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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2646
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

अध्याय - 4

ईस्ट इंडिया कम्पनी का क्षेत्रीय विस्तार (1770-1785 वारेन हेस्टिंग्स)

[(Territorial Expansion of the East India Company (1770-1785 Warren Hastings)]

 


प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।

अथवा
वारेन हेस्टिंग्स के प्रशासनिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. वारेन हेस्टिंग्स पर टिप्पणी लिखिए।
2. वारेन हेस्टिंग्स ने द्वैध शासन के सम्बन्ध में क्या निर्णय लिया?
3. वारेन हेस्टिंग्स के राजस्व सुधारों पर प्रकाश डालिए।

अथवा
वारेन हेस्ट्रिग्स के राजस्व सुधार बताइये।
4. वारेन हेस्टिंग्स ने व्यापारिक क्षेत्र में क्या सुधार किए?
5. वारेन हेस्टिंग्स के न्यायिक सुधारों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर -

वारेन हेस्टिंग्स के सुधार

वारेन हेस्टिंग्स ने जब कम्पनी के गवर्नर के रूप में कार्यभार सम्भाला तब कम्पनी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। कम्पनी के कर्मचारी व्यक्तिगत व्यापार की आड़ में कम्पनी को हानि पहुँचा रहे थे। बंगाल, बिहार व उड़ीसा में द्वैध शासन के कारण न तो कम्पनी शासन अपने हाथों में लेती थी और न नवाब को शासन करने देती थी अतः यहाँ पर सत्ता की अस्पष्टता थी। उसने इन सूबों की सत्ता अपने हाथों में सम्हाला और नवाब के मुखौटे को समाप्त कर दिया। कर्मचारियों के व्यक्तिगत व्यापार पर लगाम लगाई। लगान व्यवस्था को नया रूप दिया। न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में काम किए। राज्य विस्तार के लिए किए गए कई सैन्य अभियानों के बावजूद कम्पनी का आर्थिक स्थिति में गुणात्मक रूप से सुधार आया।

वारेन हेस्टिंग्स ने 1772 से 1774 के दो वर्षों में कई सुधार किए। रेग्यूलेटिंग एक्ट के द्वारा कौंसिल की स्थापना के बाद उनमें फेरबदल तो हुआ किन्तु उनकी मूल भावना यथावत् रही। 1776 में जब उसकी स्थिति पुनः मजबूत हो गई तो इस दिशा में उसने पुनः कुछ कार्य किए।

(i) द्वैध शासन की समाप्ति - कम्पनी के डायरेक्टरों ने वारेन हेस्टिंग्स को बंगाल, बिहार और उड़ीसा में द्वैध शासन समाप्त करने व राजा शिताब राय व मुहम्मद रजा खाँ पर मुकदमा चलाने का स्पष्ट आदेश दिया था। वारेन हेस्टिंग्स ने भारत आते ही ऐसा ही किया। यद्यपि वह इन दोनों पर मुकदमा चलाना उचित नहीं समझता था किन्तु उसने मुकदमा चलाया और बाद में वे न्यायालय से माफ कर दिए गए। हेस्टिंग्स ने दीवानी के अधिकार तथा उससे सम्बन्धित असैनिक न्याय भी अपने हाथों में ले लिए यद्यपि कम्पनी के डायरेक्टरों की न्याय के मामले में रुचि न थी। इस प्रकार अब बंगाल, बिहार व उड़ीसा का शासन पूरी तरह से कम्पनी के हाथों में आ गया। कम्पनी ने नवाब के व्यय के लिए 16 लाख रुपए वार्षिक पेंशन देना स्वीकार किया। 1765 की सन्धि के अनुसार यह 53 लाख रुपया थी। किन्तु अब निजामत के अधिकार नवाब से ले लिए गए थे अतः उसे शासन पर कोई धन व्यय नहीं करना था, इसलिए यह राशि कम कर दी गई। 1775 के बाद नवाब का संरक्षक मुहम्मद रजा खाँ को बनाया गया।

