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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2695
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

"यत्र नार्यस्तु पुजयन्ते रमन्ते तत्र देवता"। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक ऐसी योजना है जिसका अर्थ होता है कन्या शिशु को बचाओ और इन्हें शिक्षित करो।

इस योजना को भारत सरकार के द्वारा 22 जनवरी, 2015 को कन्या शिशु के लिये जागरूकता का निर्माण करने के लिये और महिला कल्याण में सुधार करने के लिये शुरू किया गया था।

इस मिशन का मूल उद्देश्य समाज में पनपते लिंग असंतुलन को नियंत्रित करना है। इस अभियान के द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध आवाज उठाई गयी है। यह अभियान हमारे घर की बहू-बेटियों पर होने वाले अत्याचार के विरुद्ध एक संघर्ष है। इस अभियान के द्वारा समाज में लड़कियों को समान अधिकार दिलाए जा सकते हैं।

पूरे भारत में लड़कियों को शिक्षित बनाने और उन्हें बचाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नाम से लड़कियों के लिए एक योजना की शुरुआत की।

इसका आरम्भ हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी, 2015, गुरुवार को हुआ। पूरे देश में हरियाणा में लिंगानुपात 775 लड़कियों पर 1000 लड़कों का है जो बेटियों की दयनीय स्थिति को दर्शाता है। इसी वजह से इसकी शुरुआत हरियाणा राज्य से हुई।

लड़कियों की दशा को सुधारने के लिये पूरे देश के 100 जिलों में इसे प्रभावशाली तरीके से लागू किया गया है।

इस योजना के अनुसार बेटियों की शिक्षा के लिये उचित व्यवस्था की गई है और लोगों की सोच को बदलने के लिये जगह-जगह इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है जिससे लोग बेटों और बेटियों में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करें। जन्म के बाद भी लड़कियों को कई तरह के भेदभाव से गुजरना पड़ता है, जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, खान-पान, अधिकार आदि दूसरी जरूरतें भी हैं जो लड़कियों को भी प्राप्त होनी चाहिए। हम कह सकते हैं कि महिलाओं को सशक्त करने के बजाय अशक्त किया जा रहा है।

महिलाओं को सशक्त बनाने और जन्म से ही अधिकार देने के लिये सरकार ने इस योजना की शुरुआत की।

महिलाओं के सशक्तिकरण से सभी जगह प्रगति होगी खासतौर से परिवार और समाज लड़कियों के लिये मानव की नकारात्मक पूर्वाग्रह को सकारात्मक बदलाव में परिवर्तित करने के लिये ये योजना एक रास्ता है। ये सम्भव है कि इस योजना से लड़कों और लड़कियों के प्रति भेदभाव खत्म हो जाये तथा कन्या भ्रूण हत्या का अन्त करने में ये मुख्य कड़ी साबित हो।

पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व आदमी और औरत दोनों की समान भागीदारी के बिना सम्भव नहीं होता है। दोनों ही पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व के साथ-साथ किसी भी देश के विकास के लिये समान रूप से जिम्मेदार हैं। सबसे बड़ा अपराध कन्या भ्रूण हत्या है जिसमें अल्ट्रासाउंड के माध्यम से लिंग परीक्षण के बाद लड़कियों को माँ के गर्भ में ही मार दिया जाता है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एक ऐसी योजना है जिसका अर्थ होता है कन्या शिशु को बचाओ और इन्हें शिक्षित करो।

बेटी किसी भी क्षेत्र में लड़कों की तुलना में कम सक्षम नहीं होती है। लड़कियाँ लड़कों की अपेक्षा अधिक आज्ञाकारी, कम हिंसक और अभिमानी साबित होती हैं। लड़कियाँ अपने माता-पिता की और उनके कार्यों की अधिक परवाह करने वाली होती हैं। एक महिला अपने जीवन में बेटी, बहन पत्नी, माता, की भूमिका निभाती है।

यह योजना समाज में लड़कियों के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिये है। यह कन्या भ्रूण हत्या को पूरी तरह से हटाकर बालिकाओं के जीवन को बचाने के लिये आम लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। लोगों को अपनी लड़की के जन्म का जश्न मनाना चाहिए और उन्हें पूरी जिम्मेदारी के साथ शिक्षित करना चाहिए जैसाकि वे अपने लड़के के लिये करते हैं।

इस योजना को प्रारम्भ करने के लिये आवश्यक प्रारम्भिक पूँजी 100 करोड़ रु. थी। 2001 में जनगणना के आँकड़ों के अनुसार इसकी शुरुआत की आवश्यकता थी। हमारे देश में 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के बाल लिंग अनुपात 927/1000 लड़के थे। यह 2011 में लिंग अनुपात 918 लड़कियों / 1000 लड़कों में भारी गिरावट देखी गई थी।

2012 में यूनिसेफ द्वारा दुनिया भर में 195 देशों में भारत को 41वाँ स्थान दिया गया था इसलिए पूरे भारत में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिये लड़कियों के लिये योजना बहुत आवश्यक थी। यह योजना लोगों को कन्या भ्रूण हत्या को खत्म करने का आह्वान भी करती है।

