बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य
प्रश्न- भारतीय संस्कृति में ऐतिहासिक सांस्कृतिक समन्वय कैसे हुआ?
उत्तर -
भारतीय संस्कृति में ऐतिहासिक सांस्कृतिक समन्वय
मुकर्जी के अनुसार, भारतीय संस्कृति का इतिहास सांस्कृतिक समन्वय का इतिहास है। भारत की मौलिक संस्कृति उपनिषदों में वर्णित सिद्धान्तों पर आधारित है तथा इसीलिए इसमें सभी क्रियाएँ मनुष्य को मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रेरित करती हैं। रहस्यवादी परिप्रेक्ष्य को मुकर्जी ने भारतीय संस्कृति का मौलिक परिप्रेक्ष्य माना है। उनके विचारानुसार बौद्ध संस्कृति ने भारतीय संस्कृति को लचीला बना दिया। मुस्लिम शासनकाल में भारत की कोई विशेष प्रगति नहीं हुई। परन्तु अंग्रेजी शासनकाल में भारतीय समाज की अर्थव्यवस्था में अनेक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए। नवीन अर्थव्यवस्था, पश्चिमी शिक्षा तथा नवीन व्यवसायों ने भारतीय समाज में गतिशीलता की वृद्धि की तथा परम्परागत मध्यम वर्ग की समाप्ति कर एक ऐसे नवीन व चालोक मध्यम वर्ग का निर्माण किया जिसने सामाजिक-आर्थिक विकास में कोई विशेष भूमिका अदा नहीं की। इस मध्यम वर्ग (मुख्यतः जमींदार) ने भारत में अंग्रेजी शासनकाल की जड़ें मजबूत करने में सहायता प्रदान की तथा इसी ने देश का विभाजन करने में भी सहायता दी। यह वर्ग भारत में अंग्रेजों की तरह शोषण करता रहा और भारत के पुनर्गठन व पुनर्निर्माण की ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अंग्रेजों ने भारतीय समाज का एकीकरण उन पर से जबरदस्ती लादी गई बनावटी एकरूपता से किया इसलिए इसके दूरगामी दृष्टि से अच्छे परिणाम नहीं हुए। उनका विचार था कि क्षेत्रीय संस्कृतियों की विशेषता की एकता से ही भारत का नवनिर्माण हो सकता है।
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट हो जाता है कि डी. पी. मुकर्जी ने पश्चिमी चिन्तन के स्थान पर मौलिक भारतीय चिन्तन के विकास पर बल दिया तथा भारतीय संस्कृति के समन्वयात्मक परिप्रेक्ष्य से अध्ययन करने पर बल दिया। उन्होंने इतिहास को भी सांस्कृतिक व्याख्या दी तथा भारत के अतीत को महत्त्वपूर्ण माना। उनकी मान्यता थी कि भारतीय समाज का आधुनिकीकरण वर्तमान सन्दर्भ में अतीत की परम्पराओं की पुनर्व्याख्या करके ही सम्भव हो सकता है। इस प्रकार, मुकर्जी ने भारतीय चिन्तन को एक नवीन दिशा प्रदान की। अनेक विद्वानों का विचार है कि मुकर्जी के विचारों में अस्पष्टता तथा असंगति देखी जा सकती है। उदाहरणार्थ, वह गाँधी जी के विचारों के अनुरूप भारतीय समाज की रचना को पश्चिम की बुराइयों से बचने का एक सर्वोत्तम तरीका बताते हैं। एक ओर वह भारतीय संस्कृति के परम्परागत मूल्यों के प्रति निष्ठा व्यक्त करते हैं तो दूसरी ओर मार्क्सवादी पद्धति को समस्याओं के समाधान में उचित मानते हैं। कुछ भी हो, भारतीय चिन्तन के इतिहास में मुकर्जी का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है।.
