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बीए सेमेस्टर-3 भूगोल

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :215
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2641
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 भूगोल सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- ठोस अपशिष्ट से क्या आशय है? ठोस अपशिष्ट के कारणों तथा प्रभावों की विवेचना कीजिए।

उत्तर -

ठोस अपशिष्ट

जे. आर. फैफ्लिन एवं इ. एन. जैगलस ने ठोस अपशिष्ट को परिभाषित करते हुए कहा है कि 'यह किसी भी तरह का ऐसा ठोस पदार्थ है जिसे एक लम्बे काल से आर्थिक दृष्टि से अनुपयोग होने के कारण छोड़ दिया गया हो, साथ ही इसका जैविक अथवा अजैविक आकार हो। वी. राम प्रसाद के अनुसार आवश्यकता रहित अथवा छोड़े गये अवशिष्ट जो कि ठोस आकार में हो जो समाज की सामान्य क्रियाओं के द्वारा उत्पन्न हो रहे हों, ठोस अपशिष्ट कहलायेगा। इसके अन्तर्गत कूड़ा-करकट, मल, गली-जली, सड़कों की सफाई से प्राप्त पदार्थ एवं अन्य औद्योगिक कचरा आदि सम्मिलित है।

आधुनिक संस्कृति में हम लोग भौतिक सुविधाओं का अधिकाधिक लाभ उठाते हैं तथा विभिन्न वस्तुओं का उपयोग करने के बाद उनके बचे हुये भाग को यों ही फेंक देते है जो प्रदूषण का कारण बनते हैं।

ठोस अपशिष्टों के कारण

वस्तुओं का उत्पादन तथा वितरण किया जाता है। कुछ वस्तुयें उत्पादन काल में तथा कुछ उपयोग के बाद प्रयोजनहीन हो जाती हैं। ये प्रयोजनहीन वस्तुये ही ठोस अपशिष्ट कहलाती है। इस आधार पर ठोस अपशिष्ट के दो कारण हैं-

1. उत्पादन केन्द्र के ठोस अपशिष्ट

2. उपभोक्ता के ठोस अपशिष्ट

1. उत्पादन केन्द्र के ठोस अपशिष्ट  उत्पादन क्षमता के आधार पर उत्पादन केन्द्र लघु एवं वृहत स्तरीय दोनों होते हैं। बड़े उत्पादन केन्द्र से  अधिक तथा छोटे औद्योगिक केन्द्र से कम मात्रा में ठोस अपशिष्ट पदार्थ प्राप्त होता है।

2. उपभोक्ता केन्द्र के ठोस अपशिष्ट उपभोक्ता केन्द्र में एकाकी गृह से लेकर नगर पालिकाओं के कचरा केन्द्र सम्मिलित होते हैं। इस आधार पर उपभोक्ता केन्द्र के अपशिष्टों को तीन भागों में बाँटा गया है

1. व्यवसायिक केन्द्र
2. औद्योगिक केन्द्र तथा
3. आवासीय केन्द्र।

ठोस अपशिष्ट पदार्थों के उत्पादन में भी विषमता देखने को मिलती है। आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न क्षेत्रों में अधिक ठोस अपशिष्ट प्राप्त होता है। वास्तव में आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न मनुष्यों की मानसिक प्रवृत्ति प्रयोग करो और फेको (use and throw ) की हो गयी है, जिस कारण वस्तुओं की बरबादी अधिक होती है। इसके विपरीत आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों की प्रवृत्ति अधिकाधिक प्रयोग करने की रहती है। इससे इन क्षेत्रों में ठोस अपशिष्टों का उत्पादन कम होता है।

