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एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र चतुर्थ प्रश्नपत्र - परिवर्तन एवं विकास का समाजशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2684
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र चतुर्थ प्रश्नपत्र - परिवर्तन एवं विकास का समाजशास्त्र

प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

सामाजिक परिवर्तन के क्षेत्र में जनसंख्यात्मक कारकों का भी अत्यधिक महत्व है। जनसंख्या की विशेषताओं के कारण अनेक परिवर्तन उत्पन्न होते हैं जो निम्न है -

(1) अति जनसंख्या का प्रभाव - सामाजिक परिवर्तन पर अति जनसंख्या का प्रभाव रहता है किसी देश की अति जनसंख्या अनेक सामाजिक कारणों को जन्म देती हैं। उदाहरण के लिए अत्यधिक तीव्र गति से जनसंख्या की वृद्धि के कारण अनेक सामाजिक परिवर्तन होते हैं। उदाहरण के लिए 1951 में भारत की जनसंख्या 36 करोड़ से बढ़कर सन् 1991 में 84.4 करोड़ हो गई व 2001 में 1 अरब से भी अधिक हो गई। अति जनसंख्या के कारण समाज में निर्धनता, बेकरी, भुखमरी फैलती है।

मॉल्थस के अनुसार - किसी देश की अति जनसंख्या की स्थिति में खाद्यान्न की पूर्ति कम हो जाती है तो समस्या का समाधान स्वयं प्रकृति ही करती है और कुछ प्राकृतिक अवरोध जैसे प्लेग, हैजा, चेचक तथा ऐसी ही दूसरी भयंकर बीमारियाँ, अकाल, बाढ़, भुखमरी आदि क्रियाशील होते हैं। अति जनसंख्या के कारण सामाजिक जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन होते हैं। अति जनसंख्या के कारण व्यक्तियों का रहन-सहन तो निम्न होता ही है साथ ही व्यक्तिगत विघटन, पारिवारिक विघटन और सामाजिक विघटन को भी प्रोत्साहन मिलता है।

(2) जन्म-दर व मृत्यु दर का प्रभाव - जन्म-दर व मृत्यु दर का सामाजिक परिवर्तन पर प्रभाव पड़ता है। यदि देश में जन्म दर में कमी आती है तो उस देश में व्यक्तियों की कमी हो जाती है जिसका प्रभाव देश में आर्थिक स्तर पर पड़ता है। यदि किसी देश में जन्म दर अधिक हो जाती है तो वह देश का आर्थिक विकास तो होगा परन्तु इससे कई विकट परिस्थितियाँ भी उत्पन्न हो जायेंगी।

कैलर तथा फ्रेजर के अनुसार यदि किसी समाज में जन्म दर बढ़ती है तो वहाँ पर गर्भ निरोध, विलम्ब विवाह, गर्भपात, शिशु हत्या आदि अनेक मात्रा में देखने को मिल सकते हैं।

भारत में जन्म दर की अधिकता है। अतः वहाँ ये सभी कार्य देखने को मिलने हैं। यही कारण है कि भारत में परिवार नियोजन के कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसके विपरीत जहाँ पर जन्म दर कम है वहाँ पर बहुपत्नी विवाह आदि का प्रचलन है जिससे जन्म-दर बढ़ें। अतः कहा जा सकता है कि जन्म-दर तथा मृत्यु दर का प्रभाव सामाजिक परिवर्तन पर पड़ता है।

(3) जनसंख्या की रचना का प्रभाव - जनसंख्या की वृद्धि या कमी का प्रभाव भी सामाजिक संरचना पर पड़ता है। जनसंख्या के अन्तर्गत स्त्री-पुरुष तथा बच्चों, बूढ़ों आदि का समावेश होता है। जिस देश में वृद्धों तथा बच्चों की संख्या अधिक होती है उस देश में उत्पादन अधिक नहीं होता परन्तु जिस देश में युवाओं की संख्या अधिक होती है वहाँ पर देश उन्नति करता है। इसी प्रकार जहाँ पर स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक होती है वहाँ पर बहुपत्नी विवाह पाया जाता है व वर-मूल्य की परम्परा पाई जाती है इसके विपरीत पुरुषों की संख्या अधिक होने पर बहुपति विवाह प्रथा पाई जाती है तथा वधू मूल्यों का प्रचलन है। अतः कहा जा सकता है कि जनसंख्या की रचना का सामाजिक परिवर्तन पर प्रभाव पड़ता है।

