बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन
प्रश्न- भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य (Research and Development) पर प्रकाश डालिए तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों का भी उल्लेख कीजिए।
अथवा
भारत के रक्षा उद्योगों में 'रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर -
भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य
(Research and Development in India)
1948 ई. के बाद ही भारत में इस विकास की ओर ध्यान दिया गया। उस समय इस बात का अनुभव किया गया कि रक्षा उत्पादन की समस्या को दो दृष्टिकोणों से देखा जाये - एक तो राष्ट्र में वैज्ञानिक शिक्षा और अनुसंधान कार्य के सामान्य स्तर को ऊँचा उठाना, दूसरा वैज्ञानिक अनुसंधान को विशेषकर रक्षा उत्पादन के लिए विकसित करना। 1958 ई. में रक्षा समस्याओं को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक अनुसंधान के संगठन को दिल्ली में स्थापित किया गया और तभी से यह सेवा प्रभावशाली रूप से भारत के रक्षा प्रतिष्ठान के रूप में कार्य कर रही है। इस समय लगभग 650 दीर्घ संस्थान और 42 प्रयोगशालायें इस संगठन के नेतृत्व में कार्य कर रहें हैं। इसका नेतृत्व 'महानिदेशक रक्षा अनुसंधान तथा विकास' नामक उच्च अधिकारी करता है।
एशिया में शोध और विकास (Research and Development ) पर जो खर्च होता है, उसका 90 प्रतिशत अकेले जापान द्वारा खर्च किया जाता है। रूस जैसा विकसित देश भी आज अपनी आय का 5.5 प्रतिशत Research and Development के पीछे खर्च करता है। यही खर्च अमेरिका में 2.6, जापान में 2.1 जर्मनी में 2.2 और भारत में 0.6 प्रतिशत है।
रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन
इस संगठन का प्रथम दायित्व सेनाओं की मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए शस्त्रों एवं सैनिक साज-सामान के डिजाइन और उनका विकास, उनके उत्पादन में सहयोग तथा सेना की तीनों सेवाओं को वैज्ञानिक परामर्श प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, यह संगठन वर्तमान शस्त्रों एवं उपस्करों को बेहतर बनाने, उनमें सुधार करने और राष्ट्र में उनके उत्पादन में सहयोग देता है।
रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन का ढाँचा द्विस्तरीय (Two-tier) है। प्रथम है मुख्यालय स्तर जो नीति-निर्देशन, नियन्त्रण तथा समन्वय के लिए तथा साथ-साथ सेवा मुख्यालयों से सम्पर्क बनाये रखने के लिए उत्तरदायी है। दूसरा, क्षेत्रीय ढांचा है जिसके अन्तर्गत अनुसंधान तथा विकास संस्थान / प्रयोगशालायें आती हैं। ये दोनों ही विशिष्ट क्षेत्रों में अनुसंधान तथा विकास के लिए उत्तरदायी हैं -
रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन का कार्यक्षेत्र काफी लम्बा है। इसमें आयुद्ध राकेट एवं मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिकी, एयरोनॉटिक्स, नेवल, टेक्नोलॉजी संरचना और सिविल इन्जीनियरिंग गाड़ियाँ, आम सामान एवं बुनियादी विज्ञान शामिल हैं। इस संगठन के कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य सम्मिलित है
1. युद्ध की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु शस्त्रों एवं अन्य रक्षा उपकरणों के डिजाइन एवं विकास कार्य को बढ़ावा, जिससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन में सहायता मिल सके।
2. सेनाओं का समस्याओं के समाधान के लिए मूलभूत एवं प्रायोगिक अनुसंधान को क्रियान्वित करना।
3. सेना मुख्यालयों को वैज्ञानिक सलाह प्रदान करना।
4. नवीन शस्त्रों एवं उपकरणों का मूल्याँकन एवं तकनीकी परीक्षण करना।
5. नवीन साज-सामान के विकास के लिए इस सम्बन्ध में असैनिक व्यापार को तकनीकी निर्देशन देना।
संगठन ने अनेक उन्नत रक्षा प्रणालियों को विकसित किया है तथा रक्षा प्रौद्योगिकियों के 7 एक व्यापक रक्षा वर्णक्रम में विशेषता अंर्जित कर ली है। संगठन की आधारभूत योग्यता वाले क्षेत्रों में शामिल है - शस्त्र प्रणालियाँ तथा मंचों का प्रणाली अभिकल्प एवं एकीकरण उच्च स्तरीय सॉफ्टवेयर पैकेजों का विकास कार्यात्मक सामग्रियों का विकास, परीक्षण एवं मूल्यांकन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं समावेशन। इसके अतिरिक्त, रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी गुणवत्ता आश्वासन एवं सुरक्षा, परियोजना एवं प्रौद्योगिकी प्रबंधन के लिये प्रासंगिक क्षेत्रों में मौलिक / प्रयुक्त अनुसंधान के लिये विशेषता तथा अवरचना भी निर्मित की गई है। यह विभिन्न प्रकार की आधुनिक सेवाओं को प्रदान करता है। साथ ही ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (G.P.S.) प्रदान करता है।
