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बी एड - एम एड >> हिन्दी शिक्षण

हिन्दी शिक्षण

डॉ. अवनीन्द्र शील

प्रकाशक : साहित्य रत्नालय प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :564
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2551
आईएसबीएन :8183780504

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यू जी सी द्वारा निर्धारित विश्वविद्यालयों के बी एड के नवीनतम् पाठ्यक्रमानुसार

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बी एड कक्षाओं हेतु हिन्दी शिक्षण

यू जी सी द्वारा निर्धारित विश्वविद्यालयों के बी एड के नवीनतम् पाठ्यक्रमानुसार
According to the new B Ed Syllabus of UGC

विषय सूची

1. भाषा और हिन्दी भाषा : अर्थ, प्रकृति तथा महत्व ... 1
(Language And Hindi Language: Meaning. Nature And Importance)
भाषा का अर्थ एवं परिभाषा, भाषा की प्रकृति, ध्वनि-विज्ञान,शब्द-विज्ञान, अर्थ-विज्ञान और वाक्य विज्ञान के सन्दर्भ में भाषा की प्रकृति, भाषा और हिन्दी भाषा की कुछ प्रकृतिगत विशेषताएँ, भाषा का महत्व।
2. भाषा और हिन्दी भाषा : प्रकार, आधार एवं विविध रूप ... 15
(Language And Hindi Language: Kind, Base And Different Forms)
भाषा के प्रकार : मौखिक एवं लिखित रूप भाषा के मुख्य अंग, तत्व या अवयव, भाषा के आधारभूत तत्व, भाषाओं के वर्गीकरण के प्रमुख आधार, भाषा तथा हिन्दी भाषा के विविधरूप-मूल भाषा, मातृभाषा, क्षेत्रीय भाषा, प्रादेशिक भाषा, राष्ट्रभाषा, राजभाषा. सांस्कृतिक भाषा, सांकेतिक या मौन भाषा, विकसित-अविकसित भाषा, देशी-विदेशी भाषा, आर्य-अनार्य (द्रविड़) भाषा, राष्ट्रीय भाषा, अन्तर्राष्ट्रीय भाषा, साहित्यिक भाषा, लोकभाषा, यांत्रिक या गुप्त भाषा, मौखिक भाषा, लिखित भाषा, बोली. एस्पिरेन्तो. भारत में प्रचलित भाषा के रूप।
3. भाषा तथा हिन्दी भाषा व साहित्य का उद्भव और विकास ... 25
(Language, Hindi Language And Literature : Origin And Development)
भाषा की उत्पत्ति-प्रत्यक्ष या निगमनात्मक विधियाँ, परोक्ष या आगमनात्मक विधियाँ, हिन्दी भाषा का उद्भव और विकास या आगमनात्मक विधियाँ, हिन्दी का अंकुरण काल-सातीं शती, हिन्दी भाषा का विकास, प्रादेशिक भाषाओं द्वारा हिन्दी का विकास, हिन्दी भाषा के विकास में काल-विभाजन, हिन्दी भाषा और साहित्य का आविर्भाव एवं विकास, हिन्दी खड़ी बोली और साहित्य का आविर्भाव एवं विकास, हिन्दी खड़ी बोली का उद्भव एवं उर्दू से सम्मिलन, हिन्दी शब्द की उत्पत्ति, हिन्दी की वैज्ञानिक तर्कसंगत परिभाषा, खड़ी बोली का नामकरण।
4. देवनागरी लिपि का उद्भव एवं विकास ... 48
(Origin And Development of Devnagari Script)
लिपि : संकल्पना, अर्थ एवं परिभाषा, देवनागरी लिपि : उद्भव और विकास, प्राचीन काल की लिपि, मध्यकाल की लिपि, आधुनिक काल, देवनागरी का नामकरण, देवनागरी लिपि की विशेषताएँ, कमियाँ, संशोधन व सुधार के प्रयास, देवनागरी की वैज्ञानिकता एवं रोमन लिपि से तुलना, एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक लिपि के गुण, देवनागरी एवं रोमन का तुलनात्मक अध्ययन।