(4) देशागमन तथा देशान्तरगमन का प्रभाव - देशागमन का अर्थ है बाहर से या दूसरे देश से लोगों का आना व देशान्तरगमन का अर्थ है देश के लोगों का अन्य देशों को जाना। दोनों ही स्थितियों में सामाजिक परिवर्तन होते हैं। उदाहरण के लिए बाहर से कोई व्यक्ति अगर अपने देश में आता है तो भी उसकी संस्कृति का प्रभाव पड़ता है तथा अगर व्यक्ति कहीं बाहर जाता है तो भी उसकी संस्कृति का प्रभाव वहाँ पर पड़ता है। इसका उदाहरण भारत तथा पाकिस्तान का विभाजन है। विभाजन के पश्चात् अनेक व्यक्ति बाहर से हमारे देश में आये जिससे हमारे देश में अनेक सभ्यताओं व संस्कृतियों का समावेश हो गया। अगर अपने देश से कोई व्यक्ति विदेश जाता है तो वहाँ की संस्कृति लेकर आता है इसी कारण भारत में पाश्चात्य संस्कृति के कारण अनेक परिवर्तन हुए।

 

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन का अर्थ बताइये सामाजिक परिवर्तन की विशेषतायें बताते हुए सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने वाले कारकों का विवरण दीजिए?
  2. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन की विशेषतायें बताइए।
  3. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन की प्रमुख प्रक्रियायें बताइये तथा सामाजिक परिवर्तन के कारणों (कारकों) का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- नियोजित सामाजिक परिवर्तन की विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
  5. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में नियोजन के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन से आप क्या समझते है? सामाजिक परिर्वतन के स्वरूपों की व्याख्या स्पष्ट कीजिए।
  7. प्रश्न- सामाजिक संरचना के विकास में सहायक तथा अवरोधक तत्त्वों को वर्णन कीजिए।
  8. प्रश्न- सामाजिक संरचना के विकास में असहायक तत्त्वों का वर्णन कीजिए।
  9. प्रश्न- केन्द्र एवं परिरेखा के मध्य सम्बन्ध की विवेचना कीजिए।
  10. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन का अर्थ बताइये? सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए।
  11. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के भौगोलिक कारक की विवेचना कीजिए।
  12. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के जैवकीय कारक की विवेचना कीजिए।
  13. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारक की विवेचना कीजिए।
  14. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के राजनैतिक तथा सेना सम्बन्धी कारक की विवेचना कीजिए।.
  15. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में महापुरुषों की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के प्रौद्योगिकीय कारक की विवेचना कीजिए।
  17. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के आर्थिक कारक की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के विचाराधारा सम्बन्धी कारक की विवेचना कीजिए।
  19. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के सांस्कृतिक कारक की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के मनोवैज्ञानिक कारक की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन की परिभाषा बताते हुए इसकी विशेषताएं लिखिए।
  22. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन की विशेषतायें बताइये।
  23. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में सूचना प्रौद्योगिकी की क्या भूमिका है?
  24. प्रश्न- निम्नलिखित पुस्तकों के लेखकों के नाम लिखिए - (अ) आधुनिक भारत में सामाजिक परिवर्तन (ब) समाज
  25. प्रश्न- सूचना प्रौद्योगिकी एवं विकास के मध्य सम्बन्ध की विवेचना कीजिए।
  26. प्रश्न- सूचना तंत्र क्रान्ति के सामाजिक परिणामों की व्याख्या कीजिए।
  27. प्रश्न- रूपांतरण किसे कहते हैं?
  28. प्रश्न- सामाजिक नियोजन की अवधारणा को परिभाषित कीजिए।
  29. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के विभिन्न परिप्रेक्ष्यों का वर्णन कीजिए।
  30. प्रश्न- प्रवर्जन व सामाजिक परिवर्तन पर एक टिप्पणी लिखिए।
  31. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- सामाजिक उद्विकास से आप क्या समझते हैं? सामाजिक उद्विकास के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिए।
