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ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2271
आईएसबीएन :0

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बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) पदार्थ विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।

प्रश्न 3. अनुसंधान का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुये इसके प्रकारों का उल्लेख कीजिए। अनुसंधान में क्रियात्मक अनुसंधान का विस्तृत वर्णन कीजिए।
अथवा
अनुसंधान से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों को बताते हुये क्रियात्मक अनुसंधान का विवरण दीजिये।

1. अनुसंधान का क्या अर्थ है? स्पष्ट कीजिए।
2. अनुसंधान के प्रकारों को बताइये।
3. क्रियात्मक अनुसंधान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष बताइये।

4. एक्शन रिसर्च पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर-अनुसंधान का अर्थ एवं परिभाषा
Meaning and Definition of Research

अनुसंधान का शाब्दिक अर्थ है लक्ष्य का अनुगामी होना' या उसके पीछे-पीछे चलना जब तक कि अभीष्ट उत्तर न मिल सके, ऐसा ही अर्थ इसके अंग्रेजी शब्द के समकक्ष होता है - Research (Re=Again..., Search=Explore) अत: इसका अर्थ है - 'बार-बार खोजना'। अनुसंधान एक , सादृश्य प्रक्रिया है जिसके द्वारा समस्याओं का समाधान करके ज्ञान में वृद्धि की जाती है वस्तुत:ज्ञान-वृद्धि की प्रक्रिया ही अनुसंधान है। सभी प्रकार के अनुसंधान समस्या केन्द्रित होते हैं। शिक्षण तथा व्यवहार के विकास की समस्याओं का समाधान शैक्षिक अनुसंधानों द्वारा किया जाता है। अनुसंधान' शब्द की निश्चित परिभाषा निकालने के लिये कुछ विद्वानों द्वारा दी गयी निम्नलिखित परिभाषाओं पर विचार करना होगा।

जॉन डब्ल्यू. बेस्ट (John W.Best) के अनुसार - "अनुसंधान अधिक औपचारिक, व्यवस्थित तथा गहन प्रक्रिया है जिसमें वैज्ञानिक विधि विश्लेषण को प्रयुक्त किया जाता है, अनुसंधान में व्यवस्थित स्वरूप को सम्मिलित किया जाता है जिसके फलस्वरुप निष्कर्ष प्राप्त किये जाते हैं और उनका औपचारिक आलेख तैयार किया जाता है।"

डब्ल्यू. एस. मुनरो (W.S. Munroe) के अनुसार - "अनुसंधान की परिभाषा समस्या समाध पान के अध्ययन विधि के रूप में किया जाता है जिसके समाधान आंशिक तथा पूर्ण रूप में तथ्यों एवं प्रदत्तों पर आधारित होते हैं, शोध कार्यों में तथ्य-कथनों, विचारों, ऐतिहासिक तथ्यों एवं आलेखों पर आधारित होते हैं, प्रदत्त प्रयोगों तथा परिक्षाओं की सहायता से एकत्रित किये जाते हैं, शैक्षिक अनुसंधानों का अन्तिम लक्ष्य यह होता है कि सिद्धान्तों की शैक्षिक क्षेत्र में क्या उपयोगिता है, प्रदत्तों का संकलन तथा व्यवस्था करना ही शोध कार्य नहीं है, अपितु यह एक प्राथमिक आवश्यकता है।"

पी.एम. कुक (P.M.Cook) के अनुसार - "अनुसंधान किसी समस्या के प्रति ईमानदारी एवं व्यापक रूप में समझदारी के साथ की गई खोज है, जिसमें तथ्यों, सिद्धान्तों तथा अर्थों की जानकारी की जाती है, अनुसंधान की उपलब्धि तथा निष्कर्ष प्रामाणिक तथा पुष्टि योग्य होते हैं, जिससे ज्ञान में वृद्धि होती है।"

एल. वी. रेडमैन तथा अन्य (L.V. Redman and other) ने 'रोमांस ऑफ रिसर्च' में परिभाषा देते हुए लिखा है कि - "अनुसंधान नवीन ज्ञान प्राप्त करने के लिये एक व्यवस्थित प्रयास है।"

एम. एम. ट्रेवर्स (M.M. Travers) के अनुसार - "शैक्षिक अनुसंधान वह प्रक्रिया है जो शैक्षिक परिस्थितियों में एक व्यवहार सम्बन्धी विज्ञान के विकास की ओर अग्रसर होती है।"

सी. सी. क्राफोर्ड (C.C.Crawford) के अनुसार - "अनुसंधान किसी समस्या के अच्छे समाधान के लिए क्रमबद्ध तथा विशुद्ध चिन्तन एवं विशिष्ट उपकरणों के प्रयोग की एक विधि है।"

