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एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी तृतीय प्रश्नपत्र - प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2679
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी तृतीय प्रश्नपत्र - प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य

प्रश्न- पद्मावत में वर्णित संयोग श्रृंगार का परिचय दीजिए।

उत्तर -

भारतीय काव्यशास्त्रियों के मतानुसार महाकाव्य में रस-परिपाक अवश्य होना चाहिए, जायसी ने भी अपने 'पद्मावत' में रसों का भरपूर प्रयोग किया है। यों तो इस महाकाव्य में सभी 6 रस उपलब्ध हैं किन्तु इसका प्रधान रस शृंगार ही है। 'पद्मावत' चूँकि एक प्रेमाख्यानक काव्य है इसलिए इसमें शृंगार का अंगीरस के रूप में विद्यमान होना स्वाभाविक ही है। कवि ने शृंगार के दोनों पक्षों संयोग एवं वियोग की सुन्दर रसात्मक व्यंजना अपने इस काव्य में की है। यह वियोग श्रृंगार प्रधान काव्य है क्योंकि इसमें कवि ने अधिकांश रूप में वियोग का ही चमत्कारी चित्रण किया है। नागमती के विरह वर्णन को तो हिन्दी साहित्य में अनुपमेय माना गया है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल, 'जायसी ग्रन्थावली' में लिखते हैं कि "विप्रलम्भ शृंगार ही 'पद्मावत' में प्रधान है, विरह दशा के वर्णन में जहाँ कवि ने भारतीय पद्धति का अनुसरण किया है, वहाँ कोई अरुचिकारक वीभत्स दृश्य नहीं आया है। कृशता, ताप, वेदना आदि के वर्णन में भी उन्होंने श्रृंगार के उपयुक्त वस्तु सामने रखी है, केवल उसके स्वरूप में अन्तर दिखा दिया है। साथ ही कवि ने पद्मावती के वियोग वर्णन के भी अत्यन्त सुन्दर चित्र प्रस्तुत किये हैं।

'नागमती वियोग खण्ड में तो जायसी ने विप्रलम्भ श्रृंगार का सुन्दर रूप प्रस्तुत किया ही है, साथ ही नागमती संदेश खंड में भी पति के प्रति अपना अक्षय प्रेम प्रकट करती विरहिणी नागमती यह संदेश भेजती है --

पद्मावती सौं कहेहु विहगम। कत लोमाइ रहि करि संगम॥
तोहि चैन सुख मिलै सरीरा। यो कहं दिए दुंद दुख पूरा॥
हमहुँ बियाही संग ओहि पीऊ। आपुहि पाइ जानु पर जीऊ॥
मोहि भोग सौं काज न बारी। सौंह दिष्टि कै चाहनहरि ॥

किन्तु इसका यह आशय नहीं है कि कवि ने संयोग श्रृंगारी का वर्णन इतनी दत्तचित्तता से नहीं किया जैसा वियोग श्रृंगार का वास्तविकता यह है कि जायसी की जितनी गहरी पैठ वियोग श्रृंगार वर्णन में है उतनी ही संयोग श्रृंगार के वर्णन में भी है। कवि ने जहाँ संयोग के चित्र प्रस्तुत किये हैं वे कवि की माधुर्य भावना के अनुकूल मादक एवं सजीव दिखाई देते हैं। शृंगार के अतिरिक्त वीर, शान्त, रौद्र, भयानक एवं वीभत्य रसों का भी सुन्दर परिपाक 'पद्मावत' में दृष्टिगत होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- विद्यापति का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  2. प्रश्न- विद्यापति का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  3. प्रश्न- गीतिकाव्य के प्रमुख तत्वों के आधार पर विद्यापति के गीतों का मूल्यांकन कीजिए।
  4. प्रश्न- गीतिकाव्य के प्रमुख तत्वों के आधार पर विद्यापति के गीतों का मूल्यांकन कीजिए।
  5. प्रश्न- "विद्यापति भक्त कवि हैं या श्रृंगारी" इस सम्बन्ध में प्रस्तुत विविध विचारों का परीक्षण करते हुए अपने पक्ष में मत प्रस्तुत कीजिए।
  6. प्रश्न- "विद्यापति भक्त कवि हैं या श्रृंगारी" इस सम्बन्ध में प्रस्तुत विविध विचारों का परीक्षण करते हुए अपने पक्ष में मत प्रस्तुत कीजिए।
  7. प्रश्न- विद्यापति भक्त थे या शृंगारिक कवि थे?
  8. प्रश्न- विद्यापति भक्त थे या शृंगारिक कवि थे?
  9. प्रश्न- विद्यापति को कवि के रूप में कौन-कौन सी उपाधि प्राप्त थी?
  10. प्रश्न- विद्यापति को कवि के रूप में कौन-कौन सी उपाधि प्राप्त थी?
  11. प्रश्न- सिद्ध कीजिए कि विद्यापति उच्चकोटि के भक्त कवि थे?
  12. प्रश्न- सिद्ध कीजिए कि विद्यापति उच्चकोटि के भक्त कवि थे?
  13. प्रश्न- काव्य रूप की दृष्टि से विद्यापति की रचनाओं का मूल्यांकन कीजिए।
  14. प्रश्न- काव्य रूप की दृष्टि से विद्यापति की रचनाओं का मूल्यांकन कीजिए।
  15. प्रश्न- विद्यापति की काव्यभाषा का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  16. प्रश्न- विद्यापति की काव्यभाषा का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  17. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (विद्यापति)
  18. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (विद्यापति)
  19. प्रश्न- पृथ्वीराज रासो की प्रामाणिकता एवं अनुप्रामाणिकता पर तर्कसंगत विचार प्रस्तुत कीजिए।
  20. प्रश्न- पृथ्वीराज रासो की प्रामाणिकता एवं अनुप्रामाणिकता पर तर्कसंगत विचार प्रस्तुत कीजिए।
  21. प्रश्न- 'पृथ्वीराज रासो' के काव्य सौन्दर्य का सोदाहरण परिचय दीजिए।
  22. प्रश्न- 'पृथ्वीराज रासो' के काव्य सौन्दर्य का सोदाहरण परिचय दीजिए।
  23. प्रश्न- 'कयमास वध' नामक समय का परिचय एवं कथावस्तु स्पष्ट कीजिए।
  24. प्रश्न- 'कयमास वध' नामक समय का परिचय एवं कथावस्तु स्पष्ट कीजिए।
  25. प्रश्न- कयमास वध का मुख्य प्रतिपाद्य क्या है? अथवा कयमास वध का उद्देश्य प्रस्तुत कीजिए।
  26. प्रश्न- कयमास वध का मुख्य प्रतिपाद्य क्या है? अथवा कयमास वध का उद्देश्य प्रस्तुत कीजिए।
  27. प्रश्न- चंदबरदायी का जीवन परिचय लिखिए।
  28. प्रश्न- चंदबरदायी का जीवन परिचय लिखिए।
  29. प्रश्न- पृथ्वीराज रासो का 'समय' अथवा सर्ग अनुसार विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  30. प्रश्न- पृथ्वीराज रासो का 'समय' अथवा सर्ग अनुसार विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  31. प्रश्न- 'पृथ्वीराज रासो की रस योजना का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  32. प्रश्न- 'पृथ्वीराज रासो की रस योजना का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  33. प्रश्न- 'कयमास वध' के आधार पर पृथ्वीराज की मनोदशा का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- 'कयमास वध' के आधार पर पृथ्वीराज की मनोदशा का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- 'कयमास वध' में किन वर्णनों के द्वारा कवि का दैव विश्वास प्रकट होता है?
  36. प्रश्न- 'कयमास वध' में किन वर्णनों के द्वारा कवि का दैव विश्वास प्रकट होता है?
  37. प्रश्न- कैमास करनाटी प्रसंग का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  38. प्रश्न- कैमास करनाटी प्रसंग का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  39. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (चन्दबरदायी)
  40. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (चन्दबरदायी)
  41. प्रश्न- जीवन वृत्तान्त के सन्दर्भ में कबीर का व्यक्तित्व स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- जीवन वृत्तान्त के सन्दर्भ में कबीर का व्यक्तित्व स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- कबीर एक संघर्षशील कवि हैं। स्पष्ट कीजिए?