(ii) राजस्व सुधार - बंगाल के बर्दवान, मिदनापुर व चटगाँएव के जिले मीर कासिम से कम्पनी को मिले थे व उसे इसका कोई लगान नहीं देना होता था। कलकत्ता व 24 परगना के जिलों के लिए कम्पनी जमींदार की तरह व्यवहार करती थी और नवाब को इस भू-भाग का वार्षिक भू-राजस्व अदा करती थी। इस राजस्व को वह 1785 तक देने पर राजी थी तथा ठेकेदारों के द्वारा लगान वसूलती थी। हेस्टिंग्स के गवर्नर बनते ही बंगाल, बिहार व उड़ीसा के सूबों की लगान व्यवस्था कम्पनी को करनी थी। उसने एक लगान-समिति गठित कर इसमें कुछ सुधार किए जैसे -

(a) भू-राजस्व वसूलने का अधिकार उन लोगों को दिया गया जो पाँच वर्षों में अधिकतम लगान दे सकते हों। यह पंचवर्षीय व्यवस्था पूर्णतः असफल रही क्योंकि अधिकतर ठेकेदार लाभ कमाने वाले व्यापारी थे। उन्हें न तो कृषि की जानकारी थी और न ही रुचिकर अधिकतम नियत किया गया और एकत्र करने वालों ने ज्यादा मात्रा में वसूला जिससे कृषकों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई।

(b) 1776 में पुनः नीलामी एकवर्षीय किया गया और ठेकेदारी में स्थानीय जमींदारों को वरीयता दी गई। कानूनगो पुनः नियुक्त किए गए तथा सर्वोपरि निरीक्षण कलकत्ता स्थित राजस्व समिति में था।

(c) खजाना मुर्शिदाबाद से हटाकर कलकत्ता लाया गया जहाँ वह कम्पनी की परिषद की सीधी देखभाल में रहा।

(d) एक आयलेखा सचिव की नियुक्ति की गई।

(e) उसने प्रत्येक जिले में लगान वसूलने के लिए 'कलेक्टरों' की नियुक्ति की। समस्त जिलों को छह बड़े संभागों में संगठित किया गया। प्रत्येक संभाग में लगान की देखभाल के लिए एक लगान परिषद की स्थापना की गई जिसका प्रमुख कलकत्ता कौंसिल का एक सदस्य होता था। कलेक्टरों की सहायता के लिए भारतीय दीवान नियुक्त किए गए बाद में कलेक्टरों का पद समाप्त कर दिया गया और लगान परिषदें अपना कार्य करती रहीं।

लगान वसूली सर्वाधिक बोली लगाने वाले ठेकेदार द्वारा किए जाने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी। इस व्यवस्था के एक अन्य प्रमुख दोष जिसमें लगान वसूल करने वालों को ही न्याय का अधिकार दिए जाने से व्यवस्था बिगड़ी। अंग्रेजों का भारतीय अधिकारियों पर ही लगान वसूली के लिए आश्रित होना भी इसकी असफलता का एक कारण बना किन्तु अपनी असफलता के बावजूद, प्रथम बार कम्पनी ने उत्तरदायित्व सम्भालने की दिशा में कदम उठाया।

(iii) न्याय व्यवस्था में सुधार - उसके द्वारा किए गए न्यायिक सुधारों ने उसे भारत के इतिहास में विशेष स्थान दिया। ये निम्नवत् हैं-

(a) प्रत्येक जिले में एक दीवानी और एक फौजदारी अदालत की स्थापना की गई। दीवानी अदालत में कलेक्टर मुख्य न्यायाधीश होता था जो भारतीय अधिकारियों की मदद से 500 रुपए तक के मामले देखता था। फौजदारी अदालतों में कम्पनी का एक अधिकार (भारतीय) मौलवी व मुफ्तियों की मदद से न्याय करता था।

