बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन
अध्याय - 8
आहारीय रेशे
(Dietary Fibers)
प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
अथवा
आहारीय रेशों का वर्गीकरण कीजिए एवं इसके कार्यों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. आहारीय रेशे क्या हैं?
2. आहारीय रेशों का संगठन क्या है?
3. आहारीय रेशों का वर्गीकरण कीजिए।
4. आहारीय रेशों के लाभ लिखिए।
उत्तर -
आहारीय रेशे (Dietary Fibers)
आहारीय रेशा, आहार में उपस्थित रेशे तत्व को कहते हैं। ये पौधों से मिलने वाले ऐसे तत्व हैं जो स्वयं तो अपाच्य होते हैं, किन्तु मूल रूप से पाचन क्रिया को सुचारू बनाने का अत्यावश्यक योगदान करते हैं। रेशे शरीर की कोशिकाओं की दीवार का निर्माण करते हैं। इनको एन्जाइम नष्ट नहीं कर पाते। अतः ये अपाच्य होते हैं।
रेशे का संगठन (Composition of Fiber) - सेल्यूलोज रेशे का महत्वपूर्ण भाग है। यह 3000 या उससे अधिक ग्लूकोज की इकाइयों के आपस में जुड़ने से बनता है। इसमें पानी अवशोषित करने का गुण होता है। हेमीसेल्यूलोज शाखादार होता है तथा ये जाइलोज, गैलेक्टोज, मैनोज, अरेबिनोज व कुछ अन्य शर्कराओं के जुड़ने से बनते हैं। लिगनिन वनस्पति कोशिकाओं की कोशिका भित्ती में पाया जाने वाला पॉलीसैकेराइड है। पेक्टिन व अगार अगार हेमीसेल्यूलोज के उदाहरण हैं। पेक्टिन कुछ विशेष तरह के फलों, उनके छिलके व बीजों में उपस्थित रहता है। पानी अवशोषित करने के गुण के कारण पेक्टिन से फ्रूट जैली बनाई जाती है। अगार अगार समुद्री घास से प्राप्त किया जाता है। इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों को गाढ़ा करने के लिए 'थिकनिक एजेन्ट' के रूप में किया जाता है।
रेशों का वर्गीकरण (Classification of Fibers) - रेशों का वर्गीकरण दो भागों में किया गया है -
1. पानी में घुलनशील रेशे (Water Soluble Fibers) - पानी में घुलनशील फाइबर हैं जैसे- पैक्टिन, गम व म्यूसिलेज।
2. पानी में अघुलनशील रेशे (Water insoluble Fibers) - पानी में अघुलनशील फाइबर हैं- सैल्युलोज, हमीसेल्यूलोज व लिग्निन।
इसके अतिरिक्त कृत्रिम फाइबर भी तैयार किया गया है, जिनका उपयोग कम कैलोरी के आहार में किया जाता है। जिसमें प्रमुख हैं- मिथाइल सेल्युलोज तथा कार्बोक्सि मिथाइल सेल्युलोज।
आहारीय रेशों के लाभ (Benefits of Dietary Fibers) आहारीय रेशों के लाभ निम्नलिखित हैं-
1. पाचन में सहायक (Helpful in Digestion) - आहारीय रेशे पाचन मार्ग की गतिशीलता को बढ़ाते हैं। रेशे मल की घटता एवं नियमितता बढ़ाकर पाचन में सुधार करता है। चिकनाई युक्त और नरम मल कठिन या पानी वाले मल का तुलना में पास करना आसान होता है, जो न केवल जीवन को अधिक आरामदायक बनाता है, चिकनाई युक्त मल कोलोरेक्टल स्वास्थ्य को बनाये रखने में मदद करता है। एक उच्च फाइबर वाला आहार बवासीर और डायवर्टी कुलिटिस के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
2. हृदय स्वास्थ्य में सहायक (Helpful in Heart Health) - आहारीय रेशे कोलेस्ट्राल को कम करने में मदद करते हैं। पाचन प्रक्रिया के लिए पित्त एसिड की आवश्यकता होती है जो आंशिक रूप से कोलेस्ट्राल के साथ बने होते हैं। जैसे-जैसे आपका पाचन बेहतर होता है लिवर अधिक पित्त एसिड बनाने के लिए रक्त से कोलेस्ट्रॉल खींचता है, जिससे LDL (खराब कोलेस्ट्राल) की मात्रा कम हो जाती है और हृदय स्वस्थ्य रहता है। परिणामस्वरूप हृदय रोगों से बचाव होता है।
3. रक्त शर्करा विनियमन में सहायक (Helpful in Blood Sugar Regulation) - रेशे और रक्त ग्लूकोज (रक्त शर्करा) के स्तर के बीच सम्बन्धों के बारे में एक मेटा-विश्लेषण से पाया कि फाइबर सेवन में रक्त में ग्लूकोज का स्तर स्टैंडर्ड फास्टिंग ब्लड. ग्लूकोज लेवल परीक्षण के दौरान कम हो सकता है। फाइबर की अधिकता वाला भोजन मधुमेह के बचाव में उपयोगी सिद्ध होता है। फाइबर की अधिकता वाला भोजन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करता है।
