बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 राजनीति शास्त्र बीए सेमेस्टर-1 राजनीति शास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 राजनीति शास्त्र
प्रश्न- संविधान सभा के प्रकृति स्वरूप की चर्चा करते हुए यह भी स्पष्ट कीजिए कि क्या इसे 'वकीलों का स्वर्ग' कहा जा सकता है?
उत्तर -
संविधान सभा की प्रकृति अथवा इसके स्वरूप को जानने के लिए हम निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत विवेचन करके उसके स्वरूप को जानने का प्रयास करेंगे -
1. क्या संविधान सभा को एक प्रतिनिधि संस्था कहा जा सकता है?- चूँकि प्रतिनिधि संस्था के लिए आवश्यक है कि वह जनता द्वारा वयस्क मताधिकार द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों की संस्था हो, किन्तु संविधान सभा के सदस्य जनता द्वारा वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्षतः निर्वाचित नहीं थे, अतः संविधान सभा को भारत को प्रतिनिधि संरक्षण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। देशी रियासतों के प्रतिनिधि भी यहाँ के नरेशों के द्वारा नामांकित किए गये थे। प्रान्तों के प्रतिनिधि आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा प्रान्तीय व्यवस्थापिकाओं के सदस्यों द्वारा निर्वाचित किये गये थे, जबकि प्रान्तीय व्यवस्थापिकाओं के सदस्य साम्प्रदायिक निर्वाचन के आधार पर निर्वाचित हुए थे।
समाजवादी दल ने इसमें भाग जरूर नहीं लिया, किन्तु समाजवादी विचारधारा के रखने वाले काँग्रेस के सदस्य इस सभा के सदस्य थे। हिन्दू महासभा के पूर्वाध्यक्ष डॉ. जयकर और डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी भी संविधान सभा के सदस्य थे के. स्थानम के अनुसार - "जनमत का कोई भी ऐसा वर्ग नहीं था जिसे संविधान सभा में प्रतिनिधित्व न प्राप्त हो।
2. क्या संविधान सभा सम्प्रभु संस्था कही जा सकती है? - संविधान सभा के गठन होने के पश्चात् अब उसकी सम्प्रभुता को तथा उसकी वैधानिक स्थिति को लेकर विवाद पैदा हुआ। संविधान सभा के सदस्य एम-आर. जयकर का विचार था कि संविधान सभा एक सम्प्रभु संस्था नहीं है क्योंकि इसका गठन कैबिनेट मिशन योजना के अन्तर्गत किया गया है और यह मिशन तथा उसकी योजना ब्रिटिश संसद की सत्ता के अधीन था।
किन्तु संविधान सभा के अधिकांश सदस्य एम. आर. जयकर के इस दृष्टिकोण से पूरी तरह सहमत नहीं थे। संविधान सभा ने सर्वप्रथम एक प्रस्ताव पारित किया कि ब्रिटिश सरकार तथा किसी अन्य सत्ता के आदेश से इस सभा का विघटन नहीं होगा। संविधान सभा को उसी समय भंग किया जाएगा जब इसके स्वयं के सदस्य दो तिहाई (2/3) बहुमत से इस आशय का प्रस्ताव पारित करें।
3. क्या संविधान सभा को 'वकीलों का स्वर्ग' कहा जा सकता है? संविधान सभा द्वारा निर्मित भारतीय संविधान अत्यन्त विस्तृत संविधान है। इस प्रकार के संविधान निर्माण का उद्देश्य होता है कि संविधान को यथा सम्भव सुस्पष्ट एवं गतिशील बनाया जाय, जबकि संविधान सभा के कुछ सदस्य इतना व्यापक संविधान बनाने के पक्ष में नहीं थे जबकि एक सदस्य ने तो इसके व्यापक रूप पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “संविधान वकीलों का स्वर्ग हैं।' संविधान के प्रारूप पर टिप्पणी करते हुए कहा गया कि "यह प्रारूप लोगों को अत्यधिक मुकदमें बाजी तथा न्यायालयों में अधिकाधिक जाने की प्रेरणा देने वाला है, यह मुकदमें बाजी के नये द्वार खोलता है और हमारे योग्य एवं मेधावी वकीलों को अधिक कार्य करने के अवसर प्रदान करेगा।"
संविधान निर्माण में कुल 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा इस कार्य पर लगभग 64 लाख रुपये खर्च हुए संविधान के प्रारूप पर 114 दिनों तक चर्चा चली। नागरिकता निर्वाचन और आन्तरिक संसद से सम्बन्धित उपबन्ध जिन्हें 26 नवम्बर 1949 से लागू किया गया तथा शेष संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ।
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- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में कांग्रेस के उदारवादी चरण की विचारधारा, कार्यपद्धति, माँगें, सीमाओं के आलोक में मूल्यांकन कीजिए।
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- प्रश्न- काँग्रेस में उग्रवादी विचारधारा के उद्भव के क्या कारण थे?
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- प्रश्न- भारतीय संविधान के निर्माण की अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संविधान सभा के प्रकृति स्वरूप की चर्चा करते हुए यह भी स्पष्ट कीजिए कि क्या इसे 'वकीलों का स्वर्ग' कहा जा सकता है?
