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बीए सेमेस्टर-1 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2675
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्र

प्रश्न- अजन्ता की गुफाओं के चित्रों के विषय एवं शैली का परिचय देते हुए नवीं और दसवीं गुफा के चित्रों का वर्णन कीजिए।

अथवा
अजन्ता की नवीं तथा दसवीं गुफा के चित्रों का विश्लेषण कीजिए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न

1. अजन्ता की गुफाओं के चित्रों के विषयों पर प्रकाश डालिए।
2. अजन्ता की नवीं तथा दसवीं गुफा के चित्रों को समकालीन क्यों माना गया है?
3. नवीं गुफा के चित्रों पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
4. दसवीं गुफा में हमें कौन-कौन से चित्र प्राप्त हुए हैं तथा वे किस शैली के हैं?

उत्तर -

अजन्ता की गुफाओं के चित्रों का विषय

आलंकारिक आलेखनों को छोड़कर अजन्ता के अधिकांश चित्रों का विषय बौद्ध धर्म से सम्बन्धित है। इन चित्रों में बुद्ध के विभिन्न चित्र और पवित्र धर्म चिह्न सम्मिलित हैं, साथ ही बुद्ध की जन्म-जन्मांतर की जीवन- कथाएँ तथा जातक कथाएँ इन गुफाओं की चित्रकारी का प्रधान विषय हैं, जिनका चित्रकार ने सुंदरता से अंकन किया है। यह जातक कथाओं के ही चित्र हैं। यह बात दो आधारों पर ही कही जा सकती है- प्रथम इन चित्रों पर जातक कथा का नाम लिखा है परन्तु चित्रों के नष्ट हो जाने से चित्र को पहचानने में असुविधा होती है, दूसरे दसवीं गुफा में पड़दंत हाथी की जातक कथा तथा अन्य जातक कथाओं को उनके घटनाक्रम केअनुसार अंकन एवं उनकी विशेषताओं के कारण पहचाना जा सकता है।

जातक कथा तथा अन्य जातक कथाओं को उनके घटनाक्रम के अनुसार अंकन एवं उनकी विशेषताओं के कारण पहचाना जा सकता है।

अजन्ता की गुफाओं की चित्रकारी

अजन्ता की गुफाओं में आरम्भिक चित्रकारी के उदाहरण नवीं गुफा तथा दसवीं गुफा में प्राप्त हैं। इन गुफाओं के चित्र बहुत अधिक क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। यह चित्र साँची तथा भरहुत की प्रस्तर शिल्प- शैली से विशेष समानता रखते हैं। अतः इन चित्रों के समय का अनुमान सरलता से लगाया जा सकता है। पर्सी ब्राउन ने नवीं तथा दसवीं गुफा के चित्रों को 100 ई० पू० का माना है और इन गुफाओं के स्तम्भों पर बने चित्रों को 350 ई० का माना है। दसवीं गुफा में एक ब्रह्मीलिपि का लेख है जिसके अनुसार विन्सेंट स्मिथ ने नवीं तथा दसवीं गुफा के चित्रों को दूसरी शताब्दी ई० पू० से 150 ई० तक का माना है। इन दोनों गुफाओं के चित्रों की शैलियों में बहुत साम्य है, अतः इन दोनों के चित्रों को समकालीन माना गया है। तत्कालीन वास्तु तथा मूर्तियों से भी इन चित्रों में विशेष समानता है।

नवीं गुफा के चित्र - इस गुफा में ग्रिफिथ्स महोदय ने एक दीवार से पलस्तर का एक बड़ा खण्ड (पपड़ा) छुड़ाकर उसके नीचे एक चित्र खोजा, जो चट्टान पर पोर्सलीन के समान चमकदार पलस्तर चढ़ाकर उसके ऊपर से बनाया गया था। यह नीचे वाला चित्र एक बैठी हुई स्त्री का है। इस गुफा का यह प्राचीन चित्र है, क्योंकि बाद में कई पुराने चित्रों को पतले पलस्तर की तह से ढककर ऊपर से चित्रकारी की गई है। नवीं गुफा में बने कुछ चित्र 'गुप्तकाल के भी हैं।