(b) कलकत्ता में एक सदर दीवानी अदालत और एक सदर फौजदारी अदालत की स्थापना की गई। सदर दीवानी अदालत में कलकत्ता कौंसिल का 'सभापति और उसी कौंसिल के दो सदस्य, भारतीय अधिकारी 'राय रायान' और मुख्य कानूनगो की मदद से न्याय किया करते थे। सदर फौजदारी अदालत में 'नायब-निजाम' मुख्यकाजी, मुफ्ती व तीन मौलवियों की मदद से न्याय करता था।

(c) जिले की दीवानी और फौजदारी अदालतों के मुकदमें अन्तिम निर्णय के लिए सदर अदालतों में भेजे जाते थे।

(d) दीवानी मुकदमों के लिए धर्म के आधार पर न्याय किया जाता था किन्तु फौजदारी मुकदमों में इस्लामी कानून लागू होता था।

(e) न्यायाधीशों को वेतन नियत किया गया था और निष्पक्षता बनी रहे, इसलिए उन्हें नजराने व उपहार लेने पर रोक थी।

इसके अलावा सभी न्यायालयों को मुकदमों के फैसले लिखने कठोर जुरमाना पर पाबन्दी, हिन्दू व मुस्लिम कानूनों के संग्रहित करने तथा समयबद्ध फैसला करने का भी निर्देश दिया गया। वारेन हेस्टिंग्स ने भारत में एक निष्पक्ष न्याय व्यवस्था स्थापित करने का प्रयत्न किया। रेग्यूलेटिंग एक्ट के द्वारा कलकत्ता में एक उच्चतम न्यायालय भी स्थापित किया गया, किन्तु अधिकार क्षेत्र व कार्यों की अस्पष्टता ने असुविधा ही उत्पन्न की। 1781 में एक नियम द्वारा इस अस्पष्टता को भी दूर किया गया।

(iv) व्यापारिक सुधार - व्यापारिक सुधारों के लिये उसे डायरेक्टरों द्वारा स्पष्ट आदेश दिए गए थे क्योंकि कम्पनी की व्यापारिक गतिविधियाँ घटती जा रही थीं व कम्पनी का घाटा बढ़ रहा था। उसने बंगाल में 'दस्तक' प्रणाली को समाप्त कर दिया। सभी छोटी-छोटी कर-चौकियाँ समाप्त कर केवल बड़ी चौकियाँ कलकत्ता, हुगली, मुर्शिदाबाद, पटना और ढाका में स्थापित की गईं। नमक, पान और तम्बाकू जिनके व्यापार पर कम्पनी का एकाधिकार था, कर- मुक्त कर दिए गए और अन्य सभी वस्तुओं पर अंग्रेज व भारतीय व्यापारियों से 11⁄2 कर वसूलने की व्यवस्था की गई।

इससे दूरस्थ क्षेत्रों में भी निर्बाध व्यापार होने लगा। हेस्टिंग्स ने गुमाश्तों को कारीगरों की इच्छा के विरुद्ध कार्य करने के लिए बाध्य करने व उनसे दादनी वसूलने पर प्रतिबन्ध लगाया। उसने भूटान, तिब्बत व मिस्र से व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित किए मुद्रा में सुधार किया और भत्तों में सुधार करने का प्रयास किए। उसने चोरी-डकैती को समाप्त करके कानून-व्यवस्था ठीक की।