सामाजिक विज्ञानों के ज्ञानकोश (Encyclopedia of Social Sciences) के अनुसार- "अनुसंधान वस्तुओं, प्रत्ययों तथा संकेतों आदि को कुशलतापूर्वक व्यवस्थित करता है, जिसका उद्देश्य सामान्यीकरण द्वारा विज्ञान का विकास परिमार्जन अथवा सत्यापन होता है, चाहे वह ज्ञान व्यवहार में सहायक हो अथवा कला में।"

उपर्युक्त दी गयी परिभाषाओं के आधार पर यह कहा जा सकता हैं कि "अनुसंधान वह क्रमबद्ध वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें वैज्ञानिक उपकरणों के प्रयोग द्वारा वर्तमान ज्ञान का परिमार्जन, उसके विकास अथवा किसी नये तथ्य की खोज द्वारा ज्ञानकोश में वृद्धि की जाती है।"

अनुसंधान
(Research)

सामाजिक अनुसंधान    मनोवैज्ञानिक अनुसंधान     शैक्षिक अनुसंधान (Sociological Research) (Psychological Reseach)  (Educational Research)

शैक्षिक अनुसंधान (Educational Research)

शैक्षिक अनुसंधान दो प्रकार के होते हैं -

1. मौलिक अनुसंधान (Fundamental Research)
2. क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research)

क्रियात्मक अनुसंधान का अर्थ एवं परिभाषा
(Meaning and Definition of Action Research)

क्रियात्मक अनुसंधान एक व्यापक तथा मिश्रित शब्द है। यह एक नवीन संकल्पना है। कुमार, चन्द्रा एवं कमल ने इसका विश्लेषण निम्न प्रकार से किया है -

Action Research = Action + Research
Research = Re + Search
Action = Act + on

क्रियात्मक अनुसंधान, दो शब्दों में मिलकर बना है - 1. क्रियात्मक (Action) तथा 2. अनुसंधान (Research)।

रिसर्च शब्द भी दो शब्दों से मिलकर बना है - री (Re) + सर्च (Search) एक्शन शब्द भी इसी प्रकार 1. Act (एक्ट) तथा 2. On (ऑन), शब्दों से मिलकर बना है। क्रियात्मक अनुसंधान का शाब्दिक अर्थ क्रिया आधारित अन्तरूधारणा से है।

क्रियात्मक अनुसंधान, शिक्षक, प्रधानाचार्य, प्रबन्धक, प्रशासक निदेशक निरीक्षक अथवा अन्य विद्यालयों के कर्मचारियों द्वारा विद्यालय की समस्याओं को सुलझाने के लिए किया जाता है। जिसका लक्ष्य विद्यालय की प्रगति तथा विकास करना होता है। यह कक्षा तथा विद्यालयों में प्रतिदिन उठने वाली समस्याओं का वैज्ञानिक विधि से समाधान खोजा जाता है, जिससे शिक्षण में वांछित सुधार लाया जाता है।

क्रियात्मक अनुसंधान विद्यालयों की कार्य-पद्धति में सुधार एवं विकास करने का सबल साधन है। इसके माध्यम से शिक्षक अपनी कक्षा तथा विद्यालय की समस्याएं सुलझाने का प्रयत्न करता है। आज शिक्षा के क्षेत्र में नये-नये अनुसंधान होते चले जा रहे हैं जिनका उद्देश्य शिक्षा को उत्तम बनाना है और शिक्षा सम्बन्धि विभिन्न समस्याओं को सुलझाना है। क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षा में अनुसंधान की प्रक्रिया को गति प्रदान करता है।

क्रियात्मक अनुसंधान को व्यापक रुप से परिभाषित करने के लिये कुछ विद्वानों द्वारा दी गयी निम्नलिखित परिभाषाओं का विश्लेषण करना आवश्यक है -

मैक ग्रैथटे (Mac Grathte) के अनुसार – “क्रियात्मक अनुसंधान व्यवस्थित खोज की क्रिया है जिसका उद्देश्य व्यक्ति या समूह क्रियाओं में रचनात्मक सुधार तथा विकास लाना है।"

रिसर्च इन एजुकेशन (Research in Education) के अनुसार - "क्रिया अनुसंधान वह अनुसंधान है, जो एक व्यक्ति अपने उद्देश्यों को अधिक उत्तम प्रकार से प्राप्त करने के लिए करता है।"

एस. एम. कोरे (S. M. Corey) के अनुसार - "क्रियात्मक अनुसंधान वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक अन्वेषक अपनी समस्याओं को निर्देशित करने के लिये, ठीक करने के लिए तथा निर्णय एवं कार्यों का मूल्यांकन करने के लिये वैज्ञानिक अध्ययन करता है।"