डी.आर.डी.ओ. की मुख्य संस्थाएँ निम्नलिखित हैं -
1. एडवान्स न्यूमेरिकल रिसर्च एण्ड एनालिसिस ग्रुप - हैदराबाद
2. एडवान्स सिस्टम लैबोरेटरी - हैदराबाद
3. एरियल डिलीवरी रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट इस्टैबलिशमेन्ट - आगरा
4. एरोनाटिकल डेवलपमेन्ट इस्टैबलिशमेन्ट - बेंगलूरू
5. आर्नामेन्ट्स रिसर्च एंड डेवलपमेन्ट इस्टैबलिशमेन्ट - पुणे
6. सेन्टर फॉर ऐयरवार्न सिस्टम - बेंगलुरू
7. सेन्टर फॉर आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स एण्ड रोबोटिक्स - बेंगलुरू
8. सेन्टर फॉर फायर एक्सप्लेसिन एण्ड एनवायरमेन्ट सेफ्टी दिल्ली
9. कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एण्ड डेवलपमेण्ट इस्टैबलिशमेन्ट- चेन्नई
10. डिफेन्स फूड रिसर्च लैब्रोटरी - मैसूर
11. टर्मिनल वैलास्टिक रिसर्च लैब्रोटरी - चंडीगढ।
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- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र और राज्य में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए तथा सुरक्षा के आवश्यक तत्वों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित करते हुए सुरक्षा के निर्धारक तत्वों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। राष्ट्रीय हित में सुरक्षा क्यों आवश्यक है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामाजिक समरसता का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भारत के प्रमुख असैन्य खतरे कौन से हैं?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति को उसके स्थल एवं जल सीमान्तों के सन्दर्भ में बताइये।
- प्रश्न- प्रतिरक्षा नीति तथा विदेश नीति में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा का विश्लेषणात्मक महत्व बताइये।
- प्रश्न- रक्षा नीति को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्वों के विषय में बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा नीति से आप क्या समझते है?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित करते हुए शक्ति की अवधारणा का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति की रूपरेखा बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित कीजिए तथा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के तत्वों का परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- "एक राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधन उसकी शक्ति निर्माण के महत्वपूर्ण तत्व है।' इस कथन की व्याख्या भारत के सन्दर्भ में कीजिए।
- प्रश्न- "किसी देश की विदेश नीति उसकी आन्तरिक नीति का ही प्रसार है।' इस कथन के सन्दर्भ में भारत की विदेश नीति को समझाइये।
- प्रश्न- भारतीय विदेश नीति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- कूटनीति का क्या अर्थ है? बताइये।
- प्रश्न- कूटनीति और विदेश नीति का सह-सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- 'शक्ति की अवधारणा' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति पर मार्गेनथाऊ के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के आर्थिक तत्व का सैनिक दृष्टि से क्या महत्व है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति बढ़ाने में जनता का सहयोग अति आवश्यक है। समझाइये।
- प्रश्न- विदेश नीति को परिभाषित कीजिये तथा विदेश नीति रक्षा नीति के सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शीत युद्ध के बाद के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O.) पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये -(i) सुरक्षा परिषद् (Security Council), (ii) वारसा पैक्ट (Warsa Pact), (iii) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO), (iv) दक्षिण पूर्वी एशिया संधि संगठन (SEATO), (v) केन्द्रीय संधि संगठन (CENTO), (vi) आसियान (ASEAN)
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा स्पष्ट कीजिए तथा इनके लाभ पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- क्या संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व में शान्ति स्थापित करने में सफल हुआ है? समालोचना कीजिए।
- प्रश्न- सार्क पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन के विभिन्न रूपों तथा उद्देश्यों का वर्णन करते हुए इसके सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- 'क्षेत्रीय सन्धियों' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- समूह 15 ( G-15) क्या है?
