बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 इतिहास बीए सेमेस्टर-1 इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 इतिहास के नवीन पाठ्यक्रमानुसार प्रश्नोत्तर
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सिन्धु घाटी सभ्यता
(Indus Valley Civilization)
प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं? 'हड़प्पा संस्कृति' के निर्माता कौन थे? बाह्य देशों के साथ उनके सम्बन्धों के विषय में आप क्या समझते हैं?
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. सिन्धु घाटी सभ्यता से आप क्या समझते हैं?
2. सिन्धु घाटी सभ्यता मे नगर निर्माण विधि एवं वास्तुकला पर टिप्पणी लिखिए।
3. हड़प्पा सभ्यता की मुख्य विशेषताओं का विवेचन कीजिये।
उत्तर-
सन् 1922 से पूर्व प्राचीन भारत का इतिहास वैदिक आर्यों के इतिहास से प्रारम्भ किया जाता था, क्योंकि सबसे प्राचीन भारतीय ग्रन्थ ऋग्वेद है। 1922-23 ई. में कुछ पुरातत्ववेत्ताओं ने सिन्ध की खुदाई में एक प्राचीन नगर का पता लगाया, जिसे मोहनजोदड़ो कहते हैं। इसके कुछ समय पश्चात् पाकिस्तान स्थित पंजाब में मोण्टगोमरी जिले में हडप्पा में उसी प्रकार की संस्कृति के अवशेष मिले, जैसे मोहनजोदड़ो मे थे। आज से 70 वर्ष पूर्व हमें इस सभ्यता की लेशमात्र भी जानकारी प्राप्त न थी और यह सभ्यता अतीत की खण्डहरों में दबी पडी थी। इस सभ्यता को खोज निकालने का श्रेय श्री राखलदास बनर्जी और श्री दयाराम साहनी को है, जिन्होने मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई करवाकर इस महत्वपूर्ण कार्य को सम्पन्न किया। तत्पश्चात् सर जॉन मार्शल के संरक्षण में जो आर्कियों लॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के डाइरेक्टर जनरल थे, खुदाई का कार्य आरम्भ हुआ और इस खुदाई के फलस्वरूप सिन्धु सभ्यता पर प्रकाश पड़ा।
सिन्धु सभ्यता का मूल : इस सभ्यता का पूर्व रूप हमें सिन्ध और बिलोचिस्तान के कुछ भागों में मिलता है।
1. क्वेटा : यहाँ मिट्टी के मकान बने थे, यहाँ के मृदभाण्डों पर कुछ गुलाबी सा भूरा रंग है। किसी अन्य रंग का उपयोग नही किया गया है।
2. (क) अमरी नाल सभ्यता : सिन्ध में अमरी नामक स्थान पर और उत्तरी बिलोचिस्तान में नाल नामक स्थान पर अनेक ऐसे स्थान मिले हैं जिनमें दीवारों की नींव में पत्थर लगाया गया है।
(ख) नन्दारा : यहाँ ऐसे मकान मिले हैं, जिनमें अनेक कमरे हैं जिनकी लम्बाई 2.4 मीटर से 4.6 मीटर, चौड़ाई 1.5 से 4.6 मीटर तक है, एक खिडकी 1.4 मीटर चौडी थी।
3. कुल्ली सभ्यता : दक्षिणी बिलोचिस्तान में कुल्ली में स्त्रियाँ और पशुओं जैसे कूभड़दार बैल आदि की अनेक आकृतियाँ मिली हैं, यहाँ की स्त्रियों की मूर्तियों देवी जैसी प्रतीत होती हैं, सम्भवत: इन्हीं का विकसित रूप हड़प्पा से प्राप्त कांसे की नर्तकी की मूर्ति हैं।
4. जोब सभ्यता : उत्तरी बिलोचिस्तान में जोब नदी की घाटी में राना गुण्डाई नामक स्थान पर चाक पर बने लाल रंग के मृदभाण्ड प्रयोग में लाने वाले मानवों की एक सभ्यता का पता चला है।
मोहनजोदडो : उपरोक्त सभ्यताओं का सम्बन्ध किसी न किसी रूप में मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा सभ्यता से था। मोहनजोदड़ो सिन्धु के लरकाना जिले में सिन्ध नदी तथा नर नहर के मध्य एक पतली पट्टी पर स्थित है। मोहनजोदड़ो का अर्थ (The City of the Dead) शवों की ढेरी से है, लगभग आज से 5000 वर्ष पूर्व यहाँ एक नगर का निर्माण हुआ था।
हड़प्पा : यह मांटगूमरी जिले में एक स्थान है, यहाँ पर सन् 1922 ई. में दयाराम साहनी ने अन्वेषण कार्य आरम्भ किया और कुछ भग्रावशेष प्राप्त किये थे।
सिन्धु सभ्यता की विशेषतायें : सिन्धु सभ्यता की निम्न विशेषताये थीं-
