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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - चतुर्थ प्रश्नपत्र - अनुसंधान पद्धति

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2696
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - चतुर्थ प्रश्नपत्र - अनुसंधान पद्धति

प्रश्न- शोध समस्या की जाँच आप कैसे करेंगे?

उत्तर -

किसी समस्या पर कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व निम्नांकित प्रश्नों पर विचार कर लेना लाभदायक होगा-

1. क्या इस समस्या में आपकी रुचि है? - यदि कोई समस्या अनुसन्धानकर्ता को नीरस तथा ऊब उत्पन्न करने वाली प्रतीत होती है। वह उस समस्या के साथ न्याय नहीं कर सकेगा।

2. क्या यह समस्या नवीन है? - यदि उस समस्या पर पहले ही किसी अनुसन्धानकर्ता द्वारा कार्य सम्पन्न हो चुका है तो पुनः उसी समस्या पर किया गया प्रयास सर्वथा व्यर्थ चला जायेगा। परन्तु उस अध्ययन के निष्कर्ष की वैधता की जाँच करना उद्देश्य हो तो उसको फिर से चुना जा सकता है।

3. क्या समस्या महत्वपूर्ण है - यदि यह समस्या उपयोगी नहीं है, यदि इसके समाधान द्वारा न तो ज्ञान- क्षेत्र में कोई वृद्धि होती है और न इससे प्रचलित प्रथाओं में ही कोई सुधार की सम्भावनाएँ प्रस्तुत होती हैं तो ऐसी समस्या पर किया गया कार्य व्यर्थ सिद्ध होगा।

4. क्या इस समस्या पर कार्य करना सम्भव है? - यह सम्भव है कि कोई अनुसन्धान समस्या रुचिकर महत्वपूर्ण तथा नवीन होते हुए भी किसी विशेष अनुसन्धानकर्ता के लिए उपयुक्त न हो, जिसके परिणामस्वरूप वह उस समस्या से कोई सफल निष्कर्ष प्राप्त न कर सके। अतः निम्नांकित बातों पर विचार कर लेना आवश्यक हो जाता है-

(i) इस समस्या के अनुरूप योजना निर्मित करके सफल समाधान के लिए अध्ययन परिचालित करने की  क्या मैं आवश्यक योग्यता एवं क्षमता रखता है? क्या मुझे इस क्षेत्र के विषय में पर्याप्त         ज्ञान है? क्यों मुझमें इस अध्ययन के लिए दत्तों का संग्रह एवं व्याख्या करने के लिए उचित उपकरण व तकनीकें प्रयुक्त करने की दक्षता विद्यमान है?
(ii) क्या उपयुक्त आँकड़े उपलब्ध हैं? क्या मुझमें इस अध्ययन के लिए दत्तों का संग्रह एवं व्याख्या करने के लिए उचित उपकरण व तकनीकें प्रयुक्त करने की दक्षता विद्यमान है।
(iii) क्या इस कार्य की योजना बनाने तथा उसे पूर्ण करने में मैं अपने महाविद्यालय के शिक्षकों अथवा अपने संकाय के किसी सदस्य से उचित संदर्शन प्राप्त कर सकने में समर्थ हो सकूँगा? यदि इस कार्य को पूर्ण करने में किसी समर्थन, सहयोग तथा विशेष अनुमति की आवश्यकता पड़ी तो क्या वे मुझे प्राप्त हो सकती है।
(iv) क्या इस अध्ययन को परिचालित रखने के लिए आवश्यक वित्तीय साधन मुझे उपलब्ध है।
(v) इस परियोजना को पूर्ण करने में आरम्भ से लेकर अंत तक जितने समय की आवश्यकता है- क्या उतना समय मुझे उपलब्ध, है?
(vi) क्या मुझमें इतना साहस तथा निश्चय की दृढ़ता विद्यमान है कि मैं अध्ययन के मार्ग में आई हुयी कठिनाइयों तथा सामाजिक बाधाओं के उपरान्त भी इस अध्ययन को परिचालित रख सकूँ? विशेष जोखिम, जुर्माना तथा बाधाएँ अथवा शारीरिक, वित्तीय, व्यक्तिगत, सामाजिक या व्यावसायिक प्रकृति के कुछ मूल्य चुकाने का अवसर किसी भी समय सामने आ सकता है, ऐसी स्थिति में क्या उनका साहसपूर्वक सामना कर सकूँगा?
(vii) जब किसी समस्या के सन्दर्भ में उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर हम स्वीकारात्मक रूप में दे सके, तभी वह समस्या हमारे द्वारा अनुसन्धान के लिए उत्तम मानी जा सकती है।

