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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2648
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

अध्याय - 6B

असैन्य खतरे / चुनौतियाँ : आन्तरिक व बाह्य

(Non - Military Threats / Challenges : Internal and External)

 

प्रश्न- गैर-सैन्य खतरों से आप क्या समझते हैं? उनसे किसी राष्ट्र को क्या खतरे हो सकते हैं?

अथवा
भारत के संदर्भ में गैर-सैन्य खतरों से प्राप्त चुनौतियों का वर्णन कीजिये।
अथवा
किसी राष्ट्र की बाह्य व आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों की व्याख्या कीजिये।
अथवा
भारत की आन्तरिक सुरक्षा को शत्रु राष्ट्रों द्वारा किस प्रकार संवर्धित किया जाता है? वर्तमान परिपेक्ष्य में उल्लेख कीजिये।
अथवा
'राष्ट्रवाद आन्तरिक सुरक्षा के एक तत्व के रूप में समझाइये।

उत्तर -

विश्व के सभी देश बाह्य आक्रमणों से अपनी राष्ट्रीय अखण्डता एवं राजनीतिक प्रभुसत्ता की सुरक्षा करने के साथ-साथ आन्तरिक मान्यताओं तथा अपने नागरिकों के जीवन एवं उनकी सम्पत्ति की सुरक्षा यथाशक्ति करते हैं। समस्त राष्ट्र शत्रु की सशस्त्र सेनाओं के प्रहार से अपना बचाव करने के साथ-साथ उसके आर्थिक, मनोवैज्ञानिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक अभियान से भी अपनी सुरक्षा करने का सम्पूर्ण प्रयास करते हैं। आन्तरिक सुरक्षा से आशय हिंसात्मक अराजकता तथा विघटनकारी ताकतों से राष्ट्रीय अस्तित्व, उसकी स्थिरता और उसके स्वायित्व की सुरक्षा करने से है। आन्तरिक सुरक्षा के संदर्भ में सामाजिक एकता, आर्थिक-राजनीतिक स्थिरता आदि का अपना विशेष महत्व है। आन्तरिक सुरक्षा के लिए देश में मजबूत सैन्य शक्ति एवं अन्य गैर- सैन्य साधनों का भी होना आवश्यक है।

वर्तमान भारतीय संदर्भ की अगर बात की जाये तो उसे अपनी सुरक्षा को एक नहीं अपितु अनेकानेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पड़ोसी राष्ट्र भारत को बाह्य रूप से तो सैन्य क्रिया के तहत उलझाने में सक्रिय हैं ही वरन् उसे पूर्ण रूप से आन्तरिक तौर पर भी अशान्त बनाने में पीछे नहीं है। भारत के अलगावादियों एवं राष्ट्रविरोधी तत्वों को विदेशी मदद मिलती रही है, खासकर चीन, पाकिस्तान से कई विदेशी ताकतों ने पाकिस्तान को माध्यम बना भारत को कमजोर करने हेतु आर्थिक, सामरिक मदद पहुँचायी है। यद्यपि भारत की सीमाओं पर सक्रिय सुरक्षा उसकी सशस्त्र सेनायें करती हैं और बाह्य सुरक्षा कवच को मजबूती प्रदान करती हैं लेकिन आन्तरिक रूप से सुरक्षा का कार्यभार अर्द्ध सैन्य बलों तथा राज्य पुलिस बलों पर होता है। आन्तरिक अशान्ति को रोकने हेतु केन्द्र सरकार का दायित्व होता है कि वो बाह्य आक्रमण एवं आन्तरिक अशान्ति के समय प्रत्येक राज्य की सुरक्षा करे, जिसको केन्द्र सरकार सशस्त्र सेनाओं के माध्यम से पूर्ण करती है और राष्ट्र विरोधी व हिंसक तत्वों पर अंकुश लगाने का प्रयास करती है।