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- प्रश्न- लूई ड्यूमाँ और जी. एस. घुरिये द्वारा प्रतिपादित भारत विद्या आधारित परिप्रेक्ष्य के बीच अन्तर कीजिये।
- प्रश्न- भारत में धार्मिक एकीकरण को समझाइये। भारत में संयुक्त सांस्कृतिक वैधता परिलक्षित करने वाले चार लक्षण बताइये?
- प्रश्न- भारत में संयुक्त सांस्कृतिक वैधता परिलक्षित करने वाले लक्षण बताइये।
- प्रश्न- भारतीय संस्कृति के उन पहलुओं की विवेचना कीजिये जो इसमें अभिसरण. एवं एकीकरण लाने में सहायक हैं? प्राचीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये? मध्यकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये? आधुनिक भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये? समकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये?
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- मध्यकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- आधुनिक भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- समकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- भारतीय समाज के बाँधने वाले सम्पर्क सूत्र एवं तन्त्र की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- परम्परागत भारतीय समाज के विशिष्ट लक्षण एवं संरूपण क्या हैं?
- प्रश्न- विवाह के बारे में लुई ड्यूमा के विचारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पवित्रता और अपवित्रता के बारे में लुई ड्यूमा के विचारों की चर्चा कीजिये।
- प्रश्न- शास्त्रीय दृष्टिकोण का महत्व स्पष्ट कीजिये? क्षेत्राधारित दृष्टिकोण का क्या महत्व है? शास्त्रीय एवं क्षेत्राधारित दृष्टिकोणों में अन्तर्सम्बन्धों की विवेचना कीजिये?
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- प्रश्न- इण्डोलॉजी से आप क्या समझते हैं? विस्तार से वर्णन कीजिए।.
- प्रश्न- भारतीय विद्या अभिगम की सीमाएँ क्या हैं?
- प्रश्न- प्रतीकात्मक स्वरूपों के समाजशास्त्र की व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- विद्या अभिगमन से क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- सामाजिक प्रकार्य से आप क्या समझते हैं? सामाजिक प्रकार्य की प्रमुख 'विशेषतायें बतलाइये? प्रकार्यवाद की उपयोगिता का वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सामाजिक प्रकार्य की प्रमुख विशेषतायें बताइये?
- प्रश्न- प्रकार्यवाद की उपयोगिता का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- प्रकार्यवाद से आप क्या समझते हैं? प्रकार्यवाद की प्रमुख सीमाओं का उल्लेख कीजिये?
- प्रश्न- प्रकार्यवाद की प्रमुख सीमाओं का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- दुर्खीम की प्रकार्यवाद की अवधारणा को स्पष्ट कीजिये? दुर्खीम के अनुसार, प्रकार्य की क्या विशेषतायें हैं, बताइये? मर्टन की प्रकार्यवाद की अवधारणा को समझाइये? प्रकार्य एवं अकार्य में भेदों की विवेचना कीजिये?
- प्रश्न- दुर्खीम के अनुसार, प्रकार्य की क्या विशेषतायें हैं, बताइये?
- प्रश्न- प्रकार्य एवं अकार्य में भेदों की विवेचना कीजिये?
- प्रश्न- "संरचनात्मक-प्रकार्यात्मक परिप्रेक्ष्य" को एम. एन. श्रीनिवास के योगदान को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- डॉ. एस.सी. दुबे के अनुसार ग्रामीण अध्ययनों में महत्व को दर्शाइए?
- प्रश्न- आधुनिकीकरण के सम्बन्ध में एस सी दुबे के विचारों को व्यक्त कीजिए?
- प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे के ग्रामीण अध्ययन की मुख्य विशेषताओं की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- एस.सी. दुबे का जीवन चित्रण प्रस्तुत कीजिये व उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे के अनुसार वृहत परम्पराओं का अर्थ स्पष्ट कीजिए?
- प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे द्वारा रचित परम्पराओं की आलोचनात्मक दृष्टिकोण व्यक्त कीजिए?
- प्रश्न- एस. सी. दुबे के शामीर पेट गाँव का परिचय दीजिए?
