बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 भूगोल बीए सेमेस्टर-3 भूगोलसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 भूगोल सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- जैव विविधता के संरक्षण के उपायों पर प्रकाश डालिए।
अथवा
जैव विविधता के संरक्षण के प्रकारों तथा उपायों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
अथवा
सतत् विकास में जैव विविधता संरक्षण की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
जैव विविधता का संरक्षण जैव विविधता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। भूतल पर पौधों एवं जन्तुओं की प्रकृति प्रदत्त विविधता को बचाए रखना अति आवश्यक हो गया है। तेजी से विलुप्त हो रहे जीवों की अनेक जातियों के कारण जैव-विविधता में ह्रास हो रहा है। जैव विविधता के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय, स्थानीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। जैव-विविधता के संरक्षण के दो मुख्य प्रकार निम्न हैं-
1. कृत्रिम आवासीय संरक्षण या अन्यन्त्र संरक्षण (Ex-situ Conservation) - जब जीव एवं वनस्पति जातियों को उनके आवास क्षेत्र से हटाकर अन्यत्र संरक्षित किया जाता है तब उसे स्थानिक ( ex-situ) संरक्षण कहा जाता है। इस प्रकार के विश्व भर में 100 संस्थान हैं। 1759 में इंग्लैण्ड के किऊ में रॉयल बॉटेनिकल गार्डेन की स्थापना की गयी। 1984 में संयुक्त राज्य अमेरिका में सेन्टर फॉर प्लाण्ट कन्जर्वेशन की स्थापना की गयी। इसमें सभी दुर्लभ पादप प्रजातियों को संरक्षित किया गया है। टोरण्टो में चिड़ियाघर की स्थापना की गयी है। तेजी से नष्ट होते प्राकृतिक आवासों के कारण संकटग्रस्त वन्य प्राणियों के संवर्द्धन हेतु कृत्रिम आवासीय संरक्षण कारगर उपाय सिद्ध हुआ है। इसकी सफलता कृत्रिम आवास में प्राणियों के लिए उपलब्ध कराई गयी दशाओं पर निर्भर करती है। कृत्रिम आवासों में प्राणियों को प्राकृतिक आवास से मिलता-जुलता वातावरण उपलब्ध होने पर ही उनके प्रजनन एवं संवर्द्धन की संभावना बनती है। अनुकूल दशाओं में प्राणियों की संख्या बढ़ने पर इन्हें प्राकृतिक आवास में पहुँचा दिया जाता है। इसी प्रकार विलुप्त प्राय वनस्पतियों के संरक्षण के लिए, ग्रीन हाउस या पौधघर बनाकर अनुकूल जलवायु दशायें उपलब्ध करायी जाती हैं। पौधशालाओं में तैयार पौधों के प्राकृतिक आवास स्थलों में स्थानान्तरित संरक्षण में जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है।
2. स्व आवासीय या स्थानिक संरक्षण (Insitu Conservation ) - जब जीव वनस्पति जातियों को उनके आवासीय क्षेत्र में ही संरक्षण प्रदान किया जाता है तब उसे स्व-आवासीय या स्थानिक संरक्षण कहते हैं। वर्तमान समय में अनेक राष्ट्रीय उद्यानों (National Parks) की स्थापना की गयी है जिसमें पादप एवं प्राणियों को उन्हीं के आवास क्षेत्रों में संरक्षित किया जाता है। अब तक विश्व के 3% क्षेत्र इसके अन्तर्गत आ गये हैं।
जैव विविधता संरक्षण के उपाय जैव विविधता, पर्यावरण की मौलिकता के लिए नितान्त आवश्यक है। प्राकृतिक वासों का संरक्षण इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास माना जा सकता है। जो प्राकृतिक आवास शेष हैं उनको संरक्षित किया जाये तथा जो नष्ट हो गये हैं उन्हें वृक्षारोपण अथवा प्राकृतिक वन विकास द्वारा पुनः जीवित किया जा सकता है। पर्यावरण की मौलिकता के लिए जैव-विविधता की सुरक्षा एक अनिवार्य शर्त है। प्राणि विज्ञान उद्यानों, वानस्पतिक उद्यानों, जीव बैंकों, पराग एवं जीन बैंकों आदि में देख-रेख के अन्तर्गत प्रजनन क्रिया को विकसित करना चाहिए। जीन बैंक पर प्रतिबन्ध लगाना अत्यन्त आवश्यक है। इनके द्वारा जैव विविधता को भारी क्षति पहुँच रही है।
जैव-विविधता के संरक्षण के लिए पर्यावरण अध्ययन अत्यन्त आवश्यक है। अनेक परियोजनाओं के माध्यम से जैव-विविधता के मूल्याँकन एवं प्रबन्धन की नितान्त आवश्यकता है। जीव-जन्तुओं एवं वनस्पतियों के अभाव अथवा कमी में प्रकृति का स्वरूप क्या होगा इस विषय पर चिन्तन की आवश्यकता है। जैव- विविधता एवं पारिस्थितिकी प्रणाली के संरक्षण के विषय में सभी लोगों को आगे आना होगा।
जैव-विविधता सन्धि सन् 1992 में रियो डी जेनेरो में आयोजित पृथ्वी शिखर सम्मेलन में जैव- विविधता सम्बन्धी समझौता किया गया था। इस सन्धि का अनुमोदन 169 देशों ने किया था। इस समझौते के निम्नांकित मूल बिन्दु थे -
(i) जैव-विविधता के विभिन्न आयामों का व्यापक उपयोग एवं उनका संरक्षण किया जाये।
(ii) प्रजातिगत अन्योन्य स्रोतों से प्राप्त लाभों का न्याय संगत वितरण किया जाये।
(iii) प्राचीन जैव-विविधता को पुनर्जीवित किया जाय।
(iv) नवीन प्रजातियों का विकास कोई भी देश कर सकता है और सामर्थ्यानुसार उनका विश्व व्यापार कर सकता है।
जैव-विविधता संरक्षण संघ समझौता इस समझौते का सूत्रपात सन् 1961 में हुआ था। लेकिन 1966 में यह अस्तित्व में आया। अनेक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर 1972 1978 तथा 1991 में इसमें संशोधन किया गया। पौधों की किसी नई प्रजाति के उत्पादन के संरक्षण की परिस्थितियों का उल्लेख किया गया है। जब ज्ञात प्रजातियों से भिन्न किसी नवीन प्रजाति का विकास किया जाता है तब यह समझौता लागू होता है।
जैव-विविधता एवं पर्यावरण संरक्षण के संगठन एवं एजेंसियाँ जैव-विविधता क्षरण एवं पारिस्थितिक असन्तुलन से होने वाले परिणामों से उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए विश्व स्तर पर अनेक संगठन एवं एजेंसियों की स्थापना की गयी है जो पर्यावरण वानिकी, वन्य जीवन आदि के संरक्षण में कार्य कर रही हैं। कुछ महत्वपूर्ण संगठन एवं एजेन्सियाँ हैं -
(1) प्राकृतिक एवं प्रकृति संसाधनों के संरक्षण हेतु अन्तर्राष्ट्रीय संघ इस संघ की स्थापना 1948 में की गयी। इसका मुख्यालय मोरजेस स्विट्जरलैण्ड में है। यह संयुक्त राष्ट्र संघ एवं अन्य अन्तर्सरकारी एजेंसियों के लिए विश्व वन्य जीव कोष (World Wild Fund WWF) के कार्यों के साथ समन्वय स्थापित कर वैज्ञानिक रूप से संरक्षण तकनीक को बढ़ावा देता हैं।
(2) इन्टरनेशनल कॉउन्सिल ऑफ साइन्टिफिक यूनियन यह एक गैर-सरकारी संगठन है जो पेरिस में स्थित है। यह वैज्ञानिक सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के उपचार में सामाजिक एवं राजनीतिक उत्तरदायित्व सम्बन्धी तत्वों का अध्ययन करके रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
(3) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम इसकी स्थापना 1972 में हुई थी। इसका मुख्यालय नैरोबी (कीनिया) में है। यह एजेंसी संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण एजेंसी है जो पर्यावरण परिरक्षण के लिए अन्तर्सरकारी उपायों के समन्वय के लिए उत्तरदायी है।
(4) पर्यावरण एवं विकास का विश्वव्यापी आयोग - पर्यावरणीय एवं विकास के कार्यों के पुनरीक्षण तथा उनके लिए प्रस्ताव सूत्रबद्ध करने के लिए इस आयोग की स्थापना 1984 में की गयी। प्रत्येक व्यक्ति ज्ञान के स्तर, ऐच्छिक संगठन, सरकारी कार्यों आदि का निर्धारण पर्यावरण के सापेक्ष करता है।
