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एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2687
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञान

प्रश्न- 'शिक्षा मनोविज्ञान का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। शिक्षक प्रशिक्षण में इसकी सम्बद्धता क्या है?

अथवा
'शिक्षा मनोविज्ञान' के सम्प्रत्यय की व्याख्या कीजिए। बताइए कि इसका ज्ञान शिक्षक-प्रशिक्षुओं लिए क्यों आवश्यक है।

उत्तर -

शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ

शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की एक महत्त्वपूर्ण शाखा है। यह दो शब्दों से मिलकर बना है-'शिक्षा' और 'मनोविज्ञान' - जिसका अर्थ होता है शिक्षा की प्रक्रिया से सम्बन्धित व्यवहारों का अध्ययन करने वाला विज्ञान। दूसरे शब्दों में-शिक्षा मनोविज्ञान ऐसा विज्ञान है जो शिक्षा की प्रक्रिया में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है।

शिक्षा के क्षेत्र में मनोवैज्ञानिक विधियों का प्रयोग ही शिक्षा मनोविज्ञान है। शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य केन्द्र मानव व्यवहार है। शिक्षा-मनोविज्ञान खोज तथा निरीक्षण द्वारा प्राप्त तथ्यों को संग्रहित करके उन्हें सैद्धान्तक रूप प्रदान करता है तथा इसकी विधियों के द्वारा शिक्षा सम्बन्धी समस्याओं का समाधान किया जाता है।

परिभाषायें
नॉल व अन्य के अनुसार, “शिक्षा मनोविज्ञान मुख्य रूप से शिक्षा की सामाजिक प्रक्रिया से परिवर्तित या निर्देशित होने वाले मानव व्यवहार के अध्ययन से सम्बन्धित है।"
एलिस को के अनुसार-“शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से वृद्धावस्था तक सीखने के अनुभवों का वर्णन और व्याख्या करता है।"
कॉलसनिक के अनुसार- "शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सिद्धान्तों तथा खोजों का शिक्षा में प्रयोग है।"

आलोचनात्मक मूल्यांकन-शिक्षा एक सामाजिक विज्ञान है और यह बालक के सर्वांगीण एवं समाजोपयोगी विकास में काफी सहायक होता है। शिक्षा के द्वारा बालक की मानसिक शक्ति और उसके व्यवहार को इस प्रकार विकसित किया जाता है कि वह एक अच्छा नागरिक बन सके। लेकिन बालक की शक्तियों का समुचित विकास मनोविज्ञान के द्वारा ही सम्भव होता है। शिक्षा और मनोविज्ञान का अटूट सम्बन्ध है। यह सम्बन्ध जितना गहरा होगा उतना ही अधिक शैक्षिक एवं सामाजिक उन्नति होगी। अतः हमें चाहिये कि हम उन सम्भावनाओं का अधिक-से-अधिक पता लगायें जिससे शिक्षा मनोविज्ञान का अधिकाधिक उपयोग शिक्षा में किया जा सके। हमें बालकों के खेल, शारीरिक, मानसिक वृद्धि एवं विकास, रक्षा, आत्मविश्वास, उन्मुक्तता, इच्छाओं, रुचियों और तर्क व्यक्ति आदि आवश्यकताओं में सम्बन्धित मनोवैज्ञानिक ज्ञान का प्रसार शिक्षकों में करने के लिये प्रभावी कदम उठाने चाहिये। ऐसे क्लब या मनोविज्ञान केन्द्र खोले जायें जहाँ शिक्षक, अभिभावक एवं छात्र इन बातों का समुचित प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। इन केन्द्रों में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिये कि शिक्षक अपने छात्रों से मुक्त भाव से सम्पर्क कर सके और यह जान सकें कि छात्र का स्वभाव, रुचि और रुझान किस ओर है? इसके साथ ही इन केन्द्रों में शिक्षकों की विभिन्न प्रकार की सामाजिक व मनोवैज्ञानिक समस्याओं के समाधान का भी प्रबन्ध होना चाहिये।