1. नागरिक सभ्यता : विशाल भवनों तथा स्वच्छ नगरीय व्यवस्था से यह जानकारी मिलती है कि यह नगरीय सभ्यता के अन्तर्गत थी तथा इन नगरों का विदेशों से व्यापारिक सम्बन्ध था।
2. समष्टिवादी सभ्यता : खुदाई में विशाल स्नानागार तथा सभा भवनों के भग्रावशेष इस बात के द्योतक है कि उस काल के लोग सामूहिक जीवन व्यतीत करते थे, किसी भी राजा या राजमहल का कोई चिन्ह नही मिलता है।
3. कांस्य कालीन सभ्यता : कांसे का प्रयोग इस काल में अधिक हुआ अतः यह कांस्यकालीन सभ्यता मानी जा सकती है।
4. शान्ति प्रधान सभ्यता : खुदाई मे कही भी कवच, तलवार एवं अन्य युद्ध सामग्री उपलब्ध नही हुई है। इससे यह जानकारी मिलती है कि इस काल के लोग शान्तिपूर्ण जीवन व्यतीत करते होंगे।
(Citizens of Sindhu Civilization)
1. आर्य - कुछ विद्वानों ने यह आयों की सभ्यता बताई हैं, परन्तु मार्शल इस बात का खण्डन करते हैं कि सिन्धु सभ्यता आर्य सभ्यता से कई गुना भिन्न है।
2. सुमेरियन - माडर्न चाइल्ड के अनुसार सिन्धु सभ्यता के निवासी सुमेरियन थे, परन्तु निश्चित प्रमाण न उपलब्ध होने के कारण यह मत ठीक प्रतीत नहीं होता है।
3. द्रविड़ - राखालदास बनर्जी के अनुसार 'यहाँ के निवासी द्रविड़ जाति के थे, इस मत के समर्थकों का कहना है कि एक समय ऐसा था कि जब द्रविड़ लोग पंजाब, सिन्धु, बलूचिस्तान तथा भारत के अन्य भागों में फैले हुए थे।
4. मिश्रित जाति - डॉ. गुप्ता तथा अन्य विद्वानों ने सिन्धु घाटी से प्राप्त अस्थिपंजरो, मूर्तियों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि इस समय के लोग एक जाति के न होकर विभिन्न जातियों के थे, ऐसा प्रतीत होता है कि व्यापार नौकरी तथा अन्य प्रलोभनों से आकर्षित होकर विभिन्न जातियों के लोग उन नगरों में आकर बस गये थे।
(1) नगर-योजना : सिन्ध प्रदेश के प्रमुख नगर मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, चन्हुदडो, लोहमजूदड़ो आदि सरिताओं के तटों पर स्थित थे। प्रदेश की सरितायें समय-समय पर अपनी दिशाये परिवर्तन करती रहती थीं, समय-समय पर उनमें बाढ़ भी आती रहती थी। उत्खनन में निकली तहों की परीक्षा से प्रकट होता है कि इन नगरों में कम से कम 2 बार बाढ़ आई थी। मोहनजोदड़ो एक योजनानुसार निर्मित नगर प्रतीत होता है, यहाँ की सड़कों की चौड़ाई 131⁄2 फुट से 33 फुट तक है।
(2) भवन-निर्माण : नगर के भवन सादगी के लिए प्रसिद्ध हैं, घरों में प्रवेश स्थान तंग गलियों में है, उनमें खिड़कियाँ बिल्कुल नहीं हैं। कुछ कमरों को सुरक्षा की दृष्टि से बनाया गया है। नगर के खण्ड में एक निश्चित योजना के अनुसार भवनों का निर्माण होता था। छोटे भवन की नाप 30' x 26' होती थी। इनमे 4 x 5 मीटर के कमरे होते थे, मोहन जोदडो के भवन हड़प्पा की अपेक्षा अधिक विशाल थे, स्थूल रूप से ध्वसावशेषों को विद्वानों ने तीन कालो में बाँटा है - (1) प्राचीनतम, (2) मध्य (3) नवीनतम, प्राचीनतम और मध्य काल में नवीनतम अपेक्षाकृत अधिक व्यवस्थित शासन था।
(3) जल-वितरण : मोहनजोदड़ो के निवासियों ने जल वितरण का अति उत्तम ढंग अपना रखा था, कुएँ तो वहाँ अत्यधिक संख्या में पाये गये है, किन्तु इन कुओं की मुँडेर फर्श से कुछ इच ऊँची है।
(4) विशाल स्नानागार : खुदाई में विशाल स्नानागार भी मिला है। उसकी ल. 39 फीट, चौड़ाई 23 फीट तथा गहराई 8 फीट है। इस स्नानागार का प्लास्टर बहुत चिकनाई के साथ किया गया है। इसमें प्रवेश करने के लिए सीढियाँ बनी हुई हैं. इसका पानी निकालने के लिए मोरी भी बनाई गयी है।
(5) धान्यागार : मोहनजोदड़ो तथा हडप्पा दोनों नगरों में ही बड़े धान्यागार या कोठरे मिले हैं। इनका आकार 150 × 75 फुट है, यह पक्की ईंटों द्वारा बना हुआ भवन था, इसमें कोठे थे, इन कोठों में अन्न भरा जाता था इनमें हवा के आने-जाने के लिए भी व्यवस्था थी। कोठार में सामान रखने तथा निकालने के लिए एक मंच भी बना हुआ है।
(6) राजकीय सभा भवन : इस भवन का आधार 85 x 85 फुट है उसमें 25 फुट ऊँचे 20 खम्बे 5-5 की चार पंक्तियों में थे, सम्भवत: इसका प्रयोग पौर परिषद् की बैठकों के लिए होता था। इस प्रकार यह भवन उस समय संस्थागार का कार्य देता था।
(7) राजप्रसाद : खुदाई में एक विशाल राजप्रसाद भी मिला है, इनमें अनेक कमरे हैं। कुछ विद्वानों ने उसको एक महाविद्यालय भी कहा है। इसके अतिरिक्त भवन भी मिले हैं जिनके निकट कुछ भट्टियाँ मिली हैं, जो इस बात की परिचायक है कि यहाँ धातुएँ गलाई जाती होंगी।
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- प्रश्न- ऐतिहासिक युग के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता का परिचय दीजिए व भारत में उसके बाद विकसित होने वाली सभ्यता व संस्कृति को चित्रित कीजिए।
- प्रश्न- भारत के प्रख्यात इतिहाकार कल्हण व आर. सी. मजूमदार का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय ज्ञान प्रणाली के स्रोत पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जदुनाथ सरकार, वी. डी. सावरकर, के. पी. जायसवाल का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारत के प्रख्यात इतिहासकार मृदुला मुखर्जी के बारे में बताइए।
- प्रश्न- भारत संस्कृति (भाषाओं) के ज्ञान से अवगत कराइये।
- प्रश्न- नृत्य व रंगमंच की भारतीय संस्कृति से अवगत कराइये।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता से मगध राज्य तक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के प्रख्यात इतिहासकार विपिनचन्द्र पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मध्य पाषाण समाज और शिकारी संग्रहकर्ता पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- ऊपरी पुरापाषाण क्रांति क्या थी?
- प्रश्न- प्रसिद्ध इतिहासकार रोमिला थापर पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- पाषाण युग की जीवनशैली किस प्रकार की थी?
- प्रश्न- के. पी. जायसवाल के विशिष्ट कार्यों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- वी. डी. सावरकर के धार्मिक और राजनीतिक विचार से अवगत कराइये।
- प्रश्न- लोअर पैलियोलिथिक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं? 'हड़प्पा संस्कृति' के निर्माता कौन थे? बाह्य देशों के साथ उनके सम्बन्धों के विषय में आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के सामाजिक व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों के आर्थिक जीवन के विषय में विस्तारपूर्वक बताइये।
- प्रश्न- सिन्धु नदी घाटी के समाज के धार्मिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था एवं कला का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के नामकरण और उसके भौगोलिक विस्तार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगरों के नगर-विन्यास पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोगों की शारीरिक विशेषताओं का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पाषाण प्रौद्योगिकी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के कला और धर्म पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के व्यापार का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता की लिपि पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता में शिवोपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सैन्धव धर्म में स्वस्तिक पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विनाश के क्या कारण थे?
- प्रश्न- लोथल के 'गोदी स्थल' पर लेख लिखो।
- प्रश्न- मातृ देवी की उपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'गेरुए रंग के मृदभाण्डों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'मोहन जोदडो' का महान स्नानागार' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक अथवा पूर्व-वैदिक काल की सभ्यता और संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- विवाह संस्कार से सम्पादित कृतियों का वर्णन कीजिए तथा महत्व की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन समाज पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन समाज में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन समाज की प्रमुख विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य के बारे में संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रह्मचर्य आश्रम के कार्य व महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- वानप्रस्थ आश्रम के महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- सन्यास आश्रम का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनुस्मृति में लिखित विवाह के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक काल में दास प्रथा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पुरुषार्थ पर लघु लेख लिखिए।
- प्रश्न- 'संस्कार' पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गृहस्थ आश्रम के महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिककाल में विवाह तथा सम्पत्ति अधिकारों की क्या स्थिति थी?
- प्रश्न- उत्तर वैदिककाल की राजनीतिक दशा का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विदथ पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- आर्यों के मूल स्थान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'सभा' के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों के सम्पादन में अग्नि के महत्त्व को व्याख्यायित कीजिए।
- प्रश्न- उत्तरवैदिक कालीन धार्मिक विश्वासों एवं कृत्यों के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नन्द कौन थे? महापद्मनन्द के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न. बिम्बिसार की राज्यनीति का वर्णन कीजिए तथा परिचय दीजिए।
- प्रश्न- उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नन्द साम्राज्य की विशालता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- धननंद और कौटिल्य के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- धननंद के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- मगध की भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में आप क्या जानते हैं? उसकी उपलब्धियों और शासन व्यवस्था पर निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदर्शन झील पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अशोक के प्रारम्भिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताइये कि वह किस प्रकार सिंहासन पर बैठा था?
- प्रश्न- सम्राट अशोक के साम्राज्य विस्तार पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सम्राट के धम्म के विशिष्ट तत्वों का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- अशोक के शासन व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'भारतीय इतिहास में अशोक एक महान सम्राट कहलाता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
- प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सारनाथ स्तम्भ लेख पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बृहद्रथ किस राजवंश का शासक था और इसके विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- कौटिल्य और मेगस्थनीज के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- कौटिल्य की पुस्तक 'अर्थशास्त्र' में उल्लेखित विषयों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य रचित 'अर्थशास्त्र' में 'कल्याणकारी राज्य' की परिकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- कल्याणी के उत्तरकालीन पश्चिमी चालुक्य को समझाइए।
- प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
- प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
- प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है उसके विषय में आपसूक्ष्म में बताइए।
- प्रश्न- गुर्जर प्रतिहारों की उत्पत्ति का आलोचनात्मक विवरण दीजिए।
- प्रश्न- मिहिरभोज की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार नरेश नागभट्ट द्वितीय के शासनकाल की घटनाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न-
- प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम के शासन-काल का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वत्सराज की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार वंश के इतिहास में नागभट्ट द्वितीय के स्थान का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- मिहिरभोज की राजनैतिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार सत्ता का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- गुर्जर प्रतिहारों का विघटन पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार वंश के इतिहास जानने के साधनों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- महेन्द्रपाल प्रथम कौन था? उसकी उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए। उत्तर -
- प्रश्न- राजशेखर और उसकी कृतियों पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राज्यपाल तथा त्रिलोचनपाल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- त्रिकोणात्मक संघर्ष में प्रतिहारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- कन्नौज के प्रतिहारों पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- प्रतिहार वंश का महानतम शासक कौन था?
- प्रश्न- गुर्जर एवं पतन का विश्लेषण कीजिये।
- प्रश्न- कीर्तिवर्मा द्वितीय एवं बादामी के चालुक्यों के अन्त पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चालुक्य राज्य के अंधकार काल पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पूर्वी चालुक्य शासकों ने कला और संस्कृति में क्या योगदान दिया है?
- प्रश्न- चालुक्य कौन थे? इनकी उत्पत्ति के बारे में बताइए।
- प्रश्न- वेंगी के पूर्व चालुक्यों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- चालुक्यकालीन धर्म एवं कला का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चालुक्यों की विभिन्न शाखाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चालुक्य संघर्ष के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- कल्याणी के पश्चिमी चालुक्यों की शक्ति के प्रसार का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- चालुक्यों की उपलब्धियों के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चालुक्यों की शासन व्यवस्था का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चालुक्य- पल्लव संघर्ष का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- परमारों की उत्पत्ति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राजा भोज के शासन काल में चतुर्दिक उन्नति हुई।
- प्रश्न- परमार नरेश वाक्पति II मुंज के शासन काल की घटनाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राजा भोज के शासन प्रबंध के विषय में आप क्या जानते हैं? बताइए।
- प्रश्न- परमार वंश के पतन पर प्रकाश डालिए तथा इस वंश का पतन क्यों हुआ?
- प्रश्न- परमार साहित्य और कला की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- परमार वंश का संस्थापक कौन था?
