बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 इतिहास बीए सेमेस्टर-3 इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास
प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
अथवा
प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध क्यों हुआ व उसके परिणाम क्या थे?
अथवा
द्वितीय आंग्ल-मैसूर के सापेक्ष में टीपू सुल्तान का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिय।
अथवा
तृतीय व चतुर्थ आंग्ल युद्ध के विषय में बताइये |
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. टीपू सुल्तान के विषय में बताइये।
2. हैदर अली कौन था?
3. एंग्लो-मैसूर युद्धों के बीच की सन्धियों के विषय में बताइये।
उत्तर-
18वीं शताब्दी के अन्तिम तीन दशकों में मैसूर साम्राज्य और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच भारत में लड़े गये युद्धों की एक श्रृंखला को एंग्लो-मैसूर युद्ध के नाम से जाना गया, जिसका प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से मद्रास प्रेसीडेंसी द्वारा किया गया था। चौथे युद्ध में टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद अंग्रेजों और उनके सहयोगियों के लाभ के लिये मैसूर का विघटन हो गया।
प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध (1767 1769) - इस युद्ध में हैदर अली ने अंग्रेजों के खिलाफ कुछ हद तक सफलता हासिल की। अंग्रेजों के खिलाफ हैदराबाद के खिलाफ उनकी संयुक्त शक्ति की हार और बाद में दो इस्लामी शक्तियों के बीच आपसी संदेह के प्रसार के कारण विफल रहा। मैसूर साम्राज्य ने अपनी कुछ खोई हुई भूमि वापस कर ली जिस कारण मैसूर के दक्षिण में कई क्षेत्रों को अंग्रेजों को छोड़ना पड़ा।
द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध ( 1780 1784 ) - अब तक मैसूर साम्राज्य और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच एक संघर्ष था। उस समय तक मैसूर भारत में एक प्रमुख फ्रांसीसी सहयोगी था। द्वितीय आंग्ल मैसूर युद्ध ( 1780-84) का कारण हैदर अली और हैदराबाद के निजाम का अंग्रेजी कंपनी के बीच बढ़ता असंतोष था। जुलाई 1780 में हैदर अली ने कर्नाटक पर आक्रमण किया। अंग्रेजों ने एक बल कर्नल बैली के अधीन और दूसरा सर हेक्टर मुनरो के अधीन उनका विरोध करने के लिये भेजा। हैदर अली का पुत्र, दोनों सेनाओं के संयोजन की जाँच करने के लिये आगे बढ़ा। उसने कांजीवरम के पास बेली के खिलाफ लड़ाई लड़ी, दिसम्बर 1780 तक हैदर अली ने आरकोट पर कब्जा कर लिया और अंग्रेजों को कठिन स्थिति में डाल दिया। कर्नाटक में समुद्री तट को छोड़कर अंग्रेजों ने अपनी सारी संपत्ति खो दी। हालांकि कंपनी के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने हिम्मत नहीं हारी। वह कूटनीतिक रूप से आगे बढ़ा और निजाम तथा मराठों का पक्ष जीतने का प्रयास किया। उसने गुंटूर जिले को निजाम को सौंप दिया। जिसूने हैदर अली का पक्ष छोड़ दिया, उसी तरह भोंसले और सिंधिया से कूटनीतिक तरीके से निपटा गया, जो हैदर अली को छोड़ने पर सहमत हो गये। इस प्रकार हैदर अली अंग्रेजों से लड़ने के लिये अकेला रह गया। परिस्थितिवश हैदर अली की मृत्यु हो गयी परन्तु टीपू ने अपने पिता की मृत्यु के बाद भी अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध जारी रखा। 7 मार्च 1784 को दोनों पक्षों के बीच मंगलोर की संधि पर हस्ताक्षर किये गये। दोनों पक्ष एक-दूसरे के विजित प्रदेशों और युद्धबंदियों को भी वापस करने पर सहमत हुये।
तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1790-1792 ) - मंगलोर की संधि टीपू सुल्तान एवं अंग्रेजों के मध्य विवादों को हल करने के लिये पर्याप्त नहीं थी। दोनों ही दक्कन पर अपना राजनीतिक वर्चस्व स्थापित करने का लक्ष्य रखते थे। तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध तब शुरू हुआ जब टीपू ने अंग्रेजों के एक सहयोगी त्रावणकोर पर आक्रमण कर दिया, त्रावणकोर ईस्ट इण्डिया कंपनी के लिये काली मिर्च का एकमात्र स्रोत था। त्रावणकोर ने कोचीन राज्य में डचों से जलकोट्टल एवं कन्नानोर खरीदा था जो टीपू की एक जागीरदारी थी। उसने त्रावणकोर के कृत्य को अपने संप्रभु अधिकारों का उल्लंघन माना। अंग्रेजों ने त्रावणकोर का साथ दिया एवं मैसूर पर आक्रमण कर दिया। टीपू की बढ़ती शक्ति से ईर्ष्या रखने वाले निजाम एवं मराठा अंग्रेजों से मिल गये। वर्ष 1790 में टीपू सुल्तान ने जनरल मीडोज के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना को हराया। वर्ष 1791 में लार्ड कॉर्नवालिस ने नेतृत्व संभाला और बड़े सैन्य बल के साथ अंबूर एवं तेल्लोर होते हुये बैंगलोर तथा वहाँ से श्रीरंगपट्टनम तक पहुँचा और अंत में मराठों एवं निजाम के समर्थन के साथ अंग्रेजों ने दूसरी बार श्री रंगपट्टनम पर आक्रमण किया। टीपू ने अंग्रेजों का डटकर सामना किया परन्तु सफल नहीं हो सका। वर्ष 1792 में श्रीरंगपट्टनम की संधि के साथ युद्ध समाप्त हुआ। इस संधि के तहत मैसूर क्षेत्र का लगभग आधा हिस्सा ब्रिटिश, निजाम एवं मराठों के गठबंधन द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था। बारामहल, डिंडीगुल एवं मालाबार अंग्रेजों को मिल गये, जबकि मराठों को तुंगभद्रा एवं उसकी सहायक नदियों के आस-पास के क्षेत्र मिले और निजाम ने कृष्णा नदी से लेकर पेन्नार से आगे तक के क्षेत्रों पर अधिग्रहण कर लिया। इसके अतिरिक्त टीपू से तीन करोड़ रूपये युद्ध क्षति के रूप में भी लिये गये। युद्ध क्षतिपूर्ति का आधा भुगतान तुरन्त किया जाना था, जबकि शेष भुगतान किश्तों में किया जाना था, जिसके लिये टीपू के दो पुत्रों को अंग्रेजों द्वारा बंधक बना लिया गया था। तृतीय आंग्ला - मैसूर युद्ध के कारण दक्षिण में टीपू की प्रभावशाली स्थिति नष्ट हो गयी एवं वहाँ ब्रिटिश वर्चस्व स्थापित हो गया।
चतुर्थ आंग्ल-मराठा युद्ध ( 1799 ) - वर्ष 1792-99 की अवधि के दौरान अंग्रेजों और टीपू सुल्तान दोनों ने अपनी क्षतिपूर्ति का प्रयास किया। टीपू ने श्रीरंगपट्टनम की संधि की, समस्त शर्तों को पूर्ण किया एवं उसके पुत्रों को मुक्त कर दिया गया। वर्ष 1796 में जब वाडियार वंश के हिन्दू शासक की मृत्यु हो गयी तो टीपू ने स्वयं को सुल्तान घोषित कर दिया और पिछले युद्ध में अपनी अपमानजनक पराजय का बदला लेने का निर्णय किया। 