"किसी शैक्षिक अनुसन्धान परियोजना पर तब तक कार्य आरम्भ नहीं करना चाहिये जब तक कि उस अध्ययन के परिणाम किसी महत्वपूर्ण शैक्षिक प्रथा या क्रिया को प्रभावकारी ढंग से श्रेष्ठतर बनाने की सम्भावना प्रस्तुत नहीं कर देते हैं।"  - कोरी

'समस्या चयन और उसके मूल्यांकन के स्तर की कसौटियाँ संक्षेप में चार सिद्धान्तों में कही जा 'सकती है- वैयक्तिक अभिरुचि, व्यक्तिगत योग्यता, विषय की मूल्यताएँ और सूचना दल का मिलना।"

समस्या में रुचि - विषय में रुचि जानने के लिए निम्नलिखित प्रश्न पूछने चाहिये-

1. अपनी समस्या समधान में क्या मुझे केवल निष्क्रिय जिज्ञासा है अथवा यह पूर्णतया सन्तुष्ट न होने वाली बौद्धिक प्रेरणा है?
2. क्या मेरी रुचि सम्भावित पारितोषिकों के कारण है; जैसे प्रतिष्ठा में उन्नति, अधिक अधि कार अथवा वित्तीय लाभ?
३. क्या मेरी रुचि इतनी प्रबल है कि समस्या के समाधान की खोज में बहुत पूर्वाग्रह आ सकता है?

समस्या का महत्व - विषय का महत्व निर्धारित करने में निम्न प्रश्न पूछे जा सकते हैं -

1. " क्या यह सम्भव है कि इस अध्ययन के परिणाम अभी तक प्राप्त ज्ञान में वृद्धि करेंगे अथवा वे जो कुछ अब तक हुआ है उसकी पुनरावृत्ति करेंगे?
2. क्या इस क्षेत्र में पुनः कार्य करने की आवश्यकता है?
3. क्या पुष्ट ज्ञान में कुछ रिक्त कड़िया हैं, जिनको भरने की आवश्यकता है?
4. जो परिणाम आयेंगे, क्या वे व्यापार, समाज, सरकार अथवा अन्य एजेन्सी को व्यवहारिक रूप से उपयोगी होगी?
5. पारिणामों में कितनी रुचि होगी।

समस्या समाधान की क्षमता - यह जानने के लिए कि विषय अनुसन्धानकर्ता की योग्यता के भीतर है, वह अपने से यह प्रश्न पूछ सकता है।

1. क्या मुझमें वे साधारण व विशिष्ट कौशल ज्ञान और योग्यताएँ हैं व आ सकती हैं? जो समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक है?
2. क्या यह सम्भव है कि यह विषय मेरी आर्थिक स्थिति और प्राप्त समय में पूर्ण हो सकेगा।
3. क्या विषय ऐसा है कि मेरे लिए उपयुक्त समर्थन और प्रशासकीय सहयोग पाना सम्भव होगा।

आवश्यक आँकड़ों की सुलभता - अन्त में अनुसन्धान छात्र को दत्त की सुलभता के निर्णय के लिए निम्नलिखित प्रश्नों के सन्तोषजनक उत्तर पाने चाहिये।

1. विषय के समाधान के लिए आवश्यक विशेष दत्त क्या मुझे प्राप्त है।
2. विषय के समाधान के लिए आवश्यक तकनीकें क्या उस सीमा तक विकसित हैं कि निष्कर्षो को इतना विशेषित तथा संकुचित न किया जायेगा कि उनका कुछ मूल्य ही न रहे।
3. कुछ दत्त की प्राप्यता में कमी के कारण क्या विषय को यथेष्ट सीमित किया जा सकता है। ताकि उस पर सन्तोषजनक कार्य हो सके।

 