भारत वर्तमान वैश्विक परिवेश में लगातार परिवर्तनशील दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ता जा रहा है। आर्थिक सम्पन्नता की दृष्टि से निरन्तर गतिमान है। वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास के नये झंडे गाढ़ स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर हैं। लेकिन सामाजिक एकता, राजनीतिक एकरूपता, राष्ट्रवाद की कमी समस्त विकास पथ को क्षीण कर रहे हैं, जिसे भारत विरोधी बाहरी शक्तियों का समर्थन प्राप्त होता रहता है, जिसका प्रमाण समय-समय पर विभिन्न घटनाओं की जाँच में पता चलता रहता है। भारत में विभिन्न परम्पराओं को मानने वाले अनेक सम्प्रदाय धर्म, जाति, भाषा और संस्कृति के लोग रहते हैं।

इन विविधताओं के होते हुए भी हमें एकता का बोध होता है। परन्तु वर्तमान समय में आतंकवादियों, अलगाववादियों, विद्रोहियों, साम्प्रदायिक तत्वों, असमाजिक तत्वों, उग्र क्षेत्रीय ताकतों, जातीयता, जनसंख्या की बढ़ोत्तरी, भाषाई ताकतों, विविध क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार, राजनीतिक अस्थिरता जैसी अनेक गैर सैन्य चुनौतियों ने आन्तरिक सुरक्षा को गम्भीर खतरा उत्पन्न कर दिया है। विगत कुछ वर्षों से देश में विघटनकारी ताकतों के एक समूह ने न केवल अनेक समस्यायें पैदा की हैं वरन् अपनी गतिविधियाँ तेज कर दी हैं।

अलगाववादी, आतंकवादी और नक्सलवादी गतिविधियाँ भी विभिन्न राज्यों में जोरों पर हैं। ) देश के विभिन्न प्रांतों में साम्प्रदायिक हिंसा व धार्मिक उन्माद ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। आज राजनीतिक विरोध से प्रारम्भ हुयी गतिविधियाँ सीधे राष्ट्र विरोधी हो जाती हैं जो कि अधिक उग्र, संगठित और अधिक भयावह हो चुकी हैं। उनकी चुनौतियाँ केवल सरकारों के लिए ही नहीं वरन् देश के संविधान, कानून सहित सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए हैं। केन्द्र सरकार व प्रान्तीय सरकारें अभी तक इन विघटनकारी एवं अलगाववादी ताकतों की चुनौतियों का सामना करने के कारगर उपायों को निश्चित नहीं कर पायी हैं।

आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों जटिल हैं। जिस पर गहराई से विचार करना चाहिये।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
  2. प्रश्न- राष्ट्र राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
  3. प्रश्न- राष्ट्र राज्य से आप क्या समझते हैं?
  4. प्रश्न- राष्ट्र और राज्य में क्या अन्तर है?
  5. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए तथा सुरक्षा के आवश्यक तत्वों का उल्लेख कीजिए।
  6. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित करते हुए सुरक्षा के निर्धारक तत्वों की व्याख्या कीजिए।
  7. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। राष्ट्रीय हित में सुरक्षा क्यों आवश्यक है? विवेचना कीजिए।
  8. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए।
  9. प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
  10. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामाजिक समरसता का क्या महत्व है?
  11. प्रश्न- भारत के प्रमुख असैन्य खतरे कौन से हैं?
  12. प्रश्न- भारत की रक्षा नीति को उसके स्थल एवं जल सीमान्तों के सन्दर्भ में बताइये।
  13. प्रश्न- प्रतिरक्षा नीति तथा विदेश नीति में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  14. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा का विश्लेषणात्मक महत्व बताइये।
  15. प्रश्न- रक्षा नीति को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्वों के विषय में बताइये।
  16. प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा नीति से आप क्या समझते है?
  17. प्रश्न- भारत की रक्षा नीति का वर्णन कीजिये।
  18. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित करते हुए शक्ति की अवधारणा का वर्णन कीजिये।
  19. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति की रूपरेखा बताइये।
  20. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित कीजिए तथा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
  22. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के तत्वों का परीक्षण कीजिये।
  23. प्रश्न- "एक राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधन उसकी शक्ति निर्माण के महत्वपूर्ण तत्व है।' इस कथन की व्याख्या भारत के सन्दर्भ में कीजिए।
  24. प्रश्न- "किसी देश की विदेश नीति उसकी आन्तरिक नीति का ही प्रसार है।' इस कथन के सन्दर्भ में भारत की विदेश नीति को समझाइये।
  25. प्रश्न- भारतीय विदेश नीति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  26. प्रश्न- कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- कूटनीति का क्या अर्थ है? बताइये।
  28. प्रश्न- कूटनीति और विदेश नीति का सह-सम्बन्ध बताइये।
  29. प्रश्न- 'शक्ति की अवधारणा' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  30. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति पर मार्गेनथाऊ के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिये।
  31. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के आर्थिक तत्व का सैनिक दृष्टि से क्या महत्व है?
  32. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति बढ़ाने में जनता का सहयोग अति आवश्यक है। समझाइये।
  33. प्रश्न- विदेश नीति को परिभाषित कीजिये तथा विदेश नीति रक्षा नीति के सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  34. प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- शीत युद्ध के बाद के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण पर एक निबन्ध लिखिये।
  36. प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O.) पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
  37. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये -(i) सुरक्षा परिषद् (Security Council), (ii) वारसा पैक्ट (Warsa Pact), (iii) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO), (iv) दक्षिण पूर्वी एशिया संधि संगठन (SEATO), (v) केन्द्रीय संधि संगठन (CENTO), (vi) आसियान (ASEAN)
  38. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा स्पष्ट कीजिए तथा इनके लाभ पर प्रकाश डालिए?
  39. प्रश्न- क्या संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व में शान्ति स्थापित करने में सफल हुआ है? समालोचना कीजिए।
  40. प्रश्न- सार्क पर एक निबन्ध लिखिए।
  41. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन के विभिन्न रूपों तथा उद्देश्यों का वर्णन करते हुए इसके सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
  42. प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा की व्याख्या कीजिये।
  44. प्रश्न- 'क्षेत्रीय सन्धियों' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  45. प्रश्न- समूह 15 ( G-15) क्या है?
  46. प्रश्न- स्थाई (Permanent) तटस्थता तथा सद्भावनापूर्ण (Benevalent) तटस्थता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- नाटो (NATO) क्या है?
  48. प्रश्न- सीटो (SEATO) के उद्देश्य क्या हैं?
  49. प्रश्न- सार्क (SAARC) क्या है?
  50. प्रश्न- दक्षेस (SAARC) की उपयोगिता को संक्षेप में समझाइए।