1798 में लॉर्ड वेलेजली को सर जॉन शोर के पश्चात् नया गवर्नर जनरल बनाया गया। फ्रांस के साथ टीपू के बढ़ते संबंधों के कारण वेलेजली की चिताएं बढ़ गयीं। टीपू के स्वतन्त्र अस्तित्व को समाप्त करने के उद्देश्य से उसने सहायक संधि प्रणाली के माध्यम से उसे अपने अधीन करने के लिये विवश किया, टीपू पर विश्वासघात के इरादे से अवध, अफगानिस्तान एवं फ्रांसीसी द्वीप (मॉरीशस) और वर्साय में गुप्तचर भेजकर अंग्रेजों के विरुद्ध षड्यन्त्र रचने का आरोप लगाया गया। टीपू से वेलेजली सन्तुष्ट नहीं हुआ और इस तरह चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध शुरू हुआ।
चौथा आंग्ल-मैसूर युद्ध - 1798-99 में दक्षिण भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी और हैदराबाद - दक्कन के खिलाफ मैसूर साम्राज्य के बीच एक संघर्ष था। यह आंग्ल-मैसूर के हुये युद्धों में चौथी और अंतिम लड़ाई थी। अंग्रेजों ने मैसूर की राजधानी पर कब्जा कर लिया और युद्ध में शासक टीपू सुल्तान की मौत हो गयी। ब्रिटेन ने ओडेयर राजवंश को मैसूर सिंहासन में मिलाकर मैसूर पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण कर लिया। टीपू सुल्तान के युवा उत्तराधिकारी फतेह अली को निर्वासन में भेजा दिया गया था। मैसूर साम्राज्य ब्रिटिश भारत के साथ सहायक गठबंधन में एक रियासत बन गया और कोयंबटूर, दक्षिणी कन्नड़ और उत्तर कन्नड़ अंग्रेजों को सौंप दिया गया। आज जिस स्थान पर पूर्वी गेट के नीचे टीपू का पार्थिव शरीर पाया गया था, उसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा चारों तरफ से बंद कर दिया गया था। टीपू सुल्तान द्वारा अग्रिम सेना पर लौह-आधारित प्रक्षेपास्त्र से सामूहिक हमलों का उपयोग किया जाना उस समय के सबसे उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकी में से एक था। तीसरे और चौथे युद्धों के दौरान अंग्रेजों पर मैसूरी प्रक्षेपास्त्र के प्रयोग से ही विलियम कांग्रेव ने प्रभावित होकर "कांग्रेव प्रक्षेपास्त्र' को विकसित किया था।
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- प्रश्न- भारत में सर्वप्रथम प्रवेश करने वाले विदेशी व्यापारी कौन थे? विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में डच शक्ति के आगमन को समझाते हुए डचों के पुर्तगालियों व अंग्रेजों से हुए संघर्षो पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में पुर्तगालियों के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
- प्रश्न- यूरोपीय डच कम्पनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों का भारत में किस प्रकार प्रवेश हुआ संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- यूरोपीय फ्रांसीसी कंपनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुर्तगालियों की सफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- पुर्तगालियों के असफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- आंग्ल-फ्रेंच संघर्ष के विषय में बताते हुए इसके मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- "अपनी अन्तिम असफलता के बावजूद भी डूप्ले भारतीय इतिहास का एक प्रतिभावान एवं तेजस्वी व्यक्तित्व है।" क्या आप प्रो. पी. ई. राबर्ट्स के डूप्ले की उपलब्धियों के सम्बन्ध में इस कथन से सहमत हैं?
- प्रश्न- भारत में अंग्रेजों की सफलता के क्या कारण थे?.
- प्रश्न- ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन भारत में हुए सामाजिक और आर्थिक अभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजी कम्पनी के अधीन भारत में सामाजिक एवं धार्मिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "भारत में फ्राँसीसियों की असफलता का कारण डूप्ले था।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में साम्राज्य स्थापित करने में अंग्रेजों की सफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- प्लासी के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कर्नाटक के युद्ध अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की सदियों से परम्परागत शत्रुता का परिणाम थे, विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारणों और परिणामों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उन महत्त्वपूर्ण कारणों का उल्लेख कीजिए जिनसे भारत में प्रभुत्व स्थापना के संघर्ष में फ्रांसीसियों को पराजय और अंग्रेजों को सफलता मिली।
- प्रश्न- क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी में उसके कार्यों की समीक्षा कीजिये।
- प्रश्न- क्लाइव द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- भारत में लार्ड क्लाइव के कार्यों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
- प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में आंग्ल- फ्रांसीसी संघर्ष क्या था? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- द्वैध शासन व्यवस्था के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बंगाल के कठपुतली नवाबों के कार्यकाल पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बंगाल के द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- द्वैध शासन की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
- प्रश्न- नवाब सिराजुद्दौला के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में डच शक्ति के उत्थान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बक्सर का युद्ध (1764) तथा उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लॉर्ड क्लाइव द्वारा किये गये सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'क्लाइव भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- इलाहाबाद की सन्धि की प्रमुख शर्तें क्या थीं?
- प्रश्न- प्लासी युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अलीनगर की सन्धि (सन् 1757 ई.) बताइये।
- प्रश्न- सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों के मीर जाफर के साथ षड्यंत्र को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्लासी के युद्ध (सन् 1757 ई.) के परिणाम बताइये।
- प्रश्न- राबर्ट क्लाइव के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- बंगाल में द्वैध शासन का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 1773 के रेग्युलेटिंग ऐक्ट के गुण-दोष क्या थे?
- प्रश्न- हैदर अली के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के प्रशासनिक एवं राजस्व सुधारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय नन्दकुमार का क्या मामला था?
- प्रश्न- मराठों के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- पानीपत के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ क्या थीं?
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय अवध की बेगमों का क्या मामला था?
- प्रश्न- लार्ड कॉर्नवालिस के सुधारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बंगाल की स्थायी भूमि कर व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कार्नवालिस ने वॉरेन हेस्टिंग्ज का कार्य पूर्ण किया। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- तृतीय मैसूर युद्ध के क्या कारण थे?
- प्रश्न- भूमि कर नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- एक साम्राज्य निर्माता के रूप में वेलेजली की भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- टीपू और वेलेजली के मध्य चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध की कारणों सहित व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि प्रणाली को समझाते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वेलेजली तथा फ्रांसीसियों के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- टीपू सुल्तान की पराजय के कारण बताइए।
- प्रश्न- वेलेजली के अधीन अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार एवं कंपनी के प्रदेश की सीमाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड वेलेजली के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थितियाँ क्या थीं?
- प्रश्न- वेलेजली की सहायक सन्धि की शर्तें क्या थीं?
- प्रश्न- वेलेजली के अवध के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वेलेजली की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- ठगी को समाप्त करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कहां तक सफलता प्राप्त की?
- प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लॉर्ड विलियम बेंटिक के प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक ने सती प्रथा तथा अन्य क्रूर प्रथाओं को बन्द करने की क्या नीति अपनाई? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विलियम बैंटिक के समाचार पत्रों के प्रति उदार नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विलियम बैंटिक के द्वारा नैतिक तथा बौद्धिक विकास के लिए किये गये शैक्षणिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बैंटिक के वित्तीय तथा न्यायिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक के प्रशासनिक एवं न्यायिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश भारत में स्त्रियों की स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत पर ब्रिटिश शासन के सामाजिक प्रभाव का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों द्वारा पारित सामाजिक कानून पर निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- 1833 के चार्टर एक्ट पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी की 'हड़पनीति से आप क्या समझते हैं? इस नीति से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को कैसे प्रोत्साहन मिला?
- प्रश्न- - डलहौजी के द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा विद्युत तार एवं डाक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा रेलवे विभाग में क्या सुधार किये गये?