वस्तु के बदलाव के कारण भी ठोस अपशिष्ट पदार्थों का उत्पादन अधिक होता है। कुछ वस्तुयें प्रयोग के बाहर हो जाती हैं। उनकी जगह नवीन वस्तुओं का प्रयोग किया जाने लगता है। पुरानी वस्तुयें ठोस अपशिष्ट पदार्थों में परिवर्तित हो जाती हैं। विकसित तथा विकासशील देशों के अनेक क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट पदार्थों की जटिल समस्या उत्पन्न हो गई है। पुनर्प्रयोग की संस्कृति के आधार पर इस समस्या का समाधान किया जा रहा है। ठोस अपशिष्टों के आधार पर अनेक उद्योगों की स्थापना की जा रही है।

उपर्युक्त ठोस अपशिष्ट कारणों के अलावा कुछ अन्य कारण निम्नवत् है

1. उत्खननजन्य अपशिष्ट

2. कृषि से उत्पन्न अपशिष्ट

3. औद्योगिक अपशिष्ट

4. जीवजन्तु अपशिष्ट

5. पैकिंग अपशिष्ट

6. रेडियोऐक्टिव अपशिष्ट

7. मानवजन्य अपशिष्ट।

उत्खनन के समय माल भरने व उतारने में बहुत से पदार्थ इधर-उधर गिर जाता है जो बेकार पड़ा रहता है जैसे लौह अयस्क, मिट्टी कोयलाचूर्ण, पत्थरचूर्ण आदि। ये पदार्थ वायुमण्डल में प्रवेश करके वातावरण को प्रदूषित करते हैं।

कृषि क्रियाओं में ग्रीष्मकालीन फसलों के उत्पादन के समय अपशिष्टों की मात्रा अधिक हो जाती है। भारत में 21 मिलियन टन कृषि जन्य अवशिष्टों का उत्पादन होता है।

चीनी मिलों से खोई जैसे अपशिष्ट का उत्पादन होता है। इसी प्रकार तांबा एवं एल्युमिनियम उद्योगों से वनस्पतियों एवं मिट्टियों के प्रदूषित करने वाले ठोस अपशिष्टों का उत्पादन होता है।

पैकिंग प्रयोग के बाद उससे सम्बन्धित सामग्री बेकार हो जाती है जिनको इधर-उधर फेक दिया जाता है। इन्हें पैकिंग अपशिष्ट के रूप में जाना जाता है।

ठोस अपशिष्ट के प्रभाव

ठोस अपशिष्ट मिट्टी में मिलकर उसे प्रदूषित करतें हैं इससे मानव एवं जौव जगत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में तो स्थिति बहुत खराब है। भारत में कचरा विसर्जन का तरीका पारम्परिक होने से प्रदूषण में बहुत वृद्धि होती है। क्योंकि व्यापक क्षेत्र में कूड़े छोटे से क्षेत्र में आकार ज्यादा ही प्रदूषण फैलाते हैं। भारत में कूड़ों के विसर्जन की पद्धति इनको जलाना भी है। इससे धुआँ के रूप में व्यापक वायु प्रदूषण होता है। साथ ही इसमें सम्मिलित अज्वलनशील पदार्थ तो फिर भी बचे ही रह जाते हैं। इनके अतिरिक्त बहुत सारे ऐसे पदार्थ भी जलकर नष्ट हो जाते हैं जिनसे पुर्नोत्पादन चक्र का संचालन किया जा सकता है। जैसे कागज, प्लास्टिक, सीसा आदि। ऐसे पदार्थों को कचरों से निकाल इनका पुनर्चक्रण किया जा सकता है। किन्तु बढ़ती जनसंख्या, उपभोक्ता संस्कृति एवं समाज में पर्यावरणीय चेतना एवं उत्तरदायित्व के अभाव में ठोस अपशिष्ट प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।

आणविक संयंत्रों के कचरे का निष्पाद भी एक भयंकर समस्या है। ऐसे कचरे से रेडियोधमिता को बढ़ावा मिलता है। जिन देशों में आणविक सनयत्र कार्यरत हैं वे इसका उत्पादन करते हैं। यदि ऐसे कचरे को ठिकाने लगाते समय असावधानी बरती गई तो रेडियोधर्मिता से हवा, जल, मृदा और जीवों के प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है।

