बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में सर्वेक्षण विधि के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
अथवा
समाज मनोविज्ञान की सर्वेक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1.सर्वेक्षण विधि।
2.सर्वेक्षण विधि के प्रकारों का वर्णन कीजिये।
3. सर्वेक्षण विधि के चरणों का वर्णन कीजिये।
4. सर्वेक्षण विधि के गुण एवं दोषों का वर्णन कीजिये।
उत्तर -
सर्वेक्षण विधि
(Survey Method)
सर्वेक्षण अनुसंधान की सहायता से सामाजिक एवं शैक्षिक समस्याओं का समाधान किया जाता है। सर्वेक्षण विधि में प्रयोगकर्ता किसी सामाजिक समस्या का समाधान करने के लिये एक प्रतिनिधि प्रतिदर्श (Representative Sample ) का चयन करता है और समस्या के प्रति उस प्रतिदर्श की विचारधारा, मनोवृत्ति, मत आदि का अध्ययन प्रश्नावली या साक्षात्कार द्वारा करता है।
कोजर इत्यादि (Coiser etc., 1983 ) का मत है कि “सर्वेक्षण का मुख्य प्रयास लोगों का ऐसा प्रतिदर्श प्राप्त करना होता है जिसकी अनुक्रिया संबंधित जनसंख्या के मतों, अभिवृत्तियों एवं मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती हो।
करलिंगर (Kerlinger, 1973) के अनुसार, “सर्वेक्षण अनुसंधान सामाजिक वैज्ञानिक अन्वेषण की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत छोटे और बड़े समष्टियों (जनसंख्याओं) से चयन किये गये प्रतिदर्शों के माध्यम से सापेक्षिक घटनाओं, वितरणों तथा सामाजिक और मनोवैज्ञानिक चरों के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है।"
सर्वेक्षण विधि के चरण
(Steps of Survey Method)
सर्वेक्षण विधि के प्रमुख चरण निम्नलिखित हैं-
1. समस्या का चयन (Selecting a Problem) : अन्य विधियों की भांति सर्वेक्षण विधि में सर्वप्रथम अध्ययन करने हेतु समस्या का चयन किया जाता है, जैसे नशाखोरी, दहेज आदि।
2. प्रतिनिधिक प्रतिदर्श का चयन (Selecting a Representative Sample) : समस्या के चयन के पश्चात् एक व्यापक तथा प्रतिनिधिक प्रतिदर्श का चयन करना चाहिये, जिससे विश्वसनीय परिणाम प्राप्त हो सकें।
3. प्रश्नों की सूची तैयार करना (Preparing Schedule of Questions) : समस्या से संबंधित प्रश्नों की सूची तैयार की जाती है। प्रश्न लघु एवं स्पष्ट भाषा में होने चाहिये।
4. प्रदत्त संग्रह (Collection of Data): प्रश्नावली तैयार करने के उपरान्त प्रतिदर्श को वह सूची दे दी जाती है, जिससे समस्या से सम्बन्धित आँकड़े प्राप्त किये जा सकें। प्रदत्त संग्रह सावधानीपूर्वक होना चाहिये।
5. प्रदत्त विश्लेषण (Analysis of Data) : प्रदत्त संग्रह के पश्चात् विश्लेषण किया जाता है। विश्लेषण के लिये सांख्यिकीय विधियों का सहारा लिया जाता है।
6. व्याख्या तथा निष्कर्ष (Interpretation and Conclusion) : प्रदत्त विश्लेषण के पश्चात् उनकी विस्तृत व्याख्या की जाती है एवं निष्कर्ष प्राप्त किये जाते हैं। निष्कर्ष के आधार. पर भविष्यवाणी कर सकते हैं।
सर्वेक्षण के प्रकार
(Types of Survey)
करलिंगर (Kerlinger, 1973) ने सर्वेक्षण के निम्नलिखित प्रकारों का वर्णन किया है
1. साक्षात्कार सर्वेक्षण (Interview Survey) : इस सर्वेक्षण में समस्या से संबंधित एक साक्षात्कार प्रश्नावली का निर्माण करते हैं। साक्षात्कार प्रश्नावली की सहायता से समस्या से संबंधित आंकड़े प्राप्त किये जाते हैं। आंकड़ों का संग्रह करके विश्लेषण कर समस्या के सम्बन्ध में निष्कर्ष प्राप्त किये जाते हैं।
2. टेलीफोन सर्वेक्षण (Telephone Survey) : इस विधि में जिन लोगों के पास टेलीफोन हैं उन्हें यादृच्छिक (Random) रूप से टेलीफोन करके समस्या के संबंध में लोगों की विचारधारा प्राप्त की जाती है। इस विधि का लाभ यह है कि इसमें कम समय में अधिक लोगों से सम्पर्क किया जा सकता है।
3. डाक प्रश्नावली सर्वेक्षण (Mail Questionnaire Survey) : इस सर्वेक्षण विधि में डाक प्रश्नावली विधि का प्रयोग करते हैं। समस्या से संबंधित एक डाक प्रश्नावली का निर्माण करते हैं। डाक के द्वारा यह प्रश्नावली लोगों के पास भेजकर समस्या से संबंधित आंकडे प्राप्त किये जाते हैं। इसका प्रमुख दोष यह है कि इसमें प्रश्नावली 40% अपूर्ण रहती है।