5. हिन्दी ध्वनि-विज्ञान ...  60
(Hindi Phonology)
ध्वनि-शिक्षण का अर्थ और महत्व, भाषा सम्बन्धी ध्वनियों की उत्पत्ति, ध्वनि-यंत्र, हिन्दी वर्णमाला, मात्रा, हल का चिन्ह, विरामादि चिन्ह, कुछ विशिष्ट स्थितियाँ, हिन्दी ध्वनियों का वर्गीकरण, ध्वनि-विज्ञान से सम्बन्धित कुछ तकनीकी अवधारणायें-ध्वनिगुण, मात्रा या मात्राकाल, आघात-बलाघात-सुराघात, ध्वनि परिवर्तन-कारण और रूप।
6. हिन्दी शब्द-विज्ञान ... 80
 (Hindi Morphology)
शब्द : संकल्पना, अर्थ व परिभाषा, शब्द का महत्त्व, भेद (वर्गीकरण), हिन्दी में गृहीत विदेशी शब्द, हिन्दी शब्द निर्माण- उपसर्ग-तद्भव शब्द, युग्मक शब्द, अव्यय। हिन्दी में वैज्ञानिक, तकनीकी एवं पारिभाषिक शब्द, हिन्दी को राजभाषा एवं तकनीकी भाषा के रूप में लोकप्रिय बनाने के लिये सुझाव।
7. हिन्दी वाक्य-रचना विज्ञान ... 99
(Hindi Syntax)
वाक्य-रचना विज्ञान, वाक्य की परिभाषा, वाक्य के प्रमुख तत्व, वाक्य के अंग, वाक्य-भेद, हिन्दी वाक्य-रचना-पदक्रम के नियम, कारकों व विभक्तियों के प्रयोग, व्याकरण का प्रयोग, विराम चिन्हों के प्रयोग के नियम, पुनरुक्ति दोष दूर करने के नियम, सन्धिसमास आदि के नियम, पर्यायवाची शब्दों के प्रयोग के नियम, मुहावरों व लोकोक्तियों के नियम. उद्धरण के नियम, विदेशी तथा अतिरिक्त शब्दों के प्रयोग के नियम, वाक्य को प्रभावशाली बनाने के अन्य प्रयास।
8. मातृभाषा : संकल्पना, अर्थ, महत्व और पाठ्यक्रम में स्थान ... 111
(Mother Tongue : Concept, Meaning, Importance And Place In Curriculum)
मातृभाषा : अर्थ और संकल्पना, मातृभाषा की महत्ता, मातृभाषा का पाठ्यक्रम में स्थान, प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर हिन्दी का पाठ्यक्रम में स्थान, उच्च शिक्षा में हिन्दी का स्थान।
9. मातृभाषा तथा हिन्दी-शिक्षण के उद्देश्य ... 120
(Aims And Objectives of Teaching Mother Tongue And Hindi)
मातृभाषा और हिन्दी, उद्देश्य की अवधारणा, उद्देश्य के प्रकार-सामान्य एवं विशिष्ट या प्राप्य उद्देश्य,सामान्य एवं विशिष्ट (प्राप्य) उद्देश्यों में अन्तर, उद्देश्यों की आवश्यकता. शैक्षिक एवं शिक्षण उद्देश्यों में अन्तर, सामान्य एवं प्राप्य उद्देश्यों के कार्य, उद्देश्य निर्धारित करने के आधार या मानदण्ड, हिन्दी शिक्षण के अनुदेशनात्मक उद्देश्य, उद्देश्य, सामान्य उद्देश्य, मातृभाषा हिन्दी-शिक्षण के उद्देश्य, मातृभाषा हिन्दी-शिक्षण के उद्देश्यों का आधुनिक वर्गीकरण : ब्लूम व अन्य, प्रभावी शिक्षण की योजना, विषयवस्तु विश्लेषण की प्रक्रिया एवं विशेषताएँ. शिक्षण उद्देश्यों की पहचान करना, व्यवहार परिवर्तन के सन्दर्भ में उद्देश्यों का लेखन अथवा परिभाषीकरण, ब्लूम द्वारा प्रतिपादित शैक्षिक उद्देशों का वर्गीकरण, उद्देश्यों के वर्गीकरण का नाम टेक्सोनामी क्यों रखा गया?, ब्लूम व सहयोगियों द्वारा उद्देश्यों के तीन वर्गों का प्रस्तुतीकरीण, संज्ञानात्मक क्षेत्र, भावात्मक क्षेत्र, क्रियात्मक अथवा मनोगतिकी क्षेत्र, ज्ञानात्मक, भवात्मक तथा क्रियात्मक स्तरों का तुलनात्मक अध्ययन, शैक्षिक उद्देश्यों के क्षेत्र में अन्य विद्वानों द्वारा किए गए प्रयास- हैरो, डूकर, मेगर, मिलर तथा आर. सी. इ. एम. के वर्गीकरण, भारत में शैक्षिक उद्देश्यों के आधुनिक वर्गीकरण का प्रचलन।
10. हिन्दी-पाठ्यक्रम : संकल्पना, निर्माण, समीक्षा एवं सुझाव ... 155
(Hindi Curriculum : Concept, Construction, Criticism And Suggestions)
पाठ्यक्रम का अर्थ, हिन्दी पाठ्यक्रम की संकल्पना. मातृभाषा हिन्दी के पाठ्यक्रम निर्माण की प्रक्रिया, पाठ्यक्रम निर्माण में संसाधनों का प्रयोग एवं अनुकूलन, वर्तमान हिन्दी पाठ्यक्रम का आलोचनात्मक अध्ययन।
11. मातृभाषा-शिक्षण : सिद्धान्त, गतिशीलता, रोचकता, मानक  भाषा एवं बाधक तत्व... 163
(Mother Tongue Teaching : Principles, Propels, Interest, Standard Language And Disturbing Elements)
मातृभाषा शिक्षण के कुछ सामान्य सिद्धान्त, हेराल्ड पामर द्वारा प्रस्तुत भाषा-शिक्षण के सिद्धान्त, मातृभाषा शिक्षण को गतिशील बनाने के उपाय, मातृभाषा शिक्षण में रोचकता उत्पन्न करना, मातृभाषा और मानक-भाषा, मानक-भाषा की अवधारणा, मातृभाषा हिन्दी के विकास में अंग्रेजी तथा अन्य आधुनिक भारतीय भाषाओं (बोलियों) के बाधक तत्व।
12. हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाएँ : गद्य, पद्य कहानी एवं नाटक ... 177
(Various Forms of Hindi Literature: Prose, Poetry, Story And Drama)
गद्य, पद्य, कहानी, नाटक, हिन्दी साहित्य-शिक्षण के उद्देश्य
13. हिन्दी गद्य : इतिहास, विशेषताएँ, शिक्षण उद्देश्य एवं विधियाँ ... 181
(Hindi Prose : Characteristics, Teaching Aims And Methods)
हिन्दी गद्य का इतिहास, हिन्दी गद्य शिक्षण के उद्देश्य, उददेश्यों के आधुनिक वर्गीकरण के आधार पर हिन्दी गद्य शिक्षण के उद्देश्य, गद्य की विशेषताएँ, हिन्दी गद्य के मूल तत्व या अवयव, हिन्दी गद्य शिक्षण की विधियाँ, युक्तियाँ एवं प्रविधियाँ, हिन्दी शिक्षण में प्रयुक्त प्रविधियाँ, गद्य शिक्षण में बोध-प्रश्नों का महत्व व उपयोगिता, गद्य शिक्षण को रोचक व प्रभावी बनाने के उपाय।
14. हिन्दी कविता : इतिहास, विशेषताएँ, कठिन शब्दों की व्याख्या, सस्वर पाठन एवं शिक्षण के उद्देश्य व विधियाँ ... 213
(Hindi Poetry : History, Characteristics, Explanation of Difficult Words, Reading And Teaching Aims And Methods)
हिन्दी कविता का संक्षिप्त इतिहास, कविता के रूप या प्रकार तथा विशेषताएँ,आधुनिक हिन्दी कविता का युगों में विभाजन, हिन्दी कविता शिक्षण के उद्देश्य अंग, विधियाँ एवं प्रविधियों, कविता शिक्षण में रोचकता उत्पन्न करना, कविता शिक्षण से लाभ तथा कुछ सम्बन्धित समस्याएँ और समाधान, कविता शिक्षण में कठिन शब्दों की व्याख्या, पद्यांशों का शिक्षण, पदों का वर्गीकरण, भक्ति-रीति-नीति-गेय आदि पदों की व्याख्या का शिक्षण, गद्य शिक्षण में शब्दार्थ-कार्य की विधियाँ, गद्य-पद्य शिक्षण में सस्वर वाचन के उद्देय, महत्व एवं सावधानियाँ, प्रभावी एवं आदर्श पाठन, प्रभावी एवं आदर्श पाठन से गद्य का आधा व पद्य का पूरा भाव समझना, सस्वर एवं मौन वाचन की तुलनात्मक समीक्षा, कविता शिक्षण के माध्यम से सृजनात्मकता के विकास के उपाय।
