बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन
UNIT - I
अध्याय - 1
राष्ट्र राज्य एवं राष्ट्र राज्य सुरक्षा तथा रक्षा की अवधारणा
(Nation State and Nation State Security and Concepts of Defence)
प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
अथवा
राष्ट्र-राज्य की अवधारणा पर एक लेख लिखिए।
उत्तर -
राष्ट्र-राज्य की अवधारणा
जहाँ राष्ट्र व राज्य में एकरूपता हो वहाँ राज्य उपस्थित होता है। राज्य जब राष्ट्र के अनुरूप होता है तो उसमें दृढ़ता तथा स्थायित्व पायी जाती है। भू-राजनीतिज्ञों के अनुसार राज्य राष्ट्र की राजनीतिक अभिव्यक्ति है जिसके रचनातन्त्र में राष्ट्रीय हित, राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय रक्षा को अखण्ड बनाये रखा जाता है। राष्ट्र स्वाभाविक विकास की लम्बी यात्रा का परिणाम है जो रीति-रिवाज, भाषा, धर्म आदि की एकता से स्थापित हुआ है।
अन्तर्राष्ट्रीय जीवन के तरीकों से प्रभावित करने में एक सशक्त आधार की भूमिका निभाने का श्रेय जिसे जाता है उसे हम राज्य व्यवस्था कहते हैं। राज्य व्यवस्था को पाश्चात्य राज्य व्यवस्था, राष्ट्रीय राज्य व्यवस्था तथा राष्ट्र राज्य व्यवस्था आदि विभिन्न नामों से सम्बोधित किया जा सकता है।
राज्य व्यवस्था के सन्दर्भ में पामरे और पार्किन्स ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा है. कि राज्य व्यवस्था राजनैतिक जीवन का वह तरीका है, जिसमें कि लोग सम्प्रभु राज्यों में पृथक रूप से संगठित हो जाते हैं। राज्य व्यवस्था की अपनी तीन प्रमुख विशेषतायें हैं जो अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में विभिन्न राज्यों के व्यवहार को संचालित, निर्देशित, नियन्त्रित और प्रेरित करती हैं। इन तीन विशेषताओं में पहला राष्ट्रवाद का सिद्धान्त है जो राष्ट्र के लोगों को एकता के सूत्र में बाँधता है और उन बातों का समर्थन करने के लिए उस देश के लोगों को प्रभावित करता है जिसे हम राष्ट्रीय हित कहते हैं। राज्य व्यवस्था की दूसरी विशेषता सम्प्रभुता की मान्यता (The concept of Sovereignty) है जो एक देश को उसके घरेलू मामलों तथा अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के क्षेत्र में एक असीमित शक्ति प्रदान करती है। राज्य व्यवस्था की तीसरी विशेषता राष्ट्रीय शक्ति का सिद्धान्त है। राष्ट्रीय शक्ति एक देश की ताकत होती है जिसके द्वारा राज्य को वह कार्य करने की क्षमता प्रदान की जाती है जो वह करना चाहता है। राज्य व्यवस्था की ये तीन प्रमुख विशेषतायें अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति की तीन आधारशिलायें अथवा यूँ कहें कि राष्ट्र राज्य व्यवस्था है।
युद्ध, शान्ति, सुरक्षा और सशस्त्र सेनाओं का अस्तित्व राष्ट्र राज्य व्यवस्था से बड़ी गहराई से जुड़ा हुआ है। द प्रिन्स' पुस्तक में मैक्यावली यह स्पष्ट करता है कि "नये पुराने अथवा मिश्रित सभी राज्यों का मुख्य आधार अच्छे नियम और अच्छे शस्त्र हैं और चूंकि उपरोक्त के बिना पूर्वोक्त की प्राप्ति नहीं हो सकती, और जहाँ उपरोक्त होते हैं वहाँ पूर्वोक्त स्वयं आ जाते हैं, में नियमों की बात छोड़कर केवल शस्त्रों की विवेचना करूँगा।' हो सकता है कि मैक्यावली ने सशस्त्र सेनाओं, उनके स्थान, स्थिति और कार्यों को अनावश्यक महत्व दे दिया हो परन्तु उसके युग की राजनीतिक स्थिति और उसके इस विचार "संसार के सभी भविष्यवक्ता विजयी होते हैं केवल शस्त्रहीन भविष्यवक्ता पराजित होते हैं। को ध्यान में रखते हुए उसका राज्य के भीतर और अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में शक्ति एवं सुरक्षा की आवश्यकता का प्रतिपादन उचित ही था। कहा भी गया है कि युद्ध से राजा का जन्म होता है। स्पष्ट है कि शक्ति, संघर्ष, युद्ध तथा विजय सभी राष्ट्र राज्य के विकास के अनिवार्य तत्व रहे हैं।
राष्ट्र राज्य का आधार शक्ति है। शक्तिहीन राष्ट्र राज्य अपना अस्तित्व ही कायम नहीं रख सकता। शक्ति राष्ट्र के मूर्त व अमूर्त संसाधनों को इस ढंग से प्रयुक्त करने की क्षमता को कहते हैं, जिससे अन्य राज्य के आचरण को प्रभावित किया जा सके। पाउण्डस के अनुसार, "राज्य के नीति निर्धारकों का शक्ति सम्पन्न होना आवश्यक है। इसके अभाव में वे अपना निर्णय क्रियान्वित करने की योग्यता खो बैठते हैं।' उल्लेखनीय है कि अन्तर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में शक्ति का सम्बन्ध क्षेत्र, जनसंख्या, संसाधन एवं राष्ट्र की औद्योगिक क्षमता से होता है जो भौगोलिक स्थिति एवं तकनीकी स्तर से परिवर्तित होती रहती है। इस दिशा में राजनीतिक शक्ति का आधार मुख्यतः भौगोलिक होता है।
