बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन
प्रश्न- नाभिकीय और अंतरिक्ष कार्यक्रम के विशेष सन्दर्भ में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर -
परमाणु कार्यक्रम
भारत आज परमाणु प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्म निर्भरता प्राप्त कर चुका है तथा परमाणु ईधन चक्र को पूरा चलाने में सक्षम है। स्वतन्त्रता के बाद 1948 में परमाणु ऊर्जा आयोग (Atomic Energy Commission) का गठन हुआ जिसके अध्यक्ष डॉ. भाभा बने। 1954 में परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य परमाणु ऊर्जा के अनुसंधान कार्यक्रमों के लिये अध्ययन एवं परीक्षण की सुविधाओं का संगठन एवं विकास करना था। 1967 में डॉ. भाभा की मृत्यु के पश्चात् इसका नाम बदलकर "भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र" (BARC) रख दिया गया। आज यही केन्द्र भारत में परमाणु महियों के अभिकल्पना निर्माण एवं नियंत्रण विषयक शोध कार्य करता है तथा परमाणु ईंधनों के निर्माण एवं पुनर्साधन तथा रेडियों आइसीटोपो का भी निर्माण होता है। भारत में परमाणु कार्यक्रमों की मुख्यतः तीन भागों में बांटा जा सकता है -
(1) प्रथम चरण (1948-1956) अप्सरा रिएक्टर की स्थापना।
(2) द्वितीय चरण (1956-1966 ) डॉ. भाभा की मृत्यु तक विभिन्न तकनीकी सुविधाओं का विकास |
(3) तृतीय चरण (1966 से अब तक) परमाणु बिजलीघरों का निर्माण तथा द्वितीय चरण में बनी योजनाओं को मूर्त रूप देना।
भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र ट्राम्बे (BARC) के बाद इन्दिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केन्द्र कलपक्कम (तमिलनाडु) में 1971 में फास्ट ब्रीडर रिएक्टर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास कार्य हेतु स्थापित किया गया। इसकी क्षमता 40 मेगावाट की है।
अन्तरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम - स्वाधीन भारत में अन्तरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम की आधारशिला रखने का श्रेय स्व. डॉ. विक्रम अम्बालाल साराभाई (1919-1971) को है। डॉ. साराभाई ने 1947 में अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की। अभी तक अन्तरिक्ष सम्बन्धित गतिविधियां परमाणु ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत चल रही थी, परन्तु 1962 के प्रारम्भ में परमाणु ऊर्जा विभाग ने अपनी देख-रेख में बाह्य अन्तिरिक्ष के शान्तिपूर्ण उपयोग के लिये 'अन्तरिक्ष अनुसंधान की भारतीय समिति गठित की जिसके अध्यक्ष साराभाई बनाये गये। प्रायः इसी समय संयुक्त राष्ट्र की अनुसंधान समिति ने भारत के दक्षिण समुद्र से पास होने वाली चुम्बकीय भू-मध्यरेखा पर रॉकेट प्रक्षेपण केन्द्र स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की। फलतः डॉ. साराभाई की निष्ठा लगन और डॉ. होमी भाभा के स्नेहपूर्ण सहयोग से अक्टूबर 1963 में अरब सागर के किनारे 'थुम्बा भू-मध्य रॉकेट प्रक्षेपण केन्द्र स्थापित किया गया 21 नवम्बर 1963 ई. को थुम्बा से पहला रॉकेट दागा गया।
देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान और अन्तरिक्ष अनुसंधान के राष्ट्रीय कार्यक्रमों को संचालित करने के लिये 1969 में परमाणु ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना की गई तथा प्रोफेसर सतीश धवन को अन्तरिक्ष विभाग का सचिव और इसरो का अध्यक्ष बनाया गया। अन्तरिक्ष विभाग और इसरों का मुख्यालय बैंगलौर में है।
अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। केवल 12-13 साल की अवधि में मानव निर्मित उपग्रहों के क्षेत्र में भारत ने जितनी तेजी से प्रगति की है, शायद उतनी तेजी से किसी अन्य देश ने नहीं की। संक्षेप में अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में निम्नवत् उपलब्धियां रही है -
आर्यभट्ट - भारत का पहला उपग्रह सफलता पूर्व का प्रक्षेपित किया गया।
भास्कर - 1 और भास्कर - 2 - यह दोनों ही भू प्रक्षेपण उपग्रह थे। इन उपग्रहों की सहायता से समुद्री सतह का ताप, समुद्रिक स्थिति, किसी क्षेत्र में जल वाष्प की मात्रा, बाढ़ आने व उतरने, बर्फ गिरने व पिघलने जैसी घटनाओं का व्यापक अध्ययन सम्भव हुआ।
रोहिणी श्रृंखला के उपग्रह 18 जुलाई 1980 को भारत ने अपने रॉकेट द्वारा पृथ्वी की कक्षा में उपग्रह स्थापित करके संसार के उन देशों की श्रेणी में आ गया जिन्होंने अन्तरिक्ष में स्वचालित एवं विकसित रॉकेट से उपग्रह प्रक्षेपित किये है। अपने रॉकेट SLV-3 द्वारा रोहिणी R.S. -1 उपग्रह को प्रक्षेपित कर भारत अन्तरिक्ष क्लब का छठा राष्ट्र बन गया।