राष्ट्रीय बेसिक शिक्षा संस्थान (National Institute of Basic Education) के अनुसार - "क्रियात्मक अनुसंधान वह अनुसंधान है जिसका प्रयोग कर व्यक्ति उद्देश्यों को अधिक प्रभावशाली रूप से सफलता पाने के लिये करता है, एक अध्यापक अपनी शिक्षा में सुधार के लिए करता है तथा एक विद्यालय का प्रबन्धक अपने प्रशासनात्मक व्यवहार के सफल संचालन के लिये करता है।"

सारा ब्लैक वैल (Sara Black Well) के अनुसार - "क्रियात्मक अनुसंधान विद्यालयों की समस्याओं से सम्बन्धित विद्यालय कार्यकर्ताओं द्वारा विद्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिये किया गया अनुसंधान है।"

कार्टर वी. गुड (Carter V. Good) के अनुसार - "क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों, निरीक्षकों एवं प्रशासकों द्वारा अपने निर्णयों तथा कार्यो में गुणात्मक सुधार लाने के लिये किया जाने वाला अनुसंधान है।

जॉर्ज मॉउली (G. Mouly, 1964) के अनुसार - "शिक्षक के समक्ष उपस्थित समस्याओं में अनेक समस्याएँ तत्काल समाधान चाहती हैं। इसलिए तात्कालिक समस्या समाधान के उद्देश्य से घटनास्थल पर किया गया अनुसंधान ही क्रियात्मक अनुसंधान कहलाता है।"

जॉन. डब्ल्यू. बेस्ट (J.W. Best) के अनुसार - "क्रियात्मक अनुसंधान का तात्कालिक उपयोग किया जाता है, इसके द्वारा सिद्धान्त का विकास नहीं किया जाता है, न ही इसका सामान्य उपयोग किया 'जाता है। इसमें यहाँ और अभी की समस्या जो स्थानीय प्रकार की है, उस पर बल दिया जाता है। इसके परिणामों का मूल्यांकन स्थानीय अनुप्रयोग के रूप में किया जाता है, न कि सार्वभौमिक वैधता के रूप में।"

क्रियात्मक अनुसंधान के प्रकार
(Types of Action Research)

क्रियात्मक अनुसंधान को निम्नलिखित चार भागों में विभाजित किया जा सकता है -

1. निदानात्मक क्रियात्मक अनुसंधान (Diagnostic Action Research) - इस प्रकार का शोध कार्य किसी समस्या अथवा परिस्थिति के कारण का विश्लेषण करता है।

2. सम्भागीय क्रियात्मक अनुसंधान (Participative Action Research) - इस प्रकार के अनुसंधान में सर्वेक्षण करने की प्रवृत्ति होती है, ताकि इसमें अधिक से अधिक विद्यार्थी भाग ले सकें।

3. आनुभविक क्रियात्मक अनुसंधान (Empirical Action Research) - "इस प्रकार के अनुसंधानात्मक कार्यों में ये बातें होती हैं -

(i) किए गये कार्यो का लेखा-जोखा रखना,
(ii) कार्यों के परिणाम का रिकार्ड रखना, बाद में दोनों का सम्पादन किया जाता है।

4. प्रयोगात्मक क्रियात्मक अनुसंधान (Experimental Action Research) - इस प्रकार के शोध कार्यों में कुछ तत्वों नियन्त्रित रखा जाता है। कुछ को मुक्त छोड़ दिया जाता है।

क्रियात्मक अनुसंधान के लाभ
(Advantages of Action Research)

क्रियात्मक अनुसंधान के निम्नलिखित लाभ हैं -

1. स्थानी तात्कालिक समस्याओं का तुरन्त अध्ययन (At once study of Local Immidiate Problems) - क्रियात्मक अनुसंधान में स्थानीय तात्कालिक समस्याओं का ही अध्ययन किया जाता है। स्थानीय तात्कालिक समस्याओं का इतनी जल्दी अध्ययन किसी और अनुसंधान पद्धति द्वारा नहीं हो सकता है।

2. घटना स्थल पर ही अध्ययन (Study at the Incidence Place) - क्रियात्मक अनुसंधान में किसी प्रयोगशाला आदि की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें क्रियात्मक अनुसंधानकर्ता अध्ययन इकाइयों का अध्ययन घटना स्थल पर ही कर लेता है, दूसरे शब्दों में अध्ययन इकाईयाँ जहाँ रहती हैं, काम करती हैं या किसी उद्देश्य से एकत्रित होती हैं वहीं पर उनसे उनकी समस्या के सम्बन्ध में आँकड़े एकत्र कर समस्या का समाधान किया जाता है। अतः इस अध्ययन समाज की जीवन्त या वास्तविक परिस्थितियों (Realistic LifeSituations) में होते हैं। ऐसी परिस्थिति में अध्ययन के कारण इस अध्ययन से विश्वसनीय परिणाम प्राप्त होते हैं।

