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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2635
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन

प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?

उत्तर-

स्त्रातेजी का उद्देश्य
(Aim of Strategy)

डॉ. लल्लन सिंह के शब्दों में "स्त्रातेजी का सामान्य उद्देश्य है कि कम से कम सैन्य ★ साधनों का प्रयोग करके शत्रु को परास्त कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाए।

कूट योजना का लक्ष्य शत्रु को अधिक हानि पहुँचाना होता है। कुछ विद्वान शत्रु को पूर्ण रूप से नष्ट करने का ध्येय मानते हैं।

क्लॉजविट्स शत्रु को पूर्ण विध्वंस कर देना लक्ष्य मानता है। परन्तु वर्तमान समय में क्लॉजविट्ज * का यह कथन सत्य नहीं हो पाया है, क्योंकि आधुनिक काल में कूटयोजना का उद्देश्य है कि कम से कम लड़ाई के साथ उद्देश्य को प्राप्त कर लिया जाएं। शत्रु पर विजय पाने का अर्थ यही नहीं है कि उसे पूर्ण रूप से नष्ट कर दिया जाय वरन् शत्रु या शत्रु सेना को आत्मसमर्पण के लिये विवश किया जाय। इतिहास में इस प्रकार के प्रमाण भरे पड़े हैं जहाँ कहीं भी बुद्धिमानी के साथ स्त्रातेजी का प्रयोग किया गया है वहाँ उसका परिणाम सुखद हुआ है। क्लॉजविट्ज ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि सभी सैनिक कार्यवाहियाँ कुशल सैन्य शक्ति तथा उसके प्रभावों पर आधारित है, परन्तु जब युद्ध शुरू होता है तो प्रायः राष्ट्र शक्ति अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं करते हैं पर यदि बुद्धि रूपी शस्त्र का प्रयोग कुशलतापूर्वक किया जाय तो उसके परिणाम भी प्रभावशाली होते हैं। इसीलिये आधुनिक विद्वानों की राय में कम से कम सैनिक साधनों का प्रयोग करते हुए अपने सैनिक लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाए। शत्रु विवश हो सकता है कि वह अपनी सम्पूर्ण सेवा का नष्ट न होने दे वरन् आत्म समर्पण कर दे। स्त्रातेजी की सफलता की नीति यही है कि वह सैनिक सामग्री को अपव्यय से बचाते हुए शत्रु को परास्त कर दे। शत्रु को परास्त करने का अर्थ उसे सैनिक दृष्टि से नष्ट करना नहीं है, वरन् उसको घुटने टेकने के लिये विवश करना होता है। शत्रु को आत्मसमर्पण करने के लिए उसी समय विवश किया जा सकता है जबकि उसके सामने ऐसी दशा पैदा कर दी जाय कि वह युद्ध जारी न रख सके या उसे विश्वास दिला दिया जाय कि यदि उसने युद्ध जारी भी रखा तो वह पराजय के मुँह में अवश्य जाएगा। शत्रु को इस प्रकार का विश्वास उसी स्थिति में हो सकता है जबकि वह शत्रु को विपरीत परिस्थिति में फंसा दे। ऐसा करने से युद्ध में अधिक शक्ति नष्ट नहीं करनी पड़ेगी। शत्रु शस्त्र डालने के लिए विवश हो जाएगा। इस प्रकार स्त्रातेजी के निम्नांकित दो उद्देश्य होते हैं।

1. अपने लिये ऐसी परिस्थितियाँ बनाना कि शत्रु के मुकाबले में अपनी स्थिति अच्छी हो जाये।

2.शत्रु के लिए इसी कार्य हेतु परिस्थितियाँ को बनाना, जो उसके लिये विपरीत पड़े।

युद्धशास्त्री लिडिल हार्ट ने लिखा है, "स्त्रातेजी के उपयुक्त दोनों ही लक्ष्य शत्रु का मानसिक तथा शारीरिक विघटन करके प्राप्त किये जा सकते हैं अर्थात् यदि शत्रु का शारीरिक व मानसिक विघटन कर दिया जाये तो वह विपरीत परिस्थितियों में फंसकर हथियार डालने को तैयार हो सकता है।" इस प्रकार स्त्रातेजी का उद्देश्य शत्रु का मानसिक तथा शारीरिक विघटन करना ही होता है 

1. शत्रु का मानसिक विघटन यदि शत्रु को किसी प्रकार से यह विश्वास दिला दिया जाये कि उसकी सैनिक शक्ति अच्छी नहीं है तथा यदि वह युद्ध जारी रखेगा तो भी उसकी हार ही हो जायेगी। ऐसी दशा में वह आत्मसमर्पण करने को तैयार हो जायेगा। शत्रु को इस प्रकार का विश्वास दिलाने के कार्य को मानसिक विघटन (Mental Dislocation) भी कहते हैं। इसका एक नाम मनोवैज्ञानिक विघटन (Psychological Dislocation) भी है। इसमें शत्रु का हौंसला पस्त हो जाता है और वह हथियार डालने को तत्पर हो जाता है। शत्रु का इस प्रकार से मानसिक विघटन कर देना सफल स्त्रातेजी की प्रमुख विशेषता होती है, क्योंकि इसके द्वारा बिना युद्ध के शत्रु पराजित हो जाता है। शत्रु को मानसिक विघटन के अन्तर्गत लाने के लिए बहुत से उपाय काम में लाये जाते हैं। यदि अपनी शक्ति की प्रचार खूब बढ़ा-चढ़ाकर तथा विश्वसनीय ढंग से कर दिया जाता है तो शत्रु यह अनुभव करने लगता है कि उसकी सेना कमजोर है। दूसरे, शत्रु के साथ चकमे का व्यवहार करके भी उसकी मानसिक शक्ति को घटाया जा सकता है। तीसरे, शत्रु की सुरक्षा पंक्तियों को चारों ओर से घेरकर उसे मजबूर करके भी उसका मानसिक विघटन किया जा सकता है 1

2. शत्रु का भौतिक विघटन: स्त्रातेजी का उद्देश्य केवल शत्रु का मानसिक विघटन करना ही नहीं है वरन उसका भौतिक विघटन करना भी है। इसका अर्थ होता है कि स्त्रातेजी के द्वारा शत्रु की शक्ति को छितरा दिया जाये। शत्रु को एक स्थान पर कभी केन्द्रित नहीं होने दिया जाता है। जब उसकी शक्ति बिखर जायेगी, तो वह सामना करने में असमर्थ होगा। इस दशा में उसके मनोबल को ठेस पहुँचेगी। फिर वह मानसिक रूप से विघटित हो जायेगा।

शत्रु के भौतिक विघटन के भी कई रूप होते हैं। सर्वप्रथम उसकी सैनिक टुकड़ियों को एक स्थान पर केन्द्रित न रहने देकर इधर-उधर अलग-अलग रूप में कर दिया जाये जिससे उसकी शक्ति बिखर जायेगी। उसे इस गतिविधि के अन्तर्गत घसीटा जाये कि वह मोर्चा छोड़ने का विवश हो जाये। जब शत्रु किसी दूसरे मोर्चे का निर्माण करेगा, तो उसकी शक्ति अवश्य ही घट जायेगी। शत्रु के आने जाने के मार्गों में भी बाधा उत्पन्न कर दी जाती है ताकि वह ररूद व अन्य सामग्री आदि न ला सके।

निष्कर्ष इस प्रकार निष्कर्ष रूप में यह कहा जा सकता है कि स्त्रातेजी का वास्तविक उद्देश्य होता है कि शत्रु को कम से कम युद्ध करके परास्त कर दिया जाये। इसके लिये सभी प्रकार घात-प्रतिघात तथा चाले अपनायी जा सकती है। जो पक्ष अपनी कूटयोजना में सफल होगा उतना ही उसकी जीत की सम्भावना होगी। यदि परिस्थितियाँ अनउपयुक्त तथा प्रतिकूल है, तो उनका प्रयोग करना मूर्खता के अलावा और कुछ नहीं होगा। एक कूटनीतिक का कर्तव्य है कि वह ऐसी परिस्थितियाँ चुनें, जिसमें सफलता उसका वर्णन करें।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  2. प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
  3. प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  4. प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  5. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
  6. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  7. प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
  8. प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
  9. प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
  10. प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  13. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
  14. प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
  15. प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
  19. प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
  20. प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
  21. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
  22. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
  23. प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
  25. प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
  26. प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
  27. प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
  29. प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
  30. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  31. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
  33. प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
  34. प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
  35. प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
  40. प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
  41. प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
  42. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  43. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
  44. प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
  47. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  48. प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
  51. प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
  54. प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
  56. प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  59. प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  60. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
  61. प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
  65. प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
  66. प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
  68. प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
  69. प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
  70. प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
  71. प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
  72. प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
  73. प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
  74. प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
  75. प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
  76. प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
  77. प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
  78. प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
  80. प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
  81. प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
  82. प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  83. प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
  84. प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  85. प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
  86. प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
  87. प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
  89. प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
  91. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  92. प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
  93. प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
  94. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  95. प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
  96. प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।

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