इसके अतिरिक्त प्रायोगिक दूर संचार उपग्रह (Arian Passenger Paylode Experiment - Apple), भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (IRS), बैंगलूर उपग्रह ओशन सेट, भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली ( INSAT ), ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (PSLV) तथा भूसमकालिक उपग्रह प्रमोचक (GSLV) आदि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम की विशिष्टता तथा दूरदर्शिता का उदाहरण है।
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- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र और राज्य में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए तथा सुरक्षा के आवश्यक तत्वों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित करते हुए सुरक्षा के निर्धारक तत्वों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। राष्ट्रीय हित में सुरक्षा क्यों आवश्यक है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामाजिक समरसता का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भारत के प्रमुख असैन्य खतरे कौन से हैं?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति को उसके स्थल एवं जल सीमान्तों के सन्दर्भ में बताइये।
- प्रश्न- प्रतिरक्षा नीति तथा विदेश नीति में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा का विश्लेषणात्मक महत्व बताइये।
- प्रश्न- रक्षा नीति को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्वों के विषय में बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा नीति से आप क्या समझते है?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित करते हुए शक्ति की अवधारणा का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति की रूपरेखा बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित कीजिए तथा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के तत्वों का परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- "एक राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधन उसकी शक्ति निर्माण के महत्वपूर्ण तत्व है।' इस कथन की व्याख्या भारत के सन्दर्भ में कीजिए।
- प्रश्न- "किसी देश की विदेश नीति उसकी आन्तरिक नीति का ही प्रसार है।' इस कथन के सन्दर्भ में भारत की विदेश नीति को समझाइये।
- प्रश्न- भारतीय विदेश नीति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- कूटनीति का क्या अर्थ है? बताइये।
- प्रश्न- कूटनीति और विदेश नीति का सह-सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- 'शक्ति की अवधारणा' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति पर मार्गेनथाऊ के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के आर्थिक तत्व का सैनिक दृष्टि से क्या महत्व है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति बढ़ाने में जनता का सहयोग अति आवश्यक है। समझाइये।
- प्रश्न- विदेश नीति को परिभाषित कीजिये तथा विदेश नीति रक्षा नीति के सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शीत युद्ध के बाद के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O.) पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये -(i) सुरक्षा परिषद् (Security Council), (ii) वारसा पैक्ट (Warsa Pact), (iii) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO), (iv) दक्षिण पूर्वी एशिया संधि संगठन (SEATO), (v) केन्द्रीय संधि संगठन (CENTO), (vi) आसियान (ASEAN)
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा स्पष्ट कीजिए तथा इनके लाभ पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- क्या संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व में शान्ति स्थापित करने में सफल हुआ है? समालोचना कीजिए।
- प्रश्न- सार्क पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन के विभिन्न रूपों तथा उद्देश्यों का वर्णन करते हुए इसके सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- 'क्षेत्रीय सन्धियों' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- समूह 15 ( G-15) क्या है?