15. हिन्दी नाटक : इतिहास, विशेषताएँ, शिक्षण उद्देश्य व विधियाँ, अन्य विधाओं से तुलना तथा समस्याएँ और समाधान ... 251
(Hindi Drama : History, Characteristics, Teaching Ains And Methods, Comparison With Other Prose forms And Problems)
हिन्दी नाटक : उद्भव और विकास, भारतेन्दु पूर्व युग का हिन्दी नाटक, भारतेन्दु युग तथा आधुनिक युग का हिन्दी नाटक, प्रसाद युगीन हिन्दी नाटक का विकास, प्रसादोत्तर युग, हिन्दी नाटक-अर्थ व महत्व, नाटक के मूल तत्व और सिद्धान्त, भेद या प्रकार तथा विशेषताएँ शिक्षण के उद्देश्य.विधियाँ व प्रणालियाँ, नाटक शिक्षण किस स्तर से प्रारंभ किया जाए ? नाटक का चयन तथा शिक्षण विधि सम्बन्धी सावधानियाँ, नाटक शिक्षण में प्रभाव तथा रोचकता लाने के उपाय।
16. हिन्दी कहानी : इतिहास, अर्थ, महत्व, शिक्षण-उद्देश्य व विधियाँ तथा अन्य शिक्षण-पक्ष ... 267
(Hindi Story : History, Meaning, Importance, Teaching Aims Methods And Other Teaching-Aspects)
कहानी : अर्थ व परिभाषा, कहानी का महत्व, हिन्दी कहानी का उद्भव और विकास, हिन्दी कहानी के दो स्तंभ-प्रेमचन्द और प्रसाद, हिन्दी की महिला कहानीकार, हिन्दी कहानी के प्रमुख तत्व या अंग, हिन्दी कहानी की विशेषताएँ, कहानी के भेद-प्रकार-वर्गीकरण, शिक्षण हेतु कहानी का चयन अथवा निर्वाचन में सावधानियाँ, कहानी पूर्ति की कला का शिक्षण, कहानी सुनाने की कला का शिक्षण, कक्षा-कक्ष में कहानी-शिक्षण, कहानी शिक्षण के उद्देश्य व विधियाँ, कहानी शिक्षण किस स्तर से प्रारंभ करें? किस स्तर पर कौन सी कहानियों का शिक्षण करें? कहानी शिक्षण के लाभ, कहानी शिक्षण को रोचक बनाने के उपाय।
17. हिन्दी निबन्ध : अर्थ, संकल्पना, इतिहास, विशेषताएँ, शिक्षण-उद्देश्य एवं विधियाँ ... 282
(Hindi Essay : Meaning. Concept, History, Characteristics, Teaching Aims And Methods)
निबंध का अर्थ, संकल्पना व परिभाषाएँ, हिन्दी निबंध का उद्भव और विकास, पाठ्यक्रम में निबंध का स्थान निबंध-शिक्षण के उद्देश्य, निबंध शिक्षण की विधियाँ, निबंध-शिक्षण को रोचक एवं प्रभावी बनाने के उपाय, निबंध-शिक्षण के सोपान।
18. हिन्दी साहित्य में रस-शिक्षण ... 291
(Teaching of Ras in Hindi Literature)
कविता का भाव-पक्ष, कविता का कला-पक्ष, रस-विवेचन, रस परिभाषा, विभाव, अनुभाव, व्यभिचारी अथवा संचारी भाव, स्थायी भाव, रस-शिक्षण के उद्देश्य एवं विधियाँ।
19. हिन्दी साहित्य में अलंकार-शिक्षण ... 298
(Teaching of Alankar In Hindi Literature)
अलंकार का अर्थ व संकल्पनां, अलंकार के भेद, अलंकार-शिक्षण के उद्देश्य, काव्य में अलंकार का महत्व व आवश्यकता, अलंकार शिक्षण की विधियाँ।