- प्रश्न- स्थाई (Permanent) तटस्थता तथा सद्भावनापूर्ण (Benevalent) तटस्थता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नाटो (NATO) क्या है?
- प्रश्न- सीटो (SEATO) के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- सार्क (SAARC) क्या है?
- प्रश्न- दक्षेस (SAARC) की उपयोगिता को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- “सामूहिक सुरक्षा शांति स्थापित करने का प्रयास है।" स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- 'आसियान' क्या है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुटनिरपेक्षता (Non-Alignment) तथा तटस्थता (Neutrality) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन को एक नीति के रूप में समझाइये।
- प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा और संयुक्त राष्ट्र संघ पर एक टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित कीजिये।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण और आयुध नियंत्रण में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- शस्त्र नियंत्रण और निःशस्त्रीकरण में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आन्तरिक व बाह्य खतरों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्तर्गत भारत को अपने पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान तथा चीन से सम्बन्धित खतरों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'चीन-पाकिस्तान धुरी एवं भारतीय सुरक्षा' पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व एवं अर्थ की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- गैर-सैन्य खतरों से आप क्या समझते हैं? उनसे किसी राष्ट्र को क्या खतरे हो सकते हैं?
- प्रश्न- देश की आन्तरिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्तमान समय में भारतीय आन्तरिक सुरक्षा के लिए मुख्य खतरों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत की आन्तरिक सुरक्षा हेतु चुनौतियाँ कौन-कौन सी है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा की अवधारणा बताइए।
- प्रश्न- खतरे की धारणा से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के खतरों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्र की रक्षा योजना क्या है और इसकी सफलता कैसे निर्धारित होती है?
- प्रश्न- "एक सुदृढ़ सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए विकसित प्रक्षेपास्त्रों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- पाकिस्तान की आणविक नीति का भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- चीन के प्रक्षेपात्र कार्यक्रमों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन की परमाणु क्षमता के बारे में बताइए।
- प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- भारत के लिये नाभिकीय शक्ति (Nuclear Powers ) की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त लेख लिखिये।
- प्रश्न- पाकिस्तान की परमाणु नीति की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- क्या हथियारों की होड़ ने विश्व को अशान्त बनाया है? इसकी समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- N. P. T. पर बड़ी शक्तियों के दोहरी नीति की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (CTBT) के सैद्धान्तिक रूप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- MTCR से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा (NMD) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- परमाणु प्रसार निषेध संधि (N. P. T.) के अर्थ को समझाइए एवं इसका मूल उद्देश्य क्या है?
- प्रश्न- FMCT क्या है? इस पर भारत के विचारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार तथा शस्त्र सहायता में क्या सम्बन्ध है? बड़े राष्ट्रों की भूमिका क्या है? समझाइये |
- प्रश्न- छोटे शस्त्रों के प्रसार से आप क्या समझते हैं? इनके लाभ व हानि बताइये।
- प्रश्न- शस्त्र दौड़ से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र सहायता तथा व्यापार कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार करने वाले मुख्य राष्ट्रों के नाम बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये वाह्य व आन्तरिक चुनौतियाँ क्या हैं? उनसे निपटने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत की सुरक्षा चुनौती को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं तकनीकी प्रगति की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य (Research and Development) पर प्रकाश डालिए तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों का भी उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- "भारतीय सैन्य क्षमता को शक्तिशाली बनाने में रक्षा उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।' उपरोक्त सन्दर्भ में भारत के प्रमुख रक्षा उद्योगों के विकास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नाभिकीय और अंतरिक्ष कार्यक्रम के विशेष सन्दर्भ में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- "एक स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए