बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन
प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
अथवा
हेनरी किसिंजर के परमाणु भयादोहन के विचारों का उल्लेख कीजिये।
अथवा
'हेनरी किसिंजर के परमाणु भयादोहन सिद्धान्त ने निःशस्त्रीकरण को प्रभावित किया। विवेचना कीजिए।
अथवा
परमाणु युगीय स्रातजी एवं भयादोहन पर एक टिपणी लिखिये।
उत्तर -
सन् 1945 ई. में द्वितीय विश्वयुद्ध में परमाणु बमों के प्रयोग से हुई विनाश लीला ने विश्व युद्धोत्तर राजनीति, युद्ध-सिद्धान्त व युद्धों की प्रकृति को व्यापक रूप से प्रभावित किया। यद्यपि अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति का संचालन व सम्पूर्ण युद्ध सम्बन्धी अवधारणायें इन असीमित विनाशक क्षमता युक्त हथियारों से निर्धारित व नियंत्रित होती रही हैं तथापि परमाणु युद्ध सम्बन्धी सिद्धान्तों का विचारधाराओं पर सैन्य विचारकों में मतभेद रहा है। जहाँ एक तरफ कुछ विचारकों ने सीमित आण्विक युद्धों को राष्ट्रीय नीतियों के संचालन में उपयोगी माना है वहीं कुछ ने इसे राजनैतिक अस्त्र की संज्ञा दी है। इस सन्दर्भ में हेनरी किसिंजर के विचार कुछ इस प्रकार हैं-
हेनरी किसिंजर की विचारधारा सीमित आण्विक युद्ध स्त्रातेजी सम्बन्धी हेनरी किसिंजर की विचारधारा राबर्ट आसगुड की तरह दार्शनिक अवधारणाओं पर आधारित न होकर स्पष्ट व यथार्थवादी सिद्धान्तों पर केन्द्रित है। इन्होंने अपनी पुस्तक 'ल्यूकलीयर वेपन्स एण्ड फॉरेन पॉलिसी' में शस्त्र क्रान्ति और असीमित परमाणु शक्ति के विस्तार को दृष्टिगत रखते हुये अवधारणा की स्त्रातेजी का जोरदार समर्थन किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि, वर्तमान परिस्थितियों में विश्व के समक्ष शान्ति का कोई विकल्प नहीं है।"
हेनरी किसिंजर ने परमाणु आयुधों के प्रयोग से होने वाले विश्व विनाश का यथार्थ मूल्यांकन कर परमाणु युद्ध के खतरों के प्रति विश्व मानवता को सचेत किया है और स्पष्ट लिखा है कि :- "वर्तमान परिस्थितियों में विश्व के समक्ष शान्ति का कोई विकल्प नहीं है। उसकी इस अभिव्यक्ति का एकमात्र उद्देश्य विश्व के मानव समाज को विशेषकर प्रजातांत्रिक देशों के जनमत को अपनी- अपनी सरकारों को युद्ध से अलग रहने की नीति का अनुपालन करने के लिये बाध्य करना है, क्योंकि प्रजातन्त्र में जनमत की उपेक्षा करके कोई भी सरकार लम्बी अवधि तक सत्ता में नहीं रह सकती है।
हेनरी किसिंजर ने आणविक हथियारों की विस्मयकारी शक्ति को ध्यान में रखकर यह बताया कि इसकी असीम विनाशक क्षमता से एक तरह से युद्ध पर अन्तर्निहित प्रतिबन्ध लग जाने के परिणामस्वरूप अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं के समाधन में कूटनीति की उपादेयता बढ़ गयी है।
हेनरी किसिंजर ने विशेषकर परमाणु युद्ध को अत्यधिक अलाभकारी कृत्य बताया है। उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि परमाणविक युद्ध से राष्ट्रीय हितों को कदापि प्राप्त नहीं किया जा सकता है, क्योंकि परमाणु युद्ध पूर्णरूप से विनाशकारी होते हैं। अतः इसमें विजय प्राप्त कर लेने पर भी विजेता को कोई भौतिक लाभ कदापि प्राप्त न हो सकेगा, जबकि राष्ट्रीय नीति का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों का संरक्षण एवं संवर्धन है जो परमाणु युद्ध में कभी सम्भव नहीं है, क्योंकि इस युद्ध में विजेता को बहुत कुछ खोना पड़ता है।
कोरिया के युद्ध में अमेरिका के आणविक हथियारों की भूमिका से प्राप्त शिक्षाओं के बावजूद किसिंजर ने बताया कि आण्विक युद्ध सम्बन्धी सिद्धान्त व शस्त्रीकरण में प्रदर्शित शिथिलता से विश्व के अन्य देश भविष्य में उसे (अमरीका को) आक्रमण की धमकी दे सकते हैं। इसीलिए अमेरिकी स्त्रातेजी की मूल समस्या निवारण स्थिति में असफल होने पर निवारण की नीति व युद्ध स्त्रातेजी के पारस्परिक सम्बन्धों की सुदृढ़ता व इसकी सम्भावित परिस्थितियों पर आधारित होनी चाहिए।
हेनरी किसिंजर ने अप्रत्यक्ष रूप से विश्व के राष्ट्रों को परमाणु आयुधों के विकास और निर्माण से बचने की सलाह दी है।
हेनरी किसिंजर ने लिखा है कि, “नाभिकीय युग की दुविधाजनक स्थिति ने हमें कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है। अति आधुनिक शस्त्रों ने युद्ध की कल्पना को भयावह बना दिया है। लेकिन उसका जोखिम न उठाने का मतलब है सोवियत रूस को ब्लैंक चैक देना। इससे पहले हम कभी इतने शक्तिशाली नहीं थे। हमें आज यह समझना है कि शक्ति अगर लक्ष्यों से सम्बन्धित न हो तो वह हमारी इच्छा शक्ति और मनोबल को शिथिल कर देगी। हमें इन दोनों में सन्तुलन स्थापित करना होगा। आज युद्ध नीतियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि हम अपनी शक्ति का निर्धारित नीति के लक्ष्यों के लिये किस तरह उपयोग करें। एक-दूसरे के प्रति भय और सन्देह ने सुरक्षा के नाम पर दुनिया को एक ऐसे चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है जहाँ हर कदम पर खतरा मंडरा रहा है। अतः यह स्थिति हमें राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा विवाद और प्रभाव क्षेत्र आदि सभी प्रसंगों पर व्यापक दृष्टिपात करने के लिये मजबूर करती है।"
हेनरी किसिंजर ने सीमित युद्ध सम्बन्धी अपनी अवधारणा के अन्तर्गत सोवियत साम्राज्यवाद द्वारा अमेरिकी नागरिकों में उत्पन्न होने वाले भय तथा खतरे के सम्यक प्रतिकार को प्राथमिकता दी तथापि उन्होंने इस सिद्धान्त के अन्तर्गत मनोवैज्ञानिक तथ्य को प्रमुख माना।
उन्होंने पूर्ण युद्ध व सीमित युद्ध हेतु निर्धारित नीति, सैन्य प्रशिक्षण, लक्ष्य सैन्य संगठन व सामरिकी के पारस्परिक भेद पर प्रकाश डालते हुए स्पष्ट किया कि जहाँ एक ओर पूर्ण युद्ध में शत्रु प्रतिकारात्मक क्षमता को समाप्त करने की विधि अपनाई जाती है वहीं सीमित युद्ध के लक्ष्य, क्षेत्र व संसाधन आदि मुख्यतः सीमित ही होते हैं।
अन्त में हम यह कह सकते हैं कि परमाणु आयुधों तथा भयादोहन के सन्दर्भ में हेनरी किसिंजर के विचार अत्यधिक महत्वपूर्ण तथा सामयिक हैं जिससे प्रेरणा लेकर परमाणु निःशस्त्रीकरण की गति को तेज किया जा सकता है।
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- प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
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- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
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- प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
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- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
- प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
- प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
- प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
- प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
- प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
- प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
- प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
- प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
- प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
- प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
- प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।