बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी द्वितीय प्रश्नपत्र - साहित्यालोचन एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी द्वितीय प्रश्नपत्र - साहित्यालोचनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी द्वितीय प्रश्नपत्र - साहित्यालोचन
प्रश्न- स्वच्छंदतावाद के अर्थ और स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
स्वच्छंदतावाद का उदय शास्त्रवाद की नियमबद्धता एवं जड़संस्कारों के खिलाफ हुआ। स्वच्छंदतावाद का मूल प्रवर्त्तक रूसो था, लेकिन इस वाद ने अपना सही आयाम वर्डसवर्थ की रचना 'Lyrical Ballads' की भूमिका में ग्रहण किया। शैली, कीट्स एवं कॉलरिज जैसे रचनाकारों ने इस वाद को पूरी तरह से विकसित किया।
स्वच्छंदतावाद अंग्रेजी शब्द 'Roamnticism' का हिन्दी अनुवाद है। यह शब्द फ्रांसीसी शब्द Romanz (रोमाज) यो रोमांस से लिया गया है परन्तु इसका अर्थ हमेशा बदलता रहा है। 17वीं शताब्दी में इसका अर्थ किया गया था 'काल्पनिक और असत्य'। 19वीं शातब्दी में इसके प्रयोग उपन्यास के अर्थ में होने लगा। आगे चलकर इस शब्द का प्रयोग प्राकृतिक दृश्यों के अर्थ में होने लगा। बाद में प्रेम और विशाद को भी इसके अर्थ में समाहित कर दिया। साहित्यिक रूप में इसका सर्वप्रथम प्रयोग फ्रांस में हुआ। वहाँ इसका अर्थ किया गया, साहसशील, भावनाशील और कल्पनाशील। ' बाद में इसके अर्थ में उन्मुक्ता को भी जोड़ दिया गया। फ्रांस की राज्य क्रान्ति के बाद में यह शब्द विद्रोहात्मक प्रवृत्तियों का सूचक बन गया। अब इसका अर्थ हो गया- "काव्य की मुक्त एवं स्वच्छंद अभिव्यक्ति प्रणाली है।' स्वच्छंदतावादी कवि वही हो सकता है जो कवि संसार से दूर रहकर आत्मानंद में लीन रहता है। वह दुःखवाद से घिरा होने पर दुःख में सुख का अनुभव करता है। उसमें वैयक्तिकता की प्रधानता होती है। वह नियमों और परम्पराओं का उल्लंघन करके मुक्त भावनाओं में विचरण करना चाहता है।
परिभाषाएँ - फिर भी स्वच्छंदतावाद क्या है? अथवा इसकी स्पष्ट परिभाषा क्या हो सकती है? इसका उत्तर देना सहज नहीं है। स्वच्छंदतावाद का नाम लेते ही आभिजात्यवाद की याद ताजा होती है। अक्सर लोग कह बैठते हैं कि स्वच्छंदतावाद आभिजात्यवादी विचारधारा के विपरीत है। फिर भी कुछ विद्वानों ने स्वच्छंदतावाद की परिभाषाएँ देने का प्रयास किया है।
(1) प्रो. कैजामियाँ के शब्दों में "स्वच्छंदतावाद आत्मा का विजयघोष है तथा भावना प्रेरित कल्पना उसकी मूल प्रवृत्ति है।'
(2) सी. एस. बावरा के अनुसार "स्वच्छंदतावाद की विशेषताएँ हैं, कल्पना में नवीन तथा गह न विश्वास "
(3) एम्बर क्रॉम्बी "स्वच्छंदतावाद को बाह्य अनुभूतियों से पलायन तथा आन्तरिक अनुभूतियों में केन्द्रित होना मानते हैं।'
एक सर्वमान्य परिभाषा - यूँ तो हिन्दी के आलोचकों ने भी स्वच्छंदतावाद को परिभाषित करने का प्रयास किया है, लेकिन किसी ने भी ऐसी बोधगम्य परिभाषा नहीं दी जो सभी को मान्य हो। फिर भी हम कह सकते हैं -
"स्वच्छंदतावादी काव्यधारा वह काव्यधारा है, जो प्राचीन सिद्धान्तों की जकड़ से मुक्ति पाकर एक नवीन जीवन की प्रतिष्ठा करना चाहती है, जो नियमों, सिद्धान्तों और परम्पराओं का उल्लंघन करके मुक्त भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं।'