उपरोक्त सुधारों पर प्रकाश डालें तो वारेन हेस्टिंग्स ने बंगाल, बिहार व उड़ीसा में अच्छी शासन- व्यवस्था स्थापित करने का प्रयत्न किया। हण्टर के शब्दों में, "हेस्टिंग्स ने असैनिक शासन की दृढ़ नींव डाली जिस पर कार्नवालिस ने भवन का निर्माण किया।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- भारत में सर्वप्रथम प्रवेश करने वाले विदेशी व्यापारी कौन थे? विस्तृत वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के आगमन को समझाते हुए डचों के पुर्तगालियों व अंग्रेजों से हुए संघर्षो पर प्रकाश डालिए।
  3. प्रश्न- भारत में पुर्तगालियों के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  4. प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
  5. प्रश्न- यूरोपीय डच कम्पनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  6. प्रश्न- अंग्रेजों का भारत में किस प्रकार प्रवेश हुआ संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  7. प्रश्न- यूरोपीय फ्रांसीसी कंपनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  8. प्रश्न- पुर्तगालियों की सफलता के कारण बताइये।
  9. प्रश्न- पुर्तगालियों के असफलता के कारण बताइये।
  10. प्रश्न- आंग्ल-फ्रेंच संघर्ष के विषय में बताते हुए इसके मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- "अपनी अन्तिम असफलता के बावजूद भी डूप्ले भारतीय इतिहास का एक प्रतिभावान एवं तेजस्वी व्यक्तित्व है।" क्या आप प्रो. पी. ई. राबर्ट्स के डूप्ले की उपलब्धियों के सम्बन्ध में इस कथन से सहमत हैं?
  12. प्रश्न- भारत में अंग्रेजों की सफलता के क्या कारण थे?.
  13. प्रश्न- ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन भारत में हुए सामाजिक और आर्थिक अभावों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अंग्रेजी कम्पनी के अधीन भारत में सामाजिक एवं धार्मिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- "भारत में फ्राँसीसियों की असफलता का कारण डूप्ले था।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- भारत में साम्राज्य स्थापित करने में अंग्रेजों की सफलता के कारण बताइये।
  17. प्रश्न- प्लासी के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  19. प्रश्न- कर्नाटक के युद्ध अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की सदियों से परम्परागत शत्रुता का परिणाम थे, विवेचन कीजिये।
  20. प्रश्न- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारणों और परिणामों की व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- उन महत्त्वपूर्ण कारणों का उल्लेख कीजिए जिनसे भारत में प्रभुत्व स्थापना के संघर्ष में फ्रांसीसियों को पराजय और अंग्रेजों को सफलता मिली।
  22. प्रश्न- क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी में उसके कार्यों की समीक्षा कीजिये।
  23. प्रश्न- क्लाइव द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की विवेचना कीजिये।
  24. प्रश्न- भारत में लार्ड क्लाइव के कार्यों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
  25. प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  26. प्रश्न- भारत में आंग्ल- फ्रांसीसी संघर्ष क्या था? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- द्वैध शासन व्यवस्था के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिए।
  28. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  29. प्रश्न- बंगाल के कठपुतली नवाबों के कार्यकाल पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- बंगाल के द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं?
  31. प्रश्न- द्वैध शासन की असफलता के क्या कारण थे?
  32. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  33. प्रश्न- नवाब सिराजुद्दौला के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के उत्थान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  35. प्रश्न- बक्सर का युद्ध (1764) तथा उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- लॉर्ड क्लाइव द्वारा किये गये सुधारों का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- 'क्लाइव भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- इलाहाबाद की सन्धि की प्रमुख शर्तें क्या थीं?
  39. प्रश्न- प्लासी युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- अलीनगर की सन्धि (सन् 1757 ई.) बताइये।
  41. प्रश्न- सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों के मीर जाफर के साथ षड्यंत्र को स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- प्लासी के युद्ध (सन् 1757 ई.) के परिणाम बताइये।
  43. प्रश्न- राबर्ट क्लाइव के विषय में आप क्या जानते हैं?
  44. प्रश्न- बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइये।
  45. प्रश्न- बंगाल में द्वैध शासन का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  46. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  47. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  48. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- 1773 के रेग्युलेटिंग ऐक्ट के गुण-दोष क्या थे?
