बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य
प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे के ग्रामीण अध्ययन की मुख्य विशेषताओं की व्याख्या कीजिये।
उत्तर -
सन् 1948 ई. से पहले शमीरपट गाँव जोकि मुस्लिम जागीर के रूप में विख्यात था, उस गाँव का अध्ययन डॉ. एस. सी. दुबे ने किया। डॉ. एस. सी. दुबे के ग्रामीण अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं :
(1) मुस्लिम समुदायों में वर्ग भेद का पाया जाना - शमीरपट गाँव में इस्लाम धर्म के दोनों मतावलम्बी पाये जाते थे, परन्तु दोनों की संख्या अधिक थी। शिया जमात के लोग सुन्नियों को हेय दृष्टि से देखते हैं क्योंकि शिया जमात के लोग स्वयं को शुन्नियों से श्रेष्ठ मानते हैं शिया और सुन्नी गुटों में संघर्ष का इतिहास बहुत पुराना है। उमय्यद खलीफा और अब्बासी खलिफाओं का युद्ध जग जाहिर है। आज भी इन दोनों गुटों में अहर्निस संघर्ष जारी है। विश्व की मुख्य समस्याओं में शिया सुन्नी विवाद भी एक समस्या है। डॉ. दुबे ने इस गाँव के अध्ययन में दोनों जमातों के महत्व में वर्ग भेद को पाया।
(2) हिन्दू धर्मावलम्बियों की निरन्तर स्थिति - शमीरपट गाँव मुस्लिम जागीर था, इसलिये सभी धार्मिक अधिकार मुसलमानों को प्राप्त थे। हिन्दू धर्म के लोग अपनी फरियाद को मुस्लिमों के खिलाफ यदि पेश करते थे तो उनका मुकदमा खारिज हो जाता था। धर्म के प्रति हिन्दूओं में सहिष्णुता की भावना पाई जाती है। प्रत्येक स्थिति में हिन्दू पद्दलित था। वह अपने अधिकारों के प्रति सदैव वह संघर्षशील रहा। बहुसंख्यक वर्ग की अपेक्षा हिन्दुओं को सर्वत्र क्षेत्र में अधिकार कम था।
(3) हिन्दू धर्म में कठोर जाति व्यवस्था - हिन्दू सोपान क्रम की स्थिति शमीरपट गाँव में देखने को मिलती है। हिन्दू धर्म में मतावलम्बी छोटे-छोटे कुनबों में बंटे थे उनमें वैवाहिक सम्बन्ध एवं खान-पान के मामलों में बहुत अधिक अन्तर मिला। छोटी जाति के प्रति अच्छी सोच नहीं रखते थे। राजनीतिक एवं धार्मिक क्षेत्र में भी मन-मुटाव देखने को मिला। यदि कोई इन व्यवस्थाओं का पालन नहीं करता था तो उसे बहिष्कृत भी दिया जाता था। आहार-विहार, दैनिक व्यवहार में ऊँच-नीच की भावना निहित थी।
(4) स्वायत्त व आत्म निर्भर की भावना - शमीरपट गांव में मुख्यतः दो ही धर्म के लोग रहते हैं। इस गांव के लोग आत्म निर्भर व स्वायत्त थे। वे अपने विकास के लिये स्वयं सम्भावना, बनाते थे और अपने ही गांव में स्वाभिमान पूर्वक रहकर भरण-पोषण करते थे। अनेक विषमताओं के होते हुये भी वहाँ के निवासी अपने गांव से विशेष स्नेह रखते थे। गांव की सौहार्द्रता व प्रगति बनी रहे इसके लिये वहाँ के निवासी कठोर परिश्रम व स्वरोजगार किया करते थे। यदा-कदा कुछ विषयों के लेकर टकराहट भी हुयी करती थी परन्तु आत्मनिर्भरता के कारण वे सब एक साथ ही रहा करते थे।
(5) मुसलमानों की उच्च धार्मिक भावना- डॉ. एस. सी. दुबे ने अपने अध्ययन में पाया कि शमीरपट गाँव में बहुसंख्यक वर्गों में अपने धर्म के प्रति कट्टरता की भावना निहित थी। मुस्लिम जागीर होने के कारण मुसलमानों के धार्मिक स्थल की बहुलता थी। धार्मिक क्षेत्र में उन्हें विशेष दर्जा प्राप्त था। न्याय व्यवस्था में मौलवियों को हस्तक्षेप का अधिकार था। मस्जिदों एवं मजलिसों के माध्यम से धर्म का प्रचार प्रसार होता था। अपने धर्म के अलावा किसी दूसरे धर्म को महत्व प्रदान नहीं करते थे। शमीरपट गाँव के निवासियों की धार्मिक गतिविधियाँ संस्कारात्मक संरचना का सही उदाहरण प्रस्तुत करती है। दुबे जी ने धार्मिक गतिविधियों का सूक्ष्म अध्ययन किया है।
डॉ. एस. सी. दुबे के ग्रामीण अध्ययन के कुछ और विशेषताएँ इस प्रकार हैं -
1. ग्रामवासियों के लिये भूत, प्रेत, चुडैल, आदि का अस्तित्व सामाजिक है।
2. ग्राम निवासी हिन्दू और मुसलमान दोनों ही परम भाग्यवादी है।
3. अधिकांश लोग कर्म के सिद्धान्त में विश्वास रखते हैं।
4. हिन्दू पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं।
5. ग्रामीण मरणोपरान्त दूसरी दुनियाँ को सच समझते हैं जहाँ स्वर्ग और नरक है।
6. पाप और पुण्य, नेकी और बदी के संप्रत्यय भी बिल्कुल स्पष्ट और सजीव है।
7. हिन्दूओं के लिये तीर्थस्थल या पवित्र नदियों में स्नान धर्म के अंग माने जाते हैं, वहाँ जाना पुण्य कर्म समझा जाता है।
8. कुछ प्रादेशिक देवी-देवता भी अपना प्रभुत्व जमाएँ हैं।
डॉ. एस. सी. दुबे ने शमीरपट गांव के अध्ययन में जिन महत्वपूर्ण विशेषताओं से समाज को अवगत कराया वह अपने में एक दुरुह कार्य है।
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- प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर का जीवन परिचय दीजिये।
- प्रश्न- डॉ. अम्बेडर की दलितोद्धार के प्रति यथार्थवाद दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- डेविड हार्डीमैन का आधीनस्थ या दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के वैचारिक स्वरूप एवं पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हार्डीमैन द्वारा दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के माध्यम से अध्ययन किए गए देवी आन्दोलन का स्वरूप स्पष्ट करें।
- प्रश्न- हार्डीमैन द्वारा दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य से अपने अध्ययन का विषय बनाये गए देवी 'आन्दोलन के परिणामों पर प्रकाश डालें।
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- प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर के सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डालिए।
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