  18. प्रश्न- अभिवृद्धि तथा विकास से क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।
  19. प्रश्न- विकास का क्या अर्थ है? स्पष्ट कीजिए।
  20. प्रश्न- वृद्धि तथा विकास के नियमों का शिक्षा में महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- बालक के सम्बन्ध में विकास की अवधारणा क्या है? समझाइये |
  22. प्रश्न- विकास के सामान्य सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  23. प्रश्न- अभिवृद्धि एवं विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  24. प्रश्न- बाल विकास की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-कौन सी हैं? उल्लेख कीजिए।
  25. प्रश्न- बाल विकास में वंशानुक्रम का क्या योगदान है?
  26. प्रश्न- शैशवावस्था क्या है? इसकी प्रमुख विशेषतायें बताइये। इस अवस्था में शिक्षा किस प्रकार की होनी चाहिये।
  27. प्रश्न- शैशवावस्था की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
  28. प्रश्न- शैशवावस्था में शिशु को किस प्रकार की शिक्षा दी जानी चाहिये?
  29. प्रश्न- बाल्यावस्था क्या है? बाल्यावस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  30. प्रश्न- बाल्यावस्था में शिक्षा का स्वरूप कैसा होना चाहिए? स्पष्ट कीजिए।
  31. प्रश्न- 'बाल्यावस्था के विकासात्मक कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  32. प्रश्न- किशोरावस्था से आप क्या समझते हैं? किशोरावस्था के विकास के सिद्धान्त की. विवेचना कीजिए।
  33. प्रश्न- किशोरावस्था की मुख्य विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  34. प्रश्न- किशोरावस्था में शिक्षा के स्वरूप की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  35. प्रश्न- जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- शैशवावस्था की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
  37. प्रश्न- जीन पियाजे के विकास की अवस्थाओं के सिद्धांत को समझाइये |
  38. प्रश्न- कोहलर के प्रयोग की विशेषताएँ लिखिए।
  39. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (शैक्षिक मनोविज्ञान एवं मानव विकास)
  40. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (मानव वृद्धि एवं विकास )
  41. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (व्यक्तिगत भिन्नता )
  42. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (शैशवावस्था, बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था )
  43. प्रश्न- सीखने की संकल्पना को समझाइए। 'सूझ' सीखने में किस प्रकार सहायता करती है?
  44. प्रश्न- अधिगम की प्रकृति को समझाइए।
  45. प्रश्न- सीखने की प्रक्रिया से आप क्या समझते हैं?
  46. प्रश्न- सूझ सीखने में किस प्रकार सहायता करती है?
  47. प्रश्न- 'प्रयत्न एवं त्रुटि' तथा 'सूझ' द्वारा सीखने में भेद कीजिए।
  48. प्रश्न- अधिगम से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  49. प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक बताइए।
  50. प्रश्न- थार्नडाइक के सीखने के प्रयोग का उल्लेख कीजिए और बताइये कि इस प्रयोग द्वारा निकाले गये निष्कर्ष, शिक्षण कार्य को कहाँ तक सहायता पहुँचाते हैं?