राष्ट्र राज्य के आन्तरिक संगठन को सुदृढ़ बनाये रखने में शक्ति को बनाये रखने में क्षेत्रीय अखण्डता, एकता और राष्ट्रीय शक्ति एवं चरित्र की वृद्धि में, क्षेत्र व सीमाओं पर नियन्त्रण रखने में, उत्पादन वृद्धि में, उत्पादन के नये ढाँचे को प्रोत्साहित करने में, वर्तमान उत्पादन स्तर को नीचे न गिरने देने के प्रयत्नों में तथा इन सभी से बढ़कर राष्ट्र राज्य की राजनीतिक स्वतन्त्रता को अक्षुण बनाये रखने व राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु शक्ति का होना एक अनिवार्य शर्त हैं।
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- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र और राज्य में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए तथा सुरक्षा के आवश्यक तत्वों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित करते हुए सुरक्षा के निर्धारक तत्वों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। राष्ट्रीय हित में सुरक्षा क्यों आवश्यक है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामाजिक समरसता का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भारत के प्रमुख असैन्य खतरे कौन से हैं?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति को उसके स्थल एवं जल सीमान्तों के सन्दर्भ में बताइये।
- प्रश्न- प्रतिरक्षा नीति तथा विदेश नीति में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा का विश्लेषणात्मक महत्व बताइये।
- प्रश्न- रक्षा नीति को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्वों के विषय में बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा नीति से आप क्या समझते है?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित करते हुए शक्ति की अवधारणा का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति की रूपरेखा बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित कीजिए तथा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के तत्वों का परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- "एक राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधन उसकी शक्ति निर्माण के महत्वपूर्ण तत्व है।' इस कथन की व्याख्या भारत के सन्दर्भ में कीजिए।
- प्रश्न- "किसी देश की विदेश नीति उसकी आन्तरिक नीति का ही प्रसार है।' इस कथन के सन्दर्भ में भारत की विदेश नीति को समझाइये।
- प्रश्न- भारतीय विदेश नीति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- कूटनीति का क्या अर्थ है? बताइये।
- प्रश्न- कूटनीति और विदेश नीति का सह-सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- 'शक्ति की अवधारणा' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति पर मार्गेनथाऊ के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के आर्थिक तत्व का सैनिक दृष्टि से क्या महत्व है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति बढ़ाने में जनता का सहयोग अति आवश्यक है। समझाइये।
- प्रश्न- विदेश नीति को परिभाषित कीजिये तथा विदेश नीति रक्षा नीति के सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शीत युद्ध के बाद के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O.) पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये -(i) सुरक्षा परिषद् (Security Council), (ii) वारसा पैक्ट (Warsa Pact), (iii) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO), (iv) दक्षिण पूर्वी एशिया संधि संगठन (SEATO), (v) केन्द्रीय संधि संगठन (CENTO), (vi) आसियान (ASEAN)
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा स्पष्ट कीजिए तथा इनके लाभ पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- क्या संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व में शान्ति स्थापित करने में सफल हुआ है? समालोचना कीजिए।
- प्रश्न- सार्क पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन के विभिन्न रूपों तथा उद्देश्यों का वर्णन करते हुए इसके सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- 'क्षेत्रीय सन्धियों' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- समूह 15 ( G-15) क्या है?