  50. प्रश्न- हैदर अली के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  51. प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  52. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के प्रशासनिक एवं राजस्व सुधारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय नन्दकुमार का क्या मामला था?
  54. प्रश्न- मराठों के पतन के क्या कारण थे?
  55. प्रश्न- पानीपत के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ क्या थीं?
  56. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय अवध की बेगमों का क्या मामला था?
  57. प्रश्न- लार्ड कॉर्नवालिस के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- बंगाल की स्थायी भूमि कर व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  59. प्रश्न- कार्नवालिस ने वॉरेन हेस्टिंग्ज का कार्य पूर्ण किया। विवेचना कीजिए।
  60. प्रश्न- तृतीय मैसूर युद्ध के क्या कारण थे?
  61. प्रश्न- भूमि कर नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  62. प्रश्न- एक साम्राज्य निर्माता के रूप में वेलेजली की भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
  63. प्रश्न- टीपू और वेलेजली के मध्य चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध की कारणों सहित व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि प्रणाली को समझाते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
  65. प्रश्न- वेलेजली तथा फ्रांसीसियों के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  66. प्रश्न- टीपू सुल्तान की पराजय के कारण बताइए।
  67. प्रश्न- वेलेजली के अधीन अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार एवं कंपनी के प्रदेश की सीमाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  68. प्रश्न- लार्ड वेलेजली के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थितियाँ क्या थीं?
  69. प्रश्न- वेलेजली की सहायक सन्धि की शर्तें क्या थीं?
  70. प्रश्न- वेलेजली के अवध के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- वेलेजली की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
  72. प्रश्न- ठगी को समाप्त करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कहां तक सफलता प्राप्त की?
  73. प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
  74. प्रश्न- लॉर्ड विलियम बेंटिक के प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों का मूल्यांकन कीजिए।
  75. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक ने सती प्रथा तथा अन्य क्रूर प्रथाओं को बन्द करने की क्या नीति अपनाई? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  76. प्रश्न- विलियम बैंटिक के समाचार पत्रों के प्रति उदार नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- विलियम बैंटिक के द्वारा नैतिक तथा बौद्धिक विकास के लिए किये गये शैक्षणिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- बैंटिक के वित्तीय तथा न्यायिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक के प्रशासनिक एवं न्यायिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- ब्रिटिश भारत में स्त्रियों की स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- भारत पर ब्रिटिश शासन के सामाजिक प्रभाव का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
  82. प्रश्न- अंग्रेजों द्वारा पारित सामाजिक कानून पर निबन्ध लिखिए।
  83. प्रश्न- 1833 के चार्टर एक्ट पर एक टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- लार्ड डलहौजी की 'हड़पनीति से आप क्या समझते हैं? इस नीति से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को कैसे प्रोत्साहन मिला?
  85. प्रश्न- - डलहौजी के द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा विद्युत तार एवं डाक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा रेलवे विभाग में क्या सुधार किये गये?
  88. प्रश्न- लार्ड डलहौजी के प्रशासनिक एवं सैनिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  89. प्रश्न- भारत के आधुनिकीकरण में लार्ड डलहौजी का योगदान क्या था?
  90. प्रश्न- लार्ड डलहौजी को शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में कहां तक सफलता प्राप्त हुई? स्पष्ट कीजिए।
  91. प्रश्न- 1853 के चार्टर एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- रणजीत सिंह का परिचय देते हुए अफगानों एवं अंग्रेजों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  93. प्रश्न- अंग्रेजों और सिक्खों के प्रथम युद्ध के कारण व प्रसिद्ध घटनाओं और परिणामों का वर्णन कीजिये।
  94. प्रश्न- रणजीत सिंह का डोंगरों और नेपालियों से सम्बन्ध को संक्षिप्त में समझाइये |
  95. प्रश्न- रणजीत सिंह के प्रशासन के अंतर्गत भूमिकर एवं न्याय प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- रणजीत सिंह ने सैनिक प्रशासन में कहाँ तक सफलता प्राप्त की? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  97. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध का वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- सिक्खों और अंग्रेजों के सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  99. प्रश्न- हैदराबाद के एक राज्य के रूप में उदय की परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