- प्रश्न- मुंज परमार की उपलब्धियों का आंकलन कीजिए।
- प्रश्न- 'धारा' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सीयक द्वितीय 'हर्ष' के शासन काल की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धुराज पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- परमारों के पतन के कारण बताइए।
- प्रश्न- राजा भोज एवं चालुक्य संघर्ष का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राजा भोज की सांस्कृतिक उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- परमार इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भोज परमार की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परमारों की प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- विग्रहराज चतुर्थ के शासन काल की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अर्णोराज चाहमान के जीवन एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज चौहान की उपलब्धियों की समीक्षा कीजिए। मोहम्मद गोरी के हाथों उसकी पराजय के क्या कारण थे? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चाहमान कौन थे? विग्रहराज चतुर्थ के विजयों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चाहमान कौन थे?
- प्रश्न- विग्रहराज द्वितीय के शासनकाल की घटनाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अजयराज चाहमान की उपलब्धियों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज चौहान की सैनिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विग्रहराज चतुर्थ की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज और जयचन्द्र की शत्रुता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- ऐतिहासिक साक्ष्य के रूप में पृथ्वीराज रासो के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- चाहमान वंश का प्रसिद्ध शासक आप किसे मानते हैं?
- प्रश्न- चाहमानों के विदेशी मूल का सिद्धान्त पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- पृथ्वीराज तृतीय के चन्देलों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गोविन्द चन्द्र गहड़वाल की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- गहड़वालों की उत्पत्ति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जयचन्द्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अर्णोराज के राज्यकाल की प्रमुख राजनीतिक घटनाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चाहमानों (चौहानों) के राजनीतिक इतिहास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ललित विग्रहराज नाटक पर नोट लिखिए।
- प्रश्न- चाहमान नरेश पृथ्वीराज तृतीय के तराइन युद्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चौहान वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामंतवाद पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सामंतवाद के पतन के कारण बताइए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में सामंतवाद की क्या स्थिति थी?
- प्रश्न- मौर्य प्रशासन और सामंतवाद पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न-
- प्रश्न- वेदों की उत्पत्ति के विषय में बताइए। वेदों ने हमारे जीवन को किस प्रकार के ज्ञान दिये?
- प्रश्न- हिन्दू धर्म और संस्कृति पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए
- प्रश्न- हिन्दू वर्ग की जाति-व्यवस्था व त्योहारों के विषय में बताइए।
- प्रश्न- 'लिंगायत'' के बारे में बताइए।
- प्रश्न- हिन्दू धर्म के सुधारकों के विषय में बताइए।
- प्रश्न- हिन्दू धर्म में आत्मा से सम्बन्धित विचारों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- हिन्दुओं के मूल विश्वासों से अवगत कराइए।
- प्रश्न- उपवास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हिन्दू धर्म में लोगों के गाय के प्रति कर्तव्य से अवगत कराइये।
- प्रश्न- हिन्दू धर्म में
- प्रश्न- मुहम्मद गोरी के भारत आक्रमण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुहम्मद गोरी की भारत विजय के कारणों की सुस्पष्ट व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों के पतन के कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मुस्लिम आक्रमण के समय उत्तर की राजनीतिक स्थिति का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- महमूद गजनवी के भारतीय आक्रमणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत पर मुहम्मद गोरी के आक्रमण के क्या कारण थे?
- प्रश्नृ- गोरी के आक्रमण के समय भारत की राजनीतिक दशा कैसी थी?
- प्रश्न- गोरी के आक्रमण के समय भारत की सामाजिक स्थिति का संक्षिप्त वर्णन करें।
- प्रश्न- 11-12वीं सदी में भारत की आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी लिखें।
- प्रश्न- 11-12वीं सदी में भारतीय शासकों के तुर्कों से पराजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- भारत में तुर्की राज्य स्थापना के क्या परिणाम हुए?
- प्रश्न- मुहम्मद गोरी का चरित्र-मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- अरबों की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- अरब आक्रमण का प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तराइन के प्रथम युद्ध पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत पर तुर्कों के आक्रमण के क्या कारण थे?
- प्रश्न- महमूद गजनवी का आनन्दपाल पर आक्रमण का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- महमूद गजनवी का कन्नौज पर आक्रमण पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ का विध्वंस पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये। [
- प्रश्न- महमूद गजनवी के आक्रमण के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारत पर महमूद गजनवी के आक्रमण के परिणामों पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मोहम्मद गोरी की विजयों के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- भारत पर तुर्की आक्रमण के प्रभावों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।