20. हिन्दी साहित्य में छन्द-शिक्षण ... 302
(Teaching Or Chanda In Hindi Literature)
छन्द : परिभाषा, छन्द के भेद, छन्द शास्त्र के पारिभाषिक शब्द-लघु-गुरु वर्ण, लघु को गुरु मानने के नियम, अनुस्वार व विसर्ग युक्त होने के नियम, संयुक्त व्यंजन से पूर्व का अक्षर, हलन्त व्यंजन से पूर्व का वर्ण, चरण के अन्त में आवश्यकतानुसार, गुरु का लघु मानने के नियम, यति, गति, मात्रा, शुभाक्षर, दग्धाक्षर या अशुभाक्षर, वर्णिक गण। छन्द शिक्षण के उद्देश्य, काव्य में छन्द का महत्व और आवश्यकता, छन्द शिक्षण की विधियाँ।
21. हिन्दी व्याकरण : अर्थ, महत्व, शिक्षण उद्देश्य व विधियाँ तथा अन्य सम्बद्ध पक्ष ... 307
(Hindi Grammar : Meaning, Importance, Teaching Aims, Methods And Other Related Aspects)
व्याकरण का अर्थ, संकल्पना व परिभाषा, व्याकरिणक व्यवहार की दृष्टि से शब्दों के आठ भेद-संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया-विशेषण, सम्बन्ध बोधक-समुच्चय बोधक तथा विस्मयादिबोधक अव्यय। हिन्दी व्याकरण का विभाजन, व्याकरण का महत्व, हिन्दी व्याकरण का इतिहास, हिन्दी व्याकरण के तत्व- वर्ण, मात्राएँ, शब्द, वाक्य, पदच्छेद, वाक्य विशेषण, व्याकरण शिक्षण कब प्रारंभ करें? किस स्तर पर कौन सी व्याकरण पढ़ाएँ? हिन्दी-व्याकरण की विशेषताएँ, व्याकरण शिक्षण के उद्देश्य व विधियाँ, व्याकरण शिक्षण में रोचकता व प्रभाव उत्पन्न करने के उपाय।
22. हिन्दी में मौखिक भाषा-शिक्षण ... 326
(Teaching of Spoken or Oral Hindi Language)
मौखिक भाषा : अर्थ, महत्व, अंग या तत्व, मौखिक भाषा-शिक्षण के उद्देश्य व विधियाँ, मौखिक भाषा के प्रकार या रूप, मौखिक कार्य की विशेषताएँ, मौखिक भाव प्रकाशन, मौखिक अभिव्यक्ति का व्यक्तित्व विकास पर प्रभाव, मौखिक कार्य को रोचक, प्रभावी एवं उपयोगी बनाने के उपाय।
23. हिन्दी में वाचन (पठन) शिक्षण ... 336
(Teaching of Reading In Hindi)
वाचन का अर्थ व परिभाषा, महत्व, विशेषताएँ, आधारभूत तत्व और सिद्धान्त तथा प्रकार, सस्वर वाचन, सस्वर वानच के उद्देश्य, सस्वर वाचन के भेद या प्रकार, सस्वर वाचन के लाभ व गुण, सस्वर वाचन शिक्षण कैसें व किस स्तर से प्रारंभ करें?, सस्वर वाचन की विधियाँ। मौन वाचन - अर्थ, परिभाषा, महत्व, उपयोगिता, शिक्षण उद्देश्य व शिक्षण विधियाँ, मौन वाचन को रोचक बनाने के उपाय, मौन वाचन के तत्व, प्रकार, दोष दूर करने के उपाय तथा वाचन में प्रयुक्त की जाने वाली सामग्री।
24. हिन्दी में लिखित भाषा शिक्षण ... 348
(Hindi : Written Language Teaching)
लिखित भाषा तथा लेखन का अर्थ व स्वरूप, महत्व, लेखन-शिक्षण का अर्थ व स्वरूप, लेखन शिक्षण प्रारंभ करने का समय, लिखना प्रारंभ करने वालों को अक्षरों का पढ़ना व लिखना सिखाने की विधि, लेखन तथा लिखित भाषा के तत्व या अंग, उत्कृष्ट लेखन की विशेषताएँ या गुण, अच्छे लेखन के लिये कुछ व्यावहारिक सावधानियाँ, लेखन शिक्षण के उद्देश्य व विधियाँ, छात्रों को सुलेख लिखने में प्रवीण बनाने की विधियाँ, लिपि शिक्षण, अनुलेखन, प्रतिलेखन, श्रुतलेखन (इमला), आलेखन, प्रालेखन, भाषा शिक्षण में लिखित कार्य की उपयोगिता, लिखित भाषा शिक्षण को रोचक व प्रभावी बनाने के उपाय।