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी के प्रशासनिक एवं सैनिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के आधुनिकीकरण में लार्ड डलहौजी का योगदान क्या था?
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी को शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में कहां तक सफलता प्राप्त हुई? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1853 के चार्टर एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह का परिचय देते हुए अफगानों एवं अंग्रेजों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों और सिक्खों के प्रथम युद्ध के कारण व प्रसिद्ध घटनाओं और परिणामों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- रणजीत सिंह का डोंगरों और नेपालियों से सम्बन्ध को संक्षिप्त में समझाइये |
- प्रश्न- रणजीत सिंह के प्रशासन के अंतर्गत भूमिकर एवं न्याय प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह ने सैनिक प्रशासन में कहाँ तक सफलता प्राप्त की? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिक्खों और अंग्रेजों के सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हैदराबाद के एक राज्य के रूप में उदय की परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हैदराबाद अकस्मात ही विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया था, विवेचनात्मक उत्तर दीजिये।
- प्रश्न- 1724-1802 तक की हैदराबाद की राजनीतिक गतिविधियों का अवलोकन कीजिये।
- प्रश्न- टीपू की शासन प्रणाली का सविस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मैसूर राज्य का विस्तृत अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
- प्रश्न- टीपू सुल्तान और मैसूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- मैसूर व इतिहास लेखन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- 18वीं सदी में, मैसूर की स्थिति से संक्षिप्त रूप से परिचित कराइये।
- प्रश्न- 1399 ईस्वी से अठारहवीं सदी के मध्य मैसूर राज्य की स्थिति से अवगत कराइये।
- प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त से क्या आशय है? लार्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त लागू करने के क्या कारण थे?
- प्रश्न- ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर भिन्न-भिन्न कर प्रणाली लगाने का क्या उद्देश्य रहा?
- प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त ने किस प्रकार जमींदारी व्यवस्था को जन्म दिया?
- प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण के कारणों, परिणामों एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 19वीं शताब्दी के प्रमुख सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों को बताइये।
- प्रश्न- क्या राजा राममोहन राय को 'आधुनिक भारत का पिता' कहना उचित है?
- प्रश्न- भारतीय सामाजिक तथा धार्मिक पुनर्जागरण में आर्य समाज की देनों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्तों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के सामाजिक-धार्मिक पुनरुत्थान में स्वामी विवेकानन्द के योगदान का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- 19-20वीं सदी के जातिवाद विरोधी आंदोलनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अहिंसा और सत्याग्रह पर गाँधी जी के विचारों का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- रामकृष्ण परमहंस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- अछूतोद्धार हेतु भीमराव अम्बेडकर के किए गये कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- एक शासक के रूप में अशोक के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- अस्पृश्यता से आप क्या समझते हैं? इसकी समस्याओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- ब्रह्म समाज से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रार्थना समाज ने समाज सुधार की दिशा में क्या कार्य किए?
- प्रश्न- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के समाज सुधार में किए गए कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्य समाज की मुख्य शिक्षाएँ व समाज सुधार में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- थियोसोफिकल सोसाइटी पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- स्वामी विवेकानन्द के सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में 19वीं सदी में हुए विभिन्न सुधारवादी आन्दोलनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अश्पृश्यता निवारण के लिए महात्मा गाँधी की सेवाओं का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- 20वीं सदी में हुए प्रमुख सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजवाद पर नेहरू के विचारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक काल में जाति प्रथा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय समाज पर पड़े दो पाश्चात्य प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नाविक विद्रोह 1946 का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- होमरूल से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- साम्प्रदायिक निर्णय 1932 ई. की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- श्री अरविन्द घोष के जीवन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- रामकृष्ण मिशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चैतन्य महाप्रभु पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'पुरुषार्थ आश्रमों के मनोनैतिक आधार हैं। टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- उन्नीसवीं सदीं में सामाजिक जागरण के क्या कारण थे?