  44. प्रश्न- कबीर एक संघर्षशील कवि हैं। स्पष्ट कीजिए?
  45. प्रश्न- "समाज का पाखण्डपूर्ण रूढ़ियों का विरोध करते हुए कबीर के मीमांसा दर्शन के कर्मकाण्ड की प्रासंगिकता पर प्रहार किया है। इस कथन पर अपनी विवेचनापूर्ण विचार प्रस्तुत कीजिए।
  46. प्रश्न- "समाज का पाखण्डपूर्ण रूढ़ियों का विरोध करते हुए कबीर के मीमांसा दर्शन के कर्मकाण्ड की प्रासंगिकता पर प्रहार किया है। इस कथन पर अपनी विवेचनापूर्ण विचार प्रस्तुत कीजिए।
  47. प्रश्न- कबीर एक विद्रोही कवि हैं, क्यों? स्पष्ट कीजिए।
  48. प्रश्न- कबीर एक विद्रोही कवि हैं, क्यों? स्पष्ट कीजिए।
  49. प्रश्न- कबीर की दार्शनिक विचारधारा पर एक तथ्यात्मक आलेख प्रस्तुत कीजिए।
  50. प्रश्न- कबीर की दार्शनिक विचारधारा पर एक तथ्यात्मक आलेख प्रस्तुत कीजिए।
  51. प्रश्न- कबीर वाणी के डिक्टेटर हैं। इस कथन के आलोक में कबीर की काव्यभाषा का विवेचन कीजिए।
  52. प्रश्न- कबीर वाणी के डिक्टेटर हैं। इस कथन के आलोक में कबीर की काव्यभाषा का विवेचन कीजिए।
  53. प्रश्न- कबीर के काव्य में माया सम्बन्धी विचार का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  54. प्रश्न- कबीर के काव्य में माया सम्बन्धी विचार का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  55. प्रश्न- "समाज की प्रत्येक बुराई का विरोध कबीर के काव्य में प्राप्त होता है।' विवेचना कीजिए।
  56. प्रश्न- "समाज की प्रत्येक बुराई का विरोध कबीर के काव्य में प्राप्त होता है।' विवेचना कीजिए।
  57. प्रश्न- "कबीर ने निर्गुण ब्रह्म की भक्ति पर बल दिया था।' स्पष्ट कीजिए।
  58. प्रश्न- "कबीर ने निर्गुण ब्रह्म की भक्ति पर बल दिया था।' स्पष्ट कीजिए।
  59. प्रश्न- कबीर की उलटबासियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  60. प्रश्न- कबीर की उलटबासियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  61. प्रश्न- कबीर के धार्मिक विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  62. प्रश्न- कबीर के धार्मिक विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  63. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (कबीर)
  64. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (कबीर)
  65. प्रश्न- हिन्दी प्रेमाख्यान काव्य-परम्परा में सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी का स्थान निर्धारित कीजिए।
  66. प्रश्न- हिन्दी प्रेमाख्यान काव्य-परम्परा में सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी का स्थान निर्धारित कीजिए।
  67. प्रश्न- "वस्तु वर्णन की दृष्टि से मलिक मुहम्मद जायसी का पद्मावत एक श्रेष्ठ काव्य है।' उक्त कथन का विवेचन कीजिए।
  68. प्रश्न- "वस्तु वर्णन की दृष्टि से मलिक मुहम्मद जायसी का पद्मावत एक श्रेष्ठ काव्य है।' उक्त कथन का विवेचन कीजिए।
  69. प्रश्न- महाकाव्य के लक्षणों के आधार पर सिद्ध कीजिए कि 'पद्मावत' एक महाकाव्य है।
  70. प्रश्न- महाकाव्य के लक्षणों के आधार पर सिद्ध कीजिए कि 'पद्मावत' एक महाकाव्य है।
  71. प्रश्न- "नागमती का विरह-वर्णन हिन्दी साहित्य की अमूल्य निधि है।' इस कथन की तर्कसम्मत परीक्षा कीजिए।
  72. प्रश्न- "नागमती का विरह-वर्णन हिन्दी साहित्य की अमूल्य निधि है।' इस कथन की तर्कसम्मत परीक्षा कीजिए।
  73. प्रश्न- 'पद्मावत' एक प्रबन्ध काव्य है।' सिद्ध कीजिए।
  74. प्रश्न- 'पद्मावत' एक प्रबन्ध काव्य है।' सिद्ध कीजिए।
  75. प्रश्न- पद्मावत में वर्णित संयोग श्रृंगार का परिचय दीजिए।
  76. प्रश्न- पद्मावत में वर्णित संयोग श्रृंगार का परिचय दीजिए।
  77. प्रश्न- "जायसी ने अपने काव्य में प्रेम और विरह का व्यापक रूप में आध्यात्मिक वर्णन किया है।' स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- "जायसी ने अपने काव्य में प्रेम और विरह का व्यापक रूप में आध्यात्मिक वर्णन किया है।' स्पष्ट कीजिए।
  79. प्रश्न- 'पद्मावत' में भारतीय और पारसीक प्रेम-पद्धतियों का सुन्दर समन्वय हुआ है।' टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- 'पद्मावत' में भारतीय और पारसीक प्रेम-पद्धतियों का सुन्दर समन्वय हुआ है।' टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- पद्मावत की रचना का महत् उद्देश्य क्या है?