सर्वेक्षण विधि के गुण
(Merits of Survey Method)
सर्वेक्षण विधि के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं-
(i) इसकी सहायता से कम समय में लोगों की किसी एक विषय पर राय, धारणा, अभिवृत्ति ज्ञात कर सकते हैं।
(ii) सर्वे विधि का कार्यक्षेत्र काफी विस्तृत है।
इसका प्रयोग मनोवैज्ञानिकों के अतिरिक्त समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री एवं सरकारी एजेन्सियाँ भी करती हैं।
सर्वेक्षण विधि के दोष
(Demerits of Survey Method)
सर्वेक्षण विधि के प्रमुख दोष निम्नलिखित हैं-
(i) करलिंगर (Kerlinger, 1986) के अनुसार इससे केवल सतही सूचनाएँ प्राप्त कर सकते हैं।
(ii) इसमें व्यावहारिक कठिनाइयाँ हैं। व्यापक प्रतिदर्श होने पर समय श्रम व धन अधिक लगता है।
(iii) अध्ययनकर्ता के प्रशिक्षित न होने पर सर्वेक्षण का कार्य बाधित हो सकता है।
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- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के कार्यक्षेत्र की व्याख्या करें।
- प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिए। इसके अध्ययन की दो महत्वपूर्ण विधियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में सर्वेक्षण विधि के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में क्षेत्र अध्ययन विधि से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार तथा गुण दोषों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान को परिभाषित कीजिए। इसकी प्रयोगात्मक तथा अप्रयोगात्मक विधियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर- सांस्कृतिक शोध विधि क्या है? इसके गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की आधुनिक विधियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के अध्ययन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के महत्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अर्ध-प्रयोगात्मक विधि का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- क्षेत्र अध्ययन विधि तथा प्रयोगशाला प्रयोग विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिये।
- प्रश्न- समाजमिति विधि के गुण-दोष बताइये।
- प्रश्न- निरीक्षण विधि पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसके स्वरूप को समझाइए।
- प्रश्न- प्रभावांकन के साधन की व्याख्या कीजिए तथा यह किस प्रकार व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण में सहायक है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- दूसरे व्यक्तियों के बारे में हमारे मूल्यांकन पर उस व्यक्ति के व्यवहार का क्या प्रभाव पड़ता है? स्पष्ट कीजिए
- प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण से आप क्या समझते हैं? यह जन्मजात है या अर्जित? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- चित्रीकरण करना किसे कहते हैं?
- प्रश्न- अवचेतन प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सामाजिक प्रत्यक्षण पर संस्कृति का क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न- छवि निर्माण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- आत्म प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षण में प्रत्यक्षणकर्ता के गुणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रत्यक्षपरक सुरक्षा किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सामाजिक अनुभूति क्या है? सामाजिक अनुभूति का विकास कैसे होता है?
- प्रश्न- स्कीमा किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?
- प्रश्न- सामाजिक संज्ञानात्मक के तहत स्कीमा निर्धारण की प्रक्रिया कैसी होती है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बर्नार्ड वीनर के गुणारोपण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- केली के सह परिवर्तन गुणारोपण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- क्या स्कीमा स्मृति को प्रभावित करता है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- क्या सामाजिक अनुभूति में सांस्कृतिक मतभेद पाए जाते हैं?