हाल के बीते समय में एक नयी समस्या पैदा हो गई है। विश्व के देशों द्वारा रोजाना नये उपग्रह छोड़े जा रहे हैं जो एक निश्चित अवधि के बाद कूड़ा बन जाते हैं। अब वायुमण्डल में ऐसा कूड़ा बढ़ता जा रहा है जिसके निष्पादन की समस्या सामने आ गई है।

अतः पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए अब विश्व को एक जुट होने का समय आ गया है, क्योंकि यह समस्या अधिक व्यापक होती जा रही है। प्रदूषण नियन्त्रण के लिए खोजे गये उपाय का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करना अति आवश्यक हो गया है। अन्त में हम कह सकते हैं कि ठोस अपशिष्ट का समुचित प्रबन्धन करने से उसे एक प्रमुख संसाधन के रूप में विकसित किया जा सकता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- पर्यावरण के कौन-कौन से घटक हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- पर्यावरण का अर्थ बताइये।
  3. प्रश्न- पर्यावरण की परिभाषायें बताइये।
  4. प्रश्न- पर्यावरण के विषय क्षेत्र को बताइए तथा इसके सम्बंध में विभिन्न पहलुओं की विवेचना कीजिए।
  5. प्रश्न- पर्यावरण के मुख्य तत्व कौन-कौन से हैं? स्पष्टतया समझाइए।
  6. प्रश्न- पर्यावरण भूगोल के विकास की विवेचना कीजिए।
  7. प्रश्न- पर्यावरण के संघटकों को समझाइए।
  8. प्रश्न- पर्यावरण के जैविक तत्वों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  9. प्रश्न- पारिस्थितिकी की मूलभूत संकल्पनाओं का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- पारिस्थितिकीय असंतुलन के कारणों का परीक्षण कीजिए एवं उसे दूर करने के उपायों की व्याख्या कीजिए।
  11. प्रश्न- पारिस्थितिक संतुलन की सुरक्षा हेतु कारगर योजना नीति पर प्रकाश डालिए।
  12. प्रश्न- पारिस्थितिकी क्या है?
  13. प्रश्न- पारिस्थितिकी की परिभाषायें बताइये।
  14. प्रश्न- पारिस्थितिकी के उद्देश्यों को बताइये।
  15. प्रश्न- पारिस्थितिकी समस्याओं के कारकों को बताइये।
  16. प्रश्न- पारिस्थितिक सन्तुलन पर टिप्पणी लिखिये।
  17. प्रश्न- जैविक संघटक के आधार पर पारिस्थितिकी का वर्गीकरण कीजिए।
  18. प्रश्न- भारत में पारस्थितिकी विकास में भौगोलिक क्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  19. प्रश्न- स्वपारिस्थितिकी किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- समुदाय पारिस्थितिक क्या है? इसके उपविभाग को समझाइए।
  21. प्रश्न- पारिस्थितिक असन्तुलन एवं संरक्षण पर टिप्पणी कीजिए।
  22. प्रश्न- पारिस्थितिक अध्ययनों के विकास पर प्रकाश डालिए।
  23. प्रश्न- मानव पारिस्थितिकी क्या है?
  24. प्रश्न- ग्रिफिथ टेलर का योगदान क्या है?
  25. प्रश्न- पारिस्थितिकी तंत्र की संकल्पना, अवयव एवं कार्यप्रणाली की विवेचना कीजिए।
  26. प्रश्न- पारिस्थितिक तंत्र को परिभाषित कीजिए।
  27. प्रश्न- पारितंत्र की संकल्पना पर प्रकाश डालिए।
  28. प्रश्न- पारिस्थितिक तंत्र की विशेषताओं को बताइए।
  29. प्रश्न- निवास्य क्षेत्र के आधार पर पारिस्थितिक तंत्र का वर्गीकरण कीजिए।
  30. प्रश्न- पारिस्थितिक तंत्र के संघटकों को बताइए।
  31. प्रश्न- मनुष्य पारिस्थितिक तंत्र में अस्थिरता उत्पन्न करता है।' व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- पारिस्थितिकीय दक्षता का क्या महत्व है?
  33. प्रश्न- भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण कैसे निहित है? उल्लेख कीजिए।
  34. प्रश्न- पर्यावरण के सन्दर्भ में पारम्परिक ज्ञान से आप क्या समझते हैं?
  35. प्रश्न- प्राकृतिक आपदा "भूकम्प" की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- पारम्परिक ज्ञान क्या है एवं इसके प्रमुख लक्षण बताइए।
  37. प्रश्न- "प्रकृति को बचाएँ, प्राकृतिक जीवन शैली अपनाएँ।" इस वाक्य पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- भारतीय पारम्परिक ज्ञान एवं पर्यावरण संरक्षण पर टिप्पणी कीजिए।
  39. प्रश्न- पारम्परिक ज्ञान को परिभाषित करते हुए उसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  40. प्रश्न- जैव-विविधता से आप क्या समझते हैं? पारिस्थितिक तंत्र की स्थिरता में इसके योगदान की विवेचना कीजिए।
  41. प्रश्न- जैव विविधता संरक्षण हेतु भारत के राष्ट्रीय पार्कों तथा अभ्यारण्यों की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- पादप संरक्षण से आप क्या समझते हैं? विभिन्न संकटग्रस्त पादपों के संरक्षण के लिए किये गये विभिन्न उपायों की विवेचना कीजिए।
  43. प्रश्न- जैव-विविधता के विलोपन (ह्रास) के मुख्य कारण क्या हैं? उनका वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- जैव विविधता के संरक्षण के उपायों पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- जैव विविधता के संरक्षण की कौन-कौन सी विधियाँ हैं? पर्यावरण संतुलन में इसकी क्या भूमिका है?
  46. प्रश्न- जैव विविधता का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- जैव विविधता के विभिन्न स्तरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- जैव विविधता में ह्रास के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
  49. प्रश्न- जैव विविधता संरक्षण के उपाय स्पष्ट कीजिए।
  50. प्रश्न- "वनोन्मूलन वातावरण का एक कारक है।' भारत के सन्दर्भ में इसकी विवेचना कीजिए।
  51. प्रश्न- भारतवर्ष में वातावरण का विनाश किन-किन क्षेत्रों में सर्वाधिक हुआ है? स्पष्ट कीजिए।
  52. प्रश्न- वन विनाश का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  53. प्रश्न- भारत में वनोन्मूलन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  54. प्रश्न- वनों के महत्व को बताइये।
  55. प्रश्न- भारतीय वन व्यवसाय की समस्यायें बताइए।
  56. प्रश्न- भारत में वन संरक्षण नीति क्या है?
  57. प्रश्न- वन संरक्षण के उपाय बताइये।
  58. प्रश्न- भारत में वन संरक्षण नीतियों को समझाइए।
  59. प्रश्न- वन संरक्षण क्यों आवश्यक है?
  60. प्रश्न- वनों के विकास के कारक बताइये।
  61. प्रश्न- पर्यावरण के सुधार में वनीकरण की भूमिका क्या है?
  62. प्रश्न- चिपको आन्दोलन को समझाइए।
  63. प्रश्न- वन विनाश की समस्या पर टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- मिट्टी के कटाव के प्रमुख प्रकार बताइये, मिट्टी के कटाव के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिए तथा इसके निस्तारण के उपाय बताइये।
  65. प्रश्न- मृदा अपरदन से उत्पन्न पर्यावरणीय समस्याएँ क्या हैं? मृदा अपरदन को रोकने के क्या उपाय हैं?
  66. प्रश्न- मृदा अपरदन से क्या तात्पर्य है?
  67. प्रश्न- मृदा क्षय और मृदा अपरदन रोकने के उपाय बताइये।
  68. प्रश्न- मिट्टी अपरदन के कारण क्या हैं? बताइये।
  69. प्रश्न- मृदा अपरदन में मुख्य रूप से कौन प्रक्रियायें सम्मिलित होती हैं? बताइये।
  70. प्रश्न- मृदा की अपरदनशीलता से क्या तात्पर्य है? मिट्टियों की अपरदनशीलता किन कारकों पर आधारित होती हैं? बताइये।
  71. प्रश्न- FAO के अनुसार कौन से कारक मृदा अपरदन को प्रभावित करते हैं बताइये?
  72. प्रश्न- मृदा संरक्षण के संदर्भ में विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  73. प्रश्न- मिट्टी की थकावट क्या है?
  74. प्रश्न- मरुस्थलीयकरण से आप क्या समझते हैं?
  75. प्रश्न- मरुस्थलीयकरण के कारणों की विवेचना कीजिए।
  76. प्रश्न- मरुस्थलीयकरण के प्रभाव बताइये।
  77. प्रश्न- मरुस्थलीय प्रक्रिया के प्रमुख रूपों की विवेचना कीजिए।
  78. प्रश्न- मरुस्थलीयकरण नियंत्रण के उपाय बताइये।
  79. प्रश्न- मरुस्थलीयकरण नियंत्रण के उपायों की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- मरुस्थल कितने प्रकार के होते हैं?
  81. प्रश्न- भारत के भेद में मरुस्थलीकरण के निरन्तर विस्तार को समझाइये |
  82. प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण भारत की मुख्य समस्या है। प्रदूषण समस्या की समीक्षा निम्नलिखित संदर्भ में कीजिए (i) वायु प्रदूषण (ii) जल प्रदूषण।
  83. प्रश्न- जल प्रदूषण की परिभाषा दीजिए। जल प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों का वर्णन करते हुए नियंत्रण के उपाय बताइये।
  84. प्रश्न- जल संरक्षण एवं प्रबन्धन के महत्व की विवेचना करते हुए जल संरक्षण एवं प्रबन्धन की प्रमुख विधियों का विवरण लिखिए।
  85. प्रश्न- प्रदूषण किसे कहते हैं? वायु प्रदूषण के कारण एवं नियंत्रण का वर्णन कीजिये।
  86. प्रश्न- ठोस अपशिष्ट से क्या आशय है? ठोस अपशिष्ट के कारणों तथा प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  87. प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
  88. प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण की परिभाषा बताइए।
  89. प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण के सामान्य कारणों को बताइए।
  90. प्रश्न- पर्यावरण संतुलन से क्या अभिप्राय है?
  91. प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषक क्या है? इनके प्रकारों को बताइये।
  92. प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण का वर्गीकरण कीजिए।
  93. प्रश्न- वायु प्रदूषण क्या है?
  94. प्रश्न- वायु प्रदूषण की परिभाषा बताइये।
  95. प्रश्न- वायु प्रदूषकों के प्रकारों को बताइये।
  96. प्रश्न- वायु प्रदूषण के स्रोतों को बताइए।
  97. प्रश्न- वायु प्रदूषण के प्रकार बताइए।
  98. प्रश्न- भारत के सन्दर्भ में वायु प्रदूषण की समीक्षा कीजिए।
  99. प्रश्न- वायु प्रदूषण का पर्यावरण में प्रभाव को बताइए, तथा विवेचना कीजिए।
  100. प्रश्न- वायु प्रदूषण रोकने के उपाय बताइए।
  101. प्रश्न- जल प्रदूषण की प्रकृति को बताइए।
  102. प्रश्न- जल प्रदूषण का वर्गीकरण कीजिए।
  103. प्रश्न- गंगा प्रदूषण पर निबंध लिखिए या गंगा प्रदूषण की विवेचना कीजिए।
  104. प्रश्न- किन प्रमुख स्रोतों से गंगा का जल प्रदूषित हो जाता है कारण बताइए।
  105. प्रश्न- गंगा जल प्रदूषण को रोकने के उपाय बताइए।
  106. प्रश्न- जल प्रदूषण के प्रभावों को बताइए तथा इन कारकों की विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- ध्वनि प्रदूषण के कारण एवं नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
  108. प्रश्न- मृदा प्रदूषण से आप क्या समझते हैं? परिभाषित कीजिए।
  109. प्रश्न- मृदा की गुणवत्ता में हास या अवनयन किन-किन कारणों से होता है, बताइए?
  110. प्रश्न- मृदा प्रदूषण के कारकों को बताइए तथा मिट्टी प्रदूषकों के नाम बताइए।
  111. प्रश्न- मिट्टी प्रदूषण के स्रोतों को बताइए।
  112. प्रश्न- मिट्टी प्रदूषण के कुप्रभाव बताइए।
  113. प्रश्न- ठोस अपशिष्टों के घटकों की विवेचना कीजिए।
  114. प्रश्न- ठोस अपशिष्ट प्रदूषण की परिभाषा बताइए।
  115. प्रश्न- ठोस अपशिष्ट के स्रोत बताइए।
  116. प्रश्न- ठोस अपशिष्ट के प्रकार बताइये तथा प्रत्येक की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  117. प्रश्न- ठोस अपशिष्टों का प्रदूषण में क्या योगदान है विवेचना कीजिए।
  118. प्रश्न- ठोस अपशिष्ट पदार्थों के निपटान के बारे में सुझाव दीजिए।
  119. प्रश्न- ध्वनि प्रदूषक क्या हैं?
  120. प्रश्न- प्रदूषित पेयजल जनित रोग बताइए?
  121. प्रश्न- "पर्यावरण प्रदूषण एक अभिशाप है।' स्पष्ट कीजिए।
  122. प्रश्न- जल संरक्षण की विधियों का विवेचन कीजिए।
  123. प्रश्न- ठोस अपशिष्ट क्या है?
  124. प्रश्न- गंगा एक्शन प्लान (GAP) का वर्णन कीजिए।
  125. प्रश्न- टिहरी उच्च बाँध परियोजना के क्या कारण थे? स्पष्ट कीजिए।
  126. प्रश्न- टाइगर प्रोजेक्ट के विशेष सन्दर्भ में वन्य जीवन परिसंरक्षण की सार्थकता की विवेचना कीजिए।
  127. प्रश्न- भारत की बाघ परियोजना का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  128. प्रश्न- नर्मदा घाटी परियोजना का वर्णन कीजिए।
  129. प्रश्न- नर्मदा घाटी से सम्बन्धित पर्यावरणीय चिन्ताएँ क्या हैं? स्पष्ट कीजिए।
  130. प्रश्न- गंगा एक्शन प्लान की समीक्षा कीजिए।
  131. प्रश्न- टिहरी बाँध परियोजना का वर्णन कीजिए।
  132. प्रश्न- टिहरी बाँध परियोजना के क्या उद्देश्य थे?
  133. प्रश्न- भारत में कितने टाइगर अभयारण्य हैं?
  134. प्रश्न- भारत में टाइगर प्रोजेक्ट योजना का निर्माण क्यों आवश्यक था?
  135. प्रश्न- गंगा कार्य योजना (गंगा एक्शन प्लान) के संस्थागत पहल के विषय में बताइए।
  136. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन को समझना क्यों आवश्यक है?
  137. प्रश्न- ग्लोबल वार्मिंग क्या है? इसके मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  138. प्रश्न- वैश्विक उष्णता से आप क्या समझते हैं? इसके कारण तथा प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  139. प्रश्न- हरित गृह प्रभाव की विवेचना कीजिए।
  140. प्रश्न- हरित गैस के प्रमुख स्रोत बताइए।
  141. प्रश्न- हरित गृह द्वारा कौन-कौन सी समस्यायें उत्पन्न होती हैं? समझाइए।
  142. प्रश्न- हरित गृह प्रभाव की रोकथाम को बताइए।
  143. प्रश्न- ओजोन क्षरण से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन कीजिए।
  144. प्रश्न- ओजोन परत क्षरण के कारण लिखिए।
  145. प्रश्न- भूमण्डलीय ताप वृद्धि के प्रभाव क्या है?
  146. प्रश्न- प्रमुख भूमण्डलीय समस्याओं को बताइये।
  147. प्रश्न- भूमण्डलीय तापन की विवेचना कीजिए।
  148. प्रश्न- प्रथम पृथ्वी सम्मेलन (रियो सम्मेलन) के प्रमुख मुद्दों को बताइए।
  149. प्रश्न- प्रथम पृथ्वी सम्मेलन के मुद्दों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  150. प्रश्न- वैश्विक ताप वृद्धि के निवारक उपाय बताइए।