(5) अर्थ स्केन इसकी स्थापना UNEP द्वारा 1976 में की गयी थी। यह सभी प्रकार के पर्यावरणीय मुद्दों पर लेख तैयार कर विकासशील देशों को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से बेंचता है।
(6) पृथ्वी रक्षा कार्यक्रम यह विश्वस्तरीय कार्यक्रम है जिसकी घोषणा 1972 में की गयी। यह पर्यावरण प्रकृति को मॉनिटर करता है।
(7) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में संकटगस्त स्पशीज पर अधिवेशन यह अन्तर्राष्ट्रीय संघ है। इसकी सदस्यता कोई भी देश ग्रहण कर सकता है।
(8) पर्यावरण परिरक्षण एजेन्सी - यह यूनाइटेड स्टेट की एक स्वतन्त्र इकाई है जिसकी स्थापना 1972 में की गयी। वायु, जल, ठोस अपशिष्ट, विकिरण, कीटनाशक, शोर आदि प्रदूषणों से पर्यावरण को परिरक्षित करती है।
(i) मानव एवं जीवमण्डल कार्यक्रम उसकी स्थापना 1971 में हुई थी। यह कार्यक्रम अन्तर्राष्ट्रीय जैविक कार्यक्रम का परिणाम है। यह अपनी 14 परियोजनाओं के साथ अन्य अनेक संगठनों से मिलकर कार्य करता है। इसकी परियोजनायें निम्नलिखित हैं-
(i) पर्यावरणीय गुणवत्ता का आवागमन।
(ii) जीवमण्डल पर पर्यावरणीय प्रदूषण एवं उसके प्रभाव पर अनुसंधान।
(iii) पर्यावरण रूपान्तरण एवं अनुकूलन, जनसंख्या वितरण, आनुवंशिक संरचना तथा इनके मध्य अन्योन्य क्रियायें।
(iv) मानव एवं उसके पर्यावरण पर अभियांत्रिक कार्यों का प्रभाव।
(v) प्राकृतिक क्षेत्रों एवं उनके जीव पदार्थों का संरक्षण।
(vi) पशुचारण भूमियों पर मानव क्रियाओं का प्रभाव।
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- प्रश्न- पर्यावरण के कौन-कौन से घटक हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण का अर्थ बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण की परिभाषायें बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण के विषय क्षेत्र को बताइए तथा इसके सम्बंध में विभिन्न पहलुओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण के मुख्य तत्व कौन-कौन से हैं? स्पष्टतया समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरण भूगोल के विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण के संघटकों को समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरण के जैविक तत्वों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी की मूलभूत संकल्पनाओं का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिकीय असंतुलन के कारणों का परीक्षण कीजिए एवं उसे दूर करने के उपायों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक संतुलन की सुरक्षा हेतु कारगर योजना नीति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी क्या है?
- प्रश्न- पारिस्थितिकी की परिभाषायें बताइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी के उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी समस्याओं के कारकों को बताइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिक सन्तुलन पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- जैविक संघटक के आधार पर पारिस्थितिकी का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में पारस्थितिकी विकास में भौगोलिक क्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्वपारिस्थितिकी किसे कहते हैं?
- प्रश्न- समुदाय पारिस्थितिक क्या है? इसके उपविभाग को समझाइए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक असन्तुलन एवं संरक्षण पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक अध्ययनों के विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मानव पारिस्थितिकी क्या है?
- प्रश्न- ग्रिफिथ टेलर का योगदान क्या है?
- प्रश्न- पारिस्थितिकी तंत्र की संकल्पना, अवयव एवं कार्यप्रणाली की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तंत्र को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- पारितंत्र की संकल्पना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तंत्र की विशेषताओं को बताइए।
- प्रश्न- निवास्य क्षेत्र के आधार पर पारिस्थितिक तंत्र का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तंत्र के संघटकों को बताइए।
- प्रश्न- मनुष्य पारिस्थितिक तंत्र में अस्थिरता उत्पन्न करता है।' व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिकीय दक्षता का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण कैसे निहित है? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण के सन्दर्भ में पारम्परिक ज्ञान से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्राकृतिक आपदा "भूकम्प" की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पारम्परिक ज्ञान क्या है एवं इसके प्रमुख लक्षण बताइए।
- प्रश्न- "प्रकृति को बचाएँ, प्राकृतिक जीवन शैली अपनाएँ।" इस वाक्य पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय पारम्परिक ज्ञान एवं पर्यावरण संरक्षण पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- पारम्परिक ज्ञान को परिभाषित करते हुए उसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- जैव-विविधता से आप क्या समझते हैं? पारिस्थितिक तंत्र की स्थिरता में इसके योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जैव विविधता संरक्षण हेतु भारत के राष्ट्रीय पार्कों तथा अभ्यारण्यों की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पादप संरक्षण से आप क्या समझते हैं? विभिन्न संकटग्रस्त पादपों के संरक्षण के लिए किये गये विभिन्न उपायों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जैव-विविधता के विलोपन (ह्रास) के मुख्य कारण क्या हैं? उनका वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विविधता के संरक्षण के उपायों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैव विविधता के संरक्षण की कौन-कौन सी विधियाँ हैं? पर्यावरण संतुलन में इसकी क्या भूमिका है?
- प्रश्न- जैव विविधता का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जैव विविधता के विभिन्न स्तरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विविधता में ह्रास के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- जैव विविधता संरक्षण के उपाय स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "वनोन्मूलन वातावरण का एक कारक है।' भारत के सन्दर्भ में इसकी विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतवर्ष में वातावरण का विनाश किन-किन क्षेत्रों में सर्वाधिक हुआ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वन विनाश का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत में वनोन्मूलन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- वनों के महत्व को बताइये।
- प्रश्न- भारतीय वन व्यवसाय की समस्यायें बताइए।
- प्रश्न- भारत में वन संरक्षण नीति क्या है?
- प्रश्न- वन संरक्षण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत में वन संरक्षण नीतियों को समझाइए।
- प्रश्न- वन संरक्षण क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- वनों के विकास के कारक बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण के सुधार में वनीकरण की भूमिका क्या है?
- प्रश्न- चिपको आन्दोलन को समझाइए।
- प्रश्न- वन विनाश की समस्या पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मिट्टी के कटाव के प्रमुख प्रकार बताइये, मिट्टी के कटाव के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिए तथा इसके निस्तारण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- मृदा अपरदन से उत्पन्न पर्यावरणीय समस्याएँ क्या हैं? मृदा अपरदन को रोकने के क्या उपाय हैं?
- प्रश्न- मृदा अपरदन से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- मृदा क्षय और मृदा अपरदन रोकने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- मिट्टी अपरदन के कारण क्या हैं? बताइये।
- प्रश्न- मृदा अपरदन में मुख्य रूप से कौन प्रक्रियायें सम्मिलित होती हैं? बताइये।
- प्रश्न- मृदा की अपरदनशीलता से क्या तात्पर्य है? मिट्टियों की अपरदनशीलता किन कारकों पर आधारित होती हैं? बताइये।
- प्रश्न- FAO के अनुसार कौन से कारक मृदा अपरदन को प्रभावित करते हैं बताइये?
- प्रश्न- मृदा संरक्षण के संदर्भ में विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मिट्टी की थकावट क्या है?
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण के कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण के प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- मरुस्थलीय प्रक्रिया के प्रमुख रूपों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण नियंत्रण के उपायों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मरुस्थल कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- भारत के भेद में मरुस्थलीकरण के निरन्तर विस्तार को समझाइये |
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण भारत की मुख्य समस्या है। प्रदूषण समस्या की समीक्षा निम्नलिखित संदर्भ में कीजिए (i) वायु प्रदूषण (ii) जल प्रदूषण।
- प्रश्न- जल प्रदूषण की परिभाषा दीजिए। जल प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों का वर्णन करते हुए नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- जल संरक्षण एवं प्रबन्धन के महत्व की विवेचना करते हुए जल संरक्षण एवं प्रबन्धन की प्रमुख विधियों का विवरण लिखिए।
- प्रश्न- प्रदूषण किसे कहते हैं? वायु प्रदूषण के कारण एवं नियंत्रण का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट से क्या आशय है? ठोस अपशिष्ट के कारणों तथा प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण की परिभाषा बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण के सामान्य कारणों को बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण संतुलन से क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषक क्या है? इनके प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण क्या है?
- प्रश्न- वायु प्रदूषण की परिभाषा बताइये।
- प्रश्न- वायु प्रदूषकों के प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- भारत के सन्दर्भ में वायु प्रदूषण की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण का पर्यावरण में प्रभाव को बताइए, तथा विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण रोकने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- जल प्रदूषण की प्रकृति को बताइए।
- प्रश्न- जल प्रदूषण का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- गंगा प्रदूषण पर निबंध लिखिए या गंगा प्रदूषण की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- किन प्रमुख स्रोतों से गंगा का जल प्रदूषित हो जाता है कारण बताइए।
- प्रश्न- गंगा जल प्रदूषण को रोकने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- जल प्रदूषण के प्रभावों को बताइए तथा इन कारकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ध्वनि प्रदूषण के कारण एवं नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मृदा प्रदूषण से आप क्या समझते हैं? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- मृदा की गुणवत्ता में हास या अवनयन किन-किन कारणों से होता है, बताइए?
- प्रश्न- मृदा प्रदूषण के कारकों को बताइए तथा मिट्टी प्रदूषकों के नाम बताइए।
- प्रश्न- मिट्टी प्रदूषण के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- मिट्टी प्रदूषण के कुप्रभाव बताइए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्टों के घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट प्रदूषण की परिभाषा बताइए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट के स्रोत बताइए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट के प्रकार बताइये तथा प्रत्येक की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्टों का प्रदूषण में क्या योगदान है विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट पदार्थों के निपटान के बारे में सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- ध्वनि प्रदूषक क्या हैं?
- प्रश्न- प्रदूषित पेयजल जनित रोग बताइए?
- प्रश्न- "पर्यावरण प्रदूषण एक अभिशाप है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जल संरक्षण की विधियों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट क्या है?
- प्रश्न- गंगा एक्शन प्लान (GAP) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- टिहरी उच्च बाँध परियोजना के क्या कारण थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- टाइगर प्रोजेक्ट के विशेष सन्दर्भ में वन्य जीवन परिसंरक्षण की सार्थकता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत की बाघ परियोजना का विस्तार से वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- नर्मदा घाटी परियोजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नर्मदा घाटी से सम्बन्धित पर्यावरणीय चिन्ताएँ क्या हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गंगा एक्शन प्लान की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- टिहरी बाँध परियोजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- टिहरी बाँध परियोजना के क्या उद्देश्य थे?
- प्रश्न- भारत में कितने टाइगर अभयारण्य हैं?
- प्रश्न- भारत में टाइगर प्रोजेक्ट योजना का निर्माण क्यों आवश्यक था?
- प्रश्न- गंगा कार्य योजना (गंगा एक्शन प्लान) के संस्थागत पहल के विषय में बताइए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन को समझना क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- ग्लोबल वार्मिंग क्या है? इसके मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक उष्णता से आप क्या समझते हैं? इसके कारण तथा प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हरित गृह प्रभाव की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हरित गैस के प्रमुख स्रोत बताइए।
- प्रश्न- हरित गृह द्वारा कौन-कौन सी समस्यायें उत्पन्न होती हैं? समझाइए।
- प्रश्न- हरित गृह प्रभाव की रोकथाम को बताइए।
- प्रश्न- ओजोन क्षरण से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- ओजोन परत क्षरण के कारण लिखिए।
- प्रश्न- भूमण्डलीय ताप वृद्धि के प्रभाव क्या है?
- प्रश्न- प्रमुख भूमण्डलीय समस्याओं को बताइये।
- प्रश्न- भूमण्डलीय तापन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम पृथ्वी सम्मेलन (रियो सम्मेलन) के प्रमुख मुद्दों को बताइए।
- प्रश्न- प्रथम पृथ्वी सम्मेलन के मुद्दों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक ताप वृद्धि के निवारक उपाय बताइए।
- प्रश्न- भारतीय पर्यावरण विधियों (अधिनियमों) की कमियाँ बताइये।
- प्रश्न- भारत पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक जलवायु आकलन आई.पी.सी.सी. पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आई.पी.सी.सी. की मूल्यांकन रिपोर्ट का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल की व्याख्या कीजिए एवं आई.पी.सी.सी. की आकलन रिपोर्ट बताइए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन क्या है एवं इसके कारकों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन के संभावित वैश्विक प्रभाव को बताइए।
- प्रश्न- एशियाई क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना का वर्णन एवं इसके मिशन को भी बताइए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सौर मिशन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिये राष्ट्रीय मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- सुस्थित निवास पर राष्ट्रीय मिशन का लक्ष्य बताइए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जल मिशन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुस्थिर हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र हेतु राष्ट्रीय मिशन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हरित भारत हेतु राष्ट्रीय मिशन का लक्ष्य क्या है .