  33. प्रश्न- सामाजिक उद्विकास के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- भारत में सामाजिक उद्विकास के कारकों का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- भारत में सामाजिक विकास से सम्बन्धित नीतियों का संचालन कैसे होता है?
  36. प्रश्न- सामाजिक प्रगति को परिभाषित कीजिए। सामाजिक प्रगति और सामाजिक परिवर्तन में अन्तर कीजिए।
  37. प्रश्न- सामाजिक प्रगति और सामाजिक परिवर्तन में अन्तर कीजिए।
  38. प्रश्न- सामाजिक प्रगति में सहायक दशाओं की विवेचना कीजिए।
  39. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के लिए जैव-तकनीकी कारण किस प्रकार उत्तरदायी है?
  40. प्रश्न- सामाजिक प्रगति को परिभाषित कीजिए। सामाजिक प्रगति और सामाजिक परिवर्तन में अन्तर कीजिए?
  41. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक प्रगति में अन्तर बताइये।
  42. प्रश्न- सामाजिक उद्विकास एवं प्रगति में अन्तर बताइये।
  43. प्रश्न- सामाजिक उद्विकास की अवधारणा की व्याख्या कीजिए।
  44. प्रश्न- समाज में प्रगति के मापदण्डों को स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारकों की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- उद्विकास व प्रगति में अन्तर स्थापित कीजिए।
  47. प्रश्न- "भारत में जनसंख्या वृद्धि ने सामाजिक आर्थिक विकास में बाधाएँ उपस्थित की हैं।" स्पष्ट कीजिए।
  48. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के आर्थिक कारक बताइये तथा आर्थिक कारकों के आधार पर मार्क्स के विचार प्रकट कीजिए?
  49. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन मे आर्थिक कारकों से सम्बन्धित अन्य कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  50. प्रश्न- आर्थिक कारकों पर मार्क्स के विचार प्रस्तुत कीजिए?
  51. प्रश्न- मिश्रित अर्थव्यवस्था से आप क्या समझते हैं? भारत के सन्दर्भ में समझाइए।
  52. प्रश्न- भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था के बारे समझाइये।
  53. प्रश्न- मिश्रित अर्थव्यवस्था का नये स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- मिश्रित अर्थव्यवस्था की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
  55. प्रश्न- विकास के समाजशास्त्र को परिभाषित कीजिए तथा उसका विषय क्षेत्र एवं महत्व बताइये?
  56. प्रश्न- विकास के समाजशास्त्र का विषय क्षेत्र बताइये?
  57. प्रश्न- विकास के समाजशास्त्र के महत्व की विवेचना विकासशील समाजों के सन्दर्भ में कीजिए?
  58. प्रश्न- मिश्रित अर्थव्यवस्था की उपादेयता व सीमाओं की विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- मिश्रित अर्थव्यवस्था की सीमाएँ स्पष्ट कीजिए।
  60. प्रश्न- औद्योगीकरण के सामाजिक प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
  61. प्रश्न- मिश्रित अर्थव्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
  62. प्रश्न- समाज पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव बताइए।
  63. प्रश्न- विकास के उपागम बताइए?
  64. प्रश्न- सामाजिक विकास के मार्ग में पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख कीजिए।
  65. प्रश्न- भारतीय समाज मे विकास की सतत् प्रक्रिया पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
  66. प्रश्न- विकास के प्रमुख संकेतकों की व्याख्या कीजिए।
  67. प्रश्न- मानव विकास को परिभाषित करते हुए इसकी उपयोगिता स्पष्ट करो।
  68. प्रश्न- मानव विकास के अध्ययन के महत्व की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
  69. प्रश्न- मानव विकास को समझने में शिक्षा की भूमिका बताओ।
  70. प्रश्न- वृद्धि एवं विकास में क्या अन्तर है?
  71. प्रश्न- सतत् विकास की संकल्पना को बताते हुये इसकी विशेषतायें लिखिये।
  72. प्रश्न- सतत् पोषणीय विकास का महत्व अथवा आवश्यकता स्पष्ट कीजिये।
  73. प्रश्न- सतत् पोषणीय विकास के उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
  74. प्रश्न- विकास से सम्बन्धित पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने की विधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिये।
  75. प्रश्न- पर्यावरणीय सतत् पोषणता के कौन-कौन से पहलू हैं? समझाइये।