- प्रश्न- संरचनात्मक प्रकार्यात्मक विश्लेषण का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बृजराज चौहान (बी. आर. चौहान) के विषय में आप क्या जानते हैं? संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- एम. एन श्रीनिवास के जीवन चित्रण को प्रस्तुत कीजिये।
- प्रश्न- बी.आर.चौहान की पुस्तक का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- "राणावतों की सादणी" ग्राम का परिचय दीजिये।
- प्रश्न- बृज राज चौहान का जीवन परिचय, योगदान ओर कृतियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- मार्क्स के 'वर्ग संघर्ष' के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिये? संघर्ष के समाजशास्त्र को मार्क्स ने क्या योगदान दिया?
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- प्रश्न- मार्क्स के 'द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद' से आप क्या समझते हैं? मार्क्स के 'द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये?
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- प्रश्न- ए. आर. देसाई का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- ए. आर. देसाई का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य में क्या योगदान है?
- प्रश्न- ए. आर. देसाई द्वारा वर्णित राष्ट्रीय आन्दोलन का मार्क्सवादी स्वरूप स्पष्ट करें।
- प्रश्न- डी. पी. मुकर्जी का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य क्या है?
- प्रश्न- द्वन्द्वात्मक परिप्रेक्ष्य क्या है?
- प्रश्न- मुकर्जी ने परम्पराओं का विरोध क्यों किया?
- प्रश्न- परम्पराओं में कौन-कौन से निहित तत्त्व है?
- प्रश्न- परम्पराओं में परस्पर संघर्ष क्यों होता हैं?
- प्रश्न- भारतीय संस्कृति में ऐतिहासिक सांस्कृतिक समन्वय कैसे हुआ?
- प्रश्न- मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य की प्रमुख मान्यताएँ क्या है?
- प्रश्न- मार्क्स और हीगल के द्वन्द्ववाद की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- राधाकमल मुकर्जी का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य क्या है?
- प्रश्न- मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य की प्रमुख मान्यताएँ क्या हैं?
- प्रश्न- रामकृष्ण मुखर्जी के विषय में संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- सभ्यता से आप क्या समझते हैं? एन.के. बोस तथा सुरजीत सिन्हा का भारतीय समाज परिप्रेक्ष्य में सभ्यता का वर्णन करें।
- प्रश्न- सुरजीत सिन्हा का जीवन चित्रण एवं प्रमुख कृतियाँ बताइये।
- प्रश्न- एन. के. बोस का जीवन चित्रण एवं प्रमुख कृत्तियाँ बताइये।
- प्रश्न- सभ्यतावादी परिप्रेक्ष्य में एन०के० बोस के विचारों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- डेविड हार्डीमैन का आधीनस्थ या दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय समाज को समझने में बी आर अम्बेडकर के "सबआल्टर्न" परिप्रेक्ष्य की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- दलितोत्थान हेतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किये गये धार्मिक कार्यों का विवरण प्रस्तुत कीजिये।
- प्रश्न- दलितोत्थान हेतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किए गए शैक्षिक कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिये।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए : (1) दलितों की आर्थिक स्थिति (2) दलितों की राजनैतिक स्थिति (3) दलितों की संवैधानिक स्थिति।
- प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर का जीवन परिचय दीजिये।
- प्रश्न- डॉ. अम्बेडर की दलितोद्धार के प्रति यथार्थवाद दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- डेविड हार्डीमैन का आधीनस्थ या दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के वैचारिक स्वरूप एवं पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हार्डीमैन द्वारा दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के माध्यम से अध्ययन किए गए देवी आन्दोलन का स्वरूप स्पष्ट करें।
- प्रश्न- हार्डीमैन द्वारा दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य से अपने अध्ययन का विषय बनाये गए देवी 'आन्दोलन के परिणामों पर प्रकाश डालें।
- प्रश्न- डेविड हार्डीमैन के दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के योगदान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
- प्रश्न- अम्बेडकर के सामाजिक चिन्तन के मुख्य विषय को समझाइये।
- प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर के सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर के विचारों एवं कार्यों का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।