  82. प्रश्न- पद्मावत की रचना का महत् उद्देश्य क्या है?
  83. प्रश्न- जायसी के रहस्यवाद को समझाइए।
  84. प्रश्न- जायसी के रहस्यवाद को समझाइए।
  85. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (जायसी)
  86. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (जायसी)
  87. प्रश्न- 'सूरदास को शृंगार रस का सम्राट कहा जाता है।" कथन का विश्लेषण कीजिए।
  88. प्रश्न- 'सूरदास को शृंगार रस का सम्राट कहा जाता है।" कथन का विश्लेषण कीजिए।
  89. प्रश्न- सूरदास जी का जीवन परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए?
  90. प्रश्न- सूरदास जी का जीवन परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए?
  91. प्रश्न- 'भ्रमरगीत' में ज्ञान और योग का खंडन और भक्ति मार्ग का मंडन किया गया है।' इस कथन की मीमांसा कीजिए।
  92. प्रश्न- 'भ्रमरगीत' में ज्ञान और योग का खंडन और भक्ति मार्ग का मंडन किया गया है।' इस कथन की मीमांसा कीजिए।
  93. प्रश्न- "श्रृंगार रस का ऐसा उपालभ्य काव्य दूसरा नहीं है।' इस कथन के परिप्रेक्ष्य में सूरदास के भ्रमरगीत का परीक्षण कीजिए।
  94. प्रश्न- "श्रृंगार रस का ऐसा उपालभ्य काव्य दूसरा नहीं है।' इस कथन के परिप्रेक्ष्य में सूरदास के भ्रमरगीत का परीक्षण कीजिए।
  95. प्रश्न- "सूर में जितनी सहृदयता और भावुकता है, उतनी ही चतुरता और वाग्विदग्धता भी है।' भ्रमरगीत के आधार पर इस कथन को प्रमाणित कीजिए।
  96. प्रश्न- "सूर में जितनी सहृदयता और भावुकता है, उतनी ही चतुरता और वाग्विदग्धता भी है।' भ्रमरगीत के आधार पर इस कथन को प्रमाणित कीजिए।
  97. प्रश्न- सूर की मधुरा भक्ति पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
  98. प्रश्न- सूर की मधुरा भक्ति पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
  99. प्रश्न- सूर के संयोग वर्णन का मूल्यांकन कीजिए।
  100. प्रश्न- सूर के संयोग वर्णन का मूल्यांकन कीजिए।
  101. प्रश्न- सूरदास ने अपने काव्य में गोपियों का विरह वर्णन किस प्रकार किया है?
  102. प्रश्न- सूरदास ने अपने काव्य में गोपियों का विरह वर्णन किस प्रकार किया है?
  103. प्रश्न- सूरदास द्वारा प्रयुक्त भाषा का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- सूरदास द्वारा प्रयुक्त भाषा का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  105. प्रश्न- सूर की गोपियाँ श्रीकृष्ण को 'हारिल की लकड़ी' के समान क्यों बताती है?