25. हिन्दी में उच्चारण एवं वर्तनी शिक्षण  ... 364
(Teaching of Pronunciation And Spelling In Hindi)
उच्चारण : अर्थ, संकल्पना व महत्व, उच्चारण की सामान्य अशुद्धियाँ, अशुद्ध उच्चारण के कारण, उच्चारण दोष दूर करने के उपाय, उच्चारण के नियम, उच्चारण शिक्षण की विधियाँ। वर्तनी : अर्थ, संकल्पना व महत्व, वर्तनी की सामान्य अशुद्धियाँ, वर्तनी की अशुद्धियों के कारण, वर्तनी शिक्षण की विधियाँ, वर्तनी के नियम, वर्तनी की अशुद्धियों में सुधार के उपाय, उच्चारण दोष में वर्तनी दोष का महत्व अथवा वर्तनी दोष में उच्चारण दोष का प्रभाव।
26. हिन्दी में अनुवाद-शिक्षण ... 389
(Teaching of Translation In Hindi)
अनुवाद : अर्थ, संकल्पना, महत्व, अंग या तत्व, प्रकार, भेद या शैलियाँ, अनुवाद शिक्षण के उद्देश्य और विधियों, अनुवाद के नियम, अनुवाद की कौन सी विधि कब प्रयोग की जाए? अनुवाद के सम्बन्ध में सावधानियाँ, अनुवाद शिक्षण को रोचक व प्रभावी बनाने के उपाय।
27. भाषा शिक्षण में साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सृजनात्मक गतिविधियों का विकास और संगठन ... 395
(Development And Organization of Literary, Cultural And Creative Activities In Language Teaching)
साहित्यिक, सांस्कृतिक, सृजनात्मक गतिविधियाँ, पाठ्येतर गतिविधियों की आवश्यकता, महत्व, विशेषताएँ, सिद्धान्त व लाभा साहित्यिक-सांस्कृतिक-सृजनात्मक गतिविधियों का संगठन, संगठनात्मक व्यवस्था के उद्देश्य, आधार अथवा मूल तत्व, उत्तरदायी अंग, प्रकार, प्रमुख कार्य तथा दी जाने वाली सेवाओं की प्रक्रिया (आयोजन समिति, योजना, क्रियान्वयन, मूल्यांकन एवं सुझाव)
28. हिन्दी पाठ्यपुस्तकें और पत्र पत्रिकाएँ ... 406
(Hindi Text Books And Journals)
हिन्दी पाठ्य पुस्तक को संकल्पना, अर्थ, उद्देश्य, कार्य, विशेषताएँ, वर्तमान दोष, लाभ तथा पाठ्यपुस्तकों के दोष। हिन्दी की प्रमुख पत्र-पत्रिकाएँ, हिन्दी समाचार-पत्र, सामान्य हिन्दी पत्रिकाएँ, शोध पत्रिकाएँ तथा हिन्दी अध्ययन की पठनीय सामग्री।
29. साहित्यिक अध्ययन में समीक्षात्मक एवं मूल्यांकन अभिरुचि का विकास ... 416
(Development of Literary Appreciation)
साहित्यिक पाठ्यपुस्तकों के मानक एवं मूल्यांकन व विश्लेषण की पद्धतियाँ, वोगल आधारित तत्काल जाँच-मूल्यांकन मापनी का प्रारूप, भारत में पाठ्यपुस्तकों के मूल्यांकन एवं चयन की पद्धति. हण्टर द्वारा प्रस्तुत प्राप्तांक कार्ड।
30. हिन्दी शिक्षक और शिक्षक प्रशिक्षण ... 426
(Hindi Teacher And Teacher Training)
अच्छे हिन्दी शिक्षक की विशेषताएँ, महत्व, कर्तव्य, हिन्दी शिक्षकों के प्रशिक्षण की आवश्यकता, शिक्षक प्रशिक्षण के प्रकार व रूप-सेवापूर्व तथा सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण।