  51. प्रश्न- थार्नडाइक के सीखने के सिद्धान्त के प्रयोग का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- थार्नडाइक के सीखने के सिद्धान्त का शिक्षा में उपयोग बताइये।
  53. प्रश्न- शिक्षण में प्रयत्न तथा भूल द्वारा सीखने के सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिये।
  54. प्रश्न- 'अनुबन्धन' से क्या अभिप्राय है? पावलॉव के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को नियंत्रित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
  56. प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
  57. प्रश्न- अनुकूलित अनुक्रिया से आप क्या समझते हैं? इस सिद्धान्त का शिक्षा में प्रयोग बताइये।
  58. प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  59. प्रश्न- स्किनर का सक्रिय अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त क्या है? उल्लेख कीजिए।
  60. प्रश्न- स्किनर के सक्रिय अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  61. प्रश्न- पुनर्बलन का क्या अर्थ है? इसके प्रकार बताइये।
  62. प्रश्न- पुनर्बलन की सारणियाँ वर्गीकृत कीजिए।
  63. प्रश्न- सक्रिय अनुकूलित-अनुक्रिया. सिद्धान्त अथवा पुर्नबलन का शिक्षा में प्रयोग बताइये।
  64. प्रश्न- अधिगम के गेस्टाल्ट सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए और इस सिद्धान्त के सबल तथा दुर्बल पक्ष की विवेचना कीजिए।
  65. प्रश्न- समग्राकृति पूर्णकारवाद की विशेषतायें बताइये।
  66. प्रश्न- कोहलर के प्रयोग की विशेषताएँ लिखिए।
  67. प्रश्न- अन्तर्दृष्टि तथा सूझ के सिद्धान्त से सीखने की क्या विशेषताएँ हैं।
  68. प्रश्न- पूर्णकारवाद के नियम को स्पष्ट कीजिए।
  69. प्रश्न- अन्तर्दृष्टि को प्रभावित करने वाले कारक एवं शिक्षा में प्रयोग बताइये।'
  70. प्रश्न- अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  71. प्रश्न- रॉबर्ट मिल्स गेग्ने का जीवन-परिचय दीजिए तथा इनके द्वारा बताये गये सिद्धान्त का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- गेग्ने के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- गेग्ने के योगदान को संक्षेप में बताइये।
  74. प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर अभिप्रेरणा का अर्थ स्पष्ट करते हुए अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।।
  75. प्रश्न- अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- अभिप्रेरणा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-से हैं? उल्लेख कीजिये।
  77. प्रश्न- अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है? अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  78. प्रश्न- अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
  79. प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल प्रवृत्ति सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  80. प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- अभिप्रेरणा का उद्दीपन अनुक्रिया सिद्धान्त को समझाइये |
  82. प्रश्न- शैक्षिक दृष्टि से अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है?
  83. प्रश्न- आवश्यकता चालन एवं उद्दीपन के सम्बन्ध की व्याख्या कीजिए।
  84. प्रश्न- कक्षा शिक्षण में पुरस्कार या प्रोत्साहन की क्या आवश्यकता है?
  85. प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण क्या है? अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइये।
  86. प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइए।
  87. प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण से क्या तात्पर्य है? अधिगम स्थानान्तरण को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण की दशाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  89. प्रश्न- अधिगमान्तरण के विभिन्न सिद्धान्तों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  90. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (अधिगम )
  91. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (अभिप्रेरणा )
  92. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (अधिगम का स्थानान्तरण )
  93. प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर बुद्धि का अर्थ स्पष्ट करते हुये बुद्धि की प्रकृति या स्वरूप तथा उसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
  94. प्रश्न- बुद्धि की प्रकृति एवं स्वरूप का वर्णन कीजिए।
  95. प्रश्न- बुद्धि की विशेषताओं को समझाइये।
  96. प्रश्न- बुद्धि परीक्षा के विभिन्न प्रकार कौन-से हैं? वैयक्तिक व सामूहिक बुद्धि परीक्षा की तुलना कीजिये।
  97. प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं?
  98. प्रश्न- शाब्दिक व अशाब्दिक तथा उपलब्धि परीक्षण को स्पष्ट कीजिये।
  99. प्रश्न- वाचिक अथवा अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण से क्या अभिप्राय है? उल्लेख कीजिये।
  100. प्रश्न- स्टैनफोर्ड बिने क्या है?
  101. प्रश्न- बर्ट द्वारा संशोधित बुद्धि परीक्षण को बताइये।
  102. प्रश्न- अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण के प्रकार बताइये।
  103. प्रश्न- वाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षण कौन-से हैं?