- प्रश्न- क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि भारतीय संविधान 1935 के भारत शासन अधिनियम का वृहत् संस्करण है? स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- संविधान सभा को कार्य निष्पादन में किन बाधाओं का सामना करना पड़ा?
- प्रश्न- संविधान सभा के कार्यकरण की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- नेहरू रिपोर्ट (1928) की प्रमुख सिफारिशें क्या थीं?
- प्रश्न- पं. नेहरू द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य प्रस्ताव (1946) के महत्वपूर्ण प्रस्ताव क्या थे?
- प्रश्न- भारतीय संविधान की मौलिकता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत सरकार अधिनियम 1935 पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'प्रारूप समिति' पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- नेहरू रिपोर्ट- 1928 पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय संविधान की प्रस्तावना की भूमिका से क्या आशय है? भारतीय संविधान की प्रस्तावना उद्देश्य तथा महत्व बताइये।
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- प्रश्न- भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए
- प्रश्न- 73 वें संविधान संशोधन की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संविधान की प्रकृति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- भारतीय संविधान की विशालता के क्या कारण हैं?
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- प्रश्न- संवैधानिक उपचारों का अधिकार पर टिप्पणी लिखिये।
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- प्रश्न- भारतीय संविधान के नागरिकता सम्बन्धी प्रावधानों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- भारतीय नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकारों का मूल्यांकन कीजिए।
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- प्रश्न- नागरिकों के मूल कर्तव्यों की प्रकृति तथा उनके महत्व का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों के उल्लेख की आवश्यकता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मौलिक अधिकार एवं नीति-निदेशक तत्वों में अन्तर बतलाइये।
- प्रश्न- विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- निवारक निरोध' से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- क्या मौलिक अधिकारों को निलंबित किया जा सकता है?
- प्रश्न- मौलिक अधिकार एवं मानव अधिकारों में अन्तर लिखिए।
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- प्रश्न- मौलिक अधिकारों तथा नीति निर्देशक सिद्धान्तों में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- हमारे देश में नीति निर्देशक तत्वों का कार्यान्वयन कहाँ तक हुआ है, स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- नीति निर्देशक सिद्धान्तों का महत्व स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- भारतीय संघ में प्रधानमन्त्री की नियुक्ति किस प्रकार होती है? शासन में उसका क्या महत्व है?
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- प्रश्न- उपराष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुच्छेद 352 पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- भारत में प्रधानमन्त्री के प्रभुत्व से वृद्धि के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यपालक के रूप में टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- राज्य सभा की संरचना, कार्य एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- भारतीय लोकसभा अध्यक्ष की स्थिति, शक्तियों तथा कार्यों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- संसद में कानून निर्माण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- वित्त विधेयक के सम्बन्ध में लोकसभा के क्या विशेषाधिकार हैं?
- प्रश्न- धन विधेयक एवं वित्त विधेयक के मध्य भेद स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संसदीय व्यवस्था की विशेषताएँ बताइये।
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- प्रश्न- राज्यपाल की नियुक्ति एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- केन्द्रीय सरकार के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल की भूमिका अथवा स्थिति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मुख्यमन्त्री की नियुक्ति किस प्रकार होती है? उसकी राज्य के शासन में क्या भूमिका और स्थिति है?
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- प्रश्न- राज्यपाल, मंत्रिपरिषद तथा मुख्यमंत्री के आपसी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राज्यपाल की स्वविवेकी शक्तियों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- राज्यपाल की संवैधानिक स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'केन्द्रीय अभिकर्ता' के रूप में राज्यपाल की भूमिका पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- राज्यपाल का निर्वाचन क्यों नहीं होता? संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संविधान के अनुच्छेद 356 के संदर्भ में राज्य के राज्यपाल की क्या भूमिका है?
- प्रश्न- मुख्यमन्त्री / मन्त्री पद की पात्रता सम्बन्धी सर्वोच्च न्यायालय के 10 सितम्बर, 2000 के निर्णय की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- 'मुख्यमंत्री चयन की राजनीति टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- विधानसभा की रचना तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विधान परिषद की रचना किस प्रकार होती है? उसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायिक समीक्षा के अधिकार का वर्णन कीजिए तथा इसका महत्व समझाइये।
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- प्रश्न- भारत में सर्वोच्च न्यायालय के संगठन, शक्तियों और कार्यों की विवेचना कीजिए। इसे भारतीय संविधान का संरक्षक क्यों कहा जाता है?
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- प्रश्न- न्याय पुनः निरीक्षण की शक्ति तथा उच्च न्यायालयों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- राज्य स्वायत्तता (Autonomy) से आप क्या समझते हैं? संक्षेप में टिप्पणी कीजिए।
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- प्रश्न- लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- भारत में निर्वाचन पद्धति के दोषों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में निर्वाचन पद्धति के दोषों को दूर करने के सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- क्या निर्वाचन आयोग एक निष्पक्ष एवं स्वतन्त्र संस्था है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मतदान व्यवहार क्या है? मतदान व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निर्वाचन विषयक आधारभूत सिद्धान्तों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- मुख्य निर्वाचन आयुक्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
- प्रश्न- चुनाव सुधारों में बाधाओं पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मतदान व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्व बताइये।
- प्रश्न- चुनाव सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।