3. समस्या के मूल्यांकन में सहायक (Helpful in the Evaluation of Problem) - क्रियात्मक अनुसंधान के आधार पर अध्ययन समस्या का मूल्यांकन बहुत अच्छे ढंग से किया जाता है क्योंकि समस्या का अध्ययन वास्तविक परिस्थितियों में किया जाता है और कई बार अनुसंधानकर्ता उस समूह का सहभागी निरीक्षणकर्ता (Participent Observer) होता है।

4. समस्या के नीति निर्माण में सहायक (Helpful in Policy Formation the Problem) - जब कोई क्रियात्मक अनुसंधानकर्ता किसी क्षेत्र विशेष के लोगों की तात्कालिक समस्या के सम्बन्ध में जनतांत्रिक मूल्यों के आधार पर नीति निर्माण करना चाहता है तो वह नीति निर्माण क्रियात्मक अनुसंधान के आधार पर कर सकता है।

5. जनतान्त्रिक मूल्यों के आधार पर समस्या सुधार (Problem Solution on the basis of DemocraticValues) - क्रियात्मक अनुसंधान में अनुसंधानकर्ता चूँकि जनतान्त्रिक मूल्यों को महत्व देता है। अत: जब वह समस्या से सम्बन्धित सुधार करता है तो सुधार में अधिक से अधि क सम्बन्धित लोग लाभान्वित होते हैं।

6. समस्या का तुरन्त समाधान (Immediate Solution of the Problem) - क्रियात्मक अनुसंधान की सहायता से स्थानीय तात्कालिक समस्याओं का तुरन्त समाधान क्या और कैसे होगा ज्ञात हो जाता है। अत: समस्याओं का अपेक्षाकृत बहुत जल्दी निराकरण और समाधान किया जा सकता है।

7. लचीली अध्ययन पद्धति का लाभ (Advantage of Flexible Study System) - क्रियात्मक अनुसंधान एक प्रकार की लचीले सिद्धान्तों पर आधारित अनुसंधान प्रक्रिया है। इसके नियम बहुत अधिक कठोर नहीं हैं। अत: स्थानीय तात्कालिक समस्याओं का अध्ययन बहुत सुविध पजनक ढंग से किया जा सकता है। लचीली अनुसंधान पद्धति का यह अर्थ नहीं है कि अनुसंधानकर्ता मनमाने ढंग से अध्ययन करता है। यह सब होते हुए भी अध्ययन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अवश्य अपनाता है, वस्तुनिष्ठ का पूरा-पूरा ध्यान रखता है, जनतान्त्रिक और मानवीय मूल्यों को भी महत्व देता है और अन्तत: वह वैज्ञानिक विधि के पदों का अनुसरण जहाँ तक सम्भव होता है करता है।

8. विस्तृत क्षेत्र (Broad Area) - क्रियात्मक अनुसंधान का क्षेत्र यद्यपि स्थानीय स्तर पर तात्कालिक समस्याओं के अध्ययन तक ही सीमित है लेकिन इसका क्षेत्र बहुत व्यापक और विस्तृत इसलिये है कि इसके अन्तर्गत जहाँ-जहाँ मनुष्य है वहाँ-वहाँ सभी प्रकार की तात्कालिक स्थानीय समस्याओं का अध्ययन सम्मिलित है। इतना ही नहीं इसका अध्ययन क्षेत्र समस्याओं के निराकरण, सुधार, समाधान और समस्याओं के सम्बन्ध में नीति निर्धारण तक विस्तृत है।

क्रियात्मक अनुसंधान के दोष
(Demerits of Action Research)

क्रियात्मक अनुसंधान के दोष निम्नलिखित हैं -

1. क्रियात्मक अनुसंधान के लिए विद्यालयों में शिक्षकों के पास समयाभाव है।
2. क्रियात्मक अनुसंधान की समस्या का क्षेत्र सीमित होता है।
3. क्रियात्मक अनुसंधान में गुणवत्ता का अभाव पाया जाता है क्योंकि अधिकांश शिक्षकों, प्राचार्यों एवं निरीक्षकों को क्रियात्मक अनुसंधान का अनुभव नहीं होता है।
4. विद्यालय की विशेष परिस्थितियों में एक विशेष समस्या क्रियात्मक अनुसंधान के आधार पर होती है, जिसके समाधान के परिणाम को दूसरे विद्यालयों में प्रयोग किया जाना संभव नहीं है।

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