  106. प्रश्न- सूर की गोपियाँ श्रीकृष्ण को 'हारिल की लकड़ी' के समान क्यों बताती है?
  107. प्रश्न- गोपियों ने कृष्ण की तुलना बहेलिये से क्यों की है?
  108. प्रश्न- गोपियों ने कृष्ण की तुलना बहेलिये से क्यों की है?
  109. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (सूरदास)
  110. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (सूरदास)
  111. प्रश्न- 'कविता कर के तुलसी ने लसे, कविता लसीपा तुलसी की कला। इस कथन को ध्यान में रखते हुए, तुलसीदास की काव्य कला का विवेचन कीजिए।
  112. प्रश्न- 'कविता कर के तुलसी ने लसे, कविता लसीपा तुलसी की कला। इस कथन को ध्यान में रखते हुए, तुलसीदास की काव्य कला का विवेचन कीजिए।
  113. प्रश्न- तुलसी के लोक नायकत्व पर प्रकाश डालिए।
  114. प्रश्न- तुलसी के लोक नायकत्व पर प्रकाश डालिए।
  115. प्रश्न- मानस में तुलसी द्वारा चित्रित मानव मूल्यों का परीक्षण कीजिए।
  116. प्रश्न- मानस में तुलसी द्वारा चित्रित मानव मूल्यों का परीक्षण कीजिए।
  117. प्रश्न- अयोध्याकाण्ड' के आधार पर भरत के शील-सौन्दर्य का निरूपण कीजिए।
  118. प्रश्न- अयोध्याकाण्ड' के आधार पर भरत के शील-सौन्दर्य का निरूपण कीजिए।
  119. प्रश्न- 'रामचरितमानस' एक धार्मिक ग्रन्थ है, क्यों? तर्क सम्मत उत्तर दीजिए।
  120. प्रश्न- 'रामचरितमानस' एक धार्मिक ग्रन्थ है, क्यों? तर्क सम्मत उत्तर दीजिए।
  121. प्रश्न- रामचरितमानस इतना क्यों प्रसिद्ध है? कारणों सहित संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
  122. प्रश्न- रामचरितमानस इतना क्यों प्रसिद्ध है? कारणों सहित संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
  123. प्रश्न- मानस की चित्रकूट सभा को आध्यात्मिक घटना क्यों कहा गया है? समझाइए।
  124. प्रश्न- मानस की चित्रकूट सभा को आध्यात्मिक घटना क्यों कहा गया है? समझाइए।
  125. प्रश्न- तुलसी ने रामायण का नाम 'रामचरितमानस' क्यों रखा?
  126. प्रश्न- तुलसी ने रामायण का नाम 'रामचरितमानस' क्यों रखा?
  127. प्रश्न- 'तुलसी की भक्ति भावना में निर्गुण और सगुण का सामंजस्य निदर्शित हुआ है। इस उक्ति की समीक्षा कीजिए।
  128. प्रश्न- 'तुलसी की भक्ति भावना में निर्गुण और सगुण का सामंजस्य निदर्शित हुआ है। इस उक्ति की समीक्षा कीजिए।
  129. प्रश्न- 'मंगल करनि कलिमल हरनि, तुलसी कथा रघुनाथ की' उक्ति को स्पष्ट कीजिए।
  130. प्रश्न- 'मंगल करनि कलिमल हरनि, तुलसी कथा रघुनाथ की' उक्ति को स्पष्ट कीजिए।
  131. प्रश्न- तुलसी की लोकप्रियता के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  132. प्रश्न- तुलसी की लोकप्रियता के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  133. प्रश्न- तुलसीदास के गीतिकाव्य की कतिपय विशेषताओं का उल्लेख संक्षेप में कीजिए।
  134. प्रश्न- तुलसीदास के गीतिकाव्य की कतिपय विशेषताओं का उल्लेख संक्षेप में कीजिए।
  135. प्रश्न- तुलसीदास की प्रमाणिक रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
  136. प्रश्न- तुलसीदास की प्रमाणिक रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
  137. प्रश्न- तुलसी की काव्य भाषा पर संक्षेप में विचार व्यक्त कीजिए।
  138. प्रश्न- तुलसी की काव्य भाषा पर संक्षेप में विचार व्यक्त कीजिए।
  139. प्रश्न- 'रामचरितमानस में अयोध्याकाण्ड का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  140. प्रश्न- 'रामचरितमानस में अयोध्याकाण्ड का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  141. प्रश्न- तुलसी की भक्ति का स्वरूप क्या था? अपना मत लिखिए।