इस योजना को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा इसलिए दिया गया क्योंकि भारत में दिन-प्रतिदिन बेटियों की स्थिति खराब होती जा रही है। उनके साथ उन्हीं के जन्मदाता भेदभाव कर रहे हैं। वह सोचते हैं कि बेटियाँ तो पराई धन होती हैं, उनकी कैसे भी हो जल्दी से जल्दी शादी करा दो और उनको पढ़ाने लिखाने का कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए वे केवल बेटों पर ध्यान देते हैं। उनकी अच्छी शिक्षा की उचित व्यवस्था करते हैं और बेटियों को स्कूल में पढ़ने तक का अवसर नहीं देते हैं। बेटियों के इस बिगड़ते हुए हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटियों की खराब हालत को सुधारने के लिये बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि बेटियों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो व उन्हें भी लड़कों के बराबर अधिकार प्राप्त हो और गाँव-गाँव जाकर इसका प्रसार-प्रचार करना था।

21 वीं शताब्दी में भारत जहाँ एक ओर चाँद पर जाने के कदम बढ़ा रहा है वहीं दूसरी तरफ भारत की बेटियाँ अपने घर से बाहर निकलने पर डर भी रही हैं जिससे यह पता लगता है कि आज भी भारत देश पुरुष प्रधान समाज वाला देश है।

हमारे देश के लोगों की मानसिकता इतनी भ्रष्ट हो चुकी है कि वह महिलाओं और बेटियों का सम्मान नहीं करते हैं। हमारे देश में प्रतिदिन बढ़ती जा रही कन्या भ्रूण हत्या भी लोगों को संकुचित मानसिकता का परिचय देती है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा था कि "अगर भारत द्वारा कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामलों पर जल्द ही कोई संज्ञान नहीं लिया गया तो जनसंख्या से जुड़े संकट उत्पन्न हो सकते हैं।

इस योजना के द्वारा अगर बेटियाँ पढ़ी-लिखी होंगी तो पूरा परिवार सुखी होगा तथा जिसके कारण हमारा भारत विकसित देश की दिशा में आगे बढ़ सकेगा।

इस योजना के माध्यम से इस बात पर विशेष जोर दिया जा रहा है कि बेटियों के साथ जो भी भेदभाव हो रहे हैं उनको जल्द ही खत्म किया जाए और साथ ही उनको पढ़ने-लिखने की भी आजादी प्रदान की जाए। बेटियों को भी अपना जीवन जीने का पूर्ण अधिकार होना चाहिए।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? प्रसार शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
  2. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  3. प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
  4. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
  5. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
  6. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  7. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।
  8. प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
  9. प्रश्न- प्रसार शिक्षा, शिक्षण पद्धतियों को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों का वर्णन करो।
  10. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता की भूमिका तथा गुणों का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन क्या हैं? प्रसार शिक्षा में दृश्य-श्रव्य साधन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- सीखने और प्रशिक्षण की विधियाँ बताइए। प्रसार शिक्षण सीखने और प्रशिक्षण की कितनी विधियाँ हैं?
  13. प्रश्न- अधिगम या सीखने की प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका बताइये।
  14. प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
  15. प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
  16. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
  17. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
  18. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
  19. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के मूल तत्व बताओं।
  20. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के अर्थ एवं आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- श्रव्य दृश्य साधन क्या होते हैं? इनकी सीमाएँ बताइए।
  22. प्रश्न- चार्ट और पोस्टर में अन्तर बताइए।
  23. प्रश्न- शिक्षण अधिगम अथवा सीखने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को समझाइए।
  24. प्रश्न- सीखने की विधियाँ बताइए।
  25. प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
  26. प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आपका क्या तात्पर्य है? भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
  27. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए। इस अभियान के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
  28. प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- उज्जवला योजना पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- भारत में राष्ट्रीय विस्तारप्रणाली की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  33. प्रश्न- स्वयं सहायता समूह पर टिप्पणी लिखिए।
  34. प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
  35. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  36. प्रश्न- उज्जवला योजना के उद्देश्य बताइये।
  37. प्रश्न- नारी शक्ति पुरस्कार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना पर टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना क्या है? इसके लाभ बताइए।
  42. प्रश्न- श्रीनिकेतन कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे? संक्षिप्त में समझाइए।
  43. प्रश्न- भारत में प्रसार शिक्षा का विस्तार किस प्रकार हुआ? संक्षिप्त में बताइए।
  44. प्रश्न- महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे?
  45. प्रश्न- सेवा (SEWA) के कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- कल्याणकारी कार्यक्रम का अर्थ बताइये। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए बनाये गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
  48. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  50. प्रश्न- सामुदायिक विकास एवं प्रसार शिक्षा के अन्तर्सम्बन्ध की चर्चा कीजिए।
  51. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
  52. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यकर्त्ता की विशेषताएँ एवं कार्य समझाइये।
  53. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम को परिभाषित कीजिए एवं उसके सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।
  56. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
  57. प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
  58. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना के अन्तर्गत ग्राम कल्याण हेतु कौन से कार्यक्रम चलाने की व्यवस्था है?
  59. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
  60. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना की विशेषताएँ बताओ।
  61. प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
  62. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
  63. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
  65. प्रश्न- प्रसार प्रबन्धन की परिभाषा, प्रकृति, सिद्धान्त, कार्य क्षेत्र और आवश्यकता बताइए।
  66. प्रश्न- नेतृत्व क्या है? नेतृत्व की परिभाषाएँ दीजिए।
  67. प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
  68. प्रश्न- प्रबंध के कार्यों को संक्षेप में समझाइए।
  69. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (Extension education) से आप क्या समझते है, समझाइए।
  70. प्रश्न- प्रसार शिक्षा व प्रबंधन का सम्बन्ध बताइये।
  71. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
  72. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन की विशेषताओं को संक्षिप्त में समझाइए।
  73. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
  74. प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
  75. प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?

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