शिक्षा इस बात के लिये स्वतन्त्र है कि वह शिक्षा मनोविज्ञान द्वारा सुझाये गये उपायों को अपनाये अथवा नहीं। प्रत्येक शिक्षाविद् अपने-अपने मतानुसार समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करते हैं। यह विविधता ही शिक्षा की विशेषता है और यही उसके विकास का मार्ग प्रशस्त करती है। मनोविज्ञान और शिक्षा मनोविज्ञान तो केवल शिक्षा की सहायता मात्र करते हैं, शिक्षा को अपने निर्णयों को अपनाने के लिये बाध्य नहीं करते हैं।

इसी तरह शिक्षा और मनोविज्ञान एक-दूसरे के विरोधी न होकर पूरक हैं। यही बात विश्लेषण और संश्लेषण पर लागू होती है। ये दोनों स्वयं में स्वतन्त्र नहीं हैं परन्तु बिना दोनों के ज्ञान पूर्ण नहीं हो पाता है।

शिक्षक प्रशिक्षण में इसकी सम्बद्धता

शिक्षा मनोविज्ञान का मानव जीवन में बहुत महत्त्व है। शिक्षा मनोविज्ञान के द्वारा ही मनुष्य के जीवन का सर्वांगीण विकास सम्भव है। एक सफल शिक्षक बनने के लिये शिक्षा मनोविज्ञान का ज्ञान होना बहुत महत्त्वपूर्ण है। शिक्षक के लिये मनोविज्ञान की सम्बद्धता एवं उपयोगिता निम्नलिखित है -

1. मनोविज्ञान के द्वारा अध्यापक को सभी प्रकार की शिक्षण विधियों का ज्ञान हो जाता है उसे पाठ्यक्रम को पढ़ाने में किसी प्रकार की भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है।
2. मनोविज्ञान के ज्ञान के द्वारा शिक्षक छात्रों की रुचि के अनुसार शैक्षिक वातावरण तैयार कर सकता है जिससे छात्रों को उनकी बुद्धि के विकास में और अधिक सहायता मिलेगी।
3. शिक्षक के लिये मनोविज्ञान का विशेष महत्त्व है क्योंकि इसकी सहायता से शिक्षक पिछड़े बालकों की समस्याओं को आसानी से सुलझा सकते हैं, और उन्हें इस बात की जानकारी प्राप्त होती है कि किस प्रकार वे पिछड़े बालकों को प्रतिभाशाली बालकों के बराबर ला सकते हैं।
4. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षक को अनुशासन बनाये रखने में सहायता करता है। यह शिक्षा मनोविज्ञान ही है जिसके द्वारा शिक्षक दमनात्मक अनुशासन का विरोध करता है और प्रभावात्मक अनुशासन का समर्थन करता है।
5. शिक्षा मनोविज्ञान के द्वारा शिक्षक को बालकों की वैयक्तिक भिन्नताओं को समझने में सहायता मिलती है और शिक्षक बालकों की भिन्नताओं के आधार पर उनकी रुचि के आधार पर बालकों को विषयों का ज्ञान कराता है।

उपर्युक्त विवेचनों से स्पष्ट है कि शिक्षा मनोविज्ञान एक अध्यापक को अनेक सिद्धान्तों तथा व्यावहारिक तथ्यों से अवगत कराता है जिससे वह अपने कार्य को कुशलतापूर्वक सम्पन्न करने में समर्थ होता है। एक बार अध्यापक द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने पर शिक्षा मनोविज्ञान का अध्ययन पूर्ण नहीं हो जाता। एक अध्यापक को सतत् रूप से जब तक वह अध्ययन व्यवसाय में कार्यशील रहता है, शिक्षा मनोविज्ञान द्वारा प्रतिपादित आधुनिक विचारों एवं व्यवहारों के सम्पर्क में रहना आवश्यक है क्योंकि शिक्षा मनोविज्ञान ही एक अध्यापक को सही मायने में कुशल और व्यावसायिक अध्यापकीय गुणों से अभिभूत करता है।

 

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ बताइये एवं इसकी प्रकृति को संक्षेप में स्पष्ट कीजिये !
  2. प्रश्न- मनोविज्ञान और शिक्षा के सम्बन्ध का विवेचन कीजिये और बताइये कि मनोविज्ञान ने शिक्षा सिद्धान्त और व्यवहार में किस प्रकार की क्रान्ति की है?
  3. प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान की भूमिका या महत्त्व बताइये।
  4. प्रश्न- 'शिक्षा मनोविज्ञान का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। शिक्षक प्रशिक्षण में इसकी सम्बद्धता क्या है?
  5. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान की विकासात्मक विधि को समझाइये तथा इस विधि की विशेषताओं एवं सीमाओं का उल्लेख कीजिये।
  6. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
  7. प्रश्न- शैक्षिक सिद्धान्त व शैक्षिक प्रक्रिया के लिये शैक्षिक मनोविज्ञान का क्या महत्त्व है?
  8. प्रश्न- मनोविज्ञान की विभिन्न परिभाषाओं को स्पष्ट कीजिये।
  9. प्रश्न- व्यवहारवाद की प्रमुख विशेषताएँ बताइए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहारवाद सम्प्रदाय का क्या योगदान है?
  10. प्रश्न- व्यवहारवाद तथा शिक्षा के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
  11. प्रश्न- गैस्टाल्ट मनोविज्ञान का शैक्षिक महत्व बताते गेस्टाल्टवाद का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- प्रकार्यवाद क्या है? उल्लेख कीजिए। प्रकार्यवाद का सिद्धान्त बताइए।
  13. प्रश्न- अवयवीवाद (गेस्टाल्टवाद) की मुख्य विशेषतायें बताइये।
  14. प्रश्न- फ्रायड के मनोविश्लेषणवाद को समझाइये।
  15. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की कुछ महत्त्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करता है कैसे?
  16. प्रश्न- मनोविज्ञान में व्यवहारवाद की आवश्यकता का विश्लेषण कीजिए।
  17. प्रश्न- व्यवहारवाद क्या है? इसका शैक्षिक महत्व बताइये।
  18. प्रश्न- मनोविज्ञान के सम्प्रदाय का अर्थ तथा प्रकार का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- संरचनावाद का शिक्षा में क्या योगदान है?
  20. प्रश्न- अधिगम के अर्थ एवं प्रकृति की विवेचना कीजिए। अधिगम एवं परिपक्वता के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- अधिगम की परिभाषा बताइए।
  22. प्रश्न- अधिगम की प्रकृति समझाइये।
  23. प्रश्न- परिपक्वता और सीखने में क्या अन्तर है?
  24. प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन-से हैं? उन्हें स्पष्ट कीजिए।
  25. प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले अध्यापक से सम्बन्धित कारक कौन-से हैं?
  26. प्रश्न- विषय से सम्बन्धित अधिगम को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  27. प्रश्न- अधिगम के वातावरण सम्बन्धी कारकों का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- 'अनुबन्धन' से क्या अभिप्राय है? पावलॉव और स्किनर के सीखने के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को नियंत्रित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
  30. प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
  31. प्रश्न- प्रानुकूलित अनुक्रिया से आप क्या समझते हैं? इस सिद्धान्त का शिक्षा में प्रयोग बताइये।
  32. प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  33. प्रश्न- स्किनर द्वारा सीखने के सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  34. प्रश्न- थार्नडाइक द्वारा प्रतिपादित अधिगम के विभिन्न नियमों का उल्लेख कीजिए।
  35. प्रश्न- थार्नडाइक के उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- गेस्टाल्ट का समग्राकृति अथवा अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त क्या है?
  37. प्रश्न- स्किनर के सक्रिय अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धान्त के शिक्षा में प्रयोग को समझाइये |
  38. प्रश्न- थार्नडाइक के सम्बन्धवाद अथवा प्रयास व त्रुटि के सिद्धान्त के द्वारा अधिगम को समझाइये |
  39. प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण क्या है? अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइये।
  40. प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइए।
  41. प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण की दशाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  42. प्रश्न- अधिगमान्तरण के विभिन्न सिद्धान्तों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर अभिप्रेरणा का अर्थ स्पष्ट करते हुए अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- अभिप्रेरणा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-से हैं? उल्लेख कीजिये।
  46. प्रश्न- 'प्रेरणा' के सम्प्रत्यय का वर्णन कीजिए। छात्रों को अभिप्रेरित करने के लिए आप किन तकनीकों या विधियों का प्रयोग करेंगे?
  47. प्रश्न- अभिप्रेरणा क्या है? अभिप्रेरणा एवं व्यक्तित्व किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
  48. प्रश्न- अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है? अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  49. प्रश्न- अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
  50. प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल प्रवृत्ति सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  51. प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  52. प्रश्न- अभिप्रेरणा का उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त को समझाइये |
  53. प्रश्न- शैक्षिक दृष्टि से अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है?
  54. प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर बुद्धि का अर्थ स्पष्ट करते हुये बुद्धि की प्रकृति या स्वरूप तथा उसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
  55. प्रश्न- बुद्धि की प्रकृति एवं स्वरूप का वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- बुद्धि की विशेषताओं को समझाइये |
  57. प्रश्न- बुद्धि परीक्षा के विभिन्न प्रकार कौन-से हैं? वैयक्तिक व सामूहिक बुद्धि परीक्षा की तुलना कीजिये।
  58. प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं?
  59. प्रश्न- शाब्दिक व अशाब्दिक तथा उपलब्धि परीक्षण को स्पष्ट कीजिये।
  60. प्रश्न- वाचिक अथवा अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण से क्या अभिप्राय है? उल्लेख कीजिये।
  61. प्रश्न- स्टैनफोर्ड बिने मानदण्ड क्या है?
  62. प्रश्न- बर्ट द्वारा संशोधित बुद्धि परीक्षण को बताइये।
  63. प्रश्न- अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण के प्रकार बताइये।
  64. प्रश्न- वाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षण कौन से हैं?
  65. प्रश्न- अवाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षणों का वर्णन कीजिये।
  66. प्रश्न- बुद्धि परीक्षण के विभिन्न उपयोगों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये।
  67. प्रश्न- आई. क्यू. (I.Q.) से क्या तात्पर्य है? यह कैसे नापा जाता है? क्या आई. क्यू. स्थायी होता है? बुद्धि कहाँ तक पितृगत होती है? अपने उत्तर के समर्थन में प्रयोगात्मक प्रमाणों का उल्लेख कीजिये।
  68. प्रश्न- क्या आई. क्यू. (बुद्धिलब्धि) स्थायी होती है?
  69. प्रश्न- बुद्धि कहाँ तक पितृगत (वंशानुगत) होती है?
  70. प्रश्न- बुद्धि के स्वरूप व प्रकारों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- बुद्धि के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
  72. प्रश्न- बुद्धि-लब्धि क्या है?
  73. प्रश्न- बुद्धि की पहचान किन तथ्यों के माध्यम से की जा सकती है? व्याख्या कीजिए।
  74. प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों एवं प्रकारों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  75. प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता होने के क्या-क्या कारण हैं?
  76. प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता मापने की विधियाँ बताइये।
  78. प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता और शिक्षा में क्या सम्बन्ध है?
  79. प्रश्न- व्यक्तिगत विभिन्नता का शिक्षा में क्या महत्व है?
  80. प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नता से आप क्या समझते है? शिक्षा में इसके महत्व का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नताओं के मापन पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  82. प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नता का मापन व्यक्तित्व परीक्षा द्वारा कैसे किया जाता है?
  83. प्रश्न- परीक्षण के बाद व्यक्तिगत विभिन्नता का मापन बताइए।
  84. प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण से व्यक्तिगत विभिन्नता का मापन बताइये।
  85. प्रश्न- वैयक्तिक भिन्नता पर आधारित शिक्षण प्रविधियों का उल्लेख कीजिए।
  86. प्रश्न- डेक्रोली शिक्षण योजना को स्पष्ट कीजिए।
  87. प्रश्न- कॉन्ट्रेक्ट शिक्षण योजना तथा प्रोजेक्ट शिक्षण योजना का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- डाल्टन योजना को स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  90. प्रश्न- निष्पत्ति लब्धि की व्याख्या कीजिए।
  91. प्रश्न- शिक्षा-लब्धि पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- निष्पत्ति परीक्षण की शैक्षिक उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
  93. प्रश्न- व्यक्तित्व के प्रमुख प्रकारों का उल्लेख कीजिये।
  94. प्रश्न- थार्नडाइक ने व्यक्तित्व को कितने भागों में विभाजित किया है?
  95. प्रश्न- स्प्रैगर के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार बताइए।
  96. प्रश्न- युंग द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  97. प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व का निर्धारण करने वाले जैविक एवं वातावरणजन्य कारकों का विवेचन कीजिये।
  98. प्रश्न- व्यक्तित्व के प्रमुख गुणों (विशेषताओं) या शीलगुण सिद्धान्त का विस्तार का उल्लेख कीजिए।
  99. प्रश्न- व्यक्तित्व के निर्धारण में वंशानुक्रम तथा पर्यावरण की भूमिका बताइए।
  100. प्रश्न- व्यक्तित्व निर्धारण में विद्यालय कैसे प्रभाव डालता है?
  101. प्रश्न- व्यक्तित्व की संरचना से सम्बन्धित विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  102. प्रश्न- फ्रायड के सिद्धान्त के प्रमुख तत्व बताइये।
  103. प्रश्न- फ्रायड द्वारा बताई गई रक्षा युक्तियों को समझाइये।
  104. प्रश्न- व्यक्तित्व की संरचना से सम्बन्धित युंग के सिद्धान्त को बताइये।
  105. प्रश्न- युंग के अनुसार व्यक्तित्त्व का वर्गीकरण कीजिये।
  106. प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व मापन के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- व्यक्ति की किशोरावस्था या प्रौढ़ावस्था में उसके मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार संरक्षित किया जा सकता है?
  108. प्रश्न- प्रौढ़ावस्था में मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार से संरक्षित किया जायेगा?
  109. प्रश्न- कौन-कौन से कारक मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं और शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा नामे रखने के उपाय बताइए।
  110. प्रश्न- शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के उपाय बताइये।
  111. प्रश्न- मानसिक द्वन्द्व से आप क्या समझते हैं? इसके क्या कारण हैं?
  112. प्रश्न- मानसिक द्वन्द्व के स्रोत बताइए।
  113. प्रश्न- समायोजन से क्या आशय है? विद्यालयी बालकों में कुसमायोजन के कारण बताइये।
  114. प्रश्न- समायोजन की विशेषताएँ बताइये।
  115. प्रश्न- विद्यालयी बालकों में कुसमायोजन के लिए कौन-कौन से कारण उत्तरदायी हैं? उनका वर्णन कीजिए।
  116. प्रश्न- बचाव (समायोजन) क्या है? प्रमुख बचाव (समायोजन) यंत्रीकरणों को उदाहरण सहित प्रस्तुत कीजिए।
  117. प्रश्न- 'संघर्ष' को परिभाषित कीजिए।
  118. प्रश्न- भग्नाशा (कुंठा) को परिभाषित कीजिए। भग्नाशा के प्रमुख कारणों की चर्चा कीजिए।
  119. प्रश्न- दुश्चिंता पर टिप्पणी लिखिए।
  120. प्रश्न- समायोजन स्थापित करने की विभिन्न तकनीकों की व्याख्या कीजिए।
  121. प्रश्न- तनाव प्रबन्धन क्या है?
  122. प्रश्न- समायोजन विधि को संक्षेप में समझाइये।

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