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- अनुसंधान की अवधारणा एवं चरणों का वर्णन कीजिये।
  2. प्रश्न- अनुसंधान के उद्देश्यों का वर्णन कीजिये तथा तथ्य व सिद्धान्त के सम्बन्धों की व्याख्या कीजिए।
  3. प्रश्न- शोध की प्रकृति पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- शोध के अध्ययन-क्षेत्र का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- 'वैज्ञानिक पद्धति' क्या है? वैज्ञानिक पद्धति की विशेषताओं की व्याख्या कीजिये।
  6. प्रश्न- वैज्ञानिक पद्धति के प्रमुख चरणों का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- अन्वेषणात्मक शोध अभिकल्प की व्याख्या करें।
  8. प्रश्न- अनुसन्धान कार्य की प्रस्तावित रूपरेखा से आप क्या समझती है? इसके विभिन्न सोपानों का वर्णन कीजिए।
  9. प्रश्न- शोध से क्या आशय है?
  10. प्रश्न- शोध की विशेषतायें बताइये।
  11. प्रश्न- शोध के प्रमुख चरण बताइये।
  12. प्रश्न- शोध की मुख्य उपयोगितायें बताइये।
  13. प्रश्न- शोध के प्रेरक कारक कौन-से है?
  14. प्रश्न- शोध के लाभ बताइये।
  15. प्रश्न- अनुसंधान के सिद्धान्त का महत्व क्या है?
  16. प्रश्न- वैज्ञानिक पद्धति के आवश्यक तत्त्व क्या है?
  17. प्रश्न- वैज्ञानिक पद्धति का अर्थ लिखो।
  18. प्रश्न- वैज्ञानिक पद्धति के प्रमुख चरण बताओ।
  19. प्रश्न- गृह विज्ञान से सम्बन्धित कोई दो ज्वलंत शोध विषय बताइये।
  20. प्रश्न- शोध को परिभाषित कीजिए तथा वैज्ञानिक शोध की कोई चार विशेषताएँ बताइये।
  21. प्रश्न- गृह विज्ञान विषय से सम्बन्धित दो शोध विषय के कथन बनाइये।
  22. प्रश्न- एक अच्छे शोधकर्ता के अपेक्षित गुण बताइए।
  23. प्रश्न- शोध अभिकल्प का महत्व बताइये।
  24. प्रश्न- अनुसंधान अभिकल्प की विषय-वस्तु लिखिए।
  25. प्रश्न- अनुसंधान प्ररचना के चरण लिखो।
  26. प्रश्न- अनुसंधान प्ररचना के उद्देश्य क्या हैं?
  27. प्रश्न- प्रतिपादनात्मक अथवा अन्वेषणात्मक अनुसंधान प्ररचना से आप क्या समझते हो?
  28. प्रश्न- 'ऐतिहासिक उपागम' से आप क्या समझते हैं? इस उपागम (पद्धति) का प्रयोग कैसे तथा किन-किन चरणों के अन्तर्गत किया जाता है? इसके अन्तर्गत प्रयोग किए जाने वाले प्रमुख स्रोत भी बताइए।
  29. प्रश्न- वर्णात्मक शोध अभिकल्प की व्याख्या करें।
  30. प्रश्न- प्रयोगात्मक शोध अभिकल्प क्या है? इसके विविध प्रकार क्या हैं?
  31. प्रश्न- प्रयोगात्मक शोध का अर्थ, विशेषताएँ, गुण तथा सीमाएँ बताइए।
  32. प्रश्न- पद्धतिपरक अनुसंधान की परिभाषा दीजिए और इसके क्षेत्र को समझाइए।
  33. प्रश्न- क्षेत्र अनुसंधान से आप क्या समझते है। इसकी विशेषताओं को समझाइए।
  34. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण का अर्थ व प्रकार बताइए। इसके गुण व दोषों की विवेचना कीजिए।
  35. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख प्रकार एवं विशेषताएँ बताइये।
  36. प्रश्न- सामाजिक अनुसन्धान की गुणात्मक पद्धति का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- क्षेत्र-अध्ययन के गुण लिखो।
  38. प्रश्न- क्षेत्र-अध्ययन के दोष बताओ।
  39. प्रश्न- क्रियात्मक अनुसंधान के दोष बताओ।
  40. प्रश्न- क्षेत्र-अध्ययन और सर्वेक्षण अनुसंधान में अंतर बताओ।
  41. प्रश्न- पूर्व सर्वेक्षण क्या है?
  42. प्रश्न- परिमाणात्मक तथा गुणात्मक सर्वेक्षण का अर्थ लिखो।
  43. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण का अर्थ बताकर इसकी कोई चार विशेषताएँ बताइए।
  44. प्रश्न- सर्वेक्षण शोध की उपयोगिता बताइये।