- प्रश्न- स्कीम्स (Schemes) तथा स्कीमा (Schema) में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवृत्ति से आप क्या समझते हैं? इसके घटकों को स्पष्ट करते हुए इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए अभिवृत्ति में परिवर्तन लाने के उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवृत्ति परिवर्तन में हाईडर के संतुलन सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक अंसवादिता से आप क्या समझते हैं? फेसटिंगर ने किस तरह से इसके द्वारा मनोवृत्ति परिवर्तन की व्याख्या की?
- प्रश्न- मनोवृत्ति की परिभाषा दीजिए। क्या इसका मापन संभव है? अभिवृत्ति मापन की किसी एक विधि की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में लिकर्ट विधि का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में बोगार्डस विधि के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति मापन में शब्दार्थ विभेदक मापनी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति को परिभाषित कीजिए। अभिवृत्ति मापन की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवृत्ति को परिभाषित कीजिए। मनोवृत्ति के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण क्या है? इसके स्वरूप तथा निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति के क्या कार्य हैं? लिखिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति और प्रेरणाओं में अन्तर समझाइये।
- प्रश्न- अभिवृत्ति मापन की कठिनाइयों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- थर्स्टन विधि तथा लिकर्ट विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- उपलब्धि प्रेरक पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण में वैयक्तिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- “अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण होने का एक मुख्य आधार समानता है।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आक्रामकता को स्पष्ट कीजिए एवं इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्या आक्रामकता जन्मजात होती है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कुंठा आक्रामकता सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- क्या आक्रामकता सामाजिक रूप से एक सीखा गया व्यवहार होता है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आक्रामकता के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कुंठा-आक्रामकता सिद्धान्त को बताइए।
- प्रश्न- आक्रामकता को उकसाने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए। अपने उत्तर के पक्ष में प्रयोगात्मक साक्ष्य भी दें।
- प्रश्न- मानवीय आक्रामकता के वैयक्तिक तथा सामाजिक निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजोपकारी व्यवहार का अर्थ और इसके निर्धारकों पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- प्रतिसामाजिक व्यवहार का स्वरूप तथा विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के सामाजिक व सांस्कृतिक निर्धारक का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परोपकारी व्यवहार को किस प्रकार उन्नत बनाया जा सकता है?
- प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुरूपता से क्या आशय है? अनुरूपता की प्रमुख विशेषताएँ बताते हुए इसको प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अनुरूपता के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह की उपयुक्त परिभाषा दीजिये तथा इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। पूर्वाग्रह तथा विभेद में अन्तर बताइये।'
- प्रश्न- सामाजिक पूर्वाग्रहों की प्रवृत्ति की संक्षिप्त रूप में विवेचना कीजिए। इसके हानिकारक प्रभावों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है? उदाहरण देकर अपने उत्तर की पुष्टि कीजिये।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह कम करने की तकनीकें बताइए।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं एवं स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- दर्शक प्रभाव किसे कहते हैं?
- प्रश्न- पूर्वाग्रह की प्रकृति एवं इसके संघटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह के नकारात्मक प्रभाव का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह के विकास और सम्पोषण में निहित प्रमुख संज्ञानात्मक कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह एवं विभेदन को कम करने के लिये कुछ कार्यक्रमों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- समूह समग्रता से आप क्या समझते हैं? समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- समूह मानदंड क्या है? यह किस प्रकार से समूह के लिए कार्य करते हैं?
- प्रश्न- समूह भूमिका किस प्रकार अपने सदस्यों के लिए कार्य करती है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निवैयक्तिकता से आप क्या समझते हैं? प्रयोगात्मक अध्ययनों से निवैयक्तिकता की प्रक्रिया पर किस तरह का प्रकाश पड़ता है?
- प्रश्न- “सामाजिक सरलीकरण समूह प्रभाव का प्रमुख साधन है। व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- “निर्वैयक्तिता में व्यक्ति अपनी आत्म- अवगतता खो देता है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- समूह के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए और इसे किस तरह से कम किया जा सकता है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- समूह निर्णय पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- समूह की संरचना पर टिप्पणी लिखिये।