  76. प्रश्न- सतत् पोषणीय विकास की आवश्यकता / महत्व को स्पष्ट कीजिये। भारत जैसे विकासशील देश में इसके लिये कौन-कौन से उपाय किये जाने चाहिये?
  77. प्रश्न- "भारत में सतत् पोषणीय पर्यावरण की परम्परा" शीर्षक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  78. प्रश्न- जीवन की गुणवत्ता क्या है? भारत में जीवन की गुणवत्ता को स्पष्ट कीजिये।
  79. प्रश्न- सतत् विकास क्या है?
  80. प्रश्न- जीवन की गुणवत्ता के आवश्यक तत्व कौन-कौन से हैं?
  81. प्रश्न- स्थायी विकास या सतत विकास के प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  82. प्रश्न- सतत् विकास सूचकांक, 2017 क्या है?
  83. प्रश्न- सतत् पोषणीय विकास की आवश्यक शर्ते कौन-कौन सी हैं?
  84. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख सिद्धान्तों की समीक्षा कीजिए।
  85. प्रश्न- समरेखीय सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  86. प्रश्न- भौगोलिक निर्णायकवादी सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- उद्विकासीय समरैखिक सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  88. प्रश्न- सांस्कृतिक प्रसारवाद सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  89. प्रश्न- चक्रीय सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  90. प्रश्न- चक्रीय तथा रेखीय सिद्धान्तों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  91. प्रश्न- आर्थिक निर्णायकवादी सिद्धान्त पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन का सोरोकिन का सिद्धान्त एवं उसके प्रमुख आधारों का वर्णन कीजिए।
  93. प्रश्न- वेबर एवं टामस का सामाजिक परिवर्तन का सिद्धान्त बताइए।
  94. प्रश्न- मार्क्स के सामाजिक परिवर्तन सम्बन्धी निर्णायकवादी सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए तथा वेब्लेन के सिद्धान्त से अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  95. प्रश्न- मार्क्स व वेब्लेन के सामाजिक परिवर्तन सम्बन्धी विचारों की तुलना कीजिए।
  96. प्रश्न- सांस्कृतिक विलम्बना के सिद्धान्त की समीक्षा कीजिये।
  97. प्रश्न- सांस्कृतिक विलम्बना के सिद्धान्त की आलोचना कीजिए।
  98. प्रश्न- अभिजात वर्ग के परिभ्रमण की अवधारणा क्या है?
  99. प्रश्न- विलफ्रेडे परेटो द्वारा सामाजिक परिवर्तन के चक्रीय सिद्धान्त की विवेचना कीजिए!
  100. प्रश्न- जनसांख्यिकी विज्ञान की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  101. प्रश्न- सॉरोकिन के सांस्कृतिक सिद्धान्त पर टिप्पणी लिखिए।
  102. प्रश्न- ऑगबर्न के सांस्कृतिक विलम्बना के सिद्धान्त का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- चेतनात्मक (इन्द्रियपरक) एवं भावात्मक (विचारात्मक) संस्कृतियों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  104. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के प्राकृतिक कारकों का वर्णन कीजिए। सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारकों व प्रणिशास्त्रीय कारकों का वर्णन कीजिए।।
  105. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारकों का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- प्राणिशास्त्रीय कारक और सामाजिक परिवर्तन की व्याख्या कीजिए?
  107. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में जनसंख्यात्मक कारक के महत्व की समीक्षा कीजिए।
  108. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में प्रौद्योगिकीय कारकों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  109. प्रश्न- समाज पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव बताइए।
  110. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में प्रौद्योगिक कारकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  111. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में सूचना प्रौद्योगिकी की क्या भूमिका है? व्याख्या कीजिए।
  112. प्रश्न- सूचना प्रौद्योगिकी एवं विकास के मध्य सम्बन्ध की विवेचना कीजिए।
  113. प्रश्न- मीडिया से आप क्या समझते हैं? सूचना प्रौद्योगिकी की सामाजिक परिवर्तन में क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  114. प्रश्न- जनसंचार के प्रमुख माध्यम बताइये।
  115. प्रश्न- सूचना प्रौद्योगिकी की सामाजिक परिवर्तन में भूमिका बताइये।