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- प्रश्न- आलोचना को परिभाषित करते हुए उसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हिन्दी आलोचना के उद्भव एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हिन्दी आलोचना के विकासक्रम में आचार्य रामचंद्र शुक्ल के योगदान की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की आलोचना पद्धति का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- डॉ. नगेन्द्र एवं हिन्दी आलोचना पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- नयी आलोचना या नई समीक्षा विषय पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतेन्दुयुगीन आलोचना पद्धति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- द्विवेदी युगीन आलोचना पद्धति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आलोचना के क्षेत्र में काशी नागरी प्रचारिणी सभा के योगदान की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- नन्द दुलारे वाजपेयी के आलोचना ग्रन्थों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हजारी प्रसाद द्विवेदी के आलोचना साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रारम्भिक हिन्दी आलोचना के स्वरूप एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पाश्चात्य साहित्यलोचन और हिन्दी आलोचना के विषय पर विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- हिन्दी आलोचना पर एक विस्तृत निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक काल पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वच्छंदतावाद से क्या तात्पर्य है? उसका उदय किन परिस्थितियों में हुआ?
- प्रश्न- स्वच्छंदतावाद की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए उसकी प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हिन्दी आलोचना पद्धतियों को बताइए। आलोचना के प्रकारों का भी वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वच्छंदतावाद के अर्थ और स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वच्छंदतावाद की प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख भर कीजिए।
- प्रश्न- स्वच्छंदतावाद के व्यक्तित्ववादी दृष्टिकोण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- स्वच्छंदतावाद कृत्रिमता से मुक्ति का आग्रही है इस पर विचार करते हुए उसकी सौन्दर्यानुभूति पर टिप्णी लिखिए।
- प्रश्न- स्वच्छंदतावादी काव्य कल्पना के प्राचुर्य एवं लोक कल्याण की भावना से युक्त है विचार कीजिए।
- प्रश्न- स्वच्छंदतावाद में 'अभ्दुत तत्त्व' के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए इस कथन कि 'स्वच्छंदतावादी विचारधारा राष्ट्र प्रेम को महत्व देती है' पर अपना मत प्रकट कीजिए।
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- प्रश्न- 'स्वच्छंदतावाद प्रचलित मान्यताओं के प्रति विद्रोह करते हुए आत्माभिव्यक्ति तथा प्रकृति के प्रति अनुराग के चित्रण को महत्व देता है। विचार कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक साहित्य में मनोविश्लेषणवाद के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कार्लमार्क्स की किस रचना में मार्क्सवाद का जन्म हुआ? उनके द्वारा प्रतिपादित द्वंद्वात्मक भौतिकवाद की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- द्वंद्वात्मक भौतिकवाद पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऐतिहासिक भौतिकवाद को समझाइए।
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- प्रश्न- साहित्य समीक्षा के सन्दर्भ में मार्क्सवाद की कतिपय सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- साहित्य में मार्क्सवादी दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मनोविश्लेषणवाद पर एक संक्षिप्त टिप्पणी प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- मनोविश्लेषवाद की समीक्षा दीजिए।
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- प्रश्न- हिन्दी आलोचक हजारी प्रसाद द्विवेदी का हिन्दी आलोचना के विकास में योगदान उनकी कृतियों के आधार पर कीजिए।
- प्रश्न- हिन्दी आलोचना के विकास में डॉ. नगेन्द्र के योगदान का मूल्यांकन उनकी पद्धतियों तथा कृतियों के आधार पर कीजिए।
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