  151. प्रश्न- भारतीय पर्यावरण विधियों (अधिनियमों) की कमियाँ बताइये।
  152. प्रश्न- भारत पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  153. प्रश्न- वैश्विक जलवायु आकलन आई.पी.सी.सी. पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  154. प्रश्न- आई.पी.सी.सी. की मूल्यांकन रिपोर्ट का वर्णन कीजिए।
  155. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल की व्याख्या कीजिए एवं आई.पी.सी.सी. की आकलन रिपोर्ट बताइए।
  156. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन क्या है एवं इसके कारकों का उल्लेख कीजिए।
  157. प्रश्न- ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन के संभावित वैश्विक प्रभाव को बताइए।
  158. प्रश्न- एशियाई क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  159. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना का वर्णन एवं इसके मिशन को भी बताइए।
  160. प्रश्न- राष्ट्रीय सौर मिशन की व्याख्या कीजिए।
  161. प्रश्न- उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिये राष्ट्रीय मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
  162. प्रश्न- सुस्थित निवास पर राष्ट्रीय मिशन का लक्ष्य बताइए।
  163. प्रश्न- राष्ट्रीय जल मिशन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  164. प्रश्न- सुस्थिर हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र हेतु राष्ट्रीय मिशन की व्याख्या कीजिए।
  165. प्रश्न- हरित भारत हेतु राष्ट्रीय मिशन का लक्ष्य क्या है .
  166. प्रश्न- सुस्थिर कृषि पर राष्ट्रीय मिशन की व्याख्या करें।
  167. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन हेतु रणनीति ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन पर प्रकाश डालिए।
  168. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  169. प्रश्न- "जलवायु परिवर्तन एवं भारतीय स्थिति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  170. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन के सम्बन्ध में भारत और अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर टिप्पणी लिखिए।
  171. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन के प्रतिकार के प्रस्ताव की विवेचना कीजिए।
  172. प्रश्न- जलवायु हितैषी उपायों की व्याख्या कीजिए।
  173. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर निगरानी रखने से आप क्या समझते हैं?
  174. प्रश्न- अनुसंधान क्षमता और संस्थागत आधारभूत संरचना का निर्माण जलवायु परिवर्तन के लिये क्यों आवश्यक है?
  175. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर शैक्षिक ढाँचा क्यों आवश्यक है?
  176. प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप से क्या आशय है? प्राकृतिक एवं मानव जनित प्रकोपों की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  177. प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप तथा विनाश का अर्थ एवं परिभाषा को बताइए।
  178. प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप के प्रकार बताइए।
  179. प्रश्न- प्राकृतिक प्रकोप की विवेचना कीजिए।
  180. प्रश्न- मानव जनित प्रकोप की विवेचना कीजिए।