- प्रश्न- स्थाई (Permanent) तटस्थता तथा सद्भावनापूर्ण (Benevalent) तटस्थता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नाटो (NATO) क्या है?
- प्रश्न- सीटो (SEATO) के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- सार्क (SAARC) क्या है?
- प्रश्न- दक्षेस (SAARC) की उपयोगिता को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- “सामूहिक सुरक्षा शांति स्थापित करने का प्रयास है।" स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- 'आसियान' क्या है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुटनिरपेक्षता (Non-Alignment) तथा तटस्थता (Neutrality) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन को एक नीति के रूप में समझाइये।
- प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा और संयुक्त राष्ट्र संघ पर एक टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित कीजिये।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण और आयुध नियंत्रण में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- शस्त्र नियंत्रण और निःशस्त्रीकरण में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आन्तरिक व बाह्य खतरों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्तर्गत भारत को अपने पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान तथा चीन से सम्बन्धित खतरों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'चीन-पाकिस्तान धुरी एवं भारतीय सुरक्षा' पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व एवं अर्थ की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- गैर-सैन्य खतरों से आप क्या समझते हैं? उनसे किसी राष्ट्र को क्या खतरे हो सकते हैं?
- प्रश्न- देश की आन्तरिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्तमान समय में भारतीय आन्तरिक सुरक्षा के लिए मुख्य खतरों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत की आन्तरिक सुरक्षा हेतु चुनौतियाँ कौन-कौन सी है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा की अवधारणा बताइए।
- प्रश्न- खतरे की धारणा से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के खतरों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्र की रक्षा योजना क्या है और इसकी सफलता कैसे निर्धारित होती है?
- प्रश्न- "एक सुदृढ़ सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए विकसित प्रक्षेपास्त्रों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- पाकिस्तान की आणविक नीति का भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- चीन के प्रक्षेपात्र कार्यक्रमों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन की परमाणु क्षमता के बारे में बताइए।
- प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- भारत के लिये नाभिकीय शक्ति (Nuclear Powers ) की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त लेख लिखिये।
- प्रश्न- पाकिस्तान की परमाणु नीति की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- क्या हथियारों की होड़ ने विश्व को अशान्त बनाया है? इसकी समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- N. P. T. पर बड़ी शक्तियों के दोहरी नीति की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (CTBT) के सैद्धान्तिक रूप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- MTCR से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा (NMD) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- परमाणु प्रसार निषेध संधि (N. P. T.) के अर्थ को समझाइए एवं इसका मूल उद्देश्य क्या है?
- प्रश्न- FMCT क्या है? इस पर भारत के विचारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार तथा शस्त्र सहायता में क्या सम्बन्ध है? बड़े राष्ट्रों की भूमिका क्या है? समझाइये |
- प्रश्न- छोटे शस्त्रों के प्रसार से आप क्या समझते हैं? इनके लाभ व हानि बताइये।
- प्रश्न- शस्त्र दौड़ से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र सहायता तथा व्यापार कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार करने वाले मुख्य राष्ट्रों के नाम बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये वाह्य व आन्तरिक चुनौतियाँ क्या हैं? उनसे निपटने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत की सुरक्षा चुनौती को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं तकनीकी प्रगति की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य (Research and Development) पर प्रकाश डालिए तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों का भी उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- "भारतीय सैन्य क्षमता को शक्तिशाली बनाने में रक्षा उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।' उपरोक्त सन्दर्भ में भारत के प्रमुख रक्षा उद्योगों के विकास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नाभिकीय और अंतरिक्ष कार्यक्रम के विशेष सन्दर्भ में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- "एक स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए