बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन
प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
अथवा
छापामार युद्धकला की व्याख्या कीजिए और किसी देश में छापामार युद्ध किस प्रकार लड़ा गया? उदाहरण देकर बताइए।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. चीन के क्रान्तिकारी युद्ध की व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
माओत्सेतुंग द्वारा 1921 में चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना करने के उपरान्त च्यांग काई शेक के साथ चीन के स्वाधीनता आन्दोलन में सक्रिय भाग लेना प्रारम्भ कर दिया गया। इसी बीच साम्यवादियों व राष्ट्रवादियों के मध्य मतभेद उत्पन्न हो जाने के परिणामस्वरूप माओत्सेतुंग ने सन् 1972 में मार्शल चूतेह (Marshal Chu Teh) के साथ लाल सेना (Red Army) का गठन किया और राजनीतिक रूप से जागृत किया किसानों व मजदूरों की सहायता से च्यांग काई शेक के विरुद्ध अनियमित सैन्य कार्यवाहियाँ प्रारम्भ कर दी। सैन्य कार्यवाहियों के समानान्तर माओ गांवों में साम्यवाद की विशेषताओं का प्रचार-प्रसार करके अपनी शक्ति की वृद्धि हेतु भी प्रयत्नरत रहा। उसे यह विश्वास था कि चीन जैसे देश में जहाँ 17 क्रान्तिकारी आन्दोलन हो चुके थे, केवल वही दल सफलता प्राप्त कर सकता है जिसे कृषकों का सहयोग व सहानुभूति प्राप्त होगी। अतएव उसने चीन के दरिद्र किसानों की दरिद्रता दूर करने हेतु जमींदारों से जमीनें छीनकर भूमिहीन कृषकों को बांटना शुरु कर दिया। उसने प्रचार द्वारा चीनी जनता में यह विश्वास उत्पन्न कर दिया कि उनकी दरिद्रता का कारण जमींदार, पूँजीपति और विदेशी साम्राज्यवादी हैं। माओ ने न केवल जमींदारों से भूमि छीनकर किसानों को दी अपितु जमींदारों पर कर भी लगाये तथा इससे प्राप्त धन कृषकों में बांटा गया। फलतः जमीन और उनकी सुरक्षा प्रात हो जाने पर कृषक माओ की सेना में भर्ती होने लगे। जो सेना में नहीं जा सकते थे उन्होंने गृह रक्षक दल का संगठन करके पुलिस की भांति अपने गांवों की सुरक्षा का दायित्व संभाला। इसी समय माओ ने छापामार यूनिटों का भी गठन किया और उन्हें शत्रु की कमजोर चौकियों पर छापामार कर शस्त्र एकत्रित करने का कार्य सौंपा।
अपने सैन्य सामर्थ्य में पर्यात वृद्धि एवं विशाल जन सहयोग प्रात करने के पश्चात माओ ने अपने शत्रु च्यांग काई रोध के विरुद्ध एक लाख लाल सैनिकों को साथ लेकर उत्तर चीन की ओर प्रस्थान किया। इस यात्रा मे केवल 40,000 माओ के सैनिक जीवित बचे जिनमें 20 हजार वे नवयुवक थे जो अभियान के दौरान साम्यवादियों के समूह में भर्ती हुए थे। सन 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध की समाति के समय सम्पूर्ण चीन पर माओ की कम्युनिस्ट लाल सेना का अधिपत्य हो गया। फलतः च्यांग व उसकी राष्ट्रवादी सेनाओं को अक्टूबर 1949 में भाग कर अन्ततः फारमोसा ( ताईवान) में शरण लेनी पड़ी।
इस सम्पूर्ण सैन्य कार्यवाही तथा कृषक क्रांति के दौरान छापामार युद्धकला का सर्वाधिक प्रयोग किया गया। सन् 1927 के संघर्ष एवं सितम्बर 1951 में जापान द्वारा मंचूरिया पर अधिपत्य करने के दौरान छापामार युद्धकला का बहुतायत प्रयोग किया गया। इन छापामार कार्यवाहियों की सफलता हेतु जन सहयोग प्रात करने पर विशेष बल दिया गया।
कृषक क्रान्ति के दौरान माओ ने अपनी छापामार सैन्य टुकड़ियों को कुछ विशेष नियमों का पालन करने का सख्ती से निर्देश दिया
(1) जब तुम किसी का घर छोड़ो तो दरवाजे बन्द कर दो।
(2) जिस चटाई पर तुम सोये हो उसे समेट कर वापस दे दो।
(3) जनता के साथ नम्रता व सभ्यता का व्यवहार करो तथा अवसर मिलने पर उनकी सहायता करो।
(4) समस्त मांगी हुई वस्तु वापस कर दो।
(5) टूटी सामग्री को बदल दो।
(6) कृषकों के साथ सदैव ईमानदारी से व्यवहार करो।
(7) जो चीजें लो उनका मूल्य दे दो।
(8) सदैव स्वच्छ रहो।
माओ के उक्त नियमों के आधार पर यह स्पष्ट हो जाता है कि इनके कठोर अनुपालन से सम्बन्धित क्षेत्र का जन सहयोग अपने पक्ष में हो जाता है, जो कि गुरिल्ला युद्ध का प्रथम व अनिवार्य अंग है।
इसके अतिरिक्त चीन की कृषक क्रांति में माओ ने अत्यन्त कुशल नेतृत्व एवं अनुशासन के द्वारा गुरिल्ला संक्रियाओं को सफल बनाया। राष्ट्रवादी सेनाओं पर अचानक आक्रमण करके उनके हथियार एवं रसद आदि को लूटकर उनमें भय उत्पन्न करके मानसिक रूप से कमजोर बनाने का कार्य भी गुरिल्लों को ही दिया जाता था। माओ के शब्दों में "यह एक अवश्यम्भावी प्रक्रिया है, इसमें शीघ्रता की आवश्यकता नही होती शत्रु जितना ही अधिक सेना व साज-समान युद्ध में झोंकता है उतना ही गुरिल्लों के हाथ में फंसता जाता है।
इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि चीन की कृषक क्रांति में छापामार युद्ध कला ने सर्वाधिक योगदान दिया।
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- प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
- प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
- प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
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- प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
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- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
- प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
- प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
- प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
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- प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
- प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
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- प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
- प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
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- प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
- प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
- प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
- प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
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- प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
- प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।