- प्रश्न- सुस्थिर कृषि पर राष्ट्रीय मिशन की व्याख्या करें।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन हेतु रणनीति ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "जलवायु परिवर्तन एवं भारतीय स्थिति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन के सम्बन्ध में भारत और अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन के प्रतिकार के प्रस्ताव की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु हितैषी उपायों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर निगरानी रखने से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अनुसंधान क्षमता और संस्थागत आधारभूत संरचना का निर्माण जलवायु परिवर्तन के लिये क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर शैक्षिक ढाँचा क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप से क्या आशय है? प्राकृतिक एवं मानव जनित प्रकोपों की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप तथा विनाश का अर्थ एवं परिभाषा को बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- प्राकृतिक प्रकोप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मानव जनित प्रकोप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रकोप के प्रति सामाजिक प्रतिक्रिया की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्राकृतिक प्रकोपों तथा आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए प्रबंधन के अन्तर्गत किन- किन पक्षों को सम्मिलित किया जाता है।
- प्रश्न- Idndr के तहत प्रकोप नयूनीकरण कार्यक्रम के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- सूखा प्रकोप से आप क्या समझते हैं? सूखा प्रकोप के प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- सूखा नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- बाढ़ प्रकोप से आप क्या समझते हैं? बाढ़ के कारण बताइए।
- प्रश्न- बाढ़ नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भूकम्प प्रकोप का सामान्य परिचय देते हुए उनके प्रभावों को बताइए।
- प्रश्न- भारत के जोखिमकारी अवशिष्टों का प्रबन्धन क्यों आवश्यक है एवं देश में जोखिमकारी अवशिष्टों को पर्यावरणीय अनुकूलन की दृष्टि से प्रबन्धित करने हेतु विभिन्न हस्तक्षेपों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से जैव विविधता के सामने प्रस्तुत खतरे और समाधान को बताइए।
- प्रश्न- "आक्रामक विजातिय प्रजातियों से नियंत्रित होने का खतरा बना रहता है। कथन की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जोखिमकारी अवशिष्टों के उत्पन्न होने के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- अवशिष्टों की उत्पत्ति पर कैसे नियंत्रण किया जा सकता है?
- प्रश्न- "पुनर्उपयोग, पुनः प्राप्त करना पुनर्चक्रणीय जोखिमकारी अवशिष्ट" की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जोखिमकारी नियामक ढाँचे से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- 'अधिवास के नुकसान से दबाव, अवमूल्यन में कमी से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय वानिकी और पारिस्थितिकीय विकास बोर्ड के कार्य बताइए।
- प्रश्न- प्राकृतिक आपदाओं के प्रकार एवं आपदा प्रबन्धन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कृषि व सिंचाई की दृष्टि से जल की उपलब्धता व सूखे का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सूखा-प्रणत क्षेत्र कार्यक्रम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आपदा के समय क्या करना एवं क्या न करना चाहिए?
- प्रश्न- प्राकृतिक आपदाएँ एवं प्रबन्धन के विषय में बताइए।
- प्रश्न- प्राकृतिक आपदाओं से अत्यधिक प्रभावित राज्य कौन से हैं?
- प्रश्न- सूखा अथवा अनावृष्टि को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- जल की उपलब्धता पर सूखे के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुनामी आपदा क्या है? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय तटों पर सुनामी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 26 दिसम्बर 2004 का सुनामी आपदा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुनामी द्वारा लाये गये परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 2013 की अनावृष्टि (सूखा) का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- परमाणु आपदा का विवरण दीजिए। इससे होने वाले विनाशों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक आपदा क्या है? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- किसी आपात या रासायनिक आपात स्थिति के दौरान क्या करना चाहिए?
- प्रश्न- नाभिकीय / रेडियोधर्मी प्रदूषण को रोकने के उपाय का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भू-स्खलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।