  100. प्रश्न- हैदराबाद अकस्मात ही विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया था, विवेचनात्मक उत्तर दीजिये।
  101. प्रश्न- 1724-1802 तक की हैदराबाद की राजनीतिक गतिविधियों का अवलोकन कीजिये।
  102. प्रश्न- टीपू की शासन प्रणाली का सविस्तार से वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- मैसूर राज्य का विस्तृत अध्ययन कीजिए।
  104. प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
  105. प्रश्न- टीपू सुल्तान और मैसूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  106. प्रश्न- मैसूर व इतिहास लेखन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- 18वीं सदी में, मैसूर की स्थिति से संक्षिप्त रूप से परिचित कराइये।
  108. प्रश्न- 1399 ईस्वी से अठारहवीं सदी के मध्य मैसूर राज्य की स्थिति से अवगत कराइये।
  109. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त से क्या आशय है? लार्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त लागू करने के क्या कारण थे?
  110. प्रश्न- ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर भिन्न-भिन्न कर प्रणाली लगाने का क्या उद्देश्य रहा?
  111. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त ने किस प्रकार जमींदारी व्यवस्था को जन्म दिया?
  112. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण के कारणों, परिणामों एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  113. प्रश्न- 19वीं शताब्दी के प्रमुख सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों को बताइये।
  114. प्रश्न- क्या राजा राममोहन राय को 'आधुनिक भारत का पिता' कहना उचित है?
  115. प्रश्न- भारतीय सामाजिक तथा धार्मिक पुनर्जागरण में आर्य समाज की देनों का उल्लेख कीजिए।
  116. प्रश्न- ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्तों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- भारत के सामाजिक-धार्मिक पुनरुत्थान में स्वामी विवेकानन्द के योगदान का विवरण दीजिए।
  118. प्रश्न- 19-20वीं सदी के जातिवाद विरोधी आंदोलनों का वर्णन कीजिए।
  119. प्रश्न- अहिंसा और सत्याग्रह पर गाँधी जी के विचारों का मूल्याँकन कीजिए।
  120. प्रश्न- रामकृष्ण परमहंस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  121. प्रश्न- अछूतोद्धार हेतु भीमराव अम्बेडकर के किए गये कार्यों का वर्णन कीजिए।
  122. प्रश्न- आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  123. प्रश्न- एक शासक के रूप में अशोक के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  124. प्रश्न- अस्पृश्यता से आप क्या समझते हैं? इसकी समस्याओं की विवेचना कीजिए।
  125. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण का क्या अर्थ है?
  126. प्रश्न- ब्रह्म समाज से आप क्या समझते हैं?
  127. प्रश्न- प्रार्थना समाज ने समाज सुधार की दिशा में क्या कार्य किए?
  128. प्रश्न- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के समाज सुधार में किए गए कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  129. प्रश्न- आर्य समाज की मुख्य शिक्षाएँ व समाज सुधार में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।
  130. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसाइटी पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  131. प्रश्न- स्वामी विवेकानन्द के सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  132. प्रश्न- भारत में 19वीं सदी में हुए विभिन्न सुधारवादी आन्दोलनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  133. प्रश्न- अश्पृश्यता निवारण के लिए महात्मा गाँधी की सेवाओं का मूल्याँकन कीजिए।
  134. प्रश्न- 20वीं सदी में हुए प्रमुख सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  135. प्रश्न- समाजवाद पर नेहरू के विचारों का उल्लेख कीजिए।
  136. प्रश्न- आधुनिक काल में जाति प्रथा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  137. प्रश्न- भारतीय समाज पर पड़े दो पाश्चात्य प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
  138. प्रश्न- नाविक विद्रोह 1946 का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- होमरूल से आप क्या समझते हैं?
  141. प्रश्न- साम्प्रदायिक निर्णय 1932 ई. की समीक्षा कीजिए।
  142. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  143. प्रश्न- श्री अरविन्द घोष के जीवन पर प्रकाश डालिए।
  144. प्रश्न- रामकृष्ण मिशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  145. प्रश्न- चैतन्य महाप्रभु पर एक टिप्पणी लिखिए।
  146. प्रश्न- 'पुरुषार्थ आश्रमों के मनोनैतिक आधार हैं। टिप्पणी कीजिए।
  147. प्रश्न- उन्नीसवीं सदीं में सामाजिक जागरण के क्या कारण थे?

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