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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2635
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन

प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।

अथवा
'मनोवैज्ञानिक युद्ध में बुद्धि परिवर्तन का अत्यधिक महत्व है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।

उत्तर -

बुद्धि परिवर्तन अथवा मस्तिष्क प्रक्षालन
(Brain Washing )

संसार में जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य विभिन्न रूप से जीवन भर आपेक्षित मानसिक दबाव के अंतर्गत जीवन व्यतीत करता है। इस दबाव के फलस्वरूप मनुष्य की प्रकृति, चिन्तन तथा विश्लेषण आदि में काफी परिवर्तन आ जाता है। यह एक प्राकृतिक रूप से हुआ बुद्धि परिवर्तन होता है किन्तु आधुनिक युग में मनोवैज्ञानिक युद्धों के अंतर्गत बुद्धि परिवर्तन को एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता है। बुद्धि परिवर्तन का मूल उद्देश्य व्यक्ति की संपूर्ण चिन्तन प्रक्रिया को थका करके निहित स्वार्थों का परिपोषण करके, चिन्तन करने वाली प्रक्रिया को प्रारम्भ करना है। प्रायः युद्ध अपराधी के मन मस्तिष्क को आमूल परिवर्तित करने के लिए जो सुनियोजित ढंग से प्रचार किया जाता है, उसी का नाम मस्तिष्क प्रक्षालन अथवा बुद्धि परिवर्तन है।

श्री डी० एन० सिंह के शब्दों में "बुद्धि परिवर्तन वह विधि है जिसके द्वारा व्यक्तियों के मस्तिष्क से पूर्ण संचित विचारों आदर्शो मनोवृत्तियों, मान्यताओं तथा पूर्व धारणाओं को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाता है तथा उसके स्थान पर अपने आदर्शो विचारों, भावनाओं, अभिवृत्तियों आदि को उसके मस्तिष्क में प्रवेश कराया जाता है।

इस प्रक्रिया में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि व्यक्ति अविश्वसनीय बातों में भी विश्वास करने लगे।

1962 के भारत-चीन संघर्ष में भारतीय युद्ध बन्दियों के प्रति चीन ने इसी प्रकार का प्रयोग करके भारतीय सैनिकों का मस्तिष्क परिवर्तित करने का प्रयास किया था।

बुद्धि-परिवर्तन हेतु उपयुक्त स्थिति

बुद्धि परिवर्तन के लिए कुछ ऐसी उपयुक्त स्थिति तथा दशायें होती हैं जिसमें किसी व्यक्ति का बुद्धि परिवर्तन आसानी से किया जा सकता है। इन स्थितियों या दशाओं को 'ट्रिपल डी' (Triple 'D' ) कहते हैं। ये दशायें निम्नलिखित हैं-

(1) शारीरिक निर्बलता (Diability) - युद्धबन्दी शिविरों में ऐसी भौतिक परिस्थितियाँ उत्पन्न कर दी जायें, जिनके कारण सैनिक का शरीर शनैः शनैः क्षीण होता जाये, जैसे- जिस कमरे में सैनिक को रखा जाये उसमें स्थान की कमी हो वहाँ रोशनी का अभाव हो तथा वहाँ का वातावरण दूषित हो। इस परिस्थिति में वह शारीरिक तौर पर कमजोर हो जाता है तो वह शीघ्र ही किसी भी बात को मानने के लिए तैयार हो जाता है।

(2) निर्भरता (Dependency) - युद्ध बन्दियों या जिसका बुद्धि परिवर्तन करना है उसे सभी प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दूसरों पर निर्भर कर देना चाहिए।

(3) त्रास (Dread) - इस क्रिया के अतंर्गत मनुष्य को बन्दी बनाकर तरह तरह की यातनायें दी जाती है जैसे शारीरिक दंड तथा एकान्त में रख देना जहाँ कोई भी सुविधा न हो। इस प्रकार तरह-तरह की यातनाओं के द्वारा मनुष्य शारीरिक व मानसिक रूप से टूट जाता है और फिर उससे कोई भी कार्य करवाया जा सकता है।

इन तीनों परिस्थितियों में सैनिक साधारणत: निर्बल हो जाता है। उसमें आत्मनिर्भरता का हास हो जाता है तथा साथ ही सैनिक का मानसिक संतुलन भी बिगड़ जाता है। इन सबका परिणाम यह होता है कि बन्दी सैनिकों पर उन बातों का प्रभाव अधिक पड़ने लगता है, जो निरन्तर उसके सामने आती रहती है और अन्ततः बन्दी सैनिक उन बातों को मान भी लेता है।

बुद्धि परिवर्तन की तकनीक

बुद्धि परिवर्तन एक जटिल प्रक्रिया के साथ ही एक अनोखा कार्य भी है। इसकी तकनीक के अंतर्गत प्यार, मधुरता, जैसे सरल व सहज तर्कों से लेकर कठोरतम शारीरिक एवं मानसिक यातनाओं का प्रयोग किया जाता है। इसे हम मानसिक प्रक्रिया भी कह सकते हैं। चूँकि हर मनुष्य की मानसिक कमजोरी तथा विशेषताएँ अलग-अलग होती है और एक व्यक्ति जिस कार्य को घृणित समझता है दूसरा व्यक्ति उसी कार्य को प्यार से देखता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क को बदलने के ढंग भी अलग-अलग होते हैं। बुद्धि-परिवर्तन आसान कार्य नहीं है, इसलिए बुद्धि परिवर्तन का प्रयास विभिन्न तकनीकों द्वारा निरन्तर करते रहना चाहिए। प्रमुख रूप से बुद्धि परिवर्तन की तकनीक को दो भागों में बांट सकते हैं-

(1) दमनकारी प्रक्रिया बुद्धि परिवर्तन की इस प्रक्रिया में सम्बन्धित व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक यातनायें देना व नियंत्रित करना होता है। इस तकनीक को तीन भागों में बाँटा जा सकता है- (क) एकान्त में रखना एकान्त से तात्पर्य जान-पहचान के लोगों से अलग रखना, सम्बन्ध व वार्तालाप में बाधा डालना घरेलू समाचारों से वंचित करना व केवल निराशाजनक व कष्टप्रद पंगो को ही देना 'हम' की सामूहिक भावना से वंचित करना, विश्वासों व मान्यताओं को खंडित करना, भय व प्रताड़ना के माध्यम से सहन शक्ति को क्षीण करना आदि आ जाता है।

(ख) विचार नियंत्रण इस अवस्था में बन्दियों को भूख, प्रताड़ना और मृत्यु तथा सहयोग में से किसी एक को चुनने के लिए विवश किया जाता है। जो विरोध करते हैं उन्हें दंडित किया जाता है और जो सहयोग करते हैं उन्हें अनेक सुविधायें दी जाती है। विचार नियंत्रण की अवस्था में उन्हें किंकर्तव्यविमूढ़ कर दिया जाता है।

(ग) राजनैतिक अनुकूलन पहले की धारणाओ को समाप्त करने के बाद अब वहाँ बन्दियों में अपने अनुकूल विचारधारा व सिद्धान्तों का रोपण किया जाता है। इस अवस्था में भी विरोध करने वाले को दंडित किया जाता है तथा सहयोग करने वाले को पुरस्कृत किया जाता है।

विचारारोपण एवं प्रतीतिकरण की प्रक्रिया

इसके लिए मनुष्यों को समूहों में संगठित करके तथा पुनः हर एक को अलग-अलग करके उनकी इच्छाओं के विरूद्ध इस प्रकार की शिक्षा दी जाती है। जिससे उनके मस्तिष्क में तनाव व्याप्त रहता है तथा वे लोग अपने को मानसिक रूप से थका हुआ अनुभव करते हैं। अन्त में परेशानी की हालत में उनसे जो कुछ कहा जाता है, उसे वे स्वीकार कर लेते हैं। इस प्रक्रिया को विचारारोपण कहते हैं।

बुद्धि परिवर्तन से बचने के उपाय - विलियम सार्जेन्ट ने अपनी पुस्तक "बैटल फॉर दि माइण्ड" में बुद्धि परिवर्तन की विधियों से बचने के निम्नलिखित उपाय बताये हैं-

(i) उच्च आदर्श एवं विचारधारा सम्बन्धी दृढ़ धारणा।

(ii) जीवन के प्रति आनन्ददायक दृष्टिकोण से युक्त सामान्य व संपूर्ण व्यक्तित्व की सुनिश्चितता।

(iii) तर्क वितर्क में न पड़ना।

(iv) दुःख व थकान से बचना और यदि संभव हो तो सोने का प्रयास करना।

(v) विनोद-प्रियता की भावना को बनाये रखना।

सैनिकों को इस बात का प्रशिक्षण दिया जाये कि युद्धबन्दी होने की स्थिति में पूछताछ के दौरान केवल अपना नाम, रैंक, सेवा नम्बर और जन्मतिथि के अतिरिक्त और कुछ न बतायें।

सैनिकों में अपने आदर्श एवं विचारधारा के प्रति धारणा पैदा कर दी जाए। उनमें देश भक्ति की भावना कूट-कूट कर भर दी जाये तथा उनके दृष्टिकोण को ऐसा बना दिया जाये कि वे अपने जीवन शैली के प्रति पूर्णत: सन्तुष्ट हो सके तथा दूसरों के तर्कों को मजाक में उड़ा सके, तर्क वितर्क से बचे रहे तथा अपने अन्दर असीम सहन शक्ति पैदा कर सकें तो वे बुद्धि-परिवर्तन की कठोर प्रक्रिया से स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं।

युद्ध काल में परिस्थितियाँ निरन्तर बदलती रहती है इसलिए ऐसी स्थिति में यदि संभव हो तो कुछ दिन तक सहन शक्ति का परिचय देते हुए किसी विरोधी के प्रश्नों का उत्तर न दिये जाये तो स्थितियों को बदलने के साथ ही साथ उसकी जानकारी भी महत्वहीन हो जाती है व उस पर पूछने वाले का दबाव स्वतः ही कम हो जाता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  2. प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
  3. प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  4. प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  5. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
  6. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  7. प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
  8. प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
  9. प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
  10. प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  13. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
  14. प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
  15. प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
  19. प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
  20. प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
  21. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
  22. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
  23. प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
  25. प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
  26. प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
  27. प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
  29. प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
  30. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  31. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
  33. प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
  34. प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
  35. प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
  40. प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
  41. प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
  42. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  43. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
  44. प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
  47. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  48. प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
  51. प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
  54. प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
  56. प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  59. प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  60. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
  61. प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
  65. प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
  66. प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
  68. प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
  69. प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
  70. प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
  71. प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
  72. प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
  73. प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
  74. प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
  75. प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
  76. प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
  77. प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
  78. प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
  80. प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
  81. प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
  82. प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  83. प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
  84. प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  85. प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
  86. प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
  87. प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
  89. प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
  91. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  92. प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
  93. प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
  94. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  95. प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
  96. प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।

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