इस काल में चित्रित स्तूप की ओर जाते पुजारियों के दल में तत्कालीन वास्तु तथा मूर्ति-कला से बहुत समानता है। इस चित्र में प्रयुक्त अर्द्धवृत्ताकार स्तूप, तोरण द्वार, पुरुषों के मुरेठे जिनमें लट्टूनुमा बड़ा मोती आगे माथे पर निकला है, तत्कालीन प्रस्तर उरेहन में भी प्रचलित थे। इस चित्र में पुरुषों के वर्गाकार चेहरे, बड़े-बड़े मोतियों की मालाएँ, भारी आभूषण उस समय की आंध्र प्रदेश की मूर्तियों की याद दिलाते हैं। इन आकृतियों में लटकते हुए कमर-बंद तथा निकले हुए पेट दर्शनीय हैं। गुफा में प्रवेश करते ही बायीं ओर जो लेख हैं, वे अनुमानतः ईसा पूर्व के हैं। इन चित्रों की अपनी विशेषताएँ हैं, जो इनको गुप्तकालीन चित्रों से पृथक कर देती हैं। उदाहरणार्थ इन चित्रों में कुल चार रंगों का प्रयोग है। ये रंग काले, पीले, हरे तथा हरौंजी के लाल रंग हैं। इन आकृतियों के चेहरे तथा मुद्राएँ शिथिल हैं। नवीं गुफा में इसके अतिरिक्त अनेक प्रकार के वृक्षों तथा फलों का अंकन किया गया है, जिसमें चित्रकार ने अपनी निरीक्षण शक्ति का परिचय दिया है। यहाँ स्तम्भों पर बुद्ध आकृतियाँ चित्रित हैं और भित्तियों पर चरवाहों के दृश्य भी बनाए गए हैं।

दसवीं गुफा के चित्र - इस गुफा की दाहिनी भित्ति पर आज से लगभग अस्सी वर्ष पूर्व तक अधिक चित्र थे। ये चित्र प्रारम्भिक शैली के थे। इनमें विशेष रूप से शक्तिशाली स्वतंत्र रेखाओं से हाथियों का अंकन किया गया था। इस चित्रावली में छः दन्त जातक की कथा चित्रित हैं जिसमें चित्रकार ने घने जंगल का अंकन सुन्दरता से किया है और नाना प्रकार के वृक्ष जैसे बरगद, गूलर तथा आम के वृक्ष चित्रित किए गए हैं। इस जंगल के दृश्य में हाथियों को जलक्रीड़ा में मग्न चित्रित किया गया है। इसमें छ: दन्त हाथी अपनी हथिनियों को सूंड से कमल पुष्प देते या कहीं पर अपने को अजगर से बचाते चित्रित किया गया है।

दूसरी ओर जंगल में व्याघ्र प्रवेश करते हैं और छ: दन्त हाथीरूपी बोधिसत्व स्वयं उनके आगे समर्पण कर देते हैं। अन्तिम दृश्य में व्याघ्र काशीराज के अन्तःपुर में पहुँचते हैं। काशीराज की रानी सुभद्रा पूर्वजन्म में छः दन्त गज की हथिनी थी, अतः डाहवश वह छ: दन्त गजराज के दाँतों को काटकर लाने की आज्ञा देती है और कटे दाँतों को कहारों के कंधों पर बंहनियों पर लदा देखकर मूर्छित हो जाती है, राजा सहारा देता है— चार दासियाँ, जो पीछे खड़ी हैं घबराई हुई हैं- एक दासी सहारा देने को बढ़ रही है। यह चित्र कलाकार ने बड़ी सुन्दरता से अंकित किया है। परन्तु इस चित्र का पर्याप्त भाग दर्शकों ने अपना नाम लिख-लिखकर खुरच डाला है।

बायीं भित्ति पर एक जलूस के दृश्य का चित्रण है। इसमें आगे पैदल, सशस्त्र घुड़सवार और पीछे स्त्रियों के दलों को तीव्र गति से आगे बढ़ते हुए अंकित किया गया है इस चित्र में राजा को आठ स्त्रियों के बीच में चित्रित किया गया है। इस चित्र की योजना बहुत सुगठित है, और कुछ आकृतियों को संतोषजनक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया गया है। इस चित्र में हस्तमुद्राओं और भुजाओं का चित्रण स्वाभाविक तथा गोलाईयुक्त है।

इस गुफा में ही श्याम जातक का चित्र है। श्याम जातक तीसरी शताब्दी में चित्रित किया गया है। इस चित्र में अंधे माता-पिता की सेवा करने वाले एक काले वर्ण के युवक 'श्याम' को काशीराज के द्वारा तीर से मार देने की कथा आती है। कंधे पर घड़ा लिए श्याम की आकृति सुन्दर है और माता-पिता की आकृति में वेदना है। भागते हुए हिरणों का अंकन भी मार्मिक है।