31. हिन्दी शिक्षण में सहायक सामग्री का प्रयोग ... 436
(Use of Teaching Aids In Hindi Teaching)
सहायक शिक्षण सामग्री की अवधारणा, वर्गीकरण, उद्देश्य, प्रकृति, विशेषताएँ, प्रकार व लाभ। हिन्दी शिक्षण में प्रयुक्त की जाने वाली सहायक सामग्री।
32. मातृभाषा हिन्दी शिक्षण में सह-सम्बन्ध ... 444
(Correlation In Mother Tongue & Hindi Teaching)
सह सम्बन्ध-परिभाषा, कार्य-कारण सम्बन्ध, प्रकार, सह-सम्बन्ध गुणांक की व्याख्या, हिन्दी शिक्षण में सह-सम्बन्ध का महत्व, हिन्दी का विज्ञान तथा अन्य विषयों से सह-सम्बन्ध।
33. भाषा-प्रयोगशाला ... 449
(Language Laboratory)
भाषा-प्रयोगशाला-संकल्पना, उद्भव, अर्थ, परिभाषा, आवश्यकता, उद्देश्य, प्रयुक्त उपकरण, विभाग, स्थापना, क्रिया विधि, एवं लाभ।
34. हिन्दी में सूक्ष्म-शिक्षण ... 454
(Micro-Teaching In Hindi)
सूक्ष्म-शिक्षण-संकल्पना, अर्थ, परिभाषाएँ, सक्ष्म-शिक्षण चक्र, घटक या तत्व अथवा सम्मिलित किए गए शिक्षण कौशल, विशेषताएँ, चरण या पद, भारत में सूक्ष्म शिक्षण, सूक्ष्म-शिक्षण का भारतीय प्रतिमान, सूक्ष्म शिक्षण के गुण, दोष व पाठ-योजना।
35. भारत की भाषा-नीति और हिन्दी ... 469
(Language Policy of India And Hindi)
भारत में भाषा सम्बन्धी संवैधानिक नीति, हिन्दी की सशक्त स्थिति, भारत की भाषा सम्बन्धी ढुलमुल नीति।
36. हिन्दी शिक्षण में मापन एवं मूल्यांकन ... 472
(Measurement And Evaluation In Hindi)
मातृभाषा हिन्दी शिक्षण मेंमूल्यांकन का महत्व, मापन व मूल्यांकन, मापन क्या है? मापन के आधार पर मूल्यांकन, मूल्यांकन के आधारभूत तत्व, आवश्यकता, सिद्धान्त, प्रक्रिया, उपकरण व प्रविधियाँ, उपयोगिता, प्रकार, मूल्यांकन में परीक्षण सम्बन्धी मान्यताएँ अथवा अच्छे परीक्षण की विशेषताएँ-विश्वसनीयता, वैधता, फलांकन की वैज्ञानिक विधि, विभेदीकरण क्षमता (पद-विश्लेषण), वस्तुनिष्ठता, मानकीकरण (प्रामाणीकरण) प्रश्न तथा परीक्षण-परिभाषा, प्रकार, परीक्षण प्रारूप का निर्माण (परीक्षण निर्माण की प्रक्रिया) व चरण, निबन्धात्मक, लघु, अतिलघु प्रश्न। वस्तुनिष्ठ प्रश्न- अवधारणा, कार्य, उद्देश्य, प्रकार, निर्माण के सिद्धान्त व चरण। संज्ञानात्मक-भावात्मक-क्रियात्मक, प्रक्रिया तथा उत्पाद परिणामों के मापन हेतु परीक्षणों का विकास एवं सम्बन्धित परिणामों के लिए निर्धारित व्यवहार परिवर्तन तथा उदाहरण प्रश्न।
37. हिन्दी शिक्षण में पाठ-योजना ... 511
(Lesson Planning In Hindi Teaching)
पाठ-योजना-अर्थ, परिभाषा, परम्परागत एवं आधुनिक पाठ-योजना, हर्बार्ट की पंचपदीय शिक्षण प्रणाली, पाठ-योजना की विशेषताएँ, तत्व, अंग या चरण, हर्टि पंचपदीय प्रणाली पर आधारित पाठ-योजनाएँ- पाठ योजना-1 (हिन्दी गद्य), योजना-2 (हिन्दी कविता), योजना-3 (हिन्दी कहानी), योजना-4 (हिन्दी नाटक), योजना-5 (हिन्दी व्याकरण)।
ब्लूम के शैक्षिक उद्देश्यों पर आधारित पाठ योजना का प्रारूप।
संदर्भ ग्रन्थ सूची ... 551

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