- प्रश्न- स्थाई (Permanent) तटस्थता तथा सद्भावनापूर्ण (Benevalent) तटस्थता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नाटो (NATO) क्या है?
- प्रश्न- सीटो (SEATO) के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- सार्क (SAARC) क्या है?
- प्रश्न- दक्षेस (SAARC) की उपयोगिता को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- “सामूहिक सुरक्षा शांति स्थापित करने का प्रयास है।" स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- 'आसियान' क्या है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुटनिरपेक्षता (Non-Alignment) तथा तटस्थता (Neutrality) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन को एक नीति के रूप में समझाइये।
- प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा और संयुक्त राष्ट्र संघ पर एक टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित कीजिये।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण और आयुध नियंत्रण में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- शस्त्र नियंत्रण और निःशस्त्रीकरण में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आन्तरिक व बाह्य खतरों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्तर्गत भारत को अपने पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान तथा चीन से सम्बन्धित खतरों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'चीन-पाकिस्तान धुरी एवं भारतीय सुरक्षा' पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व एवं अर्थ की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- गैर-सैन्य खतरों से आप क्या समझते हैं? उनसे किसी राष्ट्र को क्या खतरे हो सकते हैं?
- प्रश्न- देश की आन्तरिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्तमान समय में भारतीय आन्तरिक सुरक्षा के लिए मुख्य खतरों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत की आन्तरिक सुरक्षा हेतु चुनौतियाँ कौन-कौन सी है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा की अवधारणा बताइए।
- प्रश्न- खतरे की धारणा से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के खतरों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्र की रक्षा योजना क्या है और इसकी सफलता कैसे निर्धारित होती है?
- प्रश्न- "एक सुदृढ़ सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए विकसित प्रक्षेपास्त्रों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- पाकिस्तान की आणविक नीति का भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- चीन के प्रक्षेपात्र कार्यक्रमों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन की परमाणु क्षमता के बारे में बताइए।
- प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- भारत के लिये नाभिकीय शक्ति (Nuclear Powers ) की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त लेख लिखिये।
- प्रश्न- पाकिस्तान की परमाणु नीति की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- क्या हथियारों की होड़ ने विश्व को अशान्त बनाया है? इसकी समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- N. P. T. पर बड़ी शक्तियों के दोहरी नीति की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (CTBT) के सैद्धान्तिक रूप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- MTCR से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा (NMD) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- परमाणु प्रसार निषेध संधि (N. P. T.) के अर्थ को समझाइए एवं इसका मूल उद्देश्य क्या है?
- प्रश्न- FMCT क्या है? इस पर भारत के विचारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार तथा शस्त्र सहायता में क्या सम्बन्ध है? बड़े राष्ट्रों की भूमिका क्या है? समझाइये |
- प्रश्न- छोटे शस्त्रों के प्रसार से आप क्या समझते हैं? इनके लाभ व हानि बताइये।
- प्रश्न- शस्त्र दौड़ से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र सहायता तथा व्यापार कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार करने वाले मुख्य राष्ट्रों के नाम बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये वाह्य व आन्तरिक चुनौतियाँ क्या हैं? उनसे निपटने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत की सुरक्षा चुनौती को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं तकनीकी प्रगति की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य (Research and Development) पर प्रकाश डालिए तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों का भी उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- "भारतीय सैन्य क्षमता को शक्तिशाली बनाने में रक्षा उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।' उपरोक्त सन्दर्भ में भारत के प्रमुख रक्षा उद्योगों के विकास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नाभिकीय और अंतरिक्ष कार्यक्रम के विशेष सन्दर्भ में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- "एक स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए