प्रश्न 5. क्रियात्मक अनुसंधान की क्रियाविधि तथा सीमाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-क्रियात्मक अनुसंधान के सोपान
(Steps of Action Research)
क्रियात्मक अनुसंधान के पद और प्रक्रिया बहुत निश्चित नहीं हैं फिर भी
विद्यार्थियों को चाहिए कि वह जहाँ तक हो सके वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ
विज्ञान के नियमों का अनुसरण करते हुए अध्ययन करें। क्रियात्मक अनुसंधान के
प्रमुख पद या सोपान निम्नलिखित हैं-
1.समस्या को पहचानना (Identification of the Problem)-क्रियात्मक अनुसंधान में
पहला और सबसे अधिक महत्वपूर्ण सोपान समस्या का चयन है। जब कभी कार्यकर्ता को
समस्या का अनुभव होता है तभी वह अनुसंधान करता है। समस्या को पहचानने के लिए
शिक्षक को जागरूक रहकर और वस्तुनिष्ठ रुप से अपने दैनिक कार्यक्रम के प्रत्येक
अंग पर दृष्टि रखनी पड़ती है। इसके लिए व्यापक उदार और स्वस्थ दृष्टिकोण की
आवश्यकता है। जिससे कि कार्य-प्रणाली के दोष देखें जा सकें। ये समस्यायें
शिक्षक के विद्यालयी जीवन में सब कहीं दिखायी पड़ती हैं। जॉन डब्ल्यू बेस्ट के
शब्दों में "अध्यापकगण स्वयं अपने पिछवाड़े रत्नों के एकड़ का पता लगायेंगे और
जिज्ञासु तथा कल्पनाशील मस्तिष्क रखने वाला इन समस्याओं में किसी को एक उपयुक्त
तथा व्यावहारिक अनुसंधान योजना का रुप दे सकता है।"
समस्याओं के पहचानने में संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है जोकि सभी
कार्यकर्ताओं में एक-सी नहीं मिलती। क्रियात्मक अनुसंधान की मुख्य समस्याएँ
निम्नलिखित स्त्रोंतों में खोजी जा सकती हैं-
(i) शिक्षण से सम्बन्धित समस्यायें (Problems relating to Teaching) - इनमें
पाठ्यवस्तु को समझने, उपयुक्त शिक्षण, शिक्षक-शिक्षार्थी सम्बन्ध, कक्षा का
वातावरण, विद्यार्थियों में परस्पर आदान-प्रदान, गृहकार्य और लिखित कार्य
स-स्वर तथा मौन वाचन, लिखित तथा मौखिक अभिव्यक्ति, उच्चारण, रुचि कक्षा में देर
से आना आदि से सम्बन्धित समस्यायें सम्मिलित हैं।
(ii) परीक्षण से सम्बन्धित समस्यायें (Problems relating to Test) - इनमें
विश्वसनीयताए, वैधता, परीक्षण का निर्माण, विविध परीक्षणों का प्रयोग,
परीक्षणों द्वारा उपलब्धि में प्रगति, प्रश्नपत्रों में अधिक विकल्प देना,
निबन्धात्मक एवं वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं का समन्वय, निदानात्मक परीक्षणों का
प्रयोग एवं निर्माण तथा परीक्षण और शिक्षण में समन्वय लाने की समस्यायें आती
हैं।
(iii) पाठ्यक्रमेत्तर कार्यक्रमों से सम्बन्धित समस्यायें (Problems relating
to Extracurricular Activities) - इनमें विद्यार्थियों में रुचि एवं उत्साह,
कार्यक्रमों के प्रति उपेक्षा, साधनों का अभाव तथा पाठ्यक्रम से इस कार्यक्रम
के समन्वय की समस्यायें सम्मिलित हैं।
(iv) विद्यालय के संगठन एवं प्रबन्धन से सम्बन्धित समस्यायें (Problems
relating to Organisation and Management of School) - इनमें विद्यालय की विविध
क्रियाओं में समन्वय, शैक्षणिक वातावरण का निर्माण, अध्यापकों का परस्पर सहयोग,
अध्यापक एवं छात्र संघ के कार्यों का पर्यवेक्षण, अनुशासन, पुस्तकालय तथा
वाचनालय की सुविधायें, कक्षा गृहों की स्वच्छता और आकर्षकता तथा उनकी
साज-सज्जा, अध्यापकों और विद्यार्थियों के सम्बन्ध, विद्यालय में भावात्मक एकता
और उसके स्तर को ऊँचा बढ़ाने की समस्यायें आती हैं।
क्रियात्मक अनुसंधान का क्षेत्र एवं समस्याएँ
(Scope and Problems of Action Research)
क्रियात्मक अनुसंधान का मुख्य कार्य है - विद्यालय की समस्याओं का समाधान करके
उसकी गुणात्मक उन्नति करना। अत: इसका क्षेत्र बहुत व्यापक है और इसमें
निम्नलिखित समस्याओं को स्थान दिया जा सकता है -
1. बाल-व्यवहार से सम्बन्धित समस्याएँ।
2. शिक्षण से सम्बन्धित समस्याएँ।
3. परीक्षा से सम्बन्धित समस्याएँ।
4. विद्यालय-संगठन व प्रशासन से सम्बन्धित समस्याएँ।
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