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एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2687
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञान

प्रश्न- कौन-कौन से कारक मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं और शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा नामे रखने के उपाय बताइए।

अथवा
मानसिक स्वास्थ्य का शिक्षा में क्या महत्व है? बालकों के मानसिक स्वास्थ्य के विकास में शिक्षकों की भूमिका का वर्णन कीजिए।
अथवा
बालक के मानसिक स्वास्थ्य के विकास में बाधा डालने वाले तत्वों का वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न - मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक
(Factors to affect Mental Health)

उत्तर -

संसार को हर प्राणी मानसिक दृष्टि से भिन्न भिन्न होता है। कुछ की मानसिक क्षमताएं अधिक होती है तो वह जीवन में अधिक सफलताएं प्राप्त करते हैं। कुछ की मानसिक क्षमताएं कम होती है तो वह कम सफलताएं प्राप्त करते हैं। मानसिक क्षमताओं का अधिक या कम होना व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यह हम गम्भीरतापूर्वक अध्ययन करें तो हमें मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारक समझ में आते हैं-

(1) शारीरिक कारक - मानसिक स्वास्थ्य की शारीरिक कारक भी प्रभावित करते हैं। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। किसी असाहम रोग जैसे दाय, कैन्सर, संग्रहणी आदि से पीड़ित व्यक्तियों की शारीरिक क्षमता बहुत घट जाती है। वे स्वभाव से चिड़चिड़ें निराश व दुःखी हो जाते हैं क्योंकि वे जीवन से निराश हो जाते हैं। शरीर के अन्दर स्थित अन्तः स्त्रावी ग्रान्थियों के ठीक कार्य न करने के कारण भी लोगों में मानसिक शिकार उत्पन्न होते हैं।

(2) वंशानुक्रमणीय कारक - कुछ विशिष्ट मानसिक रचनाएं जो व्यक्ति वंशानुक्रम से प्राप्त करते हैं। मानसिक अस्वस्थाव विकास को उत्पन्न करती है। रक्त की कुछ विशेषताएं जो व्यक्ति वंशानुक्रम से प्राप्त करते है। मानसिक विकार को उत्पन्न करने के लिए उत्तेजक दशाएं शरीर में पैदा कर देती है। इसके अतिरिक्त मानसिक रोग एक पीढ़ी में संक्रमित होते हैं।

(3) पारिवारिक कारक - व्यक्ति का विकास पर परिवार का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। 5-6 वर्ष की आयु तक बालक परिवार से बहुत प्रभावित होता है। शैशवावस्था में शिशु का पालन-पोषण जिस ढंग से होता है, वह उसके मानसिक स्वास्थ्य को बहुत अधिक प्रभावित करता है। ऐसें घर जहाँ माता-पिता लड़ते झगड़ते है अथवा ऐसे परिवार जो भग्न न है, जिसमें माता-पिता या किसी एक का अभाव हो, विमाता या विपिता हो बालक को पूरा स्नेह व प्यार नहीं मिल पाया। उसकी आवश्यकता की पूर्ति नहीं होती। इसलिये उसमें पारिवारिक कारणों से मानसिक अस्वस्थता उत्पन्न हो जाती है।

(4) विद्यालयीय कारक - ऐसे विद्यालय जहां मनोवैज्ञानिक विधियों से शिक्षण नहीं किया जाता और बालकों को कठोर अनुशासन में रहना पड़ता है, सदैव डांट-फटकार और मार पड़ती है और उन्हें तरह-तरह के कठोर दण्ड मिलते हैं अथवा अध्यापकों में आपसी कलह और द्वेष के कारण तनाव बना रहता है, बालकों का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो जाता है। कुछ अध्यापक अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए लड़को को आपस में या किसी अन्य अध्यापक से लड़ा देते है इस प्रकार विद्यार्थियों का मानसिक संतुलन बिगड़ने का उत्तरदायित्व विद्यालयों पर भी है।

(5) सामाजिक कारक - कभी-कभी समाज के विरोधी तत्व व्यक्ति को पर्याप्त मान्यता नहीं प्रदान करते, उसके कार्यों और विचारों का विरोधी होता है। कभी-कभी कुछ स्वार्थों और अत्याचारी लोग निर्दोष व्यक्तियों का भारी नुकसान कर देते हैं। जीवन की जटिलता के कारण मनुष्य का जीवन तनावपूर्ण होता जा रहा है। आवश्यकताओं की वृद्धि से मानव कुण्ठा और तनाव का शिकार हो गया है इनसे मानसिक अस्वास्थ्य का जन्म होता है।

(6) जीवन की विषम परिस्थितियाँ - जीवन में मनुष्य को अनेक प्रकार निराश व असफलताओं का सामना करना पड़ता है किसी को व्यवसाय में सफलता नहीं मिलती तो किसी को प्रेम में सफलता नहीं मिलती। कोई आर्थिक संकट से ग्रस्त है तो कोई अपनी सामाजिक स्थिति से सन्तुष्ट नहीं है। इनका व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और उसमें समायोजन के दोष उत्पन्न हो जाते हैं।

(7) आर्थिक कारक - निरन्तर गरीबी में पलने वाले व्यक्ति की अनेक इच्छाएं पूरी नहीं हो पाती जिससे उसमें मानसिक स्वास्थ्य ग्रस्ति हो जाता है और उसका मानसिक सन्तुलन बिगड़ जाता है उसके विरुद्ध अत्याधिक धन होने से व्यक्ति वैश्य गामी या जुआ खेलने या शराब पीने की लत पड़ जाती है। जिससे उसमें मानसिक असन्तुलन उत्पन्न हो जाता है। अचानक गरीब से धनाढ्य होना या धनी से निर्धन हो जाना भी असन्तुलन उत्पन्न कर देता है। इस प्रकार मानसिक अस्वस्था उत्पन्न हो जाती है।

(8) संवेगात्मक कारक - मनोवैज्ञानिक खोजों के अनुसार संवेंग मनोविकारों के लिए सबसे अधिक उत्तरदायी संवेग होते हैं। मनुष्य में अनेक मूल प्रवृत्तियों होती जो किसी-न-किसी संवेग से सम्बन्धित होती है उनमें से कुछ प्रवृत्तियां और तत्संबाधित संवेग अधिक प्रबल होते हैं। जैसे काम वासना का संवेंग, क्रोध भय आदि इसके अवदमन या व्यक्ति में केन्द्रीकरण हो जाने से मानसिक असन्तुलन उत्पन्न हो जाता है। किसी भी संवेग की आतिशयता शरीर में ग्रन्थियों की क्रियाशीलता व रक्त की रचना में स्थायी परिवर्तन उत्पन्न करती है जो मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ देते हैं 1

(9) सांस्कृतिक कारक - समाज में सांस्कृतिक परम्पराएं व्यक्ति की इच्छाओं की पूर्ति पर रोक-टोक लगाती है। व्यक्ति को अक्सर अपने ऊपर दबाव डालकर अपनी प्रवृत्तियों को रोकना पड़ता है और जबरदस्ती कुछ कार्य करने पड़ते है। इस प्रकार सांस्कृतिक कारकों से मनोविकार उत्पन्न हो जाते है।

(10) भौगोलिक कारक - कुछ भौगोलिक कारक ऐसे होते हैं जिनसे लोग अपना समायोजन नहीं कर पाते। किसी ठंडे प्रदर्श से गर्म जलवायु में आये हुए लोगों के लिए वह जलवायु असहस होती है उनकी कार्य क्षमता कम हो जाती है। उसका हाजमा खराब हो जाता है और वह बीमार रहने लगते है। इस प्रकार उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो जाता है। अधिक रक्तचाप वाले लोगों को डॉक्टर समुद्री तट पर चलने की राय देते हैं। और कम रक्तचाप वाले को पर्वत पर जाने के लिए क्योकि जिस स्थान पर वह रहते वहाँ की जलवायु अनुकूल नहीं रह जाती है और वह उनमें शारीरिक तथा मानसिक अस्वस्थता उत्पन्न करती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ बताइये एवं इसकी प्रकृति को संक्षेप में स्पष्ट कीजिये !
  2. प्रश्न- मनोविज्ञान और शिक्षा के सम्बन्ध का विवेचन कीजिये और बताइये कि मनोविज्ञान ने शिक्षा सिद्धान्त और व्यवहार में किस प्रकार की क्रान्ति की है?
  3. प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान की भूमिका या महत्त्व बताइये।
  4. प्रश्न- 'शिक्षा मनोविज्ञान का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। शिक्षक प्रशिक्षण में इसकी सम्बद्धता क्या है?
  5. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान की विकासात्मक विधि को समझाइये तथा इस विधि की विशेषताओं एवं सीमाओं का उल्लेख कीजिये।
  6. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
  7. प्रश्न- शैक्षिक सिद्धान्त व शैक्षिक प्रक्रिया के लिये शैक्षिक मनोविज्ञान का क्या महत्त्व है?
  8. प्रश्न- मनोविज्ञान की विभिन्न परिभाषाओं को स्पष्ट कीजिये।
  9. प्रश्न- व्यवहारवाद की प्रमुख विशेषताएँ बताइए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहारवाद सम्प्रदाय का क्या योगदान है?
  10. प्रश्न- व्यवहारवाद तथा शिक्षा के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
  11. प्रश्न- गैस्टाल्ट मनोविज्ञान का शैक्षिक महत्व बताते गेस्टाल्टवाद का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- प्रकार्यवाद क्या है? उल्लेख कीजिए। प्रकार्यवाद का सिद्धान्त बताइए।
  13. प्रश्न- अवयवीवाद (गेस्टाल्टवाद) की मुख्य विशेषतायें बताइये।
  14. प्रश्न- फ्रायड के मनोविश्लेषणवाद को समझाइये।
  15. प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की कुछ महत्त्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करता है कैसे?
  16. प्रश्न- मनोविज्ञान में व्यवहारवाद की आवश्यकता का विश्लेषण कीजिए।
  17. प्रश्न- व्यवहारवाद क्या है? इसका शैक्षिक महत्व बताइये।
  18. प्रश्न- मनोविज्ञान के सम्प्रदाय का अर्थ तथा प्रकार का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- संरचनावाद का शिक्षा में क्या योगदान है?
  20. प्रश्न- अधिगम के अर्थ एवं प्रकृति की विवेचना कीजिए। अधिगम एवं परिपक्वता के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- अधिगम की परिभाषा बताइए।
  22. प्रश्न- अधिगम की प्रकृति समझाइये।
  23. प्रश्न- परिपक्वता और सीखने में क्या अन्तर है?
  24. प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन-से हैं? उन्हें स्पष्ट कीजिए।
  25. प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले अध्यापक से सम्बन्धित कारक कौन-से हैं?
  26. प्रश्न- विषय से सम्बन्धित अधिगम को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  27. प्रश्न- अधिगम के वातावरण सम्बन्धी कारकों का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- 'अनुबन्धन' से क्या अभिप्राय है? पावलॉव और स्किनर के सीखने के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को नियंत्रित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
  30. प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
  31. प्रश्न- प्रानुकूलित अनुक्रिया से आप क्या समझते हैं? इस सिद्धान्त का शिक्षा में प्रयोग बताइये।
  32. प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  33. प्रश्न- स्किनर द्वारा सीखने के सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  34. प्रश्न- थार्नडाइक द्वारा प्रतिपादित अधिगम के विभिन्न नियमों का उल्लेख कीजिए।
  35. प्रश्न- थार्नडाइक के उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- गेस्टाल्ट का समग्राकृति अथवा अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त क्या है?