4. कैंसर की रोकथाम में सहायक (Helpful in Prevention of Cancer) - नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (अमेरिका) का दावा है कि एक उच्च फाइबर आहार कैंसर की रोकथाम में सहायक होता है। 2011 में ब्रिटिश जर्नल ऑफ मेडिसिन से मिले मेटा एनालिसिस में अनाज फाइबर और पूरे अनाज का सेवन कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को कम करता है।
यदि कोई व्यक्ति आंत बैक्टीरिया की मात्रा रखता है। फाइबर स्वाभाविक रूप से निचले वृहदान्त (colon) में बैक्टीरिया के साथ प्रतिक्रिया करता है और कभी-कभी ब्यूटिरेट नामक एक रसायन में किण्वित कर सकता है जो कैंसर कोशिकाओं के आत्म-विनाश का कारण बन सकता है। कुछ लोगों में स्वाभाविक रूप से दूसरों की तुलना में अधिक Butyrate उत्पादक बैक्टीरिया होते हैं और एक उच्च फाइबर आहार बैक्टीरिया की वृद्धि को प्रोत्साहित करने में मदद करते हैं।
5. खाद्य एलर्जी और अस्थमा रोकने में सहायक (Helpful in Control Food Allergy and Asthama) - नये शोध यह बताते हैं कि फाइबर खाद्य एलर्जी को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके अस्तित्व में लम्बे समय से वैज्ञानिक के लिए समान है। यह सिद्धान्त फाइबर और बैक्टीरिया के बीच आंत में हस्तक्षेप के लिए जाना जाता है।
6. दीर्घायु प्रदान करने में सहायक (Helpful in Achieving Longevity) . फाइबर वास्तव में लोगों को लम्बे समय तक जीने में मदद करता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित प्रासंगिक अध्ययनों का एक मेटा विश्नेषण निष्कर्ष निकाला गया कि उच्च आहार फाइबर सेवन से कुल मृत्यु दर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
हाल ही एक अध्ययन से पता चलता है कि अनाज फाइबर पूरे अनाज की रोटी, अनाज और पास्ता जैसे खाद्य पदार्थों से, विशेष रूप से प्रभावी है। 14 साल की अवधि में, जो लोग सबसे अधिक अनाज फाइबर खाते थे, उनमें सबसे कम खाने वालों की तुलना में मरने की संभावना 19 प्रतिशत कम थी।
7. कब्ज दूर करने में सहायक (Helpful in Constipation) - फाइबर में पानी के अवशोषण की अभूतपूर्व क्षमता होती है। ये अपने वजन से 15 गुना अधिक पानी सोख लेते हैं व फूल जाते हैं, जिससे मल में पानी की मात्रा बनी रहती है व कब्ज नहीं हो पाती।
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- प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
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- प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
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- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
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- प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
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- प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
- प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
- प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
- प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
- प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
- प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
- प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
- प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
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- प्रश्न- विटामिन
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- प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
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- प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
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- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
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- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
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