  51. प्रश्न- “सामूहिक सुरक्षा शांति स्थापित करने का प्रयास है।" स्पष्ट कीजिये।
  52. प्रश्न- 'आसियान' क्या है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- गुटनिरपेक्षता (Non-Alignment) तथा तटस्थता (Neutrality) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन को एक नीति के रूप में समझाइये।
  55. प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा और संयुक्त राष्ट्र संघ पर एक टिप्पणी कीजिए।
  56. प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित कीजिये।
  57. प्रश्न- निःशस्त्रीकरण और आयुध नियंत्रण में क्या अन्तर है?
  58. प्रश्न- शस्त्र नियंत्रण और निःशस्त्रीकरण में क्या सम्बन्ध है?
  59. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आन्तरिक व बाह्य खतरों की व्याख्या कीजिये।
  60. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्तर्गत भारत को अपने पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान तथा चीन से सम्बन्धित खतरों का उल्लेख कीजिए।
  61. प्रश्न- 'चीन-पाकिस्तान धुरी एवं भारतीय सुरक्षा' पर एक निबन्ध लिखिए।
  62. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?
  63. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व एवं अर्थ की व्याख्या कीजिये।
  64. प्रश्न- गैर-सैन्य खतरों से आप क्या समझते हैं? उनसे किसी राष्ट्र को क्या खतरे हो सकते हैं?
  65. प्रश्न- देश की आन्तरिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्तमान समय में भारतीय आन्तरिक सुरक्षा के लिए मुख्य खतरों की विवेचना कीजिए।
  66. प्रश्न- भारत की आन्तरिक सुरक्षा हेतु चुनौतियाँ कौन-कौन सी है? वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- रक्षा की अवधारणा बताइए।
  68. प्रश्न- खतरे की धारणा से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के खतरों की समीक्षा कीजिए।
  69. प्रश्न- राष्ट्र की रक्षा योजना क्या है और इसकी सफलता कैसे निर्धारित होती है?
  70. प्रश्न- "एक सुदृढ़ सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिये।
  71. प्रश्न- भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए विकसित प्रक्षेपास्त्रों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  72. प्रश्न- पाकिस्तान की आणविक नीति का भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का परीक्षण कीजिये।
  73. प्रश्न- चीन के प्रक्षेपात्र कार्यक्रमों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- चीन की परमाणु क्षमता के बारे में बताइए।
  75. प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  76. प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
  77. प्रश्न- भारत के लिये नाभिकीय शक्ति (Nuclear Powers ) की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त लेख लिखिये।
  78. प्रश्न- पाकिस्तान की परमाणु नीति की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  79. प्रश्न- पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- क्या हथियारों की होड़ ने विश्व को अशान्त बनाया है? इसकी समीक्षा कीजिए।
  81. प्रश्न- N. P. T. पर बड़ी शक्तियों के दोहरी नीति की व्याख्या कीजिए।
  82. प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (CTBT) के सैद्धान्तिक रूप की विवेचना कीजिए।
  83. प्रश्न- MTCR से आप क्या समझते हैं?
  84. प्रश्न- राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा (NMD) से आप क्या समझते हैं?
  85. प्रश्न- परमाणु प्रसार निषेध संधि (N. P. T.) के अर्थ को समझाइए एवं इसका मूल उद्देश्य क्या है?
  86. प्रश्न- FMCT क्या है? इस पर भारत के विचारों की व्याख्या कीजिए।
  87. प्रश्न- शस्त्र व्यापार तथा शस्त्र सहायता में क्या सम्बन्ध है? बड़े राष्ट्रों की भूमिका क्या है? समझाइये |
  88. प्रश्न- छोटे शस्त्रों के प्रसार से आप क्या समझते हैं? इनके लाभ व हानि बताइये।
  89. प्रश्न- शस्त्र दौड़ से आप क्या समझते हैं?
  90. प्रश्न- शस्त्र सहायता तथा व्यापार कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
  91. प्रश्न- शस्त्र व्यापार करने वाले मुख्य राष्ट्रों के नाम बताइये।
  92. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये वाह्य व आन्तरिक चुनौतियाँ क्या हैं? उनसे निपटने के उपाय बताइये।
  93. प्रश्न- भारत की सुरक्षा चुनौती को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं तकनीकी प्रगति की समीक्षा कीजिए।
  94. प्रश्न- भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य (Research and Development) पर प्रकाश डालिए तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों का भी उल्लेख कीजिए।
  95. प्रश्न- "भारतीय सैन्य क्षमता को शक्तिशाली बनाने में रक्षा उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।' उपरोक्त सन्दर्भ में भारत के प्रमुख रक्षा उद्योगों के विकास का उल्लेख कीजिए।
  96. प्रश्न- नाभिकीय और अंतरिक्ष कार्यक्रम के विशेष सन्दर्भ में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक निबन्ध लिखिए।
  97. प्रश्न- "एक स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  99. प्रश्न- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए

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