  37. प्रश्न- स्किनर के सक्रिय अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धान्त के शिक्षा में प्रयोग को समझाइये |
  38. प्रश्न- थार्नडाइक के सम्बन्धवाद अथवा प्रयास व त्रुटि के सिद्धान्त के द्वारा अधिगम को समझाइये |
  39. प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण क्या है? अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइये।
  40. प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइए।
  41. प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण की दशाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  42. प्रश्न- अधिगमान्तरण के विभिन्न सिद्धान्तों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर अभिप्रेरणा का अर्थ स्पष्ट करते हुए अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- अभिप्रेरणा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-से हैं? उल्लेख कीजिये।
  46. प्रश्न- 'प्रेरणा' के सम्प्रत्यय का वर्णन कीजिए। छात्रों को अभिप्रेरित करने के लिए आप किन तकनीकों या विधियों का प्रयोग करेंगे?
  47. प्रश्न- अभिप्रेरणा क्या है? अभिप्रेरणा एवं व्यक्तित्व किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
  48. प्रश्न- अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है? अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  49. प्रश्न- अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
  50. प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल प्रवृत्ति सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  51. प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  52. प्रश्न- अभिप्रेरणा का उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त को समझाइये |
  53. प्रश्न- शैक्षिक दृष्टि से अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है?
  54. प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर बुद्धि का अर्थ स्पष्ट करते हुये बुद्धि की प्रकृति या स्वरूप तथा उसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
  55. प्रश्न- बुद्धि की प्रकृति एवं स्वरूप का वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- बुद्धि की विशेषताओं को समझाइये |
  57. प्रश्न- बुद्धि परीक्षा के विभिन्न प्रकार कौन-से हैं? वैयक्तिक व सामूहिक बुद्धि परीक्षा की तुलना कीजिये।
  58. प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं?
  59. प्रश्न- शाब्दिक व अशाब्दिक तथा उपलब्धि परीक्षण को स्पष्ट कीजिये।
  60. प्रश्न- वाचिक अथवा अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण से क्या अभिप्राय है? उल्लेख कीजिये।
  61. प्रश्न- स्टैनफोर्ड बिने मानदण्ड क्या है?
  62. प्रश्न- बर्ट द्वारा संशोधित बुद्धि परीक्षण को बताइये।
  63. प्रश्न- अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण के प्रकार बताइये।
  64. प्रश्न- वाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षण कौन से हैं?
  65. प्रश्न- अवाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षणों का वर्णन कीजिये।
  66. प्रश्न- बुद्धि परीक्षण के विभिन्न उपयोगों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये।
  67. प्रश्न- आई. क्यू. (I.Q.) से क्या तात्पर्य है? यह कैसे नापा जाता है? क्या आई. क्यू. स्थायी होता है? बुद्धि कहाँ तक पितृगत होती है? अपने उत्तर के समर्थन में प्रयोगात्मक प्रमाणों का उल्लेख कीजिये।
  68. प्रश्न- क्या आई. क्यू. (बुद्धिलब्धि) स्थायी होती है?
  69. प्रश्न- बुद्धि कहाँ तक पितृगत (वंशानुगत) होती है?
  70. प्रश्न- बुद्धि के स्वरूप व प्रकारों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- बुद्धि के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
  72. प्रश्न- बुद्धि-लब्धि क्या है?
  73. प्रश्न- बुद्धि की पहचान किन तथ्यों के माध्यम से की जा सकती है? व्याख्या कीजिए।
  74. प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों एवं प्रकारों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  75. प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता होने के क्या-क्या कारण हैं?
  76. प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता मापने की विधियाँ बताइये।
  78. प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता और शिक्षा में क्या सम्बन्ध है?
  79. प्रश्न- व्यक्तिगत विभिन्नता का शिक्षा में क्या महत्व है?
  80. प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नता से आप क्या समझते है? शिक्षा में इसके महत्व का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नताओं के मापन पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  82. प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नता का मापन व्यक्तित्व परीक्षा द्वारा कैसे किया जाता है?
  83. प्रश्न- परीक्षण के बाद व्यक्तिगत विभिन्नता का मापन बताइए।
  84. प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण से व्यक्तिगत विभिन्नता का मापन बताइये।
  85. प्रश्न- वैयक्तिक भिन्नता पर आधारित शिक्षण प्रविधियों का उल्लेख कीजिए।
  86. प्रश्न- डेक्रोली शिक्षण योजना को स्पष्ट कीजिए।
  87. प्रश्न- कॉन्ट्रेक्ट शिक्षण योजना तथा प्रोजेक्ट शिक्षण योजना का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- डाल्टन योजना को स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  90. प्रश्न- निष्पत्ति लब्धि की व्याख्या कीजिए।
  91. प्रश्न- शिक्षा-लब्धि पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- निष्पत्ति परीक्षण की शैक्षिक उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
  93. प्रश्न- व्यक्तित्व के प्रमुख प्रकारों का उल्लेख कीजिये।
  94. प्रश्न- थार्नडाइक ने व्यक्तित्व को कितने भागों में विभाजित किया है?
  95. प्रश्न- स्प्रैगर के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार बताइए।
  96. प्रश्न- युंग द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  97. प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व का निर्धारण करने वाले जैविक एवं वातावरणजन्य कारकों का विवेचन कीजिये।
  98. प्रश्न- व्यक्तित्व के प्रमुख गुणों (विशेषताओं) या शीलगुण सिद्धान्त का विस्तार का उल्लेख कीजिए।
  99. प्रश्न- व्यक्तित्व के निर्धारण में वंशानुक्रम तथा पर्यावरण की भूमिका बताइए।
  100. प्रश्न- व्यक्तित्व निर्धारण में विद्यालय कैसे प्रभाव डालता है?
  101. प्रश्न- व्यक्तित्व की संरचना से सम्बन्धित विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  102. प्रश्न- फ्रायड के सिद्धान्त के प्रमुख तत्व बताइये।
  103. प्रश्न- फ्रायड द्वारा बताई गई रक्षा युक्तियों को समझाइये।
  104. प्रश्न- व्यक्तित्व की संरचना से सम्बन्धित युंग के सिद्धान्त को बताइये।
  105. प्रश्न- युंग के अनुसार व्यक्तित्त्व का वर्गीकरण कीजिये।
  106. प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व मापन के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- व्यक्ति की किशोरावस्था या प्रौढ़ावस्था में उसके मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार संरक्षित किया जा सकता है?
  108. प्रश्न- प्रौढ़ावस्था में मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार से संरक्षित किया जायेगा?
  109. प्रश्न- कौन-कौन से कारक मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं और शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा नामे रखने के उपाय बताइए।
  110. प्रश्न- शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के उपाय बताइये।
  111. प्रश्न- मानसिक द्वन्द्व से आप क्या समझते हैं? इसके क्या कारण हैं?
  112. प्रश्न- मानसिक द्वन्द्व के स्रोत बताइए।
  113. प्रश्न- समायोजन से क्या आशय है? विद्यालयी बालकों में कुसमायोजन के कारण बताइये।
  114. प्रश्न- समायोजन की विशेषताएँ बताइये।
  115. प्रश्न- विद्यालयी बालकों में कुसमायोजन के लिए कौन-कौन से कारण उत्तरदायी हैं? उनका वर्णन कीजिए।
  116. प्रश्न- बचाव (समायोजन) क्या है? प्रमुख बचाव (समायोजन) यंत्रीकरणों को उदाहरण सहित प्रस्तुत कीजिए।
  117. प्रश्न- 'संघर्ष' को परिभाषित कीजिए।
  118. प्रश्न- भग्नाशा (कुंठा) को परिभाषित कीजिए। भग्नाशा के प्रमुख कारणों की चर्चा कीजिए।
  119. प्रश्न- दुश्चिंता पर टिप्पणी लिखिए।
  120. प्रश्न- समायोजन स्थापित करने की विभिन्न तकनीकों की व्याख्या कीजिए।
  121. प्रश्न- तनाव प्रबन्धन क्या है?
  122. प्रश्न- समायोजन विधि को संक्षेप में समझाइये।

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