  45. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण के विभिन्न दोषों को स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- सामाजिक अनुसंधान में वैज्ञानिक पद्धति कीक्या उपयोगिता है? सामाजिक अनुसंधान में वैज्ञानिक पद्धति की क्या उपयोगिता है?
  47. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण के विभिन्न गुण बताइए।
  48. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण तथा सामाजिक अनुसंधान में अन्तर बताइये।
  49. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण की क्या सीमाएँ हैं?
  50. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण की सामान्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  51. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण की क्या उपयोगिता है?
  52. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण की विषय-सामग्री बताइये।
  53. प्रश्न- सामाजिक अनुसंधान में तथ्यों के संकलन का महत्व समझाइये।
  54. प्रश्न- सामाजिक सर्वेक्षण के प्रमुख चरणों की विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- अनुसंधान समस्या से क्या तात्पर्य है? अनुसंधान समस्या के विभिन्न स्रोतक्या है?
  56. प्रश्न- शोध समस्या के चयन एवं प्रतिपादन में प्रमुख विचारणीय बातों का वर्णन कीजिये।
  57. प्रश्न- समस्या का परिभाषीकरण कीजिए तथा समस्या के तत्वों का विश्लेषण कीजिए।
  58. प्रश्न- समस्या का सीमांकन तथा मूल्यांकन कीजिए तथा समस्या के प्रकार बताइए।
  59. प्रश्न- समस्या के चुनाव का सिद्धान्त लिखिए। एक समस्या कथन लिखिए।
  60. प्रश्न- शोध समस्या की जाँच आप कैसे करेंगे?
  61. प्रश्न- अनुसंधान समस्या के प्रकार बताओ।
  62. प्रश्न- शोध समस्या किसे कहते हैं? शोध समस्या के कोई चार स्त्रोत बताइये।
  63. प्रश्न- उत्तम शोध समस्या की विशेषताएँ बताइये।
  64. प्रश्न- शोध समस्या और शोध प्रकरण में अंतर बताइए।
  65. प्रश्न- शैक्षिक शोध में प्रदत्तों के वर्गीकरण की उपयोगिता क्या है?
  66. प्रश्न- समस्या का अर्थ तथा समस्या के स्रोत बताइए?
  67. प्रश्न- शोधार्थियों को शोध करते समय किन कठिनाइयों का सामना पड़ता है? उनका निवारण कैसे किया जा सकता है?
  68. प्रश्न- समस्या की विशेषताएँ बताइए तथा समस्या के चुनाव के अधिनियम बताइए।
  69. प्रश्न- परिकल्पना की अवधारणा स्पष्ट कीजिये तथा एक अच्छी परिकल्पना की विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
  70. प्रश्न- एक उत्तम शोध परिकल्पना की विशेषताएँ बताइये।
  71. प्रश्न- उप-कल्पना के परीक्षण में होने वाली त्रुटियों के बारे में उदाहरण सहित बताइए तथा इस त्रुटि से कैसे बचाव किया जा सकता है?
  72. प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
  73. प्रश्न- उपकल्पना के स्रोत, उपयोगिता तथा कठिनाइयाँ बताइए।
  74. प्रश्न- उत्तम परिकल्पना की विशेषताएँ लिखिए।
  75. प्रश्न- परिकल्पना से आप क्या समझते हैं? किसी शोध समस्या को चुनिये तथा उसके लिये पाँच परिकल्पनाएँ लिखिए।
  76. प्रश्न- उपकल्पना की परिभाषाएँ लिखो।
  77. प्रश्न- उपकल्पना के निर्माण की कठिनाइयाँ लिखो।
  78. प्रश्न- शून्य परिकल्पना से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
  79. प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
  80. प्रश्न- शैक्षिक शोध में न्यादर्श चयन का महत्त्व बताइये।
  81. प्रश्न- शोधकर्त्ता को परिकल्पना का निर्माण क्यों करना चाहिए।
  82. प्रश्न- शोध के उद्देश्य व परिकल्पना में क्या सम्बन्ध है?
  83. प्रश्न- महत्वशीलता स्तर या सार्थकता स्तर (Levels of Significance) को परिभाषित करते हुए इसका अर्थ बताइए?
  84. प्रश्न- शून्य परिकल्पना में विश्वास स्तर की भूमिका को समझाइए।

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