  181. प्रश्न- प्रकोप के प्रति सामाजिक प्रतिक्रिया की विवेचना कीजिए।
  182. प्रश्न- प्राकृतिक प्रकोपों तथा आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए प्रबंधन के अन्तर्गत किन- किन पक्षों को सम्मिलित किया जाता है।
  183. प्रश्न- Idndr के तहत प्रकोप नयूनीकरण कार्यक्रम के उद्देश्य बताइये।
  184. प्रश्न- सूखा प्रकोप से आप क्या समझते हैं? सूखा प्रकोप के प्रभाव बताइये।
  185. प्रश्न- सूखा नियंत्रण के उपाय बताइये।
  186. प्रश्न- बाढ़ प्रकोप से आप क्या समझते हैं? बाढ़ के कारण बताइए।
  187. प्रश्न- बाढ़ नियंत्रण के उपाय बताइये।
  188. प्रश्न- भूकम्प प्रकोप का सामान्य परिचय देते हुए उनके प्रभावों को बताइए।
  189. प्रश्न- भारत के जोखिमकारी अवशिष्टों का प्रबन्धन क्यों आवश्यक है एवं देश में जोखिमकारी अवशिष्टों को पर्यावरणीय अनुकूलन की दृष्टि से प्रबन्धित करने हेतु विभिन्न हस्तक्षेपों का वर्णन कीजिए।
  190. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से जैव विविधता के सामने प्रस्तुत खतरे और समाधान को बताइए।
  191. प्रश्न- "आक्रामक विजातिय प्रजातियों से नियंत्रित होने का खतरा बना रहता है। कथन की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
  192. प्रश्न- जोखिमकारी अवशिष्टों के उत्पन्न होने के क्या कारण हैं?
  193. प्रश्न- अवशिष्टों की उत्पत्ति पर कैसे नियंत्रण किया जा सकता है?
  194. प्रश्न- "पुनर्उपयोग, पुनः प्राप्त करना पुनर्चक्रणीय जोखिमकारी अवशिष्ट" की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  195. प्रश्न- जोखिमकारी नियामक ढाँचे से आप क्या समझते हैं?
  196. प्रश्न- 'अधिवास के नुकसान से दबाव, अवमूल्यन में कमी से आप क्या समझते हैं?
  197. प्रश्न- राष्ट्रीय वानिकी और पारिस्थितिकीय विकास बोर्ड के कार्य बताइए।
  198. प्रश्न- प्राकृतिक आपदाओं के प्रकार एवं आपदा प्रबन्धन का वर्णन कीजिए।
  199. प्रश्न- कृषि व सिंचाई की दृष्टि से जल की उपलब्धता व सूखे का वर्णन कीजिए।
  200. प्रश्न- सूखा-प्रणत क्षेत्र कार्यक्रम का वर्णन कीजिए।
  201. प्रश्न- आपदा के समय क्या करना एवं क्या न करना चाहिए?
  202. प्रश्न- प्राकृतिक आपदाएँ एवं प्रबन्धन के विषय में बताइए।
  203. प्रश्न- प्राकृतिक आपदाओं से अत्यधिक प्रभावित राज्य कौन से हैं?
  204. प्रश्न- सूखा अथवा अनावृष्टि को परिभाषित कीजिए।
  205. प्रश्न- जल की उपलब्धता पर सूखे के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  206. प्रश्न- सुनामी आपदा क्या है? परिभाषित कीजिए।
  207. प्रश्न- भारतीय तटों पर सुनामी का वर्णन कीजिए।
  208. प्रश्न- 26 दिसम्बर 2004 का सुनामी आपदा का वर्णन कीजिए।
  209. प्रश्न- सुनामी द्वारा लाये गये परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए।
  210. प्रश्न- 2013 की अनावृष्टि (सूखा) का विवरण दीजिए।
  211. प्रश्न- परमाणु आपदा का विवरण दीजिए। इससे होने वाले विनाशों का वर्णन कीजिए।
  212. प्रश्न- रासायनिक आपदा क्या है? परिभाषित कीजिए।
  213. प्रश्न- किसी आपात या रासायनिक आपात स्थिति के दौरान क्या करना चाहिए?
  214. प्रश्न- नाभिकीय / रेडियोधर्मी प्रदूषण को रोकने के उपाय का वर्णन कीजिए।
  215. प्रश्न- भू-स्खलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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