  104. प्रश्न- अवाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षणों का वर्णन कीजिये।
  105. प्रश्न- बुद्धि के प्रमुख सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
  106. प्रश्न- सृजनात्मकता से क्या तात्पर्य है? इसके स्वरूप तथा प्रकृति की विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- सृजनात्मक की परिभाषाएँ बताइए।
  108. प्रश्न- सृजनात्मकता के स्वरूप बताइए।
  109. प्रश्न- सृजनात्मकता से आप क्या समझते हैं? अपने शिक्षण को अधिक सृजनशील बनाने हेतु आप क्या करेंगे? विवेचना कीजिए।
  110. प्रश्न- सृजनात्मकता की परिभाषा दीजिए तथा सृजनात्मक छात्रों का पता लगाने की विधि स्पष्ट कीजिए।
  111. प्रश्न- सृजनात्मकता एवं समस्या समाधान पर टिप्पणी लिखिए।
  112. प्रश्न- कक्षा वातावरण किस प्रकार विद्यार्थियों की सृजनात्मकता के विकास को प्रभावित करता है? सृजनात्मकता को विकसित करने हेतु आप ब्रेनस्टार्मिंग का प्रयोग कैसे करेंगे?
  113. प्रश्न- गिलफोर्ड के त्रिआयामी बुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  114. प्रश्न- समूह कारक या संघसत्तात्मक सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  115. प्रश्न- बुद्धि के बहु-प्रकारीय सिद्धान्त की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
  116. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (बुद्धि एवं सृजनात्मकता )
  117. प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? उनका निर्धारण कैसे होता है? व्यक्तित्व की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  118. प्रश्न- व्यक्तित्व के लक्षणों की स्पष्ट व्याख्या कीजिए।
  119. प्रश्न- व्यक्तित्व के विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-कौन हैं?
  120. प्रश्न- व्यक्तित्व के जैविक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  121. प्रश्न- व्यक्तित्व के विभिन्न उपागमों या सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  122. प्रश्न- समूह चर्चा से आपका क्या अभिप्राय है? समूह चर्चा के उद्देश्य एवं मान्यताएँ स्पष्ट कीजिए।
  123. प्रश्न- व्यक्तित्व मूल्यांकन की प्रश्नावली विधि को समझाइए।
  124. प्रश्न- व्यक्तित्वं मूल्यांकन की अवलोकन विधि से आप क्या समझते हैं?
  125. प्रश्न- मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ बताइए तथा छात्रों की मानसिक अस्वस्थता के क्या कारण हैं? शिक्षक उन्हें दूर करने में उनकी सहायता कैसे कर सकता है?
  126. प्रश्न- बालकों के मानसिक अस्वस्थता के क्या कारण हैं?
  127. प्रश्न- बालकों के मानसिक स्वास्थ्य में उन्नति के उपाय बताइये।
  128. प्रश्न- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के विचार को स्पष्ट कीजिए। विद्यालय की परिस्थितियाँ शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
  129. प्रश्न- विद्यालय की परिस्थितियाँ शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
  130. प्रश्न- मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ स्पष्ट कीजिए। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति में कौन-सी विशेषता होती है?
  131. प्रश्न- मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति में कौन-कौन-सी विशेषताएँ होती हैं?
  132. प्रश्न- मानसिक स्वास्थ्य के उपायों पर प्रकाश डालिए।
  133. प्रश्न- कौन-कौन से कारक मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं और शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखने के उपाय बताइए।
  134. प्रश्न- शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के उपाय बताइये।
  135. प्रश्न- मानसिक स्वास्थ्य के प्रमुख तत्व बताइये।
  136. प्रश्न- शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत करने वाले प्रमुख कारक कौन-से हैं?
  137. प्रश्न- मानसिक स्वास्थ्य का महत्व बताइये।
  138. प्रश्न- बालक के मानसिक स्वास्थ्य के विकास में विद्यालय की क्या भूमिका होती है?
  139. प्रश्न- बालक के मानसिक स्वास्थ्य में उसके कुटम्ब का क्या योगदान है?-
  140. प्रश्न- मानसिक स्वास्थ्य के नियमों की विवेचना कीजिए।
  141. प्रश्न- मानसिक स्वच्छता क्या है?
  142. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (व्यक्तित्व )
  143. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (मानसिक स्वास्थ्य)

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