इस गुफा के स्तम्भों पर जो बुद्ध चित्र खड़ी मुद्रा में बनाए गए हैं और उनके कपड़ों तथा सिर के पीछे प्रकाशपुंज (तेज मण्डल) दर्शाए गए हैं उनमें गांधार शैली का प्रभाव है। विन्सेंट स्मिथ के अनुसार ये चित्र अनुमानतः पाँचवीं शताब्दी या बाद के हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- कला अध्ययन के स्रोतों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  2. प्रश्न- प्रागैतिहासिक भारतीय चित्रकला की खोज का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  3. प्रश्न- भारतीय प्रागैतिहासिक चित्रकला के विषयों तथा तकनीक का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- भारतीय चित्रकला के साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुए हैं तथा वे किस प्रकार के हैं?
  5. प्रश्न- भीमबेटका क्या है? इसके भीतर किस प्रकार के चित्र देखने को मिलते हैं?
  6. प्रश्न- प्रागैतिहासिक काल किसे कहते हैं? इसे कितनी श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं?
  7. प्रश्न- प्रागैतिहासिक काल का वातावरण कैसा था?
  8. प्रश्न- सिन्धु घाटी के विषय में आप क्या जानते हैं? सिन्धु कला पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  9. प्रश्न- सिन्धु घाटी में चित्रांकन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  10. प्रश्न- मोहनजोदड़ो - हड़प्पा की चित्रकला को संक्षेप में समझाइए।
  11. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की कला पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  12. प्रश्न- जोगीमारा की गुफा के चित्रों की विषयवस्तु तथा शैली का विवेचन कीजिए।
  13. प्रश्न- कार्ला गुफा के विषय में आप क्या जानते हैं? वर्णन कीजिए।.
  14. प्रश्न- भाजा गुफाओं पर प्रकाश डालिये।
  15. प्रश्न- नासिक गुफाओं का परिचय दीजिए।
  16. प्रश्न- अजन्ता की गुफाओं की खोज का संक्षिप्त इतिहास बताइए।
  17. प्रश्न- अजन्ता की गुफाओं के चित्रों के विषय एवं शैली का परिचय देते हुए नवीं और दसवीं गुफा के चित्रों का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- अजन्ता की गुहा सोलह के चित्रों का विश्लेषण कीजिए।
  19. प्रश्न- अजन्ता की गुहा सत्रह के चित्रों का विश्लेषण कीजिए।
  20. प्रश्न- अजन्ता गुहा के भित्ति चित्रों की विशेषताएँ लिखिए।
  21. प्रश्न- बाघ गुफाओं के प्रमुख चित्रों का परिचय दीजिए।
  22. प्रश्न- अजन्ता के भित्तिचित्रों के रंगों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  23. प्रश्न- अजन्ता में अंकित शिवि जातक पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  24. प्रश्न- सिंघल अवदान के चित्र का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  25. प्रश्न- अजन्ता के चित्रण-विधान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  26. प्रश्न- अजन्ता की गुफा सं० 10 में अंकित षडूदन्त जातक का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  27. प्रश्न- सित्तन्नवासल गुफाचित्रों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  28. प्रश्न- बादामी की गुफाओं की चित्रण शैली की समीक्षा कीजिए।
  29. प्रश्न- सिगिरिया की गुफा के विषय में बताइये। इसकी चित्रण विधि, शैली एवं विशेषताएँ क्या थीं?
  30. प्रश्न- एलीफेण्टा अथवा घारापुरी गुफाओं की मूर्तिकला पर टिप्पणी लिखिए।
  31. प्रश्न- एलोरा की गुहा का विभिन्न धर्मों से सम्बन्ध एवं काल निर्धारण की विवेचना कीजिए।
  32. प्रश्न- एलोरा के कैलाश मन्दिर पर टिप्पणी लिखिए।
  33. प्रश्न- एलोरा के भित्ति चित्रों का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- एलोरा के जैन गुहा मन्दिर के भित्ति चित्रों का विश्लेषण कीजिए।
  35. प्रश्न- मौर्य काल का परिचय दीजिए।
  36. प्रश्न- शुंग काल के विषय में बताइये।
  37. प्रश्न- कुषाण काल में कलागत शैली पर प्रकाश डालिये।
  38. प्रश्न- गान्धार शैली के विषय में आप क्या जानते हैं?
  39. प्रश्न- मथुरा शैली या स्थापत्य कला किसे कहते हैं?
  40. प्रश्न- गुप्त काल का परिचय दीजिए।
  41. प्रश्न- “गुप्तकालीन कला को भारत का स्वर्ण युग कहा गया है।" इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  42. प्रश्न- अजन्ता की खोज कब और किस प्रकार हुई? इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करिये।
  43. प्रश्न- भारतीय कला में मुद्राओं का क्या महत्व है?
  44. प्रश्न- भारतीय कला में चित्रित बुद्ध का रूप एवं बौद्ध मत के विषय में अपने विचार दीजिए।

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