  116. प्रश्न- जनांकिकीय कारक से आप क्या समझते हैं?
  117. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  118. प्रश्न- प्रौद्योगिकी क्या है?
  119. प्रश्न- प्रौद्योगिकी के विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  120. प्रश्न- प्रौद्योगिकी के कारकों को बताइये एवं सामाजिक जीवन में उनके प्रभाव पर टिप्पणी कीजिए।
  121. प्रश्न- सन्देशवहन के साधनों के विकास का सामाजिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
  122. प्रश्न- मार्क्स तथा वेब्लन के सिद्धान्तों की तुलना कीजिए?
  123. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के 'प्रौद्योगिकीय कारक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  124. प्रश्न- मीडिया से आप क्या समझते है?
  125. प्रश्न- जनसंचार के प्रमुख माध्यम बताइये।
  126. प्रश्न- सूचना प्रौद्योगिकी क्या है?
  127. प्रश्न- विकास के समाजशास्त्र को परिभाषित कीजिए तथा उसका विषय क्षेत्र एवं महत्व बताइये?
  128. प्रश्न- विकास के समाजशास्त्र का विषय क्षेत्र बताइये?
  129. प्रश्न- विकास के समाजशास्त्र के महत्व की विवेचना विकासशील समाजों के सन्दर्भ में कीजिए?
  130. प्रश्न- विश्व प्रणाली सिद्धान्त क्या है?
  131. प्रश्न- केन्द्र परिधि के सिद्धान्त पर प्रकाश डालिए।
  132. प्रश्न- विकास के उपागम बताइए?
  133. प्रश्न- सामाजिक विकास के मार्ग में पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख कीजिए।
  134. प्रश्न- भारतीय समाज में विकास की सतत् प्रक्रिया पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
  135. प्रश्न- विकास के प्रमुख संकेतकों की व्याख्या कीजिए।
  136. प्रश्न- भारत में आर्थिक व सामाजिक विकास में योजना की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए?
  137. प्रश्न- सामाजिक तथा आर्थिक नियोजन में क्या अन्तर है?
  138. प्रश्न- भारत में योजना आयोग की स्थापना एवं कार्यों की व्याख्या कीजिए?
  139. प्रश्न- भारत में पंचवर्षीय योजनाओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिये तथा भारत की पंचवर्षीय योजनाओं का मूल्यांकन कीजिए?
  140. प्रश्न- पंचवर्षीय योजनाओं का मूल्यांकन कीजिए।
  141. प्रश्न- भारत में पर्यावरणीय समस्याएँ एवं नियोजन की विवेचना कीजिए।
  142. प्रश्न- पर्यावरणीय प्रदूषण दूर करने के लिए नियोजित नीति क्या है?
  143. प्रश्न- विकास में गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  144. प्रश्न- गैर सरकारी संगठनों से आप क्या समझते है? विकास में इनकी उभरती भूमिका की चर्चा कीजिये।
  145. प्रश्न- भारत में योजना प्रक्रिया की संक्षिप्त विवेचना कीजिये।
  146. प्रश्न- सामाजिक विकास के मार्ग में पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की भूमिका का वर्णन कीजिये।
  147. प्रश्न- पंचवर्षीय योजनाओं से आप क्या समझते हैं। पंचवर्षीय योजनाओं का समाजशास्त्रीय मूल्यांकन कीजिए।
  148. प्रश्न- पूँजीवाद पर मार्क्स के विचारों का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
  149. प्रश्न- लोकतंत्र को परिभाषित करते हुए लोकतंत्र के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
  150. प्रश्न- लोकतंत्र के विभिन्न सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
  151. प्रश्न- भारत में लोकतंत्र को बताते हुये इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  152. प्रश्न- अधिनायकवाद को परिभाषित करते हुए इसकी विशेषताओं का विस्तृत उल्लेख कीजिए।
  153. प्रश्न- क्षेत्रीय नियोजन को परिभाषित करते हुए, भारत में क्षेत्रीय नियोजन के अनुभव की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  154. प्रश्न- नीति एवं परियोजना नियोजन पर एक टिप्पणी लिखिये।.
  155. प्रश्न- विकास के क्षेत्र में सरकारी संगठनों की अन्य भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  156. प्रश्न- गैर-सरकारी संगठन (N.G.O.) क्या है?
  157. प्रश्न- लोकतंत्र के गुण एवं दोषों की संक्षिप्त में विवेचना कीजिए।
  158. प्रश्न- सोवियत संघ के इतिहासकारों द्वारा अधिनायकवाद पर विचार पर एक संक्षिप्त टिप्पणी प्रस्तुत कीजिए।
  159. प्रश्न- शीतयुद्ध से आप क्या समझते हैं?

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