  142. प्रश्न- तुलसी की भक्ति का स्वरूप क्या था? अपना मत लिखिए।
  143. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (तुलसीदास)
  144. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (तुलसीदास)
  145. प्रश्न- बिहारी की भक्ति भावना की संक्षेप में विवेचना कीजिए।
  146. प्रश्न- बिहारी की भक्ति भावना की संक्षेप में विवेचना कीजिए।
  147. प्रश्न- बिहारी के जीवन व साहित्य का परिचय दीजिए।
  148. प्रश्न- बिहारी के जीवन व साहित्य का परिचय दीजिए।
  149. प्रश्न- "बिहारी ने गागर में सागर भर दिया है।' इस कथन की सत्यता सिद्ध कीजिए।
  150. प्रश्न- "बिहारी ने गागर में सागर भर दिया है।' इस कथन की सत्यता सिद्ध कीजिए।
  151. प्रश्न- बिहारी की बहुज्ञता पर विचार कीजिए।
  152. प्रश्न- बिहारी की बहुज्ञता पर विचार कीजिए।
  153. प्रश्न- बिहारी बहुज्ञ थे। स्पष्ट कीजिए।
  154. प्रश्न- बिहारी बहुज्ञ थे। स्पष्ट कीजिए।
  155. प्रश्न- बिहारी के दोहों को नाविक का तीर कहा गया है, क्यों?
  156. प्रश्न- बिहारी के दोहों को नाविक का तीर कहा गया है, क्यों?
  157. प्रश्न- बिहारी के दोहों में मार्मिक प्रसंगों का चयन एवं दृश्यांकन की स्पष्टता स्पष्ट कीजिए।
  158. प्रश्न- बिहारी के दोहों में मार्मिक प्रसंगों का चयन एवं दृश्यांकन की स्पष्टता स्पष्ट कीजिए।
  159. प्रश्न- बिहारी के विषय-वैविध्य को स्पष्ट कीजिए।
  160. प्रश्न- बिहारी के विषय-वैविध्य को स्पष्ट कीजिए।
  161. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (बिहारी)
  162. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (बिहारी)
  163. प्रश्न- कविवर घनानन्द के जीवन परिचय का उल्लेख करते हुए उनके कृतित्व पर प्रकाश डालिए।
  164. प्रश्न- कविवर घनानन्द के जीवन परिचय का उल्लेख करते हुए उनके कृतित्व पर प्रकाश डालिए।
  165. प्रश्न- घनानन्द की प्रेम व्यंजना पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  166. प्रश्न- घनानन्द की प्रेम व्यंजना पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  167. प्रश्न- घनानन्द के काव्य वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालिए।
  168. प्रश्न- घनानन्द के काव्य वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालिए।
  169. प्रश्न- घनानन्द का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  170. प्रश्न- घनानन्द का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  171. प्रश्न- घनानन्द की काव्य रचनाओं पर प्रकाश डालते हुए उनके काव्य की विशेषताएँ लिखिए।
  172. प्रश्न- घनानन्द की काव्य रचनाओं पर प्रकाश डालते हुए उनके काव्य की विशेषताएँ लिखिए।
  173. प्रश्न- घनानन्द की भाषा शैली के विषय में आप क्या जानते हैं?
  174. प्रश्न- घनानन्द की भाषा शैली के विषय में आप क्या जानते हैं?
  175. प्रश्न- घनानन्द के काव्य का परिचय दीजिए।
  176. प्रश्न- घनानन्द के काव्य का परिचय दीजिए।
  177. प्रश्न- घनानन्द के अनुसार प्रेम में जड़ और चेतन का ज्ञान किस प्रकार नहीं रहता है?
  178. प्रश्न- घनानन्द के अनुसार प्रेम में जड़ और चेतन का ज्ञान किस प्रकार नहीं रहता है?
  179. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (घनानन्द)
  180. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पद्याशों की